मंगलवार, 30 जुलाई 2019

अब रात 9 बजे तक देश के इन 10 ऐतिहासिक स्थलों का आनंद ले सकते हैं #IncredibleIndia

देशभर के 10 ऐतिहासिक स्थल आम जनता के लिए रात 9 बजे तक खुले रहेंगे – श्री प्रहलाद सिंह पटेल

संस्कृति मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने घोषणा की है कि देशभर के 10 ऐतिहासिक स्थलों को देखने का समय बढ़ा दिया गया है और यह स्थल प्रातः काल से रात 9 बजे तक आम जनता के लिए खुले रहेंगे। संस्कृति मंत्री ने नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए इस फैसले की जानकारी दी। इसके पहले ये दर्शनी स्थल आम जनता के लिए सुबह 9 बजे से शाम साढ़े 5 बजे तक खुले रहते थे। श्री पटेल ने कहा कि यह निर्णय आम जनता और पर्यटकों के लाभ के लिए लिया गया है जो इन ऐतिहासिक स्थलों की सुंदरता देखने के लिए यहाँ आते हैं।
पर्यटन मंत्री ने यह भी बताया कि इन 10 ऐतिहासिक स्थलों के अलावा अन्य ऐतिहासिक स्थलों का भी समय बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। प्रथम चरण में जिन 10 ऐतिहासिक स्थलों को चुना गया है, उनकी सूची इस प्रकार है –

क्र. सं.
स्मारकों का नाम
जिला
राज्य
1
राजरानी मंदिर परिसर
भुवनेश्वर
ओडिशा
2
दूल्हादेव मंदिरखजुराहो
छतरपुर
मध्य प्रदेश
3
शेख चिल्ली मकबराथानेसर
कुरुक्षेत्र
हरियाणा
4
सफदरजंग मकबरा
दिल्ली
दिल्ली
5
हुमायूँ का मकबरादिल्ली
दिल्ली
दिल्ली
6
कर्नाटक के पट्टडक्कल में स्मारकों का समूह
भागलकोट
कर्नाटक
7
गोल गुम्बज
बीजापुर
कर्नाटक
8
मंदिरों का समूहमारकंडाचामुर्सी
गढ़चिरोली
महाराष्ट्र
9
मान महलवेधशाला
वाराणसी
उत्तर प्रदेश
10
रानी-की-वाव
पाटन
गुजरात


(साभार-पीआईबी)

राजरानी मंदिर परिसर, भुवनेश्वर, ओडिशा


दूल्हादेव मंदिर, खजुराहो, छतरपुर, मध्य प्रदेश
शेख चिल्ली मकबरा, थानेसर कुरुक्षेत्र, हरियाणा
सफदरजंग मकबरा, दिल्ली
हुमायूं का मकबरा दिल्ली

कर्नाटक के पट्टडक्कल में स्मारकों का समूह, भागलकोट, कर्नाटक
गोल गुम्बज, बीजापुर, कर्नाटक
मंदिरों का समूह, मारकंडा, चामुर्सी, गढ़चिरोली, महाराष्ट्र
मान महल वेधशाला, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
रानी-की-वाव,पाटन, गुजरात

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((महाबलेश्वर; खूबसूरती ऐसी कि कैमरा भी तस्वीर लेते-लेते थक जाए, ऐसी खूबसूरती का दीदार भला किसे पसंद नहीं 
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((कभी बारिश में तुंगारेश्वर घूमने का मौका मिले, तो जरूर जाएं 
((महाराष्ट्र के दहाणू महालक्ष्मी मंदिर: शीतल पवन और हर ओर हरियाली के बीच भक्ति का आनंद 




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सोमवार, 8 जुलाई 2019

भारत को मिली एक और उल्लेखनीय उपलब्धि,गुलाबी शहर जयपुर विश्व हेरिटेज सूची में शामिल #Jaipur #Incredible

भारत को मिली एक और उल्लेखनीय उपलब्धि, गुलाबी शहर जयपुर भारत के 38वें स्थल के तौर पर यूनेस्को विश्व हेरिटेज सूची में शामिल 

संस्कृति मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने जयपुर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को पहचानने के लिए वैश्विक समुदाय को दिया धन्यवाद 
भारत को एक और ऐतिहासिक उपलब्धि मिली जब अजरबैजान के बाकू में आयोजित यूनेस्को विश्व हेरिटेज समिति के 43वें सत्र के दौरान भारत के गुलाबी शहर जयपुर को यूनेस्‍को की विश्‍व हेरिटेज सूची में शामिल कर लिया गया। राजस्थान के जयपुर शहर के नामांकन ने 2017 के विभिन्न यूनेस्को दिशा-निर्देशों का सफलतापूर्वक अनुपालन किया। यूनेस्‍को की इस सूची में जयपुर शहर के सफल नामांकन के साथ ही अब भारत में कुल 38 विश्व विरासत स्थल हैंजिसमें 30 सांस्कृतिक स्‍थल7 प्राकृतिक स्‍थल और 1 मिश्रित स्‍थल शामिल हैं।
भारत के नामांकन की पहल आईसीओएमओएस (सांस्कृतिक स्थलों के लिए विश्व धरोहर (डब्ल्यूएच) केंद्र की सलाहकार संस्था) ने की थीलेकिन 21 देशों की विश्व विरासत समिति ने इस पर विचार-विमर्श के बाद जयपुर को विश्व विरासत सूची में शामिल करने का फैसला किया।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने गुलाबी शहर जयपुर को विश्व विरासत सूची में शामिल करने पर प्रसन्‍नता व्यक्त करते हुए इस महत्‍वपूर्ण उपलब्धि के लिए जयपुर के लोगों बधाई दी है। मंत्री महोदय ने जयपुर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को पहचानने के लिए वैश्विक समुदाय को धन्यवाद भी दिया।
भारत द्वारा विश्व धरोहर समिति के समक्ष विशिष्‍ट सार्वभौमिक मूल्य (ओयूवीके प्रस्‍तावित विवरण के अंश इस प्रकार हैं:
जयपुर शहर दक्षिण एशिया में स्वदेशी नगर योजना और निर्माण में एक अनूठा नगरीय उदाहरण है। इस क्षेत्र के अन्य मध्ययुगीन शहरों की तुलना में जयपुर को योजनाबद्ध तरीके से खुले मैदानों में एक नए शहर के रूप में बसाया गया था। शहद के पहाड़ी इलाकों और अतीत के सैन्य स्‍थलों को देखते हुए, नगर की सभी दिशाओं से आसपास की पहाडियों तक पहुंच को सुनिश्चित करने की योजना वर्तमान में भी विद्यमान है। अंबर पहाड़ियों के दक्षिण में स्थित घाटी के चयनित स्‍थल तुलनात्मक रूप से मैदानी और किसी भी पूर्व निर्माण से अवरोधित नहीं हैं। एक अनुकरणीय योजना के अलावा गोविंद देव मंदिरसिटी पैलेसजंतर-मंतर और हवा महल के रूप में इसके प्रतिष्ठित स्मारक अपने समय की कलात्मक और स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। जयपुर खगोलीय कौशलजीवंत परंपराओं औरअद्वितीय शहर के रूप में भारत के 18वीं शताब्दी के एक कौशल और दूरदर्शितापूर्ण नगर विकास की अभिव्यक्ति भी है। जयपुर शहर योजना और वास्तुकला के मामले में एक अनुकरणीय विकास का उदाहरण है, जो मध्ययुगीन काल के प्रबुद्ध विचारों के समामेलन और महत्वपूर्ण आदान-प्रदान को भी प्रदर्शित करता है।
भारत के नामांकन का समर्थन करने वाले देश इस प्रकार हैं:
ब्राजीलबहरीनक्यूबा​​इंडोनेशियाअजरबैजानकुवैतकिर्गिस्तानजिम्बाब्वेचीनग्वाटेमाला,युगांडाट्यूनीशियाबुर्किना फासोबोस्निया और हेजगोविनाअंगोलासेंट किट्स और नेविस। हालांकि ऑस्ट्रेलिया और नॉर्वे ने शुरू में संदर्भ प्रस्ताव दिया था, लेकिन विचार-विमर्श के बाद वे जयपुर शहर को इस सूची में शामिल करने पर सहमत हो गए।
इसके साथभारत में कुल 38 विश्व विरासत स्थल हैंजिसमें 30 सांस्कृतिक स्‍थल7 प्राकृतिक स्‍थल और 1 मिश्रित स्‍थल शामिल है।
गुलाबी शहर जयपुर के कुछ चित्र
http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/image/image001IDSC.jpg
http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/image/image002N6PM.jpg
http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/image/image003U86F.jpg
http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/image/image004AWHN.jpg
http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/image/image005HPVH.jpg

http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/image/image006RNE6.jpg






(साभार-पीआईबी)

((अर्जुन के तीर से निकलने वाली नदी की सैर #Patalganga #Maharashtra #Matheran #Arjun 
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