मंगलवार, 28 मई 2019

अर्जुन के तीर से निकलने वाली नदी की सैर #Patalganga #Maharashtra #Matheran #Arjun #Matheran

महाराष्ट्र के कई MIDC (महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम-Maharashtra Industrial Development Corporation) में से एक है पातालगंगा। महाराष्ट्र की राजधानी और देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से सटे रायगढ़ जिले के खालापुर तालुका के मोहापाडा गांव में स्थित है पातालगंगा। यह पनवेल, कर्जत, रसायनी रेलवे स्टेशनों और मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे के करीब है। अलीबाग, पेन भी इसके नजदीक में ही है। 




थोड़ी जानकारी आपको एमआईडीसी के बारे में दे देता हूं। महाराष्ट्र में मुंबई के अंधेरी, बोईसर, पातालगंगा समेत कई शहरों में एमआईडीसी मौजूद है। राज्य में उद्योग धंधों को बढ़ावा देने के इरादे से एमआईडीसी का गठन किया गया है। यह महाराष्ट्र सरकार की एक परियोजना है। यहां जमीन, सड़क, पानी की आपूर्ति, जल निकासी सुविधा और स्ट्रीट लाइट जैसी बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ आसान शर्तों के साथ व्यापार करने की अनुमति प्रदान की जाती है। पातालगंगा में सिप्ला, जय प्रीसिजन, एलएंडटी, अल्काइल समेत कई कंपनियों की यूनिट है। 

मार्केट रेगुलेटर सेबी की ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट NISM (National Institute of Securities Markets-राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार संस्थान) भी पातालगंगा में ही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संस्थान का उद्घाटन किया था। इसमें विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान की गई है। इसी संस्थान के नजदीक में ही यहां पढ़ाने वाले अध्यापकों के लिए हॉस्टल भी है। इसी होस्टल में मेरे भी एक मित्र रहते हैं डॉक्टर राजेश कुमार, जो कि सेबी कानून पढ़ाते हैं। आईआईएम, आईआईटी समेत कई नामी-गिरामी इंस्टीट्यूट्स में भी मेरे मित्र को पढ़ाने के लिए बुलाया जाता है। यही नहीं दूसरे देशों के भी कैपिटल मार्केट्स की ट्रेनिंग लेने वालों को मेरे मित्र पढ़ाते हैं। मेरे मित्र को कैपिटल मार्केट की ट्रेनिंग देने के लिए विदेश भी भेजा जाता है। उन्हीं से मिलने जब मैं पातालगंगा गया, तो वहां से पातालगंगा के बारे में तस्वीर और वीडियो समेत कई जानकारियां जुटाकर साथ लाया हूं। मेरी आदत है मैं कहीं भी नई जगह जाता हूं तो कोशिश करता हूं कि वहां से जुड़े वीडियो, तस्वीर, जानकारी आप सबों तक साझा करूं।
मारुति मंदिर (हनुमान जी का मंदिर)

वैसे तो हमारे देश में पहले से ही सैर सपाटे, पर्यटन को काफी महत्व दिया जाता रहा है। प्राचीन गुरुओं (ब्राह्मणों, ऋषि - तपस्वियों) का कहना है कि "बिना पर्यटन मानव अन्धकार प्रेमी होकर रह जायेगा।" पाश्चात्य विद्वान् संत आगस्टिन ने तो यहाँ तक कह दिया कि "बिना विश्व दर्शन ज्ञान ही अधुरा है।" पंचतंत्र नामक भारतीय साहित्य दर्शन में कहा गया है "विधाक्तिम शिल्पं तावन्नाप्यनोती मानवः सम्यक यावद ब्रजति न भुमो देशा - देशांतर:।" हालांकि, हमारे समाज का एक बड़ा तबका सैर-सपाटे से वंचित रह जाता है। 

वापस पातालगंगा पर लौटते हैं। दरअसल, पातालगंगा का नाम वहां बहने वाला पातालगंगा नदी के नाम पर पड़ा है। यह नदी कुदरती खूबसूरती समेटे मुंबई के नजदीक स्थित  मशहुर हिल स्टेशन माथेरान के पश्चिमी ढलान से निकलती है और खोपोली के पास नदी में मिलती है और आगे बढ़ते हुए धरमतार क्रिक से मिलती है। पातालगंगा नदी के तट पर तुराडे, कलिवली, आप्टा, दुशमी, खारपाड़ा, रेव समेत कई गांव बसे हैं। 

पातालगंगा नदी का जिक्र महाभारत, पुराण, वैदिक ग्रंथों में भी मिलता है। कहा जाता है कि महाभारत काल में जब भीष्म पितामह मृत्युशैया पर लेटे हुए थे, तो अर्जुन ने तीर मारकर भूजल को बाहर निकाला था और इसी के परिणामस्वरूप पातालगंगा नदी अस्तित्व में आई। अर्जुन ने जब तीर मारा तो जमीन में छेद बन गया,जिससे जल की धारा फुट पड़ी। 

पुराणों के अनुसार, गंगा नदी की तीन सहायक नदियां हैं। उनमें से एक पाताल गंगा (भगवती) है जबकि बाकी दो - स्वर्गा गंगा (मंदाकिनी) और भू गंगा (भागीरथी) है। समुद्र में प्रवेश करने से पहले, गंगा कई सहायक नदियों में विभाजित हो जाती है और फिर बंगाल की खाड़ी में विलीन हो जाती है।
रसेश्वर मंदिर (महादेव जी का मंदिर)

पातालगंगा नदी का उल्लेख प्राचीन वैदिक ग्रंथों में किया गया है और तुराडे-कराडे क्षेत्र में मंदिरों और इसके किनारों को पवित्र माना जाता है और नदी में एक डुबकी को कम से कम उल्लेख करने के लिए आध्यात्मिक रूप से फायदेमंद माना जाता है। भवानीपटना पातालगंगा के करीब है। 

पातालगंगा सहयाद्रि पर्वतशृंखला से घिरा हुआ है। ऐतिहासिक  जंजीरा-मुरुण्ड और रायगढ़ का किला इसी के नजदीक है। पातालगंगा नदी पर मोरबा डैम है जहां से मुंबई और आसपास के इलाकों में पानी सप्लाई किया जाता है। इसी नदी पर टाटा पॉवर का भी प्लांट है। 

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((पातालगंगा (महाराष्ट्र) की सैर #Patalganga #Maharashtra #Tourism #Mumbai
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((महाबलेश्वर: आर्थर प्वाइंट की कहानी Mahabaleshwar: Arthar Point ki kahani
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((महाबलेश्वर-एलिफैंट हेड पॉइंट की खासियत ; Mahabaleshwar-Elephant Head Point
((महाराष्ट्र को मानो: कभी कलंब बिच तो आइये (Kalamb Beach, Nalasopaara)
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((महाराष्ट्र के दहाणू महालक्ष्मी मंदिर: शीतल पवन और हर ओर हरियाली के बीच भक्ति का आनंद 




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सेना का माउंट आबू में बच्चों के लिए ग्रीष्मकालीन साहसिक शिविर-2019 का आयोजन

राजस्थान के माउंट आबू में 27 मई से दक्षिणी कमान बाल ग्रीष्मकालीन साहसिक शिविर 2019 का आयोजन किया जा रहा है जो 3 जून 2019 तक चलेगा। 8 दिन का यह शिविर युद्ध एक्स डिवीजन के 8 मद्रास बटालियन के तत्वधान में कराया जा रहा है। इस शिविर में भाग लेने वाले बच्चों को उनमें साहसिक कार्यों के प्रति उत्साह पैदा करने और व्यक्तित्व विकास का मौका मिलेगा।
भारतीय सेना की दक्षिणी कमान से लगभग 125 बच्चे इस शिविर में भाग ले रहे हैं। शिविर में बच्चे  ट्रैकिंग, गुफा में रहना, नौकायान, विभिन्न खेल और प्रतियोगिताओं समेत  तरह-तरह के इनडोर और आउटडोर गतिविधियों में भाग लेंगें।
शिविर में बच्चों को अपने स्वभाव को विस्तार देने, नये दोस्त बनाने, नई और विविध रूचियों को विकसित करने और यादगार लम्हें सृजित करने का मौका मिलेगा। शिविर के आयोजकों का प्रयोजन भी बच्चों को नये शौक विकसित करने और उन्हें अपनाने, जिम्मेदारियां उठाने, लक्ष्य तय करने और उन्हें हासिल करने के लिये प्रेरित करना है। इसके लिये योग एवं ध्यान तकनीक से परिचय करना, सुरक्षा से जुड़े विषयों पर जानकारी देना और सामाजिक मर्यादा बढ़ाने जैसी विविध गतिविधियां कराई जाएंगी।
इस शिविर का आयोजन माउंट आबू में भारतीय सेना बच्चों की गर्मी की छुट्टियों के दौरान हर साल कराती है जिससे बच्चों को कुछ नया सीखने और साहसिक कार्यों को करने के लिए एक मंच उपलब्ध कराया जाता है।


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(सौ. पीआईबी)


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पातालगंगा (महाराष्ट्र) की सैर #Patalganga #Maharashtra #Tourism #Mumbai




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मंगलवार, 1 जनवरी 2019

पर्यटन मंत्रालय ने 2018 में क्या-क्या नया किया

भारतीय पर्यटन मार्ट का पहला संस्‍करण नई दिल्‍ली में आयोजित   नई ‘अतुल्‍य भारत’ (इन्‍क्रेडीबल इंडिया) वेबसाइट और मोबाइल ऐप शुरू   धरोहर गोद लें परियोजना के अंतर्गत 10 समझौता ज्ञापनों पर हस्‍ताक्षर   नोएडा और तिरूपति में भारतीय पाक शास्‍त्र संस्‍थान के परिसरों का उद्घाटन


पर्यटन मंत्रालय पर्यटन के विकास और उसे बढ़ावा देने के लिए राष्‍ट्रीय नीतियां और कार्यक्रम तैयार करने वाली शीर्ष एजेंसी है। इस प्रयास में, मंत्रालय विभिन्‍न केन्‍द्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों, राज्‍य सरकारों/संघशासित प्रशासनों और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों सहित क्षेत्र के अन्‍य साझेदारों के साथ परामर्श और उनके साथ मिलकर काम करता है। पर्यटन आर्थिक विकास का प्रमुख इंजन और भारत सहित अनेक देशों में विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक महत्‍वपूर्ण स्रोत है। इसमें बड़े पैमाने पर विविध प्रकार के रोजगार सृजित करने की क्षमता है जिनमें विशेषज्ञता से लेकर अप्रशिक्षित रोजगार शामिल है। पर्यटन रोजगार के अतिरिक्‍त अवसर सृजित करने में प्रमुख भूमिका निभा सकता है। यह इक्विटी के साथ विकास हासिल करने में भी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसका मुख्‍य उद्देश्‍य भारत में पर्यटन को बढ़ावा देना और उसे सुगम बनाना है। मंत्रालय की कुछ जिम्‍मेदारियों में पर्यटन के बुनियादी ढांचे में वृद्धि, वीजा को आसान बनाना, पर्यटन सेवा प्रदाताओं की सेवाओं में गुणवत्‍ता पूर्ण मानकों का भरोसा देना आदि शामिल हैं।

पर्यटन संबंधी आंकड़े
जनवरी-नवम्‍बर 2018 की अवधि के दौरान 93,67,425 विदेशी पर्यटक भारत आए जबकि जनवरी-नवम्‍बर 2017 में केवल 88,67,963 पर्यटक आए थे जो 5.6% की वृद्धि को दर्शाता है।  

  • जनवरी-नवम्‍बर 2018 के दौरान ई-पर्यटन वीजा पर 20,61,511 पर्यटकों का आगमन हुआ जबकि जनवरी-नवम्‍बर 2017 में यह संख्‍या केवल 14,56,615 थी जो 41.5% की वृद्धि को दर्शाता है। 
  • जनवरी-अक्‍तूबर 2018 के दौरान विदेशी मुद्रा से 1,58,846 करोड़ रुपये की आमदनी हुई जबकि जनवरी-अक्‍तूबर 2017 में यह केवल 1,41,965 करोड़ रुपये थी जो 11.9% की वृद्धि को दर्शाता है।
  • राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों में 2017 के दौरान आने वाले घरेलू पर्यटकों की संख्‍या 1652.5 मिलियन थी जबकि 2016 में यह केवल 1615.4 मिलियन थी जो 2016 के मुकाबले 2017 में 2.3% की वृद्धि को दर्शाता है।

पर्यटन के बुनियादी ढांचे का विकास:
  • पर्यटकों को पर्यटन के बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए पर्यटन ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। पूरे देश में स्‍वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत विषय वस्‍तु आधारित सर्किटों को विकसित किया जा रहा है। वर्ष 2018-19 के दौरान 384.67 करोड़ रुपये की कुल राशि से 7 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही इस योजना के अंतर्गत अब तक 5873.99 करोड़ रुपये की राशि से कुल 73 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। इसमें देश के 30 राज्‍यों और संघशासित प्रदेशों को शामिल किया गया है।    
  • स्‍वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत अगस्‍त से दिसम्‍बर 2018 के बीच मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, आन्‍ध्र प्रदेश, नागालैंड, छत्‍तीसगढ़ और मध्‍य प्रदेश राज्‍यों में 9 परियोजनाओं की शुरूआत की गई। पर्यटन सुविधा केन्‍द्र, ईको लॉग हट्स, ध्‍वनि और प्रकाश शो, हेलीपैड कैफेटेरिया, सड़क किनारे सुख-सुविधाएं, ग्रामीण क्षेत्र में पगडंडियां, जेटी, बोट क्‍लब, एडवेंचर जोन, विवेचना केन्‍द्र, जल क्रीड़ाएं, शिल्‍प ग्राम, जनजातीय विषय वस्‍तुओं पर आधारित ग्राम, जगमगाहट आदि जैसी सुविधाएं उपरोक्‍त परियोजनाओं के अंतर्गत विकसित की गई हैं।    
  • तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक

  • पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2018-19 के दौरान बुनियाद ढांचे के विकास के लिए कोच्चि बंदरगाह ट्रस्‍ट और मोरमू गांव बंदरगाह ट्रस्‍ट को केन्‍द्रीय वित्‍तीय सहायता प्रदान की।  

एक धरोहर गोद लो’ परियोजना:
  • पर्यटन मंत्रालय ने संस्‍कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण (एएसआई) के सहयोग से एक धरोहर गोद लो’’ परियोजना की शुरूआत की ताकि विभिन्‍न प्राकृतिक/सांस्‍कृतिक धरोहर स्‍थलों, स्‍मारकों और पर्यटन के अन्‍य स्‍थलों पर विश्‍व स्‍तर की पर्यटन सुविधाएं प्रदान की जा सकें। इस परियोजना की योजनाओं में धरोहर स्‍थलों/स्‍मारकों और पर्यटन के अन्‍य स्‍थलों को निजी क्षेत्र की कम्‍पनियों, सार्वजनिक क्षेत्र की कम्‍पनियों और व्‍यक्तियों को सौंपना शामिल है ताकि विभिन्‍न पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जा सके। निम्‍नलिखित स्‍थलों पर पर्यटन सुविधाएं विकसित करने के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्‍ताक्षर किए गए हैं:      
  1. गंगोत्री मंदिर के आसपास का क्षेत्र और गोमुख, उत्‍तराखंड जाने का मार्ग   
  2. माउंट स्‍टोक कांगड़ी मार्ग, लद्दाख, जम्‍मू और कश्‍मीर  
  3. लाल किला, नई दिल्‍ली
  4. गंडीकोटा किला, आन्‍ध्र प्रदेश   
  5. सूरजकुंड, हरियाणा
  6. जंतर मंतर, दिल्‍ली  
  7. कुतुब मीनार, दिल्‍ली  
  8. अजन्‍ता गुफाएं, महाराष्‍ट्र  
  9. लेह किला, जम्‍मू और कश्‍मीर  
  10. हम्‍पी (हजारा राम मंदिर), कर्नाटक


प्रतिष्ठित पर्यटन स्‍थलों का विकास:
  • पर्यटन मंत्रालय ने प्रतिष्ठित पर्यटन स्‍थलों के रूप में विकसित करने के लिए 12 समूहों के 17 स्‍थानों की पहचान की। प्रतिष्ठित पर्यटन स्‍थलों के रूप में विकसित करने के लिए पहचाने गए स्‍थलों के नाम हैं- ताज महल, फतेहपुर सीकरी, अजंता, एलोरा, हुमांयु का किला, कुतुब मीनार, लाल किला, कोलवा समुद्र तट, आमेर का किला, सोमनाथ, धोलावीरा, खजुराहो, हम्‍पी, महाबलीपुरम, काजीरंगा, कुमारकोम और महाबोधी मंदिर। मास्‍टर प्‍लान तैयारी के अंतिम चरणों में है।
भारत पर्व:
  • पर्यटन मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस समारोहों के दौरान 26 से 31 जनवरी, 2018 तक लाल किला, दिल्‍ली में भारत पर्व का आयोजन किया। इस पर्व को आयोजित करने का मुख्‍य उद्देश्‍य देश प्रेम जागृत करना, देश की समृद्ध सांस्‍कृतिक विविधता को बढ़ावा देना, आम जनता की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करना और ‘एक भारत श्रेष्‍ठ भारत’, ‘देखो अपना देश’ और ‘सभी के लिए पर्यटन’ की संकल्‍पना को लोकप्रिय बनाना है। भारत पर्व का मुख्‍य आकर्षण गणतंत्र दिवस की झांकियां, सांस्‍कृतिक कार्यक्रम, सशस्‍त्र सेनाओं के बैंड, खाद्य और हस्‍तशिल्‍प की दुकानें थीं।   
पर्यटन पर्व:
  • पर्यटन मंत्रालय ने केन्‍द्रीय मंत्रालयों, राज्‍य सरकारों/संघशासित प्रशासनों आदि के सहयोग से राष्‍ट्रीय स्‍तर पर पर्यटन पर्व, 2018 मनाया। इस पर्व का आयेाजन 16 से 27 सितम्‍बर, 2018 के दौरान किया गया जिसमें पर्यटन के महत्‍व के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए 32 राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों में 3200 से अधिक गतिविधियां आयोजित की गईं। पर्यटन पर्व, 2018 का उद्देश्‍य ‘देखो अपना देश’ के संदेश का प्रसार करना था, ताकि भारतीयों को देश के विभिन्‍न पर्यटन स्‍थलों की यात्रा करने के लिए प्रोत्‍साहित किया जा सके और ‘सभी के लिए पर्यटन’ के संदेश को फैलाया जा सके। पर्व के दौरान राज्‍य के पैवीलियन, शिल्‍प की दुकानें, खाने-पीने की दुकानें, सांस्‍कृतिक कार्यक्रम, पाकशास्‍त्र प्रदर्शन आदि आगुन्‍तकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केन्‍द्र थे।
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भारतीय पर्यटन मार्ट 2018:
भारतीय पर्यटन मार्ट 2018 के पहले संस्‍करण का आयोजन भारतीय पर्यटन और आतिथ्‍य एसोसिएशन के महासंघ (फेथ) ने पर्यटन मंत्रालय और राज्‍य सरकारों/संघशासित प्रशासनों के सहयोग से 16 से 18 सितम्‍बर, 2018 तक अशोक होटल, चाणक्यपुरी, नई दिल्‍ली में किया। भारतीय पर्यटन मार्ट ने पर्यटन से जुड़े विभिन्‍न साझेदारों को विदेशी खरीदारों के साथ संपर्क साधने और व्‍यवसाय करने के लिए एक मंच प्रदान किया।      
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अतुल्‍य भारत वेबसाइट:

  • पर्यटन मंत्रालय ने 14 जून, 2018 को नई अतुल्‍य भारत (इन्‍क्रेडीबल इंडिया) वेबसाइट की शुरूआत की। इस वेबसाइट में भारत को आध्‍यात्‍म, धरोहर, साहस, संस्‍कृति, योग, स्‍वास्‍थ्‍य और अन्‍य प्रमुख अनुभवों के आसपास घूमने वाले एक पूर्णतावादी स्‍थल के रूप में दर्शाया गया है। वेबसाइट में अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों वाली प्रवृत्तियों और प्रौद्योगिकियों को अपनाया गया है जिनका उद्देश्‍य भारत को एक ‘‘अवश्‍य यात्रा करने वाले’’ स्‍थल के रूप में बताया गया है। वेबसाइट की अनेक उपयोगी विशेषताएं हैं जिन्‍होंने इसे अधिक संवादमूलक बनाया है और वेबसाइट यात्रियों को आकर्षित करती है।
ऑनलाइन अध्‍ययन प्रबंधन प्रणाली:

  • पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन सहायकों के रूप में कार्य करने के लिए कुशल मानव शक्ति सृजित करने के लिए ऑनलाइन अध्‍ययन प्रबंधन प्रणाली की शुरूआत की। इस पहल से देश के सुदूरवर्ती भागों में रहने वाले युवक कौशल हो सकेंगे और अखिल भारतीय स्‍तर पर पर्यटकों की मदद कर सकेंगे। ऑनलाइन अध्‍ययन कार्यक्रम से नौकरियां सृजित की जा सकेंगी और उचित दामों पर पर्यटकों को मदद दी जा सकेगी। अतुल्‍य भारत पर्यटन सहायक प्रमाणीकरण के लिए इस समय देशभर के 3800 से अधिक नाम लिखे हुए हैं।   

अतुल्‍य भारत मोबाइल ऐप:

  • पर्यटन मंत्रालय ने 27 सितम्‍बर, 2018 को अतुल्‍य भारत मोबाइल ऐप की शुरूआत की। अतुल्‍य भारत मोबाइल ऐप में भारत को आध्‍यात्‍म, धरोहर, साहस, संस्‍कृति, योग, स्‍वास्‍थ्‍य और अन्‍य प्रमुख अनुभवों के आसपास घूमने वाले एक पूर्णतावादी स्‍थल के रूप में दर्शाया गया है। मोबाइल ऐप को आधुनिक यात्रियों की प्राथमिकताओं को ध्‍यान में रखकर तैयार किया गया है और इसमें अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों वाली प्रवृत्तियों और प्रौद्योगिकियों को अपनाया गया है। यह ऐप प्रत्‍येक चरण में भारत की यात्रा करने वाले यात्रियों की सहायता करने के लिए विशेषताओं से सज्जित है।  

अंतर्राष्‍ट्रीय बौद्ध सम्‍मेलन-2018:  

  • पर्यटन मंत्रालय ने महाराष्‍ट्र, बिहार और उत्‍तर प्रदेश की सरकारों के साथ सहयोग करके ‘‘बुद्ध मार्ग-सजीव धरोहर’’ शीर्षक से अंतर्राष्‍ट्रीय बौद्ध सम्‍मेलन-2018 (आईबीसी-2018) का आयोजन किया। राष्‍ट्रपति ने 23 अगस्‍त, 2018 को नई दिल्‍ली के विज्ञान भवन में इस सम्‍मेलन का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के बाद अजन्‍ता (महाराष्‍ट्र), राजगीर, नालन्‍दा और बोधगया (बिहार) और सारनाथ (उत्‍तर प्रदेश) स्थित स्‍थलों की यात्रा का आयोजन किया गया। इस सम्‍मेलन का सहयोगी देश जापान था। सम्‍मेलन के दौरान ‘आधुनिक समाज में सजीव बौद्ध धरोहर की भूमिका’ विषय पर विचार-विमर्श, विदेशी और भारतीय टूर ऑपरेटरों के बीच बी2बी बैठक, निवेशकों का शिखर सम्‍मेलन तथा पर्यटन मंत्रालय और राज्‍य सरकारों द्वारा प्रस्‍तुतियों का आयोजन किया गया। बौद्ध सम्‍मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान पर्यटन मंत्रालय ने अपनी वेबसाइटwww.landofbuddha.in की शुरूआत की और देश के बौद्ध स्‍थलों के बारे में एक 60 सेकेंड की नई फिल्‍म दिखाई गई।   

प्रसार और प्रचार:

  • पर्यटन मंत्रालय ने भारतीय पर्यटन के लिए प्रमुख और संभावित स्रोत बाजारों को शामिल करते हुए विदेशी बाजारों में ग्‍लोबल मीडिया मुहिम शुरू की। ये मुहिम इलेक्‍ट्रॉनिक, ऑनलाइन और प्रिट मीडिया में जारी की गई जिसमें डिजीटल और सोशल मीडिया तथा विभिन्‍न उपभोक्‍ता प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए विषय क्षेत्र संबंधी रचनात्‍मकता के इस्‍तेमाल पर विशेष ध्‍यान दिया गया।  
  • टेलीविजन, सोशल मीडिया और ऑनलाइन पोर्टलों पर दुनियाभर में योग, स्‍वास्‍थ्‍य, वन्‍य जीव, विलासिता और पाक शैली विषय पर बनी 5 प्रचारात्‍मक फिल्‍में दिखाई गईं। दिल्‍ली, मुम्‍बई और चेन्‍नई में भी स्‍थान के बारे में प्रचार करने वाली फिल्‍में बनाई गईं।   
  • सोशल मीडिया 5 फिल्‍मों और बुद्ध की भूमि फिल्‍म को 189 मिलियन व्‍यूज (मत) मिले। सभी फिल्‍में ( 5 फिल्‍में- योग, स्‍वास्‍थ्‍य, वन्‍य जीव, विलासिता और पाक शैली) अंग्रेजी में बनाई गई थीं- जिनमें 9 अंतर्राष्‍ट्रीय भाषाओं (जर्मन, फ्रेंच, स्‍पेनिश, इटेलियन, रूसी, चीनी, जापानी, कोरियाई और अरेबिक) में पार्श्‍व स्‍वर दिए गए थे। इन फिल्‍मों को दुनियाभर के ग्‍लोबल टेलीविजन चैनलों/प्रवासी भारतीय चैनलों के साथ-साथ चैनलों के भाषाई फीड में भी दिखाया गया।  
  • पूर्वोत्‍तर क्षेत्र, जम्‍मू और कश्‍मीर, पर्यटन स्‍थलों पर स्‍वच्‍छता, योग (अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस के साथ पड़ने वाले), प्रतिष्ठित स्‍थलों, स्‍टेच्‍यू ऑफ यूनिटी तथा मंत्रालय द्वारा आयोजित भारत पर्व और पर्यटन पर्व के प्रसार के लिए टेलीविजन, ऑनलाइन पोर्टलों और वेबसाइटों सहित विभिन्‍न मीडिया, आउटडोर डिजीटल, सिनेमाघरों, रेडियों, एयरलाइन बोर्डिंग पासों, रेलवे टिकटों आदि पर घरेलू प्रचार किया गया।
  • पर्यटन मंत्रालय के सोशल मीडिया अकाउंट पर सक्रिय प्रचार किया गया। इसके अलावा इस बात को ध्‍यान में रखा गया कि किसी भी स्‍थान की ब्रांडिग और मार्केटिंग के लिए सोशल मीडिया एक प्रभावी साधन हो सकता है। मंत्रालय ने फरवरी 2018 में एक ‘सोशल मीडिया की इन्‍फ्लूऐंसर’ अभियान ‘‘द ग्रे‍ट इंडियन ब्‍लॉग ट्रेन’’ का आयोजन किया, जिसमें दुनियाभर के ब्‍लॉगरों को विभिन्‍न राज्‍यों में चलने वाली लग्‍जरी ट्रेनों में यात्रा करने के लिए आमंत्रित किया गया। भारत सहित 23 देशों के कुल 57 ब्‍लॉगरों ने चार लग्‍जरी ट्रेनों यानी पैलेस ऑन व्‍हील्‍स, महाराजा एक्‍सप्रेस, डेक्‍कन ओडिसी और गोल्‍डन चेरियट में एक सप्‍ताह यात्रा की। इस अभियान से लग्‍जरी ट्रेनों और ब्‍लॉगरों द्वारा अपने यात्रा अनुभवों के बारे में प्रकाशित ब्‍लॉगों, वीडियो और फोटो के जरिए व्‍यापक प्रचार हुआ।  

ई-वीजा:

  • ई-वीजा की पांच उप-श्रेणियां यानी ई-पर्यटन वीजा, ई-बिजनेस वीजा, ई-मेडिकल वीजा, ई-मेडिकल सहायक वीजा और ई-सम्‍मेलन वीजा हैं।  
  • ई-वीजा 26 निर्दिष्‍ट हवाई अड्डों ( अहमदाबाद, अमृतसर, बागडोगरा, बेंगलुरू, कालीकट, चेन्‍नई, चंडीगढ़, कोच्चि, कोयम्बटूर, दिल्‍ली, गया, गोवा, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ, मदुरै, मुम्बई, नागपुर, पुणे, तिरुचिरापल्‍ली, त्रिवेन्‍द्रम, वाराणसी और विशाखापत्‍तनम) तथा 5 निर्दिष्‍ट बंदरगाहों (कोचीन, गोवा, मंगलौर, मुंबई, चेन्‍नई) में प्रवेश के लिए वैध है।
  • वर्तमान में ई-वीजा योजना 166 देशों के नागरिकों के लिए उपलब्‍ध है।  

लीगेसी विंटेज होटल:

  • पर्यटन मंत्रालय ने लीगेसी विंटेज होटलों की अवधारणा की शुरूआत की ताकि धरोहर संपत्तियों/ईमारतों की सामग्री से निर्मित होटलों (यानी ऐसी संपत्तियां अथवा इमारतें जिनका निर्माण वर्ष 1950 से पहले हुआ है) को शामिल किया जा सके बशर्ते होटल के निर्माण में इस्‍तेमाल कम से कम 50% सामग्री धरोहर संपत्तियों अथवा इमारतों से प्राप्‍त की गई हो। ऐसे होटल प्राचीन युग का माहौल और परिवेश बनाने में मदद करेंगे। ऐसे होटलों को 3 उप-श्रेणियों लीगेसी विंटेज (बेसिक), लीगेसी विंटेज (क्‍लासिक) और लीगेसी विंटेज (ग्रेंड) के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाएगा।     

राष्‍ट्रीय होटल प्रबंधन और खानपान टेक्‍नोलॉजी परिषद (एनसीएचएमसीटी):  

  • वर्ष 2018-19 के दौरान 5,759 छात्रों ने बी.एससी प्रोग्राम, 121 छात्रों ने एम.एससी प्रोग्राम और 3,735 छात्रों ने एनसीएचएमसीटी से संबद्ध होटल प्रबंधन संस्‍थानों और फूड क्राफ्ट संस्‍थानों से आतिथ्‍य और होटल प्रशासन में डिप्‍लोमा और क्राफ्ट पाठ्यक्रम पास किया।  

भारतीय यात्रा और पर्यटन प्रबंधन संस्‍थान (आईआईटीटीएम):
  • वर्ष 2018-19 के दौरान एमबीए के 330 छात्रों ने भारतीय यात्रा और पर्यटन प्रबंधन संस्‍थान से यात्रा और पर्यटन प्रबंधन की पढ़ाई की।  

भारतीय पाक शास्‍त्र संस्‍थान (आईसीआई), नोएडा कैम्‍पस:

  • पाक शास्‍त्र पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए भारतीय पाक शास्त्र संस्थान (आईसीआई)नोएडा कैम्पस का उद्घाटन 27 अप्रैल, 2018 को किया गया। यह आतिथ्‍य और पाक कला में अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्‍त कुशल मानवशक्ति के सृजन की प्रतिबद्धता की तर्ज पर बनाया गया। आईसीआई के नोएडा कैम्‍पस में आधुनिक ‘‘भारतीय पाक शास्‍त्र संग्रहालय’’ होगा जहां समृद्ध ऐतिहासिक और विविध पाक शैली वस्‍तुएं तथा अन्‍य साहित्‍य को रखा जाएगा। यह भारतीय पाक शैली की विरासत को सुरक्षित रखने का एक अनोखा मंच प्रदान करेगा। आईसीआई, नोएडा का परिसर और इमारत का निर्माण 2,31,308 वर्ग फुट क्षेत्र में किया गया है और इसे समय पर पूरा किया गया। इसमें विश्‍व स्‍तर की बुनियादी ढांचा सुविधाओं का निर्माण करने में दो वर्ष लगे।
भारतीय पाक शास्‍त्र संस्‍थान (आईसीआई), तिरुपति:

  • भारतीय पाक शास्‍त्र संस्‍थान (आईसीआई) कैम्‍पस,तिरूपति का उद्घाटन 24 सितम्‍बर 2018 को किया गया। तिरूपति स्थित पाक शास्‍त्र संस्‍थान, 14 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और इस परियोजना को 97.92 करोड़ रूपये की लागत से पूरा किया गया। आईसीआई तिरूपति कैम्‍पस में आधुनिक रसोई, प्रयोगशालाओं और कक्षाओं के साथ एक शैक्षिक खंड; व्‍यावसायिक रेस्‍तरां; पाक शास्‍त्र संग्रहालय, अधिकारी गैस्‍ट हाउस, वीआईपी कॉटेज, लड़के और लड़कियों के लिए छात्रावास तथा कर्मचारियों के लिए आवास है।  भारतीय पाक शास्‍त्र संस्‍थान (आईसीआई) स्‍थापित करने का मुख्‍य उद्देश्‍य भारतीय पाक कला के बारे में जानकारी को सुरक्षित रखना, दस्‍तावेज बनाना, उसे बढ़ावा देना और जानकारी का प्रसार करना है ताकि भारतीय पाक कला के प्रति विशेष दिलचस्‍पी रखने वालों की जरूरतों को पूरा करने के अलावा ‘भोजन’ को आला पर्यटन उत्‍पाद के रूप में बढ़ावा दिया जा सके। 
स्‍वच्‍छ भारत मिशन :
  • पर्यटन मंत्रालय ने 15 सितम्‍बर से 2 अक्‍तूबर 2018 तक स्‍वच्‍छता ही सेवा अभियान चलाया। देश भर के विभिन्‍न पर्यटन स्‍थलों पर स्‍वच्‍छता कार्यों को हाथ में लिया गया जिसमें स्‍थानीय समुदायों, साझेदारों, पर्यटन मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय पर्यटन कार्यालयों और राज्‍य/संघ शासित सरकारों ने बढ़-चढ़कर हिस्‍सा लिया। पर्यटन मंत्रालय ने 16 से 30 सितम्‍बर 2018 तक रोजाना स्‍वच्‍छ पखवाड़ा भी मनाया। इसके अंतर्गत देश भर के विभिन्‍न स्‍थलों/स्‍थानों पर पर्यटन मंत्रालय, होटल प्रबंधन संस्‍थानों और पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्‍थानों के अधिकारियों ने विभिन्‍न कार्यक्रम किए। स्‍वच्‍छता पर होटल प्रबंधन संस्‍थान (आईएचएम) के छात्रों के लिए राष्‍ट्रीय स्‍तर के क्विज़ और निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया और विजेताओं को  पुरस्‍कार दिए गए। पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2018-19 के लिए स्‍वच्‍छता कार्य योजना का कार्य हाथ में लिया है जिसे देश भर से चुने गए 29 राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों में 180 स्‍थलों/स्‍थानों (540 गतिविधियां) में भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्‍थान (आईआईटीटीएम) द्वारा कार्यान्वित किया गया है।एसएपी के अंतर्गत इन कार्यों का दायित्‍व देश भर के केन्‍द्रीय और राज्‍य आईएचएम द्वारा भी लिया गया है। 


(Source:pib.nic.in)

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