पर्यटन मंत्रालय ने 365 दिनों यानी पूरे वर्ष के गंतव्य के रूप में भारत को बढ़ावा देने और विशिष्ट दिलचस्पी रखने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए 'शीर्ष' पर्यटन उत्पाद के रूप में क्रूज टूरिज्म (समुद्री पर्यटन) को मान्यता दे दी है। क्रूज अथवा समुद्री पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों में क्रूज जहाजों के संचालन के लिए बंदरगाहों पर उपयुक्त बुनियादी ढांचागत सुविधाएं विकसित करना और यात्रियों की आवाजाही में सुगमता सुनिश्चित करना शामिल हैं।
देश के 5 प्रमुख बंदरगाहों यथा मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, मोरमुगाओ पोर्ट ट्रस्ट, न्यू मंगलोर पोर्ट ट्रस्ट (एनएमपीटी), कोचीन पोर्ट ट्रस्ट और चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट को क्रूज जहाजों को आकर्षित करने के लिए विकसित किया गया है। इसके तहत इन बंदरगाहों पर समर्पित या विशिष्ट टर्मिनल अथवा अन्य संबंधित बुनियादी ढांचागत सुविधाएं स्थापित की गई हैं, ताकि क्रूज जहाजों को ठहरने (बर्थ) की सुविधा मिल सके और क्रूज यात्रियों को इन पर चढ़ाया एवं वहां से उतारा जा सके।
पिछले कुछ वर्षों से भारतीय बंदरगाहों पर आने वाले जहाजों और क्रूज यात्रियों की संख्या में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। शिपिंग मंत्रालय ने यह जानकारी दी है कि वर्ष 2003-04 में 55 क्रूज जहाजों का आगमन हुआ था। यह संख्या वर्ष 2016-17 में बढ़कर 166 हो गई। इसके अलावा, क्रूज अथवा समुद्री पर्यटन एवं सैर-सपाटे करने वाले यात्रियों की संख्या भी वर्ष 2003-04 के 28,000 से बढ़कर वर्ष 2016-17 में 1,91,835 के स्तर पर पहुंच गई।
शिपिंग मंत्रालय ने वर्ष 2008 में एक क्रूज शिपिंग नीति को मंजूरी दी थी, ताकि भारत को क्रूज टूरिज्म की दृष्टि से एक आकर्षक स्थल के रूप में बढ़ावा दिया जा सके। पर्यटन मंत्रालय ने ‘केन्द्रीय एजेंसियों को सहायता देने’ की अपनी योजना के तहत प्रमुख बंदरगाहों पर क्रूज टर्मिनलों और संबंधित बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिए अनेक परियोजनाओं को मंजूदी दी है।
(Source: pib.nic.in)
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