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गुरुवार, 26 अप्रैल 2018

पर्यटन मंत्रालय ने अतुल्य भारत पर 360 डिग्री वर्चुअल रियलिटी (वीआर) वीडियो लांच किया

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने गूगल इंडिया के सहयोग से आज अतुल्य भारत https://t.co/H1VdcNXBUR पर 360 डिग्री वर्चुअल रियलिटी (वीआर) अनुभव वीडियो लांच किया। भारत को विविध अनुभवों का एक गंतव्य स्थल बताते हुए केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री के.जे. अल्फोंस ने कहा “भारत एक प्रतिष्ठित गंतव्य स्थल है, जो जलवायु, भूगोल, संस्कृति, कला, साहित्य एवं भोजन के अनूठे अनुभव प्रस्तुत करता है।” मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि सरकार भारत के एवं पूरी दुनिया के लोगों को हमारे देश की समृद्ध विरासत में तल्लीन हो जाने का एक अद्भूत अवसर देना चाहती है। और गूगल के साथ साझेदारी के जरिए सरकार नये और दुनिया के अलग-अलग लोगों को इससे जोड़ना और उन्हें एक अभूतपूर्व तरीके से तल्लीन हो जाने वाली विषय वस्तु प्रस्तुत करना चाहती है।
समारोह के दौरान बोलते हुए श्री के.जे. अल्फोंस ने कहा कि निम्न/निशुल्क लागत पर आम आदमी तक आभासी वास्तविकता (वर्चुअल रियलिटी) को ले जाने से संग्रहालयों पर फोकस के साथ प्रतिष्ठित स्मारक स्थलों एवं अन्य पर्यटन गंतव्यों पर पर्यटकों की उपस्थिति में बढ़ोतरी होगी।
360 डिग्री में अतुल्य भारत हम्पी, गोवा, दिल्ली एवं अमृतसर की यात्रा के जरिए एक अभूतपूर्व अनुभव प्रदान करता है और उन स्थानों तथा लोगों की खोज करता है, जो इनमें से प्रत्येक प्रतिष्ठित भारतीय स्थलों को अतुल्यनीय बना देते हैं। इससे संबंधित और अधिक वीडियो https://g.co/incredibleindia  पर उपलब्ध होंगे।
वर्चुअल रियलिटी वीडियो के उद्घाटन समारोह में पर्यटन मंत्रालय की सचिव श्रीमती रश्मि वर्मा एवं नीति योजना निर्माण एवं सरकार (गूगल इंडिया) के निदेशक श्री चेतन के एवं गूगल के प्रतिनिधियों के साथ-साथ कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

(Source:pib.nic.in)

(महाबलेश्वर; तीरथ करना हो या नैसर्गिक खूबसूरती का लुत्फ उठाना या फिर इतिहास में झांकना...यहां जरूर आइए

((महाबलेश्वर; खूबसूरती ऐसी कि कैमरा भी तस्वीर लेते-लेते थक जाए, ऐसी खूबसूरती का दीदार भला किसे पसंद नहीं 
((त्र्यंबकेश्वर: तीन लिंगों वाला एकमात्र ज्योतिर्लिंग मंदिर
(Trimbkeshwar Temple, Nashik, Maharashtra त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर...
((छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रतापगढ़ किला ; Chhatrapati ShivaJi Maharaj Ka...
((महाबलेश्वर: एलिफैंट हेड नीडल होल पॉइंट; Mahabaleshwar: Elephant Head Nee...
((महाबलेश्वर:इको पॉइंट और केट्स पॉइंट; Mahabaleshwar: Echo Point & Kates P...
((महाबलेश्वर: सनसेट पॉइंट या बॉम्बे पॉइंट जरूर देखें; Mahabaleshwar: Bomba...
((महाबलेश्वर: आर्थर प्वाइंट की कहानी Mahabaleshwar: Arthar Point ki kahani
((महाबलेश्वर: लॉडविक प्वाइंट की कहानी Mabaleshwar: Lodwick Point Ki Kahani
((महाबलेश्वर-एलिफैंट हेड पॉइंट की खासियत ; Mahabaleshwar-Elephant Head Point
((महाराष्ट्र को मानो: कभी कलंब बिच तो आइये (Kalamb Beach, Nalasopaara)
((कभी बारिश में तुंगारेश्वर घूमने का मौका मिले, तो जरूर जाएं 
((महाराष्ट्र के दहाणू महालक्ष्मी मंदिर: शीतल पवन और हर ओर हरियाली के बीच भक्ति का आनंद 



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शुक्रवार, 12 जनवरी 2018

अतुल्य भारत डिजिटल कैलेंडर सैर-सपाटे का प्लान बनाने में मदद करेगा, सरकार ने किया है लांच

पर्यटन मंत्रालय ने 2018 का अतुल्य भारत डिजिटल कैलेंडर और वॉल एवं डेस्क कैलेंडर लांच किया
सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के अनुपालन में पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री के. जे. अल्फोन्स ने आज यहां ‘अतुल्य भारत डिजिटल कैलेंडर - 2018’ को लांच किया। उन्होंने 2018 का अतुल्य भारत वॉल और डेस्क कैलेंडर भी जारी किया।
अतुल्य भारत डिजिटल कैलेंडर एप्लीकेशन से उपयोगकर्ता को भारत के समस्त त्योहारों और उत्सवों की जानकारी एक साथ मिलेगी। डिजिटल कैलेंडर को एंड्राइड और आई-ओएस प्लेटफार्म पर डाउनलोड किया जा सकता है।
अतुल्य भारत डिजिटल कैलेंडर में एक डिजिटल कैलेंडर की समस्त खुबियां मौजूद हैं और उसकी मदद से यात्रा कार्यक्रम बनाने में सुविधा होती है। इस डिजिटल कैलेंडर को निजी प्लानर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें देश के सभी त्योहारों और उत्सवों की जानकारी भी उपलब्ध है और इस कैलेंडर के उपयोगकर्ता अपने निजी कार्यक्रम को व्यवस्थित कर सकता है। इसके अलावा आने वाले त्योहारों और गतिविधियों से संबंधित नियमित नोटिफिकेशन भी मिलेगा और उपयोगकर्ता अपनी रुचि के अनुसार इन गतिविधियों और उत्सवों की जानकारी अपने मित्रों तथा संबंधियों के साथ साझा कर सकते हैं। प्रत्येक दिन भारत भर के पर्यटन स्थानों की शानदार तस्वीरें इस पर प्रदर्शित की जायेंगी, उन्हें विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के जरिये साझा किया जा सकता है।
एप्पलिकेशन डाउनलोड लिंक:-

भारतीय दृश्यावली दिन की तरह रात में भी शानदार नजर आती है। अतुल्य भारत वॉल कैलेंडर 2018 का प्रत्येक पृष्ठ चमकदार रंगों से भरपूर है जो अंधेरे में भी चमकता है। जो भी इस कैलेंडर को देखेगा उसे सूर्योदय और सूर्यास्त, दोनों के समय भारत की सुन्दरता समान रूप से नजर आयेगी।

http://pibphoto.nic.in/documents/rlink/2018/jan/i201811201.jpg
   
हर यात्री किसी न किसी वजह से सफर करता है और अपनी रुचि के अनुसार अपना गंतव्य तय करता है। भारत ऐसा देश है जहां हर तरह के यात्रियों के लिए दर्शनीय स्थल मौजूद हैं। अतुल्य भारत डेस्क कैलेंडर 2018 में 12 विभिन्न तरह के यात्रियों का विवरण है और उनके लिए उचित गंतव्य स्थलों का सुझाव दिया गया है।

http://pibphoto.nic.in/documents/rlink/2018/jan/i201811202.jpg

डेस्क कैलेंडर की विषयवस्तु ‘सबके लिए भारत’ है, जिसमें यात्रियों के लिए भारत के अद्भुत स्थानों को दिखाया गया है।      

In line with the Government’s Digital India initiative, Minister of State for Tourism (Independent Charge) and Minister of State for Electronics & Information Technology, Shri K.J. Alphons launched the “Incredible India Digital Calendar-2018” here today. He also released the Incredible India Wall & Desk Calendar for 2018.
The Incredible India Digital calendar application enables users to know about the events & festivals happening in India on the go. The Digital Calendar can be downloaded on Android and iOS platforms.
The Incredible India Digital Calendar contains all exclusive features of any Digital Calendar making it a perfect travel planner on the go. This digital calendar can also be used as a personal planner. It also has information on festivals and events happening in the country and will also allow user to create and manage personal events, get regular notifications on the upcoming festivals and events, allow set up of customize reminders for individual events, share the events with friends and contacts, etc. Each day will have a stunning image of tourist destinations from across India which can be shared on various social media platforms also.  
Application Download Links:-
Indian landscapes are as mesmerizing during the night as they are at day. Each leaf of Incredible India wall calendar 2018 has been crafted using illuminating paints that would glow in the dark. Anyone going through the calendar will get a glimpse of how drastically di­fferent yet equally beautiful India can be before and after sun down.

Every traveler has his or her reason to travel, according to which he or she chooses the desired destination. India is a country which has destinations for every kind of traveler. Incredible India Desk calendar 2018 profiles 12 different kinds of travellers and suggests the appropriate destinations for them.

The theme of the Desk Calendar is “India for Everyone” showcasing India’s incredible destinations for travelers. 
(Source: pib.nic.in)
कभी बारिश में तुंगारेश्वर घूमने का मौका मिले, तो जरूर जाएं 
((महाराष्ट्र के दहाणू महालक्ष्मी मंदिर: शीतल पवन और हर ओर हरियाली के बीच भक्ति का आनंद 



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मंगलवार, 9 जनवरी 2018

कभी बारिश में तुंगारेश्वर घूमने का मौका मिले, तो जरूर जाएं

http://datastore.rediff.com/h5000-w5000/thumb/6656605866626D6368666D6D/5xtu5oba7gelqjqg.D.0.Photo-0046.jpgबारिश का मौसम हो, आप जिस रास्ते पर चल रहे हों, उसके आसपास हरियाली ही हरियाली हो, झरने की लगातार कलकल की आवाज हो, शहर से दूर शांत माहौल हो, हवा में किसी तरह का प्रदूषण ना हो और साथ ही मन में हो देवों के देव महादेव के दर्शन का उत्साह, तो आप कहां 
जाना पसंद करेंगे। चलिए आप सोचिए, लेकिन मैंने तो तय कर लिया है कि मैं तुंगारेश्वर जाऊंगा। 

मुख्य सड़क से ज्यों ही आप तुंगारेश्वर इलाके में प्रवेश करेंगे, गाड़ियों की शोर की जगह आप झरने की कलकल की आवाज मंत्रमुग्ध कर देगी। कंकरीट के जंगल के बदले आप कुदरती हरियाली में खो जाएंगे। रास्ता तो पथरीला है लेकिन उसके आसपास के हरे-भरे पेड़-पौधे आपके दिलो-दीमाग को हरा-भरा रखेंगे। यानी झरने की कलकल और हरियाली आपको किसी तरह की दिक्कत का अहसास नहीं होने देंगे। 


यहां क्या देखें- यहां पर तुंगारेश्वर महादेवमंदिर हैं तो महादेव का आप दर्शन करें। उनके ही नजदीक माता का मंदिर है। इसके अलावा महादेव मंदिर से करीब सात किलोमीटर ऊपर बालयोगी श्री सदानंद महाराज जी का आश्रम है। वहां पर परशुराम कुंड है। एक बड़ा सा गोशाला है। एक स्थानीय दुकानदार के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराज जी से आश्रम में हेलिकॉप्टर से मिलने आते हैं। 

लेकिन हमलोगों को आश्राम तक पैदल ही आना-जाना होता है। कलकल करते झरने हों तो भला उसमें स्नान करने का जी किसका नहीं ललचेगा। झरने का पानी एकदम साफ -सुथरा मिलेगा, तो आप स्नान करना ना भूलें। वहां पर गोमुख स्नान करने का अपना अलग मजा है। महादेवमंदिर के पास आप गोमुख स्नान कर सकते हैं। 

अगर साथ में आप खाने-पीने का सामान लेकर नहीं भी जाते हैं तो कोई बात नहीं, क्योंकि वहां पर इन चीजों की कमी नहीं है। रास्ते भर को कुछ न कुछ खाने की चीजें मिल जाएगी। 


कैसे जाएं तुंगारेश्वर- 
मुंबई से सटे वसई में है तुंगारेश्वर। मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर वसई के पास तुंगार फाटा से अंदर की तरफ रास्ता आपको तुंगारेश्वर पहुंचा देगा। 

अगर लोकल ट्रेन से आते हैं तो पश्चिमी उपनगर वसई रोड स्टेशन पर आप उतर जाएं। वसई पूर्व से आप शेयरिंग ऑटो या फिर ऑटो रिजर्व कर वहां जा सकते हैं। वसई-विरार महानगरपालिका का भी आप सहारा ले सकते हैं। वसई स्टेशन से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर है ये तुंगारेश्वर। 

तो, कब जा रहे हैं तुंगारेश्वर । 

कभी बारिश में तुंगारेश्वर घूमने का मौका मिले, तो जरूर जाएं 
((महाराष्ट्र के दहाणू महालक्ष्मी मंदिर: शीतल पवन और हर ओर हरियाली के बीच भक्ति का आनंद 



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महाराष्ट्र के दहाणू महालक्ष्मी मंदिर: शीतल पवन और हर ओर हरियाली के बीच भक्ति का आनंद


दफ्तर से लंबी छुट्टी  ली थी। घर पर तीन-चार दिन आराम करने के बाद कहीं घूमने जाने की इच्छा हुई। अपने घर के 100 किलोमीटर के दायरे में ही घूमने जाने का मन कर रहा था। इसके साथ ही मैं ऐसी जगह के बारे में सोच रहा था जहां कुदरती खूबसूरती, शीतल पवन, हर तरफ हरियाली के बीच भक्ति का आनंद मिल सके।

मुंबई से सटे पालघर जिले के नालासोपारा में मेरा घर है। वैसे तो मेरे घर के करीब ऐसी कई जगह है मसलन, तुंगारेश्वर, बज्रेश्वरी, गणेशपुरी बगैरह। लेकिन ये सब हमारे घर के काफी करीब है। तभी मेरे जेहन में दहाणू के महालक्ष्मी मंदिर का नाम आया। हालांकि पहले भी मैं वहां जा चुका था लेकिन एक बार फिर से वहां जाने की इच्छा करने लगा। ये जगह हमारी योजना में बिल्कुल सही बैठ रही थी। हमारे घर से दहानू महालक्ष्मी मंदिर ना तो एकदम दूर है और ना ही एकदम करीब। 
Dahanu Mahalaxmi Mandir& Farewell party 22-2-15 019
तो, इस तरह से दहानू महालक्ष्मी मंदिर जाना तय हो गया। मुंबई-अहमदाबाद हाइवे यानी NH8 पर स्थित है ये मंदिर। जहां तक दूरी की बात है तो अहमदाबाद से 414 किलोमीटर, मुंबई से 132 किलोमीटर और वापी से 51 किलोमीटर दूर है महालक्ष्मी मंदिर। अगर आप दहानू रेलवे स्टेशन से मंदिर जाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए 30 किलोमीटर दूर जाना होगा। ये मंदिर हाइवे के किनारे है। इसलिए वहां अपनी कार या टैक्सी करके जाना ज्यादा अच्छा है।

मैं मुंबई लोकल ट्रेन से पहले दहानू रेलवे स्टेशन गया। फिर वहां से पहले सेवन सीटर से चारोटी तक गया जो कि वहां से 25 किलोमीटर है। चारोटी से मंदिर की दूरी करीब 3-4 किलोमीटर है। चारोटी से ऑटो के जरिये मंदिर पहुंचा जा सकता है। वैसे अगर ज्यादा पैदल चलने की आदत है या फिर कुछ पैदल चलना चाहते हैं तो मंदिर तक पैदल जाना बहुत मुश्किल की बात नहीं है। मैं तो चारोटी से मंदिर तक पैदल ही आया-गया।
सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक मंदिर खुला रहता है। यहां आरती का समय सुबह 7 बजे और शाम 7 बजे है। अगर मंदिर में आप समय पर नहीं पहुंच पाएं या फिर माता के दर्शन के बाद वहां आपको रुकने की इच्छा हो, तो वहां ठहरने का भी अच्छा इंतजाम है।
ये मंदिर पहाड़ों के बीच है और चारों तरफ आपको यहां हरियाली का दीदार होगा। हाइवे पर तो गाड़ियां तो हर पल गुजरती है लेकिन हर वक्त की पों-पों की शोर-गुल आपको परेशान नहीं करेगी, बल्कि फर्राटे से दौड़ती गाड़ियों की सनसनाहट आपका मन जरूर मोह लेगी।मंदिर के करीब पहाड़ पर मंदिर की आकृति जैसी रचना दिखाई देती है जो आपको जरूर लुभाएगी। मंदिर के आसपास गांव के दर्शन भी हो जाते हैं जहां भरपुर खेती होती है। आपको वहां स्थानीय वेशभूषा में लोग दिख जाएंगे।

तो आप भी अगर शीतल पवन और हर ओर हरियाली के बीच भक्ति का आनंद लेना चाहते हैं तो फिर दहानू का महालक्ष्मी मंदिर आपके लिए एकदम सही जगह है।




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गुरुवार, 4 जनवरी 2018

एकदम सस्ते में महाराष्ट्र के अष्टविनायक, देहु, आळंदी, जेजुरी की यात्रा

लंबे समय से महाराष्ट्र के अष्टविनायक के दर्शन का इंतजार था। इंतजार इसलिए क्योंकि मैं पहले दो-तीन बार दर्शन के लिए जाने की कोशिश कर चुका था, लेकिन उसमें कामयाब नहीं हो पा रहा था। ये मौका मिला मुझे 12,13 और 14 मई 2017 को। मुंबई से सटे उपनगर नालासोपारा (पश्चिम) स्थित साईं धाम मंदिर ने मुझे इसका मौका दिया। मेरे घर के पास में ही है ये मंदिर। इस मंदिर के जरिये मैं शिर्डी भी हो आया हूं। ये मंदिर नियमित तौर पर शिर्डी, अष्टविनायक (इसी के साथ  आलंदी, देहू और जेजुरी की भी यात्रा) और साथ ही शेगांव की यात्रा का भी आयोजन करता है। 

पिछले साल इस मंदिर की तरफ से आयोजित शिर्डी यात्रा में शामिल हुआ था। केवल 800 रुपए प्रति व्यक्ति का भुगतान कर। यात्रा के दौरान रहना, खाना, चाय, नाश्ता सब इसी 800 रुपए में शामिल था। हालांकि इस साल शिर्डी यात्रा के लिए शुल्क बढ़ाकर 800 रुपए प्रति व्यक्ति कर दिया गया है। मंदिर की तरफ से शिर्डी यात्रा का जब भी आयोजन किया जाता है, तो वो दो दिनों  के लिए। शनिवार दोपहर एक बजे मंदिर प्रांगण से यात्रियों से सजी बस प्रस्थान करती है और शाम 7 बजे शिर्डी पहुंच जाती है। अगले दिन यानी रविवार शाम 7-8 बजे वापस मंदिर प्रांगण में बस पहुंच जाती है। शनिवार, रविवार को जिनकी छुट्टी रहती है, उनके लिए शिर्डी यात्रा का ये बढ़िया मौका हो सकता है।

ये तो बात हुई शिर्डी यात्रा की। बात फिर से अष्टविनायक यात्रा की करते हैं। शुक्रवार को ये यात्रा शुरू हुई। मंदिर प्रांगण में जाकर सभी यात्रियों को बस में बैठना था। पूरी तैयारी के साथ शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे मेरे अलावा आसपास के 32 और लोग, जिसमें बस का स्टाफ भी शामिल था, सवार हुए। इसमें मेरे और बस स्टाफ को छोड़ सभी लोग परिवार के साथ थे। 

मालशेज की खूबसूरत वादियों से होते हुए हम लोग सबसे पहले लेण्याद्रि पहुंचे। रास्ते में खाना, नाश्ता, चाय सबकुछ हो रहा था। लेण्याद्रि गणपति की कुछ खास बातें बता दूं। ये गणपति गुफा में विराजमान हैं। यहां पर कई गुफाएं हैं। एक गुफा में गणपति विराजमान हैं। एक गुफा में स्तूप भी मौजूद है।

करीब 300 सीढ़ियां चढ़कर बप्पा का दर्शन किया जाता है। आप ऊपर जाने-आने के लिए पालकी की भी मदद ले सकते हैं। इसके लिए प्रति व्यक्ति आपको 700 रुपए चुकाना होगा। (जब मैं गया था, तब का रेट है)। लेण्याद्रि गणपति के दर्शन के लिए आपको टिकट लेना पड़ेगा। प्रति व्यक्ति टिकट के लिए आपको 15 रुपए देने होंगे। अगर आपके साथ 15 साल से कम उम्र का कोई है, उसके लिए टिकट नहीं लेना पड़ेगा।

> लेण्याद्रि-: गिरिजात्मक, ओझर- विघ्नेश्वर, रांजनगाव-महगणपति की तस्वीरें:
12-05-2017:  सुबह साढ़े 5 बजे बस से साई धाम मंदिर, नालासोपारा पश्चिम से यात्रा के लिए निकले, मालशेज घाट होते हुए सबसे पहले उसी दिन लेण्याद्रि गणपति के दर्शन किये। उस दिन लेण्याद्रि गणपति के अलावा ओझर- विघ्नेश्वर, रांजनगाव-महगणपति के भी दर्शन किए और शाम करीब 9 बजे आळंदी (यहीं पर दो रात धर्मशाला में ठहरे)।




























>थेऊर-चिंतामणि,सिद्धटेक-सिद्धिविनायक,मोरेगाव-मोरेश्वर, जेजुरी (खंडोबा के मंदिर) की तस्वीरें:
13-05-2017: सुबह 6 बजे आळंदी (यहीं पर दो रात धर्मशाला में ठहरे) से बस निकलकर सबसे पहले थेऊर-चिंतामणि फिर उसी दिन सिद्धटेक-सिद्धिविनायक और उसके बाद मोरेगाव-मोरेश्वर और सबसे आखिरी में जेजुरी (खंडोबा के मंदिर) के दर्शन किए। 




























>आळंदी (संत ज्ञानेश्वर का समाधिस्थल) , देहु (संत तुकाराम का गाथा मंदिर और मुख्य मंदिर), पाली-बल्लालेश्वर, महड-वरद विनायक:
14-05-2017: सबसे पहले सुबह 6 बजे आळंदी (संत ज्ञानेश्वर का समाधिस्थल) के दर्शन किये, फिर आळंदी (यहीं पर दो रात धर्मशाला में ठहरे) से करीब सुबह 8 बजे घर्मशाला छोड़ दिए। उस दिन सबसे पहले देहु (संत तुकाराम का गाथा मंदिर और मुख्य मंदिर) के दर्शन किये। फिर उसी दिन पाली-बल्लालेश्वर और सबसे आखिरी में महड-वरद विनायक के दर्शन किए। यहां से शाम करीब साढ़े चार बजे वापस नालासोपारा के लिए प्रस्थान। खंडाला होते हुए उसी दिन शाम के करीब 9 बजे हम लोग साइ मंदिर पहुंच गए, जहां से हमने इस यात्रा की शुरुआत थी। 












संत तुकाराम गाथा मंदिर, देहू



संत तुकाराम गाथा मंदिर, देहू

संत तुकाराम गाथा मंदिर, देहू की दीवारों पर अभंग





संत तुकाराम मुख्य मंदिर, देहू


संत तुकाराम मुख्य मंदिर, देहू








यानी कुल मिलाकर हमने करीब 65 घंटे में 2000 किलोमीटर का सफर तय किया। इसके 2000 रुपए चुकाने पड़े। इतने पैसों में खाना, नास्ता, चाय,  रहना सब शामिल था। स्टाफ समेत 33 लोगों के साथ यात्रा मजेदार रही। देहू में संत तुकाराम का गाथा मंदिर कितनी खूबसूरत है कि जब आप देखेंगे तो देखते रह जाएंगे। वहां पहुंचते ही आपके मुंह से बरबस निकलेगा, वाह..कितना खूबसूरत है। इस मंदिर की दीवारों पर संत तुकाराम की रचनाएं, जिसे अभंग के नाम से जाना जाता है, उकेरी हुई हैं। हम लोग गए तो थे मालशेज घाट की खूबसूरत वादियों से होते हुए, लेकिन वापस लौटे खंडाला होते हुए।

((कभी बारिश में तुंगारेश्वर घूमने का मौका मिले, तो जरूर जाएं



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LTT (Lokmanya Tilak Terminus) का नजदीकी लोकल रेलवे स्टेशन

आप किसी दूसरे शहरों या राज्यों से मुंबई आ रहे हों या मुंबई से किसी दूसरे शहर या राज्य जा रहे हों, तो आपको एलटीटी यानी लोकमान्य तिलक टर्मिनस ...