मंगलवार, 1 जनवरी 2019

पर्यटन मंत्रालय ने 2018 में क्या-क्या नया किया

भारतीय पर्यटन मार्ट का पहला संस्‍करण नई दिल्‍ली में आयोजित   नई ‘अतुल्‍य भारत’ (इन्‍क्रेडीबल इंडिया) वेबसाइट और मोबाइल ऐप शुरू   धरोहर गोद लें परियोजना के अंतर्गत 10 समझौता ज्ञापनों पर हस्‍ताक्षर   नोएडा और तिरूपति में भारतीय पाक शास्‍त्र संस्‍थान के परिसरों का उद्घाटन


पर्यटन मंत्रालय पर्यटन के विकास और उसे बढ़ावा देने के लिए राष्‍ट्रीय नीतियां और कार्यक्रम तैयार करने वाली शीर्ष एजेंसी है। इस प्रयास में, मंत्रालय विभिन्‍न केन्‍द्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों, राज्‍य सरकारों/संघशासित प्रशासनों और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों सहित क्षेत्र के अन्‍य साझेदारों के साथ परामर्श और उनके साथ मिलकर काम करता है। पर्यटन आर्थिक विकास का प्रमुख इंजन और भारत सहित अनेक देशों में विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक महत्‍वपूर्ण स्रोत है। इसमें बड़े पैमाने पर विविध प्रकार के रोजगार सृजित करने की क्षमता है जिनमें विशेषज्ञता से लेकर अप्रशिक्षित रोजगार शामिल है। पर्यटन रोजगार के अतिरिक्‍त अवसर सृजित करने में प्रमुख भूमिका निभा सकता है। यह इक्विटी के साथ विकास हासिल करने में भी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसका मुख्‍य उद्देश्‍य भारत में पर्यटन को बढ़ावा देना और उसे सुगम बनाना है। मंत्रालय की कुछ जिम्‍मेदारियों में पर्यटन के बुनियादी ढांचे में वृद्धि, वीजा को आसान बनाना, पर्यटन सेवा प्रदाताओं की सेवाओं में गुणवत्‍ता पूर्ण मानकों का भरोसा देना आदि शामिल हैं।

पर्यटन संबंधी आंकड़े
जनवरी-नवम्‍बर 2018 की अवधि के दौरान 93,67,425 विदेशी पर्यटक भारत आए जबकि जनवरी-नवम्‍बर 2017 में केवल 88,67,963 पर्यटक आए थे जो 5.6% की वृद्धि को दर्शाता है।  

  • जनवरी-नवम्‍बर 2018 के दौरान ई-पर्यटन वीजा पर 20,61,511 पर्यटकों का आगमन हुआ जबकि जनवरी-नवम्‍बर 2017 में यह संख्‍या केवल 14,56,615 थी जो 41.5% की वृद्धि को दर्शाता है। 
  • जनवरी-अक्‍तूबर 2018 के दौरान विदेशी मुद्रा से 1,58,846 करोड़ रुपये की आमदनी हुई जबकि जनवरी-अक्‍तूबर 2017 में यह केवल 1,41,965 करोड़ रुपये थी जो 11.9% की वृद्धि को दर्शाता है।
  • राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों में 2017 के दौरान आने वाले घरेलू पर्यटकों की संख्‍या 1652.5 मिलियन थी जबकि 2016 में यह केवल 1615.4 मिलियन थी जो 2016 के मुकाबले 2017 में 2.3% की वृद्धि को दर्शाता है।

पर्यटन के बुनियादी ढांचे का विकास:
  • पर्यटकों को पर्यटन के बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए पर्यटन ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। पूरे देश में स्‍वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत विषय वस्‍तु आधारित सर्किटों को विकसित किया जा रहा है। वर्ष 2018-19 के दौरान 384.67 करोड़ रुपये की कुल राशि से 7 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही इस योजना के अंतर्गत अब तक 5873.99 करोड़ रुपये की राशि से कुल 73 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। इसमें देश के 30 राज्‍यों और संघशासित प्रदेशों को शामिल किया गया है।    
  • स्‍वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत अगस्‍त से दिसम्‍बर 2018 के बीच मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, आन्‍ध्र प्रदेश, नागालैंड, छत्‍तीसगढ़ और मध्‍य प्रदेश राज्‍यों में 9 परियोजनाओं की शुरूआत की गई। पर्यटन सुविधा केन्‍द्र, ईको लॉग हट्स, ध्‍वनि और प्रकाश शो, हेलीपैड कैफेटेरिया, सड़क किनारे सुख-सुविधाएं, ग्रामीण क्षेत्र में पगडंडियां, जेटी, बोट क्‍लब, एडवेंचर जोन, विवेचना केन्‍द्र, जल क्रीड़ाएं, शिल्‍प ग्राम, जनजातीय विषय वस्‍तुओं पर आधारित ग्राम, जगमगाहट आदि जैसी सुविधाएं उपरोक्‍त परियोजनाओं के अंतर्गत विकसित की गई हैं।    
  • तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक

  • पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2018-19 के दौरान बुनियाद ढांचे के विकास के लिए कोच्चि बंदरगाह ट्रस्‍ट और मोरमू गांव बंदरगाह ट्रस्‍ट को केन्‍द्रीय वित्‍तीय सहायता प्रदान की।  

एक धरोहर गोद लो’ परियोजना:
  • पर्यटन मंत्रालय ने संस्‍कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण (एएसआई) के सहयोग से एक धरोहर गोद लो’’ परियोजना की शुरूआत की ताकि विभिन्‍न प्राकृतिक/सांस्‍कृतिक धरोहर स्‍थलों, स्‍मारकों और पर्यटन के अन्‍य स्‍थलों पर विश्‍व स्‍तर की पर्यटन सुविधाएं प्रदान की जा सकें। इस परियोजना की योजनाओं में धरोहर स्‍थलों/स्‍मारकों और पर्यटन के अन्‍य स्‍थलों को निजी क्षेत्र की कम्‍पनियों, सार्वजनिक क्षेत्र की कम्‍पनियों और व्‍यक्तियों को सौंपना शामिल है ताकि विभिन्‍न पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जा सके। निम्‍नलिखित स्‍थलों पर पर्यटन सुविधाएं विकसित करने के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्‍ताक्षर किए गए हैं:      
  1. गंगोत्री मंदिर के आसपास का क्षेत्र और गोमुख, उत्‍तराखंड जाने का मार्ग   
  2. माउंट स्‍टोक कांगड़ी मार्ग, लद्दाख, जम्‍मू और कश्‍मीर  
  3. लाल किला, नई दिल्‍ली
  4. गंडीकोटा किला, आन्‍ध्र प्रदेश   
  5. सूरजकुंड, हरियाणा
  6. जंतर मंतर, दिल्‍ली  
  7. कुतुब मीनार, दिल्‍ली  
  8. अजन्‍ता गुफाएं, महाराष्‍ट्र  
  9. लेह किला, जम्‍मू और कश्‍मीर  
  10. हम्‍पी (हजारा राम मंदिर), कर्नाटक


प्रतिष्ठित पर्यटन स्‍थलों का विकास:
  • पर्यटन मंत्रालय ने प्रतिष्ठित पर्यटन स्‍थलों के रूप में विकसित करने के लिए 12 समूहों के 17 स्‍थानों की पहचान की। प्रतिष्ठित पर्यटन स्‍थलों के रूप में विकसित करने के लिए पहचाने गए स्‍थलों के नाम हैं- ताज महल, फतेहपुर सीकरी, अजंता, एलोरा, हुमांयु का किला, कुतुब मीनार, लाल किला, कोलवा समुद्र तट, आमेर का किला, सोमनाथ, धोलावीरा, खजुराहो, हम्‍पी, महाबलीपुरम, काजीरंगा, कुमारकोम और महाबोधी मंदिर। मास्‍टर प्‍लान तैयारी के अंतिम चरणों में है।
भारत पर्व:
  • पर्यटन मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस समारोहों के दौरान 26 से 31 जनवरी, 2018 तक लाल किला, दिल्‍ली में भारत पर्व का आयोजन किया। इस पर्व को आयोजित करने का मुख्‍य उद्देश्‍य देश प्रेम जागृत करना, देश की समृद्ध सांस्‍कृतिक विविधता को बढ़ावा देना, आम जनता की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करना और ‘एक भारत श्रेष्‍ठ भारत’, ‘देखो अपना देश’ और ‘सभी के लिए पर्यटन’ की संकल्‍पना को लोकप्रिय बनाना है। भारत पर्व का मुख्‍य आकर्षण गणतंत्र दिवस की झांकियां, सांस्‍कृतिक कार्यक्रम, सशस्‍त्र सेनाओं के बैंड, खाद्य और हस्‍तशिल्‍प की दुकानें थीं।   
पर्यटन पर्व:
  • पर्यटन मंत्रालय ने केन्‍द्रीय मंत्रालयों, राज्‍य सरकारों/संघशासित प्रशासनों आदि के सहयोग से राष्‍ट्रीय स्‍तर पर पर्यटन पर्व, 2018 मनाया। इस पर्व का आयेाजन 16 से 27 सितम्‍बर, 2018 के दौरान किया गया जिसमें पर्यटन के महत्‍व के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए 32 राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों में 3200 से अधिक गतिविधियां आयोजित की गईं। पर्यटन पर्व, 2018 का उद्देश्‍य ‘देखो अपना देश’ के संदेश का प्रसार करना था, ताकि भारतीयों को देश के विभिन्‍न पर्यटन स्‍थलों की यात्रा करने के लिए प्रोत्‍साहित किया जा सके और ‘सभी के लिए पर्यटन’ के संदेश को फैलाया जा सके। पर्व के दौरान राज्‍य के पैवीलियन, शिल्‍प की दुकानें, खाने-पीने की दुकानें, सांस्‍कृतिक कार्यक्रम, पाकशास्‍त्र प्रदर्शन आदि आगुन्‍तकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केन्‍द्र थे।
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भारतीय पर्यटन मार्ट 2018:
भारतीय पर्यटन मार्ट 2018 के पहले संस्‍करण का आयोजन भारतीय पर्यटन और आतिथ्‍य एसोसिएशन के महासंघ (फेथ) ने पर्यटन मंत्रालय और राज्‍य सरकारों/संघशासित प्रशासनों के सहयोग से 16 से 18 सितम्‍बर, 2018 तक अशोक होटल, चाणक्यपुरी, नई दिल्‍ली में किया। भारतीय पर्यटन मार्ट ने पर्यटन से जुड़े विभिन्‍न साझेदारों को विदेशी खरीदारों के साथ संपर्क साधने और व्‍यवसाय करने के लिए एक मंच प्रदान किया।      
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अतुल्‍य भारत वेबसाइट:

  • पर्यटन मंत्रालय ने 14 जून, 2018 को नई अतुल्‍य भारत (इन्‍क्रेडीबल इंडिया) वेबसाइट की शुरूआत की। इस वेबसाइट में भारत को आध्‍यात्‍म, धरोहर, साहस, संस्‍कृति, योग, स्‍वास्‍थ्‍य और अन्‍य प्रमुख अनुभवों के आसपास घूमने वाले एक पूर्णतावादी स्‍थल के रूप में दर्शाया गया है। वेबसाइट में अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों वाली प्रवृत्तियों और प्रौद्योगिकियों को अपनाया गया है जिनका उद्देश्‍य भारत को एक ‘‘अवश्‍य यात्रा करने वाले’’ स्‍थल के रूप में बताया गया है। वेबसाइट की अनेक उपयोगी विशेषताएं हैं जिन्‍होंने इसे अधिक संवादमूलक बनाया है और वेबसाइट यात्रियों को आकर्षित करती है।
ऑनलाइन अध्‍ययन प्रबंधन प्रणाली:

  • पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन सहायकों के रूप में कार्य करने के लिए कुशल मानव शक्ति सृजित करने के लिए ऑनलाइन अध्‍ययन प्रबंधन प्रणाली की शुरूआत की। इस पहल से देश के सुदूरवर्ती भागों में रहने वाले युवक कौशल हो सकेंगे और अखिल भारतीय स्‍तर पर पर्यटकों की मदद कर सकेंगे। ऑनलाइन अध्‍ययन कार्यक्रम से नौकरियां सृजित की जा सकेंगी और उचित दामों पर पर्यटकों को मदद दी जा सकेगी। अतुल्‍य भारत पर्यटन सहायक प्रमाणीकरण के लिए इस समय देशभर के 3800 से अधिक नाम लिखे हुए हैं।   

अतुल्‍य भारत मोबाइल ऐप:

  • पर्यटन मंत्रालय ने 27 सितम्‍बर, 2018 को अतुल्‍य भारत मोबाइल ऐप की शुरूआत की। अतुल्‍य भारत मोबाइल ऐप में भारत को आध्‍यात्‍म, धरोहर, साहस, संस्‍कृति, योग, स्‍वास्‍थ्‍य और अन्‍य प्रमुख अनुभवों के आसपास घूमने वाले एक पूर्णतावादी स्‍थल के रूप में दर्शाया गया है। मोबाइल ऐप को आधुनिक यात्रियों की प्राथमिकताओं को ध्‍यान में रखकर तैयार किया गया है और इसमें अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों वाली प्रवृत्तियों और प्रौद्योगिकियों को अपनाया गया है। यह ऐप प्रत्‍येक चरण में भारत की यात्रा करने वाले यात्रियों की सहायता करने के लिए विशेषताओं से सज्जित है।  

अंतर्राष्‍ट्रीय बौद्ध सम्‍मेलन-2018:  

  • पर्यटन मंत्रालय ने महाराष्‍ट्र, बिहार और उत्‍तर प्रदेश की सरकारों के साथ सहयोग करके ‘‘बुद्ध मार्ग-सजीव धरोहर’’ शीर्षक से अंतर्राष्‍ट्रीय बौद्ध सम्‍मेलन-2018 (आईबीसी-2018) का आयोजन किया। राष्‍ट्रपति ने 23 अगस्‍त, 2018 को नई दिल्‍ली के विज्ञान भवन में इस सम्‍मेलन का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के बाद अजन्‍ता (महाराष्‍ट्र), राजगीर, नालन्‍दा और बोधगया (बिहार) और सारनाथ (उत्‍तर प्रदेश) स्थित स्‍थलों की यात्रा का आयोजन किया गया। इस सम्‍मेलन का सहयोगी देश जापान था। सम्‍मेलन के दौरान ‘आधुनिक समाज में सजीव बौद्ध धरोहर की भूमिका’ विषय पर विचार-विमर्श, विदेशी और भारतीय टूर ऑपरेटरों के बीच बी2बी बैठक, निवेशकों का शिखर सम्‍मेलन तथा पर्यटन मंत्रालय और राज्‍य सरकारों द्वारा प्रस्‍तुतियों का आयोजन किया गया। बौद्ध सम्‍मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान पर्यटन मंत्रालय ने अपनी वेबसाइटwww.landofbuddha.in की शुरूआत की और देश के बौद्ध स्‍थलों के बारे में एक 60 सेकेंड की नई फिल्‍म दिखाई गई।   

प्रसार और प्रचार:

  • पर्यटन मंत्रालय ने भारतीय पर्यटन के लिए प्रमुख और संभावित स्रोत बाजारों को शामिल करते हुए विदेशी बाजारों में ग्‍लोबल मीडिया मुहिम शुरू की। ये मुहिम इलेक्‍ट्रॉनिक, ऑनलाइन और प्रिट मीडिया में जारी की गई जिसमें डिजीटल और सोशल मीडिया तथा विभिन्‍न उपभोक्‍ता प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए विषय क्षेत्र संबंधी रचनात्‍मकता के इस्‍तेमाल पर विशेष ध्‍यान दिया गया।  
  • टेलीविजन, सोशल मीडिया और ऑनलाइन पोर्टलों पर दुनियाभर में योग, स्‍वास्‍थ्‍य, वन्‍य जीव, विलासिता और पाक शैली विषय पर बनी 5 प्रचारात्‍मक फिल्‍में दिखाई गईं। दिल्‍ली, मुम्‍बई और चेन्‍नई में भी स्‍थान के बारे में प्रचार करने वाली फिल्‍में बनाई गईं।   
  • सोशल मीडिया 5 फिल्‍मों और बुद्ध की भूमि फिल्‍म को 189 मिलियन व्‍यूज (मत) मिले। सभी फिल्‍में ( 5 फिल्‍में- योग, स्‍वास्‍थ्‍य, वन्‍य जीव, विलासिता और पाक शैली) अंग्रेजी में बनाई गई थीं- जिनमें 9 अंतर्राष्‍ट्रीय भाषाओं (जर्मन, फ्रेंच, स्‍पेनिश, इटेलियन, रूसी, चीनी, जापानी, कोरियाई और अरेबिक) में पार्श्‍व स्‍वर दिए गए थे। इन फिल्‍मों को दुनियाभर के ग्‍लोबल टेलीविजन चैनलों/प्रवासी भारतीय चैनलों के साथ-साथ चैनलों के भाषाई फीड में भी दिखाया गया।  
  • पूर्वोत्‍तर क्षेत्र, जम्‍मू और कश्‍मीर, पर्यटन स्‍थलों पर स्‍वच्‍छता, योग (अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस के साथ पड़ने वाले), प्रतिष्ठित स्‍थलों, स्‍टेच्‍यू ऑफ यूनिटी तथा मंत्रालय द्वारा आयोजित भारत पर्व और पर्यटन पर्व के प्रसार के लिए टेलीविजन, ऑनलाइन पोर्टलों और वेबसाइटों सहित विभिन्‍न मीडिया, आउटडोर डिजीटल, सिनेमाघरों, रेडियों, एयरलाइन बोर्डिंग पासों, रेलवे टिकटों आदि पर घरेलू प्रचार किया गया।
  • पर्यटन मंत्रालय के सोशल मीडिया अकाउंट पर सक्रिय प्रचार किया गया। इसके अलावा इस बात को ध्‍यान में रखा गया कि किसी भी स्‍थान की ब्रांडिग और मार्केटिंग के लिए सोशल मीडिया एक प्रभावी साधन हो सकता है। मंत्रालय ने फरवरी 2018 में एक ‘सोशल मीडिया की इन्‍फ्लूऐंसर’ अभियान ‘‘द ग्रे‍ट इंडियन ब्‍लॉग ट्रेन’’ का आयोजन किया, जिसमें दुनियाभर के ब्‍लॉगरों को विभिन्‍न राज्‍यों में चलने वाली लग्‍जरी ट्रेनों में यात्रा करने के लिए आमंत्रित किया गया। भारत सहित 23 देशों के कुल 57 ब्‍लॉगरों ने चार लग्‍जरी ट्रेनों यानी पैलेस ऑन व्‍हील्‍स, महाराजा एक्‍सप्रेस, डेक्‍कन ओडिसी और गोल्‍डन चेरियट में एक सप्‍ताह यात्रा की। इस अभियान से लग्‍जरी ट्रेनों और ब्‍लॉगरों द्वारा अपने यात्रा अनुभवों के बारे में प्रकाशित ब्‍लॉगों, वीडियो और फोटो के जरिए व्‍यापक प्रचार हुआ।  

ई-वीजा:

  • ई-वीजा की पांच उप-श्रेणियां यानी ई-पर्यटन वीजा, ई-बिजनेस वीजा, ई-मेडिकल वीजा, ई-मेडिकल सहायक वीजा और ई-सम्‍मेलन वीजा हैं।  
  • ई-वीजा 26 निर्दिष्‍ट हवाई अड्डों ( अहमदाबाद, अमृतसर, बागडोगरा, बेंगलुरू, कालीकट, चेन्‍नई, चंडीगढ़, कोच्चि, कोयम्बटूर, दिल्‍ली, गया, गोवा, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ, मदुरै, मुम्बई, नागपुर, पुणे, तिरुचिरापल्‍ली, त्रिवेन्‍द्रम, वाराणसी और विशाखापत्‍तनम) तथा 5 निर्दिष्‍ट बंदरगाहों (कोचीन, गोवा, मंगलौर, मुंबई, चेन्‍नई) में प्रवेश के लिए वैध है।
  • वर्तमान में ई-वीजा योजना 166 देशों के नागरिकों के लिए उपलब्‍ध है।  

लीगेसी विंटेज होटल:

  • पर्यटन मंत्रालय ने लीगेसी विंटेज होटलों की अवधारणा की शुरूआत की ताकि धरोहर संपत्तियों/ईमारतों की सामग्री से निर्मित होटलों (यानी ऐसी संपत्तियां अथवा इमारतें जिनका निर्माण वर्ष 1950 से पहले हुआ है) को शामिल किया जा सके बशर्ते होटल के निर्माण में इस्‍तेमाल कम से कम 50% सामग्री धरोहर संपत्तियों अथवा इमारतों से प्राप्‍त की गई हो। ऐसे होटल प्राचीन युग का माहौल और परिवेश बनाने में मदद करेंगे। ऐसे होटलों को 3 उप-श्रेणियों लीगेसी विंटेज (बेसिक), लीगेसी विंटेज (क्‍लासिक) और लीगेसी विंटेज (ग्रेंड) के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाएगा।     

राष्‍ट्रीय होटल प्रबंधन और खानपान टेक्‍नोलॉजी परिषद (एनसीएचएमसीटी):  

  • वर्ष 2018-19 के दौरान 5,759 छात्रों ने बी.एससी प्रोग्राम, 121 छात्रों ने एम.एससी प्रोग्राम और 3,735 छात्रों ने एनसीएचएमसीटी से संबद्ध होटल प्रबंधन संस्‍थानों और फूड क्राफ्ट संस्‍थानों से आतिथ्‍य और होटल प्रशासन में डिप्‍लोमा और क्राफ्ट पाठ्यक्रम पास किया।  

भारतीय यात्रा और पर्यटन प्रबंधन संस्‍थान (आईआईटीटीएम):
  • वर्ष 2018-19 के दौरान एमबीए के 330 छात्रों ने भारतीय यात्रा और पर्यटन प्रबंधन संस्‍थान से यात्रा और पर्यटन प्रबंधन की पढ़ाई की।  

भारतीय पाक शास्‍त्र संस्‍थान (आईसीआई), नोएडा कैम्‍पस:

  • पाक शास्‍त्र पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए भारतीय पाक शास्त्र संस्थान (आईसीआई)नोएडा कैम्पस का उद्घाटन 27 अप्रैल, 2018 को किया गया। यह आतिथ्‍य और पाक कला में अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्‍त कुशल मानवशक्ति के सृजन की प्रतिबद्धता की तर्ज पर बनाया गया। आईसीआई के नोएडा कैम्‍पस में आधुनिक ‘‘भारतीय पाक शास्‍त्र संग्रहालय’’ होगा जहां समृद्ध ऐतिहासिक और विविध पाक शैली वस्‍तुएं तथा अन्‍य साहित्‍य को रखा जाएगा। यह भारतीय पाक शैली की विरासत को सुरक्षित रखने का एक अनोखा मंच प्रदान करेगा। आईसीआई, नोएडा का परिसर और इमारत का निर्माण 2,31,308 वर्ग फुट क्षेत्र में किया गया है और इसे समय पर पूरा किया गया। इसमें विश्‍व स्‍तर की बुनियादी ढांचा सुविधाओं का निर्माण करने में दो वर्ष लगे।
भारतीय पाक शास्‍त्र संस्‍थान (आईसीआई), तिरुपति:

  • भारतीय पाक शास्‍त्र संस्‍थान (आईसीआई) कैम्‍पस,तिरूपति का उद्घाटन 24 सितम्‍बर 2018 को किया गया। तिरूपति स्थित पाक शास्‍त्र संस्‍थान, 14 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और इस परियोजना को 97.92 करोड़ रूपये की लागत से पूरा किया गया। आईसीआई तिरूपति कैम्‍पस में आधुनिक रसोई, प्रयोगशालाओं और कक्षाओं के साथ एक शैक्षिक खंड; व्‍यावसायिक रेस्‍तरां; पाक शास्‍त्र संग्रहालय, अधिकारी गैस्‍ट हाउस, वीआईपी कॉटेज, लड़के और लड़कियों के लिए छात्रावास तथा कर्मचारियों के लिए आवास है।  भारतीय पाक शास्‍त्र संस्‍थान (आईसीआई) स्‍थापित करने का मुख्‍य उद्देश्‍य भारतीय पाक कला के बारे में जानकारी को सुरक्षित रखना, दस्‍तावेज बनाना, उसे बढ़ावा देना और जानकारी का प्रसार करना है ताकि भारतीय पाक कला के प्रति विशेष दिलचस्‍पी रखने वालों की जरूरतों को पूरा करने के अलावा ‘भोजन’ को आला पर्यटन उत्‍पाद के रूप में बढ़ावा दिया जा सके। 
स्‍वच्‍छ भारत मिशन :
  • पर्यटन मंत्रालय ने 15 सितम्‍बर से 2 अक्‍तूबर 2018 तक स्‍वच्‍छता ही सेवा अभियान चलाया। देश भर के विभिन्‍न पर्यटन स्‍थलों पर स्‍वच्‍छता कार्यों को हाथ में लिया गया जिसमें स्‍थानीय समुदायों, साझेदारों, पर्यटन मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय पर्यटन कार्यालयों और राज्‍य/संघ शासित सरकारों ने बढ़-चढ़कर हिस्‍सा लिया। पर्यटन मंत्रालय ने 16 से 30 सितम्‍बर 2018 तक रोजाना स्‍वच्‍छ पखवाड़ा भी मनाया। इसके अंतर्गत देश भर के विभिन्‍न स्‍थलों/स्‍थानों पर पर्यटन मंत्रालय, होटल प्रबंधन संस्‍थानों और पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्‍थानों के अधिकारियों ने विभिन्‍न कार्यक्रम किए। स्‍वच्‍छता पर होटल प्रबंधन संस्‍थान (आईएचएम) के छात्रों के लिए राष्‍ट्रीय स्‍तर के क्विज़ और निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया और विजेताओं को  पुरस्‍कार दिए गए। पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2018-19 के लिए स्‍वच्‍छता कार्य योजना का कार्य हाथ में लिया है जिसे देश भर से चुने गए 29 राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों में 180 स्‍थलों/स्‍थानों (540 गतिविधियां) में भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्‍थान (आईआईटीटीएम) द्वारा कार्यान्वित किया गया है।एसएपी के अंतर्गत इन कार्यों का दायित्‍व देश भर के केन्‍द्रीय और राज्‍य आईएचएम द्वारा भी लिया गया है। 


(Source:pib.nic.in)

(महाबलेश्वर; तीरथ करना हो या नैसर्गिक खूबसूरती का लुत्फ उठाना या फिर इतिहास में झांकना...यहां जरूर आइए
((महाबलेश्वर; खूबसूरती ऐसी कि कैमरा भी तस्वीर लेते-लेते थक जाए, ऐसी खूबसूरती का दीदार भला किसे पसंद नहीं 
((त्र्यंबकेश्वर: तीन लिंगों वाला एकमात्र ज्योतिर्लिंग मंदिर
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((महाराष्ट्र को मानो: कभी कलंब बिच तो आइये (Kalamb Beach, Nalasopaara)
((कभी बारिश में तुंगारेश्वर घूमने का मौका मिले, तो जरूर जाएं 
((महाराष्ट्र के दहाणू महालक्ष्मी मंदिर: शीतल पवन और हर ओर हरियाली के बीच भक्ति का आनंद 




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सामान खरीदने से पहले कीमत देखते हैं, फिर शेयर खरीदने से पहले भी कुछ देखिये

रविवार, 11 नवंबर 2018

नीतीश कुमार ने राजगीर में भूटानी मंदिर का शिलान्यास किया, कहा-दोनों देशों के रिश्ते होंगे और मजबूत

भूटानी टेंपल के निर्माण से भारत और भूटान के बीच पस्पर संबंध और मजबूत होंगे:- मुख्यमंत्री


पटना, 11 नवम्बर 2018:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज राजगीर में परम पावन जे खेनपो की उपस्थिति में भूटानी टेंपल के शिलापट्ट का अनावरण कर शिलान्यास किया और पूजा अर्चना की। इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले मैं परम पावन एवं उनके साथ आये पूरे विशिष्टगणों का बिहार सरकार एवं प्रदेष की जनता की तरफ से अभिनंदन करता हूूॅ। 
उन्होंने कहा कि भूटान और भारत परस्पर औपचारिक राजनयिक संबंधों का संयुक्त 50वां वर्ष मना रहा है और इसी समय भूटानी टेंपल के निर्माण के लिए समय का चयन करना बिहार के लिये गौरव की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे मई 2011 में भूटान जाने का मौका मिला था, वहां जाकर मुझे बहुत खुशी हुई थी। हमने देखा कि वहां पर्यावरण के प्रति लोगों का काफी लगाव है।

उन्होंने कहा कि वहां की सरकार ने तय कर दिया है कि भूटान में न्यूनतम 60 प्रतिशत वनाच्छादित क्षेत्र रहेगा और जब मैं मई 2011 में भूटान गया था तो उस समय 72 प्रतिशत वनाच्छादित था। भूटान में जो भी काम मैंने होते देखा, उससे काफी खुशी हुई। भूटान में पनबिजली के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। वहाॅ 30 हजार मेगावाट बिजली परियोजना की क्षमता है। अभी 10 हजार मेगावाट पनबिजली परियोजना पर काम चल रहा है, जिसे मुझे भी देखने का मौका मिला था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूटान में हैपिनेस की बात की जाती है। भूटान नरेश ने सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता की अवधारणा दी। इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, लोकतंत्र जैसी चीजों को आधार बनाया। आज के जमाने में जी0डी0पी0 की बात की जा रही है लेकिन भूटान में लोग कैसे खुश रहें, इसके बारे में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब हम भूटान गए थे तो उस समय वहां के लोगों ने राजगीर में मंदिर निर्माण की बात कही थी। हमलोगों ने इसके लिए सभी जरुरी उपाय किये और आज उसी जमीन पर मंदिर निर्माण का शिलान्यास किया जा रहा है। मुझे उम्मीद है कि यह मंदिर भव्य बनेगा। 

बोधगया में भी भूटान के लोग आते हैं और अब राजगीर में भी आएंगे। उनलोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न
हो, इसके लिए जरुरी इंतजाम किए जा रहे हैं। भूटान के लोगों में शिक्षा के प्रति लगाव है,उनमें सांस्कृतिक शिक्षा बौद्ध धर्म से विरासत में मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ज्ञान की भूमि है, ज्ञान प्राप्ति के पूर्व भी सिद्धार्थ यहां आए थे। ज्ञान की प्राप्ति के बाद बुद्ध यहां रहे थे, वेणु वन में ठहरते थे और गृद्धकूट पर्वत पर
उपदेश देते थे। गृद्धकूट पर्वत पर ही जापान के फूजी गुरुजी ने विश्व शांति स्तूप का निर्माण करवाया था। 

हाल ही में उसका 49वां स्थापना दिवस समारोह भी मनाया गया। 25 अक्टूबर 2019 को 50वां स्थापना दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया जाएगा। बापू के आदर्शों पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। बापू का 150वां जयंती समारोह भी मनाया जा रहा है। राजगीर में पंच पर्वत पर ग्रीन एरिया है। यहां जू सफारी और ग्रीन सफारी भी बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बगल में ही नालंदा विश्वविद्यालय का पुर्नर्निमाण कराया जा रहा है। एक समय नालंदा विश्वविद्यालय शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था, जहां देश-विदेश के 10 हजार से ज्यादा छात्र शिक्षा ग्रहण करते थे। उन्होंने कहा कि हमलोगों का बुद्ध के प्रति समर्पण है, उनके प्रति श्रद्धा और सम्मान है। राजगीर में घोड़ाकटोरा में सुंदर झील है, जिसमें 50 फीट की बुद्ध की प्रतिमा बनकर तैयार है, यहाॅ 25 नवंबर को सेंटिफाईंग प्रेयर किया जाएगा।     

मुख्यमंत्री ने कहा कि बुद्ध सर्किट का निर्माण कराया जा रहा है। पटना में भगवान बुद्ध के 2550वें निर्वाण दिवस पर बुद्ध स्मृति पार्क का निर्माण करवाया गया। छह देशों से आए हुए अवशेषों से करुणा स्तूप बनाया गया। बुद्ध से संबंधित म्यूजियम का निर्माण एवं बिपष्यना केंद्र भी बनाया गया है। यहां पर बुद्धिस्ट कल्चरल सेंटर स्थापित करने की भी योजना है। उन्होंने कहा कि वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन स्तूप का निर्माण कराया जाएगा, जो पत्थर से निर्मित होगा। वैशाली में ही बुद्ध का एक मात्र अस्थि कलश मिला था, जिसे इस स्तूप में रखवाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि परम पावन जे खेनपो जी ने बोधगया और राजगीर में आकर जो प्रार्थना किया, उसका लाभ हम सबको भी मिलेगा। भूटान के लोग अच्छी फसल होने पर यहां बोधगया में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर भगवान बुद्ध को धन्यवाद करने आए थे। राजगीर में जो भूटानी मंदिर बनेगा, उससे राजगीर का महत्व और बढ़ेगा और यहां भूटान ही नहीं बल्कि भारत के अन्य हिस्सों के लोग भी मंदिर के दर्शन को आएंगे। 





मुख्यमंत्री ने कहा कि भूटानी टेंपल के निर्माण से भारत और भूटान के बीच परस्पर संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति सचेत होना जरुरी है। यहां जो प्रार्थना होगी, उससे लोगों में पर्यावरण के प्रति भी जागरुकता का भाव पैदा होगा। पर्यावरण के सुरक्षित रहने पर ही इस धरती पर जीव-जंतु, पशु-पक्षी सभी लोग सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा कि भूटान के लोगों में बिहारियों के प्रति प्रेम का भाव है। बिहार के लोग भी आपके यहां जाकर मेहनत से काम करते हैं। बिहार के लोगों के मन में भी आपलोगों के प्रति अपार श्रद्धा है।
समारोह को परम पावन जे खेनपो ने भी संबोधित किया और भूटानी मंदिर के लिये बिहार सरकार के द्वारा भेंट की गयी 2.8 एकड़ भूमि एवं अन्य जरूरी सहयोग हेतु आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री एवं परम पावन जे खेनपो ने परस्पर प्रतीक चिन्ह् का आदान प्रदान कर एक दूसरे का सम्मान किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष भूटान और बिहार के कलाकारों द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई। मुख्यमंत्री ने भूटानी मंदिर के शिलान्यास के पष्चात प्रस्तावित मंदिर निर्माण की प्रोजेक्ट से संबंधित प्रदर्षनी का भी अवलोकन किया।

इस अवसर पर परम पावन जे खेनपो, सम्मानीय ग्यालट्रल रिनपोचे, परम पावन के साथ आये सम्मानीय लामागण, विशिष्ट सदस्यगण, भारत में भूटान के राजदूत मेजर जेनरल वी0 नारेंग्येल, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, भारत में भूटान के पूर्व राजदूत एवं पूर्व सांसद श्री पवन वर्मा, नालंदा के सांसद श्री कौशलेन्द्र कुमार, विधायक श्री रवि ज्योति कुमार, विधायक श्री जीतेन्द्र कुमार, राॅयल गवर्नमेंट आॅफ भूटान के पदाधिकारीगण, केन्द्र एवं राज्य सरकार के पदाधिकारीगण, भूटान से आये अतिथिगण, अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

(महाबलेश्वर; तीरथ करना हो या नैसर्गिक खूबसूरती का लुत्फ उठाना या फिर इतिहास में झांकना...यहां जरूर आइए
((महाबलेश्वर; खूबसूरती ऐसी कि कैमरा भी तस्वीर लेते-लेते थक जाए, ऐसी खूबसूरती का दीदार भला किसे पसंद नहीं 
((त्र्यंबकेश्वर: तीन लिंगों वाला एकमात्र ज्योतिर्लिंग मंदिर
(Trimbkeshwar Temple, Nashik, Maharashtra त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर...
((छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रतापगढ़ किला ; Chhatrapati ShivaJi Maharaj Ka...
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((महाराष्ट्र को मानो: कभी कलंब बिच तो आइये (Kalamb Beach, Nalasopaara)
((कभी बारिश में तुंगारेश्वर घूमने का मौका मिले, तो जरूर जाएं 
((महाराष्ट्र के दहाणू महालक्ष्मी मंदिर: शीतल पवन और हर ओर हरियाली के बीच भक्ति का आनंद 



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बुधवार, 19 सितंबर 2018

देश के कोने-कोने में ‘पर्यटन पर्व’ की धूम

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हेरिटेज वॉक, सांस्‍कृतिक संध्‍या और प्रतियोगिताओं का आयोजन 
पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा पर्यटन पर्व (16 से 27 सितम्‍बर, 2018 तक) उत्‍सव अब अपने चौथे दिन में प्रवेश कर गया है। आज नई दिल्‍ली स्थित राजपथ लॉन के साथ-साथ देश भर में पर्यटन पर्व से जुड़ी अनगिनत गतिविधियां और कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों का आयोजन इंडिया टूरिज्‍म से जुड़े घरेलू कार्यालयों, केन्‍द्र/राज्‍य सरकारों के संगठनों और अन्‍य हितधारकों द्वारा किया जा रहा है।
पहले तीन दिन देश भर में आयोजित किए गए ‘पर्यटन पर्व’ से जुड़ी प्रमुख बातों का उल्‍लेख नीचे किया गया है:
पहला दिन (16 सितम्‍बर, 2018) :
  • नई दिल्‍ली स्थित राजपथ लॉन में पर्यटन पर्व के दौरान आयोजित सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों की एक झलक
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  • इंडिया टूरिज्‍म के संबंधित कार्यालयों द्वारा राज्‍य पर्यटन विभागों के सहयोग से मध्‍य प्रदेश के भोपाल एवं अन्‍य स्‍थलों, इम्‍फाल में कांगला फोर्ट, गेटवे ऑफ इंडिया (मुम्‍बई), खजुराहो (ग्‍वालियर) में हेरिटेज वॉक का आयोजन किया गया। इसी तरह अनेक स्‍थानों जैसे कि हैदराबाद स्थित लुम्‍बनी पार्क और चेन्‍नई स्थित महाबलीपुरम में सांस्‍कृतिक संध्‍या का आयोजन किया गया। इसके अलावा, अनेक कार्यक्रमों जैसे कि ‘रन फॉर टूरिज्‍म’, चित्रकला और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का आयोजन कई स्‍थानों जैसे कि ग्‍वालियर, गोवा, शिलांग, जयपुर एवं गुवाहाटी में स्‍वच्‍छता कार्यक्रमों के साथ किया गया।    
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दूसरा दिन (17 सितम्‍बर, 2018) :
  • नई दिल्‍ली स्थित राजपथ लॉन में पर्यटन पर्व के दौरान आयोजित सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों की एक झलक
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  • इंडिया टूरिज्‍म दिल्‍ली ने हेरिटेज वॉक, खादय एवं स्‍वच्‍छता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन पुरानी दिल्ली में किया। हेरिटेज वॉक का आयोजन लाल किले से लेकर जामा मस्जिद तक किया गया।
  • इंडिया टूरिज्‍म इम्‍फाल ने स्‍कूली विद्यार्थियों के लिए सांस्‍कृतिक नृत्‍य प्रतियोगिता का आयोजन किया और मेरिट पाने वालों को पुरस्कार दिए गए।
  • इंडिया टूरिज्‍म पटना ने गंगा नदी स्थित गांधी घाट पर पर्यटन के हितधारकों के सहयोग से कार्यक्रम आयोजित किया। सभी प्रतिभागियों को ‘स्‍वच्‍छता ही सेवा’ और ‘पर्यटन पर्व’ के लोगो वाली टी-शर्ट और टोपियां दी गईं।
  • इंडिया टूरिज्‍म हैदराबाद में आईएचएम और एनआईटीएचएम हैदराबाद के साथ मिलकर गोलकुंडा किले पर पर्यटन पर्व का आयोजन किया। इसके साथ ही एक हेरिटेज वॉक का आयोजन किया गया और पर्यटन पर्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए नुक्‍कड़ नाटक का आयोजन किया गया।
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तीसरा दिन (18 सितम्‍बर, 2018) :
  • नई दिल्‍ली स्थित राजपथ लॉन में पर्यटन पर्व के दौरान आयोजित सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों की एक झलक
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  • इंडिया टूरिज्‍म इम्‍फाल ने मणिपुर के थोउबल जिले में स्थित खोंगजोम वार मेमोरियल काम्‍प्‍लेक्‍स में स्‍कूली विद्यार्थियों के लिए एक ऐतिहासिक भ्रमण का आयोजन किया।
  • इंडिया टूरिज्‍म जयपुर ने आईएचएमजयपुर के सहयोग से होटल खासा कोठी से लेकर अल्‍बर्ट हॉल तक एक साइकिल रैली का आयोजन किया। इसे राजस्‍थान के विशेष सचिव एवं निदेशक (पर्यटन) श्री प्रदीप कुमार बोरार एवं अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्तियों ने झंडी दिखाकर रवाना किया।

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  • देश भर में अनेक स्‍थानों जैसे कि बेंगलुरूविजयवाड़ा, बाड़ा-ग्‍वालियर, कुल्‍टाली सुंदरबन –कोलकाता में स्‍वच्‍छता अभियान आयोजित किए गए।
  • मध्‍य प्रदेश पर्यटन बोर्ड ने गवर्नमेंट साइंस कॉलेज में चित्रकारी (ड्राइंग) प्रतियोगिता का आयोजन किया और जबलपुर में पर्यटन पर एक कार्यशाला आयोजित की गई, भोपाल स्थित विंड एंड वेव होटल में रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई, इंदौर स्थित लाल बाग पैलेस में स्‍वच्‍छता अभियान चलाया गया और विदिशा में हेरिटेज वॉक का आयोजन किया गया।

(Source:pib.nic.in)

(महाबलेश्वर; तीरथ करना हो या नैसर्गिक खूबसूरती का लुत्फ उठाना या फिर इतिहास में झांकना...यहां जरूर आइए
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(Trimbkeshwar Temple, Nashik, Maharashtra त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर...
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((कभी बारिश में तुंगारेश्वर घूमने का मौका मिले, तो जरूर जाएं 
((महाराष्ट्र के दहाणू महालक्ष्मी मंदिर: शीतल पवन और हर ओर हरियाली के बीच भक्ति का आनंद 



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आप किसी दूसरे शहरों या राज्यों से मुंबई आ रहे हों या मुंबई से किसी दूसरे शहर या राज्य जा रहे हों, तो आपको एलटीटी यानी लोकमान्य तिलक टर्मिनस ...