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रविवार, 11 नवंबर 2018

नीतीश कुमार ने राजगीर में भूटानी मंदिर का शिलान्यास किया, कहा-दोनों देशों के रिश्ते होंगे और मजबूत

भूटानी टेंपल के निर्माण से भारत और भूटान के बीच पस्पर संबंध और मजबूत होंगे:- मुख्यमंत्री


पटना, 11 नवम्बर 2018:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज राजगीर में परम पावन जे खेनपो की उपस्थिति में भूटानी टेंपल के शिलापट्ट का अनावरण कर शिलान्यास किया और पूजा अर्चना की। इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले मैं परम पावन एवं उनके साथ आये पूरे विशिष्टगणों का बिहार सरकार एवं प्रदेष की जनता की तरफ से अभिनंदन करता हूूॅ। 
उन्होंने कहा कि भूटान और भारत परस्पर औपचारिक राजनयिक संबंधों का संयुक्त 50वां वर्ष मना रहा है और इसी समय भूटानी टेंपल के निर्माण के लिए समय का चयन करना बिहार के लिये गौरव की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे मई 2011 में भूटान जाने का मौका मिला था, वहां जाकर मुझे बहुत खुशी हुई थी। हमने देखा कि वहां पर्यावरण के प्रति लोगों का काफी लगाव है।

उन्होंने कहा कि वहां की सरकार ने तय कर दिया है कि भूटान में न्यूनतम 60 प्रतिशत वनाच्छादित क्षेत्र रहेगा और जब मैं मई 2011 में भूटान गया था तो उस समय 72 प्रतिशत वनाच्छादित था। भूटान में जो भी काम मैंने होते देखा, उससे काफी खुशी हुई। भूटान में पनबिजली के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। वहाॅ 30 हजार मेगावाट बिजली परियोजना की क्षमता है। अभी 10 हजार मेगावाट पनबिजली परियोजना पर काम चल रहा है, जिसे मुझे भी देखने का मौका मिला था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूटान में हैपिनेस की बात की जाती है। भूटान नरेश ने सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता की अवधारणा दी। इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, लोकतंत्र जैसी चीजों को आधार बनाया। आज के जमाने में जी0डी0पी0 की बात की जा रही है लेकिन भूटान में लोग कैसे खुश रहें, इसके बारे में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब हम भूटान गए थे तो उस समय वहां के लोगों ने राजगीर में मंदिर निर्माण की बात कही थी। हमलोगों ने इसके लिए सभी जरुरी उपाय किये और आज उसी जमीन पर मंदिर निर्माण का शिलान्यास किया जा रहा है। मुझे उम्मीद है कि यह मंदिर भव्य बनेगा। 

बोधगया में भी भूटान के लोग आते हैं और अब राजगीर में भी आएंगे। उनलोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न
हो, इसके लिए जरुरी इंतजाम किए जा रहे हैं। भूटान के लोगों में शिक्षा के प्रति लगाव है,उनमें सांस्कृतिक शिक्षा बौद्ध धर्म से विरासत में मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ज्ञान की भूमि है, ज्ञान प्राप्ति के पूर्व भी सिद्धार्थ यहां आए थे। ज्ञान की प्राप्ति के बाद बुद्ध यहां रहे थे, वेणु वन में ठहरते थे और गृद्धकूट पर्वत पर
उपदेश देते थे। गृद्धकूट पर्वत पर ही जापान के फूजी गुरुजी ने विश्व शांति स्तूप का निर्माण करवाया था। 

हाल ही में उसका 49वां स्थापना दिवस समारोह भी मनाया गया। 25 अक्टूबर 2019 को 50वां स्थापना दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया जाएगा। बापू के आदर्शों पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। बापू का 150वां जयंती समारोह भी मनाया जा रहा है। राजगीर में पंच पर्वत पर ग्रीन एरिया है। यहां जू सफारी और ग्रीन सफारी भी बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बगल में ही नालंदा विश्वविद्यालय का पुर्नर्निमाण कराया जा रहा है। एक समय नालंदा विश्वविद्यालय शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था, जहां देश-विदेश के 10 हजार से ज्यादा छात्र शिक्षा ग्रहण करते थे। उन्होंने कहा कि हमलोगों का बुद्ध के प्रति समर्पण है, उनके प्रति श्रद्धा और सम्मान है। राजगीर में घोड़ाकटोरा में सुंदर झील है, जिसमें 50 फीट की बुद्ध की प्रतिमा बनकर तैयार है, यहाॅ 25 नवंबर को सेंटिफाईंग प्रेयर किया जाएगा।     

मुख्यमंत्री ने कहा कि बुद्ध सर्किट का निर्माण कराया जा रहा है। पटना में भगवान बुद्ध के 2550वें निर्वाण दिवस पर बुद्ध स्मृति पार्क का निर्माण करवाया गया। छह देशों से आए हुए अवशेषों से करुणा स्तूप बनाया गया। बुद्ध से संबंधित म्यूजियम का निर्माण एवं बिपष्यना केंद्र भी बनाया गया है। यहां पर बुद्धिस्ट कल्चरल सेंटर स्थापित करने की भी योजना है। उन्होंने कहा कि वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन स्तूप का निर्माण कराया जाएगा, जो पत्थर से निर्मित होगा। वैशाली में ही बुद्ध का एक मात्र अस्थि कलश मिला था, जिसे इस स्तूप में रखवाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि परम पावन जे खेनपो जी ने बोधगया और राजगीर में आकर जो प्रार्थना किया, उसका लाभ हम सबको भी मिलेगा। भूटान के लोग अच्छी फसल होने पर यहां बोधगया में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर भगवान बुद्ध को धन्यवाद करने आए थे। राजगीर में जो भूटानी मंदिर बनेगा, उससे राजगीर का महत्व और बढ़ेगा और यहां भूटान ही नहीं बल्कि भारत के अन्य हिस्सों के लोग भी मंदिर के दर्शन को आएंगे। 





मुख्यमंत्री ने कहा कि भूटानी टेंपल के निर्माण से भारत और भूटान के बीच परस्पर संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति सचेत होना जरुरी है। यहां जो प्रार्थना होगी, उससे लोगों में पर्यावरण के प्रति भी जागरुकता का भाव पैदा होगा। पर्यावरण के सुरक्षित रहने पर ही इस धरती पर जीव-जंतु, पशु-पक्षी सभी लोग सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा कि भूटान के लोगों में बिहारियों के प्रति प्रेम का भाव है। बिहार के लोग भी आपके यहां जाकर मेहनत से काम करते हैं। बिहार के लोगों के मन में भी आपलोगों के प्रति अपार श्रद्धा है।
समारोह को परम पावन जे खेनपो ने भी संबोधित किया और भूटानी मंदिर के लिये बिहार सरकार के द्वारा भेंट की गयी 2.8 एकड़ भूमि एवं अन्य जरूरी सहयोग हेतु आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री एवं परम पावन जे खेनपो ने परस्पर प्रतीक चिन्ह् का आदान प्रदान कर एक दूसरे का सम्मान किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष भूटान और बिहार के कलाकारों द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई। मुख्यमंत्री ने भूटानी मंदिर के शिलान्यास के पष्चात प्रस्तावित मंदिर निर्माण की प्रोजेक्ट से संबंधित प्रदर्षनी का भी अवलोकन किया।

इस अवसर पर परम पावन जे खेनपो, सम्मानीय ग्यालट्रल रिनपोचे, परम पावन के साथ आये सम्मानीय लामागण, विशिष्ट सदस्यगण, भारत में भूटान के राजदूत मेजर जेनरल वी0 नारेंग्येल, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, भारत में भूटान के पूर्व राजदूत एवं पूर्व सांसद श्री पवन वर्मा, नालंदा के सांसद श्री कौशलेन्द्र कुमार, विधायक श्री रवि ज्योति कुमार, विधायक श्री जीतेन्द्र कुमार, राॅयल गवर्नमेंट आॅफ भूटान के पदाधिकारीगण, केन्द्र एवं राज्य सरकार के पदाधिकारीगण, भूटान से आये अतिथिगण, अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

(महाबलेश्वर; तीरथ करना हो या नैसर्गिक खूबसूरती का लुत्फ उठाना या फिर इतिहास में झांकना...यहां जरूर आइए
((महाबलेश्वर; खूबसूरती ऐसी कि कैमरा भी तस्वीर लेते-लेते थक जाए, ऐसी खूबसूरती का दीदार भला किसे पसंद नहीं 
((त्र्यंबकेश्वर: तीन लिंगों वाला एकमात्र ज्योतिर्लिंग मंदिर
(Trimbkeshwar Temple, Nashik, Maharashtra त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर...
((छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रतापगढ़ किला ; Chhatrapati ShivaJi Maharaj Ka...
((महाबलेश्वर: एलिफैंट हेड नीडल होल पॉइंट; Mahabaleshwar: Elephant Head Nee...
((महाबलेश्वर:इको पॉइंट और केट्स पॉइंट; Mahabaleshwar: Echo Point & Kates P...
((महाबलेश्वर: सनसेट पॉइंट या बॉम्बे पॉइंट जरूर देखें; Mahabaleshwar: Bomba...
((महाबलेश्वर: आर्थर प्वाइंट की कहानी Mahabaleshwar: Arthar Point ki kahani
((महाबलेश्वर: लॉडविक प्वाइंट की कहानी Mabaleshwar: Lodwick Point Ki Kahani
((महाबलेश्वर-एलिफैंट हेड पॉइंट की खासियत ; Mahabaleshwar-Elephant Head Point
((महाराष्ट्र को मानो: कभी कलंब बिच तो आइये (Kalamb Beach, Nalasopaara)
((कभी बारिश में तुंगारेश्वर घूमने का मौका मिले, तो जरूर जाएं 
((महाराष्ट्र के दहाणू महालक्ष्मी मंदिर: शीतल पवन और हर ओर हरियाली के बीच भक्ति का आनंद 



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सोमवार, 21 मई 2018

बिहार आने वाले सैलानियों को तोहफा, अब पटना के 'सभ्यता द्वार' पर देख सकेंगे सूबे के वैभवशाली इतिहास की झलकियां

सभ्यता द्वार बिहार के वैभवशाली इतिहास का संकेत है:- मुख्यमंत्री
पटना का सभ्यता द्वार


पटना, 21 मई 2018:-अगर बिहार घूमने आते हैं तो पटना का 'सभ्यता द्वार' जरूर जाएं। बिहार के वैभवशाली इतिहास की झलकियां आपको यहां देखने को मिलेगी। सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी जानकारी दी। 






नीतीश कुुमार ने आज सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र पटना अवस्थित 'सभ्यता द्वार' का लोकार्पण, सम्राट अशोक की सांकेतिक मूर्ति तथा अशोक स्तम्भ का अनावरण किया। सम्राट अशोक कन्वेंंशन केन्द्र के ज्ञान भवन में बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड के स्थापना दिवस समारोह का मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 486.47 करोड़ रुपये की 187 योजनाओं का लोकार्पण एवं 16.32 करोड़ रूपये की चार योजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास भी किया।


आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले मैं भवन निर्माण निगम लिमिटेड के स्थापना दिवस समारोह पर आप सबको बधाई देता हूँ। आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि आज सभ्यता द्वार का लोकार्पण हुआ है। सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र के परिसर में पहले ज्ञान भवन, फिर बापू सभागार और अब सभ्यता द्वार का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है। आज ही सांकेतिक सम्राट अशोक की मूर्ति लगाई गई है। यह मूर्ति बहुत कुछ अशोक के बारे में बताती है। चंडाशोक से धम्माशोक के परिवर्तन के रूप का यह प्रतीक है। दुनिया को जीतने की इच्छा रखने वाले सम्राट अशोक ने अंत में धर्म के रास्ते को अपनाया।  उन्होंने  कहा  कि  यह  पाटलिपुत्र  अशोक  एवं  उनके  दादा  चंद्रगुप्त मौर्य की  भी राजधानी  थी।  पाटलिपुत्र  का  निर्माण  अजातशत्रु  ने करवाया था। महात्मा बुद्ध उत्तर बिहार जाने के क्रम में पाटलिपुत्र से गुजरे थे और उसी वक्त पाटलिपुत्र के बारे में जो प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, उसी को सभ्यता द्वार में भी अंकित किया गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्ञान भवन का उद्घाटन चंपारण सत्याग्रह के सौ वर्ष पूरे होने पर  पिछले वर्ष दस  अप्रैल  को  बापू  के  विचारों  पर आधारित दो दिवसीय विमर्श के दौरान किया गया था। पिछले वर्ष ही दो अक्टूबर को बापू सभागार का उद्घाटन बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के अभियान की शुरूआत से की गई थी। ज्ञान भवन एवं बापू सभागार की प्रशंसा बाहर के लोग करते हैं। लोग इसे देखकर आश्चर्यचकित होते हैं। खुदाई से निकली हुई सामग्रियों के आधार पर ही उस दौरान की सभ्यता का निर्धारण भी किया जाता है इसलिए हमलोगों ने विशिष्ट भवनों के निर्माण की योजना बनायी। यह संरचना स्टील स्ट्रक्चर का बना हुआ है। बापू सभागार की क्षमता पांच हजार की है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरे कृषि रोड मैप की शुरूआत इसी ज्ञान भवन से राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने की थी और उन्होंने इस भवन की काफी प्रशंसा की थी। यहां कमिटी की बैठकों के लिए भी पर्याप्त जगह हैं। नीचले तल्ले पर प्रदर्शनी के लिए जगह है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर कन्वेंशन सेंटर पंच पहाड़ी के निकट बना है, यह भी अद्भुत है। यहां पर केंद्र सरकार के कार्यक्रम, पार्लियामेंट कमेटी की मीटिंग, नालंदा विश्वविद्यालय की शुरूआत जैसे कई कार्यक्रम किए गए हैं और सभी लोगों ने इसकी काफी प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह बिहार संग्रहालय राष्ट्रीय स्तर का बना है उसकी चर्चा दुनिया में हो रही है। इसका स्ट्रक्चर भी अपने आप में संग्रहालय का रूप ले रहा है। कुछ दिनों में ही पुलिस भवन का निर्माण पूर्ण हो जाएगा। यह आधुनिक तकनीक से निर्मित बेहतर भवन का प्रतीक होगा।


यह भवन भूकंपरोधी और अग्निरोधी है, 8 रिक्टर स्केल के भूकम्प पर भी यह सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि बगल में गंगा पथ बन रहा है। सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र का दृश्य आने वाले समय में और भी अद्भुत लगेगा। 

मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  पुल-पुलियों  का  निर्माण  के  साथ-साथ  शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि,समाज कल्याण  सभी  क्षेत्रों  में  काम  किया  जा  रहा  है।  पी0एम0सी0एच0  को हमलोग वर्ल्ड क्लास का अस्पताल बनाना चाहते हैं। भवन का डिजाइन एवं कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है। आई0जी0आई0एम0एस0 का विकास किया गया है। आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, चाणक्य लॉ इंस्टीच्यूट, चंद्रगुप्त मैनेजमेंट इन्स्टीच्यूट जैसे कई संस्थान बनाए गए हैं और सभी का नामकरण उन शख्सियतों के अर्थपूर्ण भाव को प्रदर्शित करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का इतिहास गौरवशाली रहा है। यहां चाणक्य, चंद्रगुप्त, शून्य का आविष्कार करने वाले आर्यभट्ट रहे हैं। बोधगया में बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ, महावीर का यहीं जन्म हुआ, ज्ञान प्राप्ति हुई एवं यहीं उनका निर्वाण हुआ। आजादी की पहली लड़ाई लड़ने वाले बाबू वीर कुँवर सिंह यहीं के योद्धा थे। सौ साल पहले गांधीजी यहां आए थे और जनता को जोड़कर आजादी की लड़ाई को तीस वर्ष के अंदर ही जीत ली। बापू के विचारों को अगर लोग अपना लें तो टकराव और ईर्ष्या के माहौल से छुटकारा पाया जा सकता है।




मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां का गौरवशाली इतिहास सकारात्मकता पर आधारित है। उन्होंने कहा कि अब राज्य में कानून एवं व्यवस्था का माहौल है। देर शाम लोग यहां घूमने के लिए निकलते हैं। इस कन्वेंशन केंद्र में भी रेस्तरां का निर्माण होने वाला है। लोग यहां घूमेंगे और अच्छे खाने का आनंद उठाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि भवन निर्माण निगम लिमिटेड के आठ वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। इसकी उपलब्धियों के बारे में भवन निर्माण मंत्री एवं विभाग के प्रधान सचिव ने विस्तार से बताया है। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा बेहतर भवन बनाए जा रहे हैं जो आपदा प्रबंधन के लिहाज से भी बेहतर हैं। भवन के रखरखाव पर भी ध्यान देने की जरूरत है।  उन्होंने कहा कि मैं बिहारवासियों को बधाई  देता  हूँ  कि  यह  सभ्यता  द्वार  का आज  लोकार्पण  हुआ  है,  जो  बिहार के वैभवशाली इतिहास का संकेत है। यह लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देष दिया कि आने वाले दिनों में यहाॅ लोगों की भीड़ होगी और इसके लिये क्राउड मैनेजमेंट का भी ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि आज जिन लोगों को पुरस्कृत किया गया है, उनलोगों को भी बधाई देता हूँ।


इस मौके पर मुख्यमंत्री का स्वागत भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार ने पुष्प-गुच्छ एवं प्रतीक चिह्न भेंट कर किया। बापू सभागार में बापू के जीवन से जुड़े व्यक्तित्वों, विचारों के म्यूरल का भी उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया। मुख्यमंत्री ने कलाकार पद्मश्री श्री ब्रह्मदेव पंडित, श्री अनूप कुमार चांद एवं श्री अरूण पंडित सहित अन्य तीन अभियंताओं एवं तीन संवेदकों को भी पुरस्कृत किया। कार्यक्रम के दौरान सम्राट अषोक कन्वेंशन केन्द्र पर आधारित तथा बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड पर आधारित लघु वृतचित्रों का प्रदर्शन किया गया।

सभा को उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, भवन निर्माण मंत्री श्री महेश्वर हजारी, भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री डॉ0 प्रेम कुमार, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्री पशुपति कुमार पारस, उद्योग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री जयकुमार सिंह, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री रामनारायण मंडल, सहकारिता मंत्री श्री राणा रंधीर सिंह, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री श्री रमेश ऋषिदेव, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, अध्यक्ष सह सदस्य राजस्व पर्षद श्री सुनील कुमार सिंह, कृषि विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण


विभाग के सचिव श्री प्रेम सिंह मीणा, भवन निर्माण विभाग के एम0डी0 श्री साकेत कुमार, मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण, भवन निर्माण विभाग के अभियंतागण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
(महाबलेश्वर; तीरथ करना हो या नैसर्गिक खूबसूरती का लुत्फ उठाना या फिर इतिहास में झांकना...यहां जरूर आइए

((महाबलेश्वर; खूबसूरती ऐसी कि कैमरा भी तस्वीर लेते-लेते थक जाए, ऐसी खूबसूरती का दीदार भला किसे पसंद नहीं 
((त्र्यंबकेश्वर: तीन लिंगों वाला एकमात्र ज्योतिर्लिंग मंदिर
(Trimbkeshwar Temple, Nashik, Maharashtra त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर...
((छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रतापगढ़ किला ; Chhatrapati ShivaJi Maharaj Ka...
((महाबलेश्वर: एलिफैंट हेड नीडल होल पॉइंट; Mahabaleshwar: Elephant Head Nee...
((महाबलेश्वर:इको पॉइंट और केट्स पॉइंट; Mahabaleshwar: Echo Point & Kates P...
((महाबलेश्वर: सनसेट पॉइंट या बॉम्बे पॉइंट जरूर देखें; Mahabaleshwar: Bomba...
((महाबलेश्वर: आर्थर प्वाइंट की कहानी Mahabaleshwar: Arthar Point ki kahani
((महाबलेश्वर: लॉडविक प्वाइंट की कहानी Mabaleshwar: Lodwick Point Ki Kahani
((महाबलेश्वर-एलिफैंट हेड पॉइंट की खासियत ; Mahabaleshwar-Elephant Head Point
((महाराष्ट्र को मानो: कभी कलंब बिच तो आइये (Kalamb Beach, Nalasopaara)
((कभी बारिश में तुंगारेश्वर घूमने का मौका मिले, तो जरूर जाएं 
((महाराष्ट्र के दहाणू महालक्ष्मी मंदिर: शीतल पवन और हर ओर हरियाली के बीच भक्ति का आनंद 




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मंगलवार, 24 अप्रैल 2018

सीतामढ़ी को आकर्षक पर्यटक स्थल बनाया जाएगा: नीतीश कुमार, CM, बिहार

सब मिलकर बिहार को आदर्श राज्य बनाने का संकल्प लें: नीतीश कुमार
विकास का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचे सही मायने में वही विकास है:- नीतीश कुमार

पुनौरा धाम के विकास से नारी सशक्तिकरण को और बल मिलेगा : नीतीश कुमार

पटना, 24 अप्रैल 2018:- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुनौरा धाम, हलेश्वर स्थान, पंथ पाकड़ और सीतामढ़ी के विकास के लिए पूरी कोशिश करने का वादा किया। साथ ही कहा कि इन स्थलों को आकर्षक पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा। माँ जानकी जन्मोत्सव के मौके पर सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में आयोजित सीतामढ़ी महोत्सव-2018 का आज उद्घाटन करते हुए नीतीश ने ये बातें कही। इस मौके पर उन्होंने बिहार के लोगों से राज्य को आदर्श राज्य बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक विकास का लाभ हर व्यक्ति तक नहीं पहुंचता है, तब तक सही मायने में विकास नहीं कहा जा सकता है। 

सीतामढ़ी महोत्सव-2018 के उद्घाटन से पहले हेलीपैड पहुँचने पर स्थानीय नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को गुलदस्ता और माला भेंटकर उनका अभिनंदन किया। हेलीपैड से पुनौरा धाम में स्थापित जानकी जन्म मंदिर पहुंचकर मुख्यमंत्री ने पूजा अर्चना कर मंदिर प्रांगण में वृक्षारोपण  किया। जानकी जन्म मंदिर प्रांगण के प्रेक्षागृह में मिथिला राघव परिवार द्वारा आयोजित श्रीराम कथा  में मुख्यमंत्री सम्मिलित  हुये  और ‘मानस  में  युगल  गीत’ धार्मिक  पुस्तक का  विमोचन किया।

गौरतलब  है कि पदम् विभूषण जगतगुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज श्रीराम कथा का वाचन कर रहे थे। पुनौरा धाम में ही स्थित माँ जानकी की प्राकट्य स्थली ‘सीता कुण्ड’के समक्ष मुख्यमंत्री ने मंत्रोच्चार के बीच आरती किया। सीतामढ़ी महोत्सव-2018 के मौके पर आयोजित जनसभा को लेकर बने मंच पर मुख्यमंत्री को पुष्प-गुच्छ, शॉल और प्रतीक चिन्ह भेंटकर पर्यटन सचिव श्री पंकज कुमार ने उनका स्वागत किया।  स्थानीय नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का पाग, शॉल एवं फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कॉफी टेबुल  बुक का विमोचन किया। 




रिमोट के माध्यम से मुख्यमंत्री ने 48 करोड़ 53 लाख रुपये की लागत वाली पुनौरा धाम के विकास, सौंदर्यीकरण एवं पर्यटकीय सुविधाओं से संबंधित योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। सीतामढ़ी महोत्सव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार ने सबसे पहले पदम् विभूषण जगत गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज का अभिनंदन करते हुए माँ जानकी की प्राकट्य स्थली पुनौरा धाम, सीतामढ़ी की परम पावन धरती को नमन किया। उन्होंने कहा कि जगत गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज  ने पहली मुलाकात में ही जानकी नवमी के उपलक्ष्य पर अवकाश घोषित करने की मांग की, जिस पर सरकार ने तत्काल निर्णय लिया। 

सम्भवतः 9 वर्षों से हम लगातार पुनौरा धाम पधार रहे हैं। जब मिथिला में भयंकर सूखा पड़ा था, लोग काफी परेशान थे, तभी राजा जनक ने स्वयं हल चलाया तो माँ जानकी प्रकट हुईं, यह पूरी दुनिया जानती है। पुनौरा धाम, हलेश्वर स्थान, पंथ पाकड़ और सीतामढ़ी के विकास के लिए पूरी कोशिश  की जा रही है। इस स्थल का विकास इस प्रकार से किया जाएगा कि यह एक आकर्षक स्थल होगा। वैसे तो यह पहले से ही आकर्षक स्थल है। जगत 
गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज का योगदान आध्यात्मिक जगत के साथ-साथ समाज सेवा में भी है। इन्होंने विकलांग विश्वविद्यालय की स्थापना की है, जो अपने आप मे एक बहुत  बड़ी बात है। मैं इसके लिए भी जगत गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज का विशेष तौर पर अभिनंदन करता हूँ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नर-नारी समानता के लिए हमने (शुरू से) नवंबर 2005 से ही काम करना प्रारंभ किया। बिहार की बागडोर संभालने के तीन महीने बाद  ही 2005 में हुए पंचायत चुनाव में महिलाओं की आधी आबादी को देखते हुए 50 प्रतिशत का आरक्षण लागू किया। उसके बाद वर्ष 2007 में हुए नगर निकाय चुनाव में भी  महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण बिहार ने देने का काम किया। इस प्रकार पंचायत और नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण देने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। इसके बाद अब तक 3 चुनाव सम्पन्न हुये हैं और वह अब बिहार में पूरी तरह स्वीकार्य हो चुका है। केंद्र की सरकार ने भी इसे स्वीकार  किया है। 






स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा पुनौरा धाम में बदहाल अस्पताल को दुरुस्त करने की मांग पर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में जिलाधिकारी और आयुक्त को इस संदर्भ  में प्रस्ताव देने की बात कही। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में हमारी सरकार बनी, तब फरवरी 2006 में हमने सर्वे कराया तो पता चला कि एक प्राथमिक स्वास्थ्य  केंद्र में एक माह में औसतन 39 मरीज आते हैं यानी प्रत्येक दिन एक और भूलवश किसी-किसी दिन 2 मरीज पी0एच0सी0 में इलाज कराने पहुंचते थे। तब हमने सरकारीअस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों एव पारा मेडिकल स्टॉफ की दिन-रात व्यवस्था के  साथ-साथ तत्कालीन  उप  राष्ट्रपति  आदरणीय  भैरो  सिंह  शेखावत  के  कर  कमलों  द्वारा मुफ्त  दवा की सुविधा  उपलब्ध कराई।  

नवंबर  माह  में पुनः सर्वे कराया  गया  तो  एक पी0एच0सी0 में प्रति  माह  मरीजों की  संख्या  बढ़कर  1,200 से 1,500 हो  गयी।  वर्तमान  में औसतन 10,000 मरीज एक पी0एच0सी0 में प्रतिमाह इलाज कराने पहुंचते है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में बेहतर व्यवस्था  उपलब्ध कराई जाएगी ताकि किसी प्रकार की तकलीफ होने पर उसका तत्काल इलाज हो सके।

साइकिल योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 9वें क्लास में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए साइकिल योजना शुरू की गई। उसके बाद साइकिल चलाती हुई लड़कियों ने  स्कूल  जाना  प्रारंभ   किया,  जिससे  पूरे बिहार में  जो दृश्य उपस्थित  हुआ,  वह  पूरी  तरह बदला हुआ था। पुनौरा धाम के विकास में जो भी काम होगा, उससे नारी सशक्तिकरण को और अधिक अधिक प्रेरणा मिलेगी। महिलाओं की मांग पर ही  पूरे बिहार में हमने शराबबंदी लागू की और अब आई0जी0 प्रोहिबिशन भी बना दिया है। बिजली के खंभों पर एक टेलीफोन नम्बर भी लिखवाया जा रहा  है ताकि शराब बेचने या शराब का सेवन करने वाले लोगों की सूचना मिलने पर एक से दो घंटे के अंदर कार्रवाई की जा सके। शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा और कार्रवाई से वह संतुष्ट है या नहीं, यह भी उससे पूछा जाएगा।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि  बिहार  को  शराबबंदी  से  नशामुक्ति  की  ओर ले  जाना है। शराबबंदी से शहर, गांव और कस्बा में चहुंओर शांति और सद्भाव का माहौल कायम हुआ है  जहां पहले कोलाहल हुआ करता था लेकिन अभी भी कुछ गिने चुने लोग चोरी छिपे शराब का सेवन कर रहे हैं और शराब बेचने के काम मे धंधेबाज लगे हुए हैं।  ऐसी स्थिति में हम सबको सजग रहने की आवश्यकता है क्यांेकि सबसे बड़ी चीज है जागृति। माँ जानकी की जन्मभूमि पर जगत गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज ने शराबबंदी के काम का समर्थन किया है, इससे जरूर अच्छा संदेश जाएगा।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा से जो परेशानी है, उससे समाज को छुटकारा दिलाना है।इसको लेकर इसी वर्ष जनवरी माह में 14 हजार किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनी, जिसमें शामिल होकर बिहार के लोगों ने इन सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अपनी भावना का प्रकटीकरण किया। उन्होंने कहा कि माँ जानकी के जन्मोत्सव का अवसर है और अभी लगन भी चल रहा है इसलिए यहीं से संदेश निकलना चाहिए कि न कोई दहेज ले और न ही कोई दहेज दे।

सीतामढ़ी महोत्सव में मौजूद लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आप मन बना लीजियेगा तो
जल्द ही समाज दहेज प्रथा मुक्त होगा। इसके लिए आपको दहेज नहीं लेने और दहेज का लेन-देन कर शादी करने वालों के विवाह समारोह में शामिल नही होने का संकल्प लेना होगा।

बिहार में लागू हुई मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका मकसद बाल विवाह को रोकना है। उन्होंने कहा  कि इस योजना के तहत 2 वर्ष की उम्र पूरा करने वाली बालिकाओं को राज्य सरकार की तरफ से 5,000 रुपये मुहैया कराया जायेगा, जिसमें लड़की पैदा होने के वक्त उसके माता-पिता के खाते में 2000 रुपये, एक साल बाद आधार से लिंक होने पर 1,000 रुपये और 2 वर्ष की अवधि तक पूर्ण टीकाकरण होने पर पुनः 2000 रुपये उपलब्ध  कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त पहले से चल रही पोशाक योजना की राशि में भी बढ़ोत्तरी की गयी है, जिसमें कक्षा एक एवं दो में पढ़ने वाली लड़कियों को 400 रूपये की जगह 600 रुपये, कक्षा 3 से 5 में पढ़ने वाली बालिकाओं को 500 के बजाय 700 रुपये, कक्षा 6 से 8 में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए 700 की जगह 1,000 रुपये और  कक्षा 9 से 12वीं में पढ़ने वाली छात्राओं को अब 1,000 की जगह 1,500 रूपये की राशि पोशाक के लिए प्रदान की जाएगी। किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 7वीं से 12वीं में पढ़ने वाली लड़कियों को सैनेटरी नैपकिन के लिए पहले जहाँ 150 रुपये सालाना लड़कियों को दिया जाता था, अब उसकी जगह उन्हें 300 रुपये प्रदान किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि बाल विवाह पर लगाम लगाने के लिए इंटरमीडिएट पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को 10,000 रूपये की राशि मुहैया कराने का राज्य सरकार ने फैसला लिया है, वहीं ग्रेजुएशन करने वाली लड़कियों को 25,000 रुपये मुहैया कराने का राज्य सरकार ने फैसला लिया है, वह चाहे कुंवारी हो या विवाहित। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना से लिंग अनुपात सुधरेगा, भ्रूण हत्या में कमी आएगी, बाल विवाह रुकेगा साथ ही लड़कियां शिक्षित होंगी। उन्होंने कहा कि समेकित बाल विकास योजना के अंतर्गत 3 से 6 वर्ष की उम्र वाले आंगनबाड़ी में पढ़ रहे बच्चों को पोशाक हेतु मिलने वाली पोशाक राशि में भी बढ़ोत्तरी की गयी है। आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों को अब पोशाक के लिए 250 की जगह 400 रुपये प्रदान किये जायेंगे। इस  प्रकार  एक  लड़की  के  पैदा  होने  से ग्रेजुएट  की  पढ़ाई  पूरी करने तक  सरकार उस पर 54,100 रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि पुरुषों को बेटा की तरह बेटी पर भी ध्यान देना चाहिए और  बीमार पड़ने पर उसका इलाज भी कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिशु मृत्यु दर में कमी आयी है लेकिन लड़कों की अपेक्षा लड़कियों का अनुपात कम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम न्याय के साथ विकास का काम करते हैं, जिसका मकसद हर तबके और हर इलाके का विकास करना है ताकि उस विकास का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंच सके लेकिन सामाजिक  कुरीतियों को खत्म किए बिना विकास का सही मायने में लाभ नहीं मिलेगा। समाज में प्रेम, सद्भाव, शांति और आपसी भाईचारा का माहौल कायम रहे, इसके लिए हम सदैव प्रयत्नशील हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराध की घटनाओं में  काफी कमी आई है लेकिन दहेज हत्या और दहेज प्रताड़ना की घटनाएं देखकर काफी दुख होता है। उन्होंने कहा कि बिहार को आदर्श प्रांत बनाने के लिए हम सबको आगे आना होगा। लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मां जानकी की इस जन्मभूमि पर बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों से समाज को छुटकारा दिलाने के लिए हम सबको संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकास का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचे सही मायने में वही विकास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुनौरा धाम, हलेश्वर स्थान और पंथ पाकड़ के सौंदर्यीकरण और सीतामढ़ी को विकसित करने का काम पर्यटन विभाग ने 2 साल में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है लेकिन हम चाहेंगे कि जितनी जल्दी हो सके उतना ही अच्छा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के 350वें जन्मोत्सव के मौके पर प्रकाश पर्व का भव्य आयोजन किया गया क्योंकि सभी धर्मों के प्रति हम श्रद्धा और सम्मान का भाव रखते हैं, इसके लिए जो भी करना पड़े हम करेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार ज्ञान की भूमि रही है और इसका इतिहास काफी गौरवशाली है। हमें उस पुराने गौरव को फिर से प्राप्त करना है। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री को मधुबनी पेंटिंग भेंट की गई।

सीतामढ़ी महोत्सव-2018 के  मौके पर आयोजित जनसभा को पदम् विभूषण जगत गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज, उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, पथ निर्माण मंत्री श्री नन्द किशोर यादव, पर्यटन मंत्री श्री प्रमोद कुमार, सांसद श्री प्रभात झा, सांसद श्री रामकुमार शर्मा, विधायक श्री सुनील कुमार कुशवाहा एवं पर्यटन सचिव श्री पंकज कुमार ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर नगर विकास एवं आवास सह सीतामढ़ी जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुरेश शर्मा, सांसद श्री आर0के0 सिन्हा, सांसद श्री अजय निषाद, विधानपार्षद श्री देवेश चन्द्र ठाकुर, विधान पार्षद श्री राजकिशोर कुशवाहा, विधान पार्षद श्री रामेश्वर महतो, विधायक श्रीमती रंजू गीता, विधायक श्रीमती सुनीता सिंह चैहान, विधायक श्री दिनकर राम, पूर्व मंत्री श्री सुनील कुमार पिंटू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा, तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त श्री एच0आर0 श्रीनिवासन, आई0जी0 श्री सुनील कुमार, डी0आई0जी0 श्री अनिल कुमार सिंह, जिलाधिकारी श्री राजीव रौशन, पुलिस अधीक्षक श्री हरिनारायण एस0जी0 सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, वरीय अधिकारीगण एवं
बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे।

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने साथ ही आज सीतामढ़ी धाम स्थित जानकी प्राकट्य स्थली शक्तिपीठ में पूजा अर्चना करने के बाद जानकी बाल उद्यान का उद्घाटन किया। शक्तिपीठ प्रबंधन द्वारा मुख्यमंत्री को शॉल, माला एवं सीतामढ़ी धाम से संबंधित तस्वीर भेंटकर उन्हें सम्मानित किया गया। इसके बाद माँ जानकी जन्मस्थली सीतामढ़ी धाम में मंत्रोच्चार के बीच मुख्यमंत्री ने श्री उर्विजा कुंड के समक्ष माँ जानकी की आरती की।

इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने सीतामढ़ी के डुमरा में नवनिर्मित जानकी बाल उद्यान का उद्घाटन शिलापट्ट का अनावरण और रिबन काटकर किया। सीतामढ़ी के डुमरा में वार्ड संख्या 3 में नवनिर्मित जानकी बाल उद्यान का निर्माण 1 करोड़ 28 लाख 1,300 रुपये की लागत से हुआ है।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, पथ निर्माण मंत्री श्री नंद किशोर यादव, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, वरीय अधिकारीगण एवं स्थानीय लोग उपस्थित थे।
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