आई.जी.एन.सी.ए. में “संजारी: एक भारत – श्रेष्ठ भारत” की सातवीं श्रृंखला का आयोजन
(स्रोत-पीआईबी)
(महाबलेश्वर; तीरथ करना हो या नैसर्गिक खूबसूरती का लुत्फ उठाना या फिर इतिहास में झांकना...यहां जरूर आइए
संस्कृति मंत्रालय का इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र अपने 30 वे स्थापना दिवस से शुरू “संजारी: एक भारत – श्रेष्ठ भारत” श्रृंखला का हर माह सफल आयोजन कर रहा है। केंद्र का प्रयास है की देश के विभिन्न भागों के लुप्त हो रहे लोक संगीत हर माह दिल्ली में आम श्रोताओं के लिए उसके असल रूप में उपलब्ध करवाया जाये ताकि ये लोक संगीत अपना वजूद कायम रख सके और नयी पीढ़ी तक अपने असल रूप में पहुँच सके | केंद्र “संजारी: एक भारत – श्रेष्ठ भारत” के अभी तक 6 सफल आयोजन कर चुका है जिसमे अरुणाचल, बिहार व राजस्थान, गोवा, तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर के लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं | केंद्र द्वारा प्रति मास आयोजित इस “संजारी: एक भारत – श्रेष्ठ भारत” की 7 वीं श्रृंखला में उत्तराखंड की लोक गायिका पद्मश्री बसंती बिष्ट एवं कर्नाटक के जोगीला सिद्धूराजू ने अपनी प्रस्तुति दी |
19 मई को इस श्रृंखला के प्रथम सत्र में उत्तराखंड की प्रथम महिला जागर गायिका बसंती बिष्ट ने अपनी टीम के साथ समां बांधा, जिसमे उन्होंने उत्तराखंड के वैदिक संस्कार से जुड़े मांगलिक गीतों एवं लोकगीतों की प्रस्तुति दी|
(उत्तराखंड की प्रथम महिला जागर गायिका बसंती बिष्ट अपने साथी कलाकारों के साथ प्रस्तुति देते हुए)
(जागर गायिका बसंती बिष्ट प्रस्तुति देते हुए)
20 मई को इस श्रृंखला के दूसरे सत्र में कर्नाटक के लोक कलाकार श्री जोगीला सिद्धूराजू ने अपनी प्रस्तुति दी | जोगीला सिद्धूराजू कर्नाटक के लोक गायक हैं संगीत इन्हें विरासत में मिला, ये बचपन से लोक गीत गाते रहे हैं। श्री जोगीला सिद्धूराजू ने कार्यक्रम के दौरान दक्षिण भारत के विभिन्न लोकगीतों और लोकगाथाओं को प्रस्तुत किया।
(दक्षिण भारतीय लोक कलाकार श्री जोगीला सिद्धूराजू अपने साथी कलाकारों के साथ प्रस्तुति देते हुए)
(दक्षिण भारतीय लोक कलाकार श्री जोगीला सिद्धूराजू प्रस्तुति देते हुए)
(स्रोत-पीआईबी)
(महाबलेश्वर; तीरथ करना हो या नैसर्गिक खूबसूरती का लुत्फ उठाना या फिर इतिहास में झांकना...यहां जरूर आइए
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