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सोमवार, 21 मई 2018

बिहार आने वाले सैलानियों को तोहफा, अब पटना के 'सभ्यता द्वार' पर देख सकेंगे सूबे के वैभवशाली इतिहास की झलकियां

सभ्यता द्वार बिहार के वैभवशाली इतिहास का संकेत है:- मुख्यमंत्री
पटना का सभ्यता द्वार


पटना, 21 मई 2018:-अगर बिहार घूमने आते हैं तो पटना का 'सभ्यता द्वार' जरूर जाएं। बिहार के वैभवशाली इतिहास की झलकियां आपको यहां देखने को मिलेगी। सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी जानकारी दी। 






नीतीश कुुमार ने आज सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र पटना अवस्थित 'सभ्यता द्वार' का लोकार्पण, सम्राट अशोक की सांकेतिक मूर्ति तथा अशोक स्तम्भ का अनावरण किया। सम्राट अशोक कन्वेंंशन केन्द्र के ज्ञान भवन में बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड के स्थापना दिवस समारोह का मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 486.47 करोड़ रुपये की 187 योजनाओं का लोकार्पण एवं 16.32 करोड़ रूपये की चार योजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास भी किया।


आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले मैं भवन निर्माण निगम लिमिटेड के स्थापना दिवस समारोह पर आप सबको बधाई देता हूँ। आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि आज सभ्यता द्वार का लोकार्पण हुआ है। सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र के परिसर में पहले ज्ञान भवन, फिर बापू सभागार और अब सभ्यता द्वार का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है। आज ही सांकेतिक सम्राट अशोक की मूर्ति लगाई गई है। यह मूर्ति बहुत कुछ अशोक के बारे में बताती है। चंडाशोक से धम्माशोक के परिवर्तन के रूप का यह प्रतीक है। दुनिया को जीतने की इच्छा रखने वाले सम्राट अशोक ने अंत में धर्म के रास्ते को अपनाया।  उन्होंने  कहा  कि  यह  पाटलिपुत्र  अशोक  एवं  उनके  दादा  चंद्रगुप्त मौर्य की  भी राजधानी  थी।  पाटलिपुत्र  का  निर्माण  अजातशत्रु  ने करवाया था। महात्मा बुद्ध उत्तर बिहार जाने के क्रम में पाटलिपुत्र से गुजरे थे और उसी वक्त पाटलिपुत्र के बारे में जो प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, उसी को सभ्यता द्वार में भी अंकित किया गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्ञान भवन का उद्घाटन चंपारण सत्याग्रह के सौ वर्ष पूरे होने पर  पिछले वर्ष दस  अप्रैल  को  बापू  के  विचारों  पर आधारित दो दिवसीय विमर्श के दौरान किया गया था। पिछले वर्ष ही दो अक्टूबर को बापू सभागार का उद्घाटन बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के अभियान की शुरूआत से की गई थी। ज्ञान भवन एवं बापू सभागार की प्रशंसा बाहर के लोग करते हैं। लोग इसे देखकर आश्चर्यचकित होते हैं। खुदाई से निकली हुई सामग्रियों के आधार पर ही उस दौरान की सभ्यता का निर्धारण भी किया जाता है इसलिए हमलोगों ने विशिष्ट भवनों के निर्माण की योजना बनायी। यह संरचना स्टील स्ट्रक्चर का बना हुआ है। बापू सभागार की क्षमता पांच हजार की है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरे कृषि रोड मैप की शुरूआत इसी ज्ञान भवन से राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने की थी और उन्होंने इस भवन की काफी प्रशंसा की थी। यहां कमिटी की बैठकों के लिए भी पर्याप्त जगह हैं। नीचले तल्ले पर प्रदर्शनी के लिए जगह है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर कन्वेंशन सेंटर पंच पहाड़ी के निकट बना है, यह भी अद्भुत है। यहां पर केंद्र सरकार के कार्यक्रम, पार्लियामेंट कमेटी की मीटिंग, नालंदा विश्वविद्यालय की शुरूआत जैसे कई कार्यक्रम किए गए हैं और सभी लोगों ने इसकी काफी प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह बिहार संग्रहालय राष्ट्रीय स्तर का बना है उसकी चर्चा दुनिया में हो रही है। इसका स्ट्रक्चर भी अपने आप में संग्रहालय का रूप ले रहा है। कुछ दिनों में ही पुलिस भवन का निर्माण पूर्ण हो जाएगा। यह आधुनिक तकनीक से निर्मित बेहतर भवन का प्रतीक होगा।


यह भवन भूकंपरोधी और अग्निरोधी है, 8 रिक्टर स्केल के भूकम्प पर भी यह सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि बगल में गंगा पथ बन रहा है। सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र का दृश्य आने वाले समय में और भी अद्भुत लगेगा। 

मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  पुल-पुलियों  का  निर्माण  के  साथ-साथ  शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि,समाज कल्याण  सभी  क्षेत्रों  में  काम  किया  जा  रहा  है।  पी0एम0सी0एच0  को हमलोग वर्ल्ड क्लास का अस्पताल बनाना चाहते हैं। भवन का डिजाइन एवं कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है। आई0जी0आई0एम0एस0 का विकास किया गया है। आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, चाणक्य लॉ इंस्टीच्यूट, चंद्रगुप्त मैनेजमेंट इन्स्टीच्यूट जैसे कई संस्थान बनाए गए हैं और सभी का नामकरण उन शख्सियतों के अर्थपूर्ण भाव को प्रदर्शित करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का इतिहास गौरवशाली रहा है। यहां चाणक्य, चंद्रगुप्त, शून्य का आविष्कार करने वाले आर्यभट्ट रहे हैं। बोधगया में बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ, महावीर का यहीं जन्म हुआ, ज्ञान प्राप्ति हुई एवं यहीं उनका निर्वाण हुआ। आजादी की पहली लड़ाई लड़ने वाले बाबू वीर कुँवर सिंह यहीं के योद्धा थे। सौ साल पहले गांधीजी यहां आए थे और जनता को जोड़कर आजादी की लड़ाई को तीस वर्ष के अंदर ही जीत ली। बापू के विचारों को अगर लोग अपना लें तो टकराव और ईर्ष्या के माहौल से छुटकारा पाया जा सकता है।




मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां का गौरवशाली इतिहास सकारात्मकता पर आधारित है। उन्होंने कहा कि अब राज्य में कानून एवं व्यवस्था का माहौल है। देर शाम लोग यहां घूमने के लिए निकलते हैं। इस कन्वेंशन केंद्र में भी रेस्तरां का निर्माण होने वाला है। लोग यहां घूमेंगे और अच्छे खाने का आनंद उठाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि भवन निर्माण निगम लिमिटेड के आठ वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। इसकी उपलब्धियों के बारे में भवन निर्माण मंत्री एवं विभाग के प्रधान सचिव ने विस्तार से बताया है। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा बेहतर भवन बनाए जा रहे हैं जो आपदा प्रबंधन के लिहाज से भी बेहतर हैं। भवन के रखरखाव पर भी ध्यान देने की जरूरत है।  उन्होंने कहा कि मैं बिहारवासियों को बधाई  देता  हूँ  कि  यह  सभ्यता  द्वार  का आज  लोकार्पण  हुआ  है,  जो  बिहार के वैभवशाली इतिहास का संकेत है। यह लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देष दिया कि आने वाले दिनों में यहाॅ लोगों की भीड़ होगी और इसके लिये क्राउड मैनेजमेंट का भी ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि आज जिन लोगों को पुरस्कृत किया गया है, उनलोगों को भी बधाई देता हूँ।


इस मौके पर मुख्यमंत्री का स्वागत भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार ने पुष्प-गुच्छ एवं प्रतीक चिह्न भेंट कर किया। बापू सभागार में बापू के जीवन से जुड़े व्यक्तित्वों, विचारों के म्यूरल का भी उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया। मुख्यमंत्री ने कलाकार पद्मश्री श्री ब्रह्मदेव पंडित, श्री अनूप कुमार चांद एवं श्री अरूण पंडित सहित अन्य तीन अभियंताओं एवं तीन संवेदकों को भी पुरस्कृत किया। कार्यक्रम के दौरान सम्राट अषोक कन्वेंशन केन्द्र पर आधारित तथा बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड पर आधारित लघु वृतचित्रों का प्रदर्शन किया गया।

सभा को उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, भवन निर्माण मंत्री श्री महेश्वर हजारी, भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री डॉ0 प्रेम कुमार, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्री पशुपति कुमार पारस, उद्योग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री जयकुमार सिंह, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री रामनारायण मंडल, सहकारिता मंत्री श्री राणा रंधीर सिंह, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री श्री रमेश ऋषिदेव, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, अध्यक्ष सह सदस्य राजस्व पर्षद श्री सुनील कुमार सिंह, कृषि विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण


विभाग के सचिव श्री प्रेम सिंह मीणा, भवन निर्माण विभाग के एम0डी0 श्री साकेत कुमार, मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण, भवन निर्माण विभाग के अभियंतागण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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