सोमवार, 21 मई 2018

बिहार आने वाले सैलानियों को तोहफा, अब पटना के 'सभ्यता द्वार' पर देख सकेंगे सूबे के वैभवशाली इतिहास की झलकियां

सभ्यता द्वार बिहार के वैभवशाली इतिहास का संकेत है:- मुख्यमंत्री
पटना का सभ्यता द्वार


पटना, 21 मई 2018:-अगर बिहार घूमने आते हैं तो पटना का 'सभ्यता द्वार' जरूर जाएं। बिहार के वैभवशाली इतिहास की झलकियां आपको यहां देखने को मिलेगी। सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी जानकारी दी। 






नीतीश कुुमार ने आज सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र पटना अवस्थित 'सभ्यता द्वार' का लोकार्पण, सम्राट अशोक की सांकेतिक मूर्ति तथा अशोक स्तम्भ का अनावरण किया। सम्राट अशोक कन्वेंंशन केन्द्र के ज्ञान भवन में बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड के स्थापना दिवस समारोह का मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 486.47 करोड़ रुपये की 187 योजनाओं का लोकार्पण एवं 16.32 करोड़ रूपये की चार योजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास भी किया।


आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले मैं भवन निर्माण निगम लिमिटेड के स्थापना दिवस समारोह पर आप सबको बधाई देता हूँ। आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि आज सभ्यता द्वार का लोकार्पण हुआ है। सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र के परिसर में पहले ज्ञान भवन, फिर बापू सभागार और अब सभ्यता द्वार का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है। आज ही सांकेतिक सम्राट अशोक की मूर्ति लगाई गई है। यह मूर्ति बहुत कुछ अशोक के बारे में बताती है। चंडाशोक से धम्माशोक के परिवर्तन के रूप का यह प्रतीक है। दुनिया को जीतने की इच्छा रखने वाले सम्राट अशोक ने अंत में धर्म के रास्ते को अपनाया।  उन्होंने  कहा  कि  यह  पाटलिपुत्र  अशोक  एवं  उनके  दादा  चंद्रगुप्त मौर्य की  भी राजधानी  थी।  पाटलिपुत्र  का  निर्माण  अजातशत्रु  ने करवाया था। महात्मा बुद्ध उत्तर बिहार जाने के क्रम में पाटलिपुत्र से गुजरे थे और उसी वक्त पाटलिपुत्र के बारे में जो प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, उसी को सभ्यता द्वार में भी अंकित किया गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्ञान भवन का उद्घाटन चंपारण सत्याग्रह के सौ वर्ष पूरे होने पर  पिछले वर्ष दस  अप्रैल  को  बापू  के  विचारों  पर आधारित दो दिवसीय विमर्श के दौरान किया गया था। पिछले वर्ष ही दो अक्टूबर को बापू सभागार का उद्घाटन बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के अभियान की शुरूआत से की गई थी। ज्ञान भवन एवं बापू सभागार की प्रशंसा बाहर के लोग करते हैं। लोग इसे देखकर आश्चर्यचकित होते हैं। खुदाई से निकली हुई सामग्रियों के आधार पर ही उस दौरान की सभ्यता का निर्धारण भी किया जाता है इसलिए हमलोगों ने विशिष्ट भवनों के निर्माण की योजना बनायी। यह संरचना स्टील स्ट्रक्चर का बना हुआ है। बापू सभागार की क्षमता पांच हजार की है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरे कृषि रोड मैप की शुरूआत इसी ज्ञान भवन से राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने की थी और उन्होंने इस भवन की काफी प्रशंसा की थी। यहां कमिटी की बैठकों के लिए भी पर्याप्त जगह हैं। नीचले तल्ले पर प्रदर्शनी के लिए जगह है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर कन्वेंशन सेंटर पंच पहाड़ी के निकट बना है, यह भी अद्भुत है। यहां पर केंद्र सरकार के कार्यक्रम, पार्लियामेंट कमेटी की मीटिंग, नालंदा विश्वविद्यालय की शुरूआत जैसे कई कार्यक्रम किए गए हैं और सभी लोगों ने इसकी काफी प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह बिहार संग्रहालय राष्ट्रीय स्तर का बना है उसकी चर्चा दुनिया में हो रही है। इसका स्ट्रक्चर भी अपने आप में संग्रहालय का रूप ले रहा है। कुछ दिनों में ही पुलिस भवन का निर्माण पूर्ण हो जाएगा। यह आधुनिक तकनीक से निर्मित बेहतर भवन का प्रतीक होगा।


यह भवन भूकंपरोधी और अग्निरोधी है, 8 रिक्टर स्केल के भूकम्प पर भी यह सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि बगल में गंगा पथ बन रहा है। सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र का दृश्य आने वाले समय में और भी अद्भुत लगेगा। 

मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  पुल-पुलियों  का  निर्माण  के  साथ-साथ  शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि,समाज कल्याण  सभी  क्षेत्रों  में  काम  किया  जा  रहा  है।  पी0एम0सी0एच0  को हमलोग वर्ल्ड क्लास का अस्पताल बनाना चाहते हैं। भवन का डिजाइन एवं कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है। आई0जी0आई0एम0एस0 का विकास किया गया है। आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, चाणक्य लॉ इंस्टीच्यूट, चंद्रगुप्त मैनेजमेंट इन्स्टीच्यूट जैसे कई संस्थान बनाए गए हैं और सभी का नामकरण उन शख्सियतों के अर्थपूर्ण भाव को प्रदर्शित करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का इतिहास गौरवशाली रहा है। यहां चाणक्य, चंद्रगुप्त, शून्य का आविष्कार करने वाले आर्यभट्ट रहे हैं। बोधगया में बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ, महावीर का यहीं जन्म हुआ, ज्ञान प्राप्ति हुई एवं यहीं उनका निर्वाण हुआ। आजादी की पहली लड़ाई लड़ने वाले बाबू वीर कुँवर सिंह यहीं के योद्धा थे। सौ साल पहले गांधीजी यहां आए थे और जनता को जोड़कर आजादी की लड़ाई को तीस वर्ष के अंदर ही जीत ली। बापू के विचारों को अगर लोग अपना लें तो टकराव और ईर्ष्या के माहौल से छुटकारा पाया जा सकता है।




मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां का गौरवशाली इतिहास सकारात्मकता पर आधारित है। उन्होंने कहा कि अब राज्य में कानून एवं व्यवस्था का माहौल है। देर शाम लोग यहां घूमने के लिए निकलते हैं। इस कन्वेंशन केंद्र में भी रेस्तरां का निर्माण होने वाला है। लोग यहां घूमेंगे और अच्छे खाने का आनंद उठाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि भवन निर्माण निगम लिमिटेड के आठ वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। इसकी उपलब्धियों के बारे में भवन निर्माण मंत्री एवं विभाग के प्रधान सचिव ने विस्तार से बताया है। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा बेहतर भवन बनाए जा रहे हैं जो आपदा प्रबंधन के लिहाज से भी बेहतर हैं। भवन के रखरखाव पर भी ध्यान देने की जरूरत है।  उन्होंने कहा कि मैं बिहारवासियों को बधाई  देता  हूँ  कि  यह  सभ्यता  द्वार  का आज  लोकार्पण  हुआ  है,  जो  बिहार के वैभवशाली इतिहास का संकेत है। यह लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देष दिया कि आने वाले दिनों में यहाॅ लोगों की भीड़ होगी और इसके लिये क्राउड मैनेजमेंट का भी ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि आज जिन लोगों को पुरस्कृत किया गया है, उनलोगों को भी बधाई देता हूँ।


इस मौके पर मुख्यमंत्री का स्वागत भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार ने पुष्प-गुच्छ एवं प्रतीक चिह्न भेंट कर किया। बापू सभागार में बापू के जीवन से जुड़े व्यक्तित्वों, विचारों के म्यूरल का भी उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया। मुख्यमंत्री ने कलाकार पद्मश्री श्री ब्रह्मदेव पंडित, श्री अनूप कुमार चांद एवं श्री अरूण पंडित सहित अन्य तीन अभियंताओं एवं तीन संवेदकों को भी पुरस्कृत किया। कार्यक्रम के दौरान सम्राट अषोक कन्वेंशन केन्द्र पर आधारित तथा बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड पर आधारित लघु वृतचित्रों का प्रदर्शन किया गया।

सभा को उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, भवन निर्माण मंत्री श्री महेश्वर हजारी, भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री डॉ0 प्रेम कुमार, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्री पशुपति कुमार पारस, उद्योग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री जयकुमार सिंह, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री रामनारायण मंडल, सहकारिता मंत्री श्री राणा रंधीर सिंह, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री श्री रमेश ऋषिदेव, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, अध्यक्ष सह सदस्य राजस्व पर्षद श्री सुनील कुमार सिंह, कृषि विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण


विभाग के सचिव श्री प्रेम सिंह मीणा, भवन निर्माण विभाग के एम0डी0 श्री साकेत कुमार, मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण, भवन निर्माण विभाग के अभियंतागण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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गुरुवार, 26 अप्रैल 2018

पर्यटन मंत्रालय ने अतुल्य भारत पर 360 डिग्री वर्चुअल रियलिटी (वीआर) वीडियो लांच किया

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने गूगल इंडिया के सहयोग से आज अतुल्य भारत https://t.co/H1VdcNXBUR पर 360 डिग्री वर्चुअल रियलिटी (वीआर) अनुभव वीडियो लांच किया। भारत को विविध अनुभवों का एक गंतव्य स्थल बताते हुए केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री के.जे. अल्फोंस ने कहा “भारत एक प्रतिष्ठित गंतव्य स्थल है, जो जलवायु, भूगोल, संस्कृति, कला, साहित्य एवं भोजन के अनूठे अनुभव प्रस्तुत करता है।” मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि सरकार भारत के एवं पूरी दुनिया के लोगों को हमारे देश की समृद्ध विरासत में तल्लीन हो जाने का एक अद्भूत अवसर देना चाहती है। और गूगल के साथ साझेदारी के जरिए सरकार नये और दुनिया के अलग-अलग लोगों को इससे जोड़ना और उन्हें एक अभूतपूर्व तरीके से तल्लीन हो जाने वाली विषय वस्तु प्रस्तुत करना चाहती है।
समारोह के दौरान बोलते हुए श्री के.जे. अल्फोंस ने कहा कि निम्न/निशुल्क लागत पर आम आदमी तक आभासी वास्तविकता (वर्चुअल रियलिटी) को ले जाने से संग्रहालयों पर फोकस के साथ प्रतिष्ठित स्मारक स्थलों एवं अन्य पर्यटन गंतव्यों पर पर्यटकों की उपस्थिति में बढ़ोतरी होगी।
360 डिग्री में अतुल्य भारत हम्पी, गोवा, दिल्ली एवं अमृतसर की यात्रा के जरिए एक अभूतपूर्व अनुभव प्रदान करता है और उन स्थानों तथा लोगों की खोज करता है, जो इनमें से प्रत्येक प्रतिष्ठित भारतीय स्थलों को अतुल्यनीय बना देते हैं। इससे संबंधित और अधिक वीडियो https://g.co/incredibleindia  पर उपलब्ध होंगे।
वर्चुअल रियलिटी वीडियो के उद्घाटन समारोह में पर्यटन मंत्रालय की सचिव श्रीमती रश्मि वर्मा एवं नीति योजना निर्माण एवं सरकार (गूगल इंडिया) के निदेशक श्री चेतन के एवं गूगल के प्रतिनिधियों के साथ-साथ कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

(Source:pib.nic.in)

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मंगलवार, 24 अप्रैल 2018

सीतामढ़ी को आकर्षक पर्यटक स्थल बनाया जाएगा: नीतीश कुमार, CM, बिहार

सब मिलकर बिहार को आदर्श राज्य बनाने का संकल्प लें: नीतीश कुमार
विकास का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचे सही मायने में वही विकास है:- नीतीश कुमार

पुनौरा धाम के विकास से नारी सशक्तिकरण को और बल मिलेगा : नीतीश कुमार

पटना, 24 अप्रैल 2018:- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुनौरा धाम, हलेश्वर स्थान, पंथ पाकड़ और सीतामढ़ी के विकास के लिए पूरी कोशिश करने का वादा किया। साथ ही कहा कि इन स्थलों को आकर्षक पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा। माँ जानकी जन्मोत्सव के मौके पर सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में आयोजित सीतामढ़ी महोत्सव-2018 का आज उद्घाटन करते हुए नीतीश ने ये बातें कही। इस मौके पर उन्होंने बिहार के लोगों से राज्य को आदर्श राज्य बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक विकास का लाभ हर व्यक्ति तक नहीं पहुंचता है, तब तक सही मायने में विकास नहीं कहा जा सकता है। 

सीतामढ़ी महोत्सव-2018 के उद्घाटन से पहले हेलीपैड पहुँचने पर स्थानीय नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को गुलदस्ता और माला भेंटकर उनका अभिनंदन किया। हेलीपैड से पुनौरा धाम में स्थापित जानकी जन्म मंदिर पहुंचकर मुख्यमंत्री ने पूजा अर्चना कर मंदिर प्रांगण में वृक्षारोपण  किया। जानकी जन्म मंदिर प्रांगण के प्रेक्षागृह में मिथिला राघव परिवार द्वारा आयोजित श्रीराम कथा  में मुख्यमंत्री सम्मिलित  हुये  और ‘मानस  में  युगल  गीत’ धार्मिक  पुस्तक का  विमोचन किया।

गौरतलब  है कि पदम् विभूषण जगतगुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज श्रीराम कथा का वाचन कर रहे थे। पुनौरा धाम में ही स्थित माँ जानकी की प्राकट्य स्थली ‘सीता कुण्ड’के समक्ष मुख्यमंत्री ने मंत्रोच्चार के बीच आरती किया। सीतामढ़ी महोत्सव-2018 के मौके पर आयोजित जनसभा को लेकर बने मंच पर मुख्यमंत्री को पुष्प-गुच्छ, शॉल और प्रतीक चिन्ह भेंटकर पर्यटन सचिव श्री पंकज कुमार ने उनका स्वागत किया।  स्थानीय नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का पाग, शॉल एवं फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कॉफी टेबुल  बुक का विमोचन किया। 




रिमोट के माध्यम से मुख्यमंत्री ने 48 करोड़ 53 लाख रुपये की लागत वाली पुनौरा धाम के विकास, सौंदर्यीकरण एवं पर्यटकीय सुविधाओं से संबंधित योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। सीतामढ़ी महोत्सव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार ने सबसे पहले पदम् विभूषण जगत गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज का अभिनंदन करते हुए माँ जानकी की प्राकट्य स्थली पुनौरा धाम, सीतामढ़ी की परम पावन धरती को नमन किया। उन्होंने कहा कि जगत गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज  ने पहली मुलाकात में ही जानकी नवमी के उपलक्ष्य पर अवकाश घोषित करने की मांग की, जिस पर सरकार ने तत्काल निर्णय लिया। 

सम्भवतः 9 वर्षों से हम लगातार पुनौरा धाम पधार रहे हैं। जब मिथिला में भयंकर सूखा पड़ा था, लोग काफी परेशान थे, तभी राजा जनक ने स्वयं हल चलाया तो माँ जानकी प्रकट हुईं, यह पूरी दुनिया जानती है। पुनौरा धाम, हलेश्वर स्थान, पंथ पाकड़ और सीतामढ़ी के विकास के लिए पूरी कोशिश  की जा रही है। इस स्थल का विकास इस प्रकार से किया जाएगा कि यह एक आकर्षक स्थल होगा। वैसे तो यह पहले से ही आकर्षक स्थल है। जगत 
गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज का योगदान आध्यात्मिक जगत के साथ-साथ समाज सेवा में भी है। इन्होंने विकलांग विश्वविद्यालय की स्थापना की है, जो अपने आप मे एक बहुत  बड़ी बात है। मैं इसके लिए भी जगत गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज का विशेष तौर पर अभिनंदन करता हूँ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नर-नारी समानता के लिए हमने (शुरू से) नवंबर 2005 से ही काम करना प्रारंभ किया। बिहार की बागडोर संभालने के तीन महीने बाद  ही 2005 में हुए पंचायत चुनाव में महिलाओं की आधी आबादी को देखते हुए 50 प्रतिशत का आरक्षण लागू किया। उसके बाद वर्ष 2007 में हुए नगर निकाय चुनाव में भी  महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण बिहार ने देने का काम किया। इस प्रकार पंचायत और नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण देने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। इसके बाद अब तक 3 चुनाव सम्पन्न हुये हैं और वह अब बिहार में पूरी तरह स्वीकार्य हो चुका है। केंद्र की सरकार ने भी इसे स्वीकार  किया है। 






स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा पुनौरा धाम में बदहाल अस्पताल को दुरुस्त करने की मांग पर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में जिलाधिकारी और आयुक्त को इस संदर्भ  में प्रस्ताव देने की बात कही। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में हमारी सरकार बनी, तब फरवरी 2006 में हमने सर्वे कराया तो पता चला कि एक प्राथमिक स्वास्थ्य  केंद्र में एक माह में औसतन 39 मरीज आते हैं यानी प्रत्येक दिन एक और भूलवश किसी-किसी दिन 2 मरीज पी0एच0सी0 में इलाज कराने पहुंचते थे। तब हमने सरकारीअस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों एव पारा मेडिकल स्टॉफ की दिन-रात व्यवस्था के  साथ-साथ तत्कालीन  उप  राष्ट्रपति  आदरणीय  भैरो  सिंह  शेखावत  के  कर  कमलों  द्वारा मुफ्त  दवा की सुविधा  उपलब्ध कराई।  

नवंबर  माह  में पुनः सर्वे कराया  गया  तो  एक पी0एच0सी0 में प्रति  माह  मरीजों की  संख्या  बढ़कर  1,200 से 1,500 हो  गयी।  वर्तमान  में औसतन 10,000 मरीज एक पी0एच0सी0 में प्रतिमाह इलाज कराने पहुंचते है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में बेहतर व्यवस्था  उपलब्ध कराई जाएगी ताकि किसी प्रकार की तकलीफ होने पर उसका तत्काल इलाज हो सके।

साइकिल योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 9वें क्लास में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए साइकिल योजना शुरू की गई। उसके बाद साइकिल चलाती हुई लड़कियों ने  स्कूल  जाना  प्रारंभ   किया,  जिससे  पूरे बिहार में  जो दृश्य उपस्थित  हुआ,  वह  पूरी  तरह बदला हुआ था। पुनौरा धाम के विकास में जो भी काम होगा, उससे नारी सशक्तिकरण को और अधिक अधिक प्रेरणा मिलेगी। महिलाओं की मांग पर ही  पूरे बिहार में हमने शराबबंदी लागू की और अब आई0जी0 प्रोहिबिशन भी बना दिया है। बिजली के खंभों पर एक टेलीफोन नम्बर भी लिखवाया जा रहा  है ताकि शराब बेचने या शराब का सेवन करने वाले लोगों की सूचना मिलने पर एक से दो घंटे के अंदर कार्रवाई की जा सके। शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा और कार्रवाई से वह संतुष्ट है या नहीं, यह भी उससे पूछा जाएगा।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि  बिहार  को  शराबबंदी  से  नशामुक्ति  की  ओर ले  जाना है। शराबबंदी से शहर, गांव और कस्बा में चहुंओर शांति और सद्भाव का माहौल कायम हुआ है  जहां पहले कोलाहल हुआ करता था लेकिन अभी भी कुछ गिने चुने लोग चोरी छिपे शराब का सेवन कर रहे हैं और शराब बेचने के काम मे धंधेबाज लगे हुए हैं।  ऐसी स्थिति में हम सबको सजग रहने की आवश्यकता है क्यांेकि सबसे बड़ी चीज है जागृति। माँ जानकी की जन्मभूमि पर जगत गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज ने शराबबंदी के काम का समर्थन किया है, इससे जरूर अच्छा संदेश जाएगा।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा से जो परेशानी है, उससे समाज को छुटकारा दिलाना है।इसको लेकर इसी वर्ष जनवरी माह में 14 हजार किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनी, जिसमें शामिल होकर बिहार के लोगों ने इन सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अपनी भावना का प्रकटीकरण किया। उन्होंने कहा कि माँ जानकी के जन्मोत्सव का अवसर है और अभी लगन भी चल रहा है इसलिए यहीं से संदेश निकलना चाहिए कि न कोई दहेज ले और न ही कोई दहेज दे।

सीतामढ़ी महोत्सव में मौजूद लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आप मन बना लीजियेगा तो
जल्द ही समाज दहेज प्रथा मुक्त होगा। इसके लिए आपको दहेज नहीं लेने और दहेज का लेन-देन कर शादी करने वालों के विवाह समारोह में शामिल नही होने का संकल्प लेना होगा।

बिहार में लागू हुई मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका मकसद बाल विवाह को रोकना है। उन्होंने कहा  कि इस योजना के तहत 2 वर्ष की उम्र पूरा करने वाली बालिकाओं को राज्य सरकार की तरफ से 5,000 रुपये मुहैया कराया जायेगा, जिसमें लड़की पैदा होने के वक्त उसके माता-पिता के खाते में 2000 रुपये, एक साल बाद आधार से लिंक होने पर 1,000 रुपये और 2 वर्ष की अवधि तक पूर्ण टीकाकरण होने पर पुनः 2000 रुपये उपलब्ध  कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त पहले से चल रही पोशाक योजना की राशि में भी बढ़ोत्तरी की गयी है, जिसमें कक्षा एक एवं दो में पढ़ने वाली लड़कियों को 400 रूपये की जगह 600 रुपये, कक्षा 3 से 5 में पढ़ने वाली बालिकाओं को 500 के बजाय 700 रुपये, कक्षा 6 से 8 में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए 700 की जगह 1,000 रुपये और  कक्षा 9 से 12वीं में पढ़ने वाली छात्राओं को अब 1,000 की जगह 1,500 रूपये की राशि पोशाक के लिए प्रदान की जाएगी। किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 7वीं से 12वीं में पढ़ने वाली लड़कियों को सैनेटरी नैपकिन के लिए पहले जहाँ 150 रुपये सालाना लड़कियों को दिया जाता था, अब उसकी जगह उन्हें 300 रुपये प्रदान किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि बाल विवाह पर लगाम लगाने के लिए इंटरमीडिएट पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को 10,000 रूपये की राशि मुहैया कराने का राज्य सरकार ने फैसला लिया है, वहीं ग्रेजुएशन करने वाली लड़कियों को 25,000 रुपये मुहैया कराने का राज्य सरकार ने फैसला लिया है, वह चाहे कुंवारी हो या विवाहित। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना से लिंग अनुपात सुधरेगा, भ्रूण हत्या में कमी आएगी, बाल विवाह रुकेगा साथ ही लड़कियां शिक्षित होंगी। उन्होंने कहा कि समेकित बाल विकास योजना के अंतर्गत 3 से 6 वर्ष की उम्र वाले आंगनबाड़ी में पढ़ रहे बच्चों को पोशाक हेतु मिलने वाली पोशाक राशि में भी बढ़ोत्तरी की गयी है। आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों को अब पोशाक के लिए 250 की जगह 400 रुपये प्रदान किये जायेंगे। इस  प्रकार  एक  लड़की  के  पैदा  होने  से ग्रेजुएट  की  पढ़ाई  पूरी करने तक  सरकार उस पर 54,100 रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि पुरुषों को बेटा की तरह बेटी पर भी ध्यान देना चाहिए और  बीमार पड़ने पर उसका इलाज भी कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिशु मृत्यु दर में कमी आयी है लेकिन लड़कों की अपेक्षा लड़कियों का अनुपात कम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम न्याय के साथ विकास का काम करते हैं, जिसका मकसद हर तबके और हर इलाके का विकास करना है ताकि उस विकास का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंच सके लेकिन सामाजिक  कुरीतियों को खत्म किए बिना विकास का सही मायने में लाभ नहीं मिलेगा। समाज में प्रेम, सद्भाव, शांति और आपसी भाईचारा का माहौल कायम रहे, इसके लिए हम सदैव प्रयत्नशील हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराध की घटनाओं में  काफी कमी आई है लेकिन दहेज हत्या और दहेज प्रताड़ना की घटनाएं देखकर काफी दुख होता है। उन्होंने कहा कि बिहार को आदर्श प्रांत बनाने के लिए हम सबको आगे आना होगा। लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मां जानकी की इस जन्मभूमि पर बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों से समाज को छुटकारा दिलाने के लिए हम सबको संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकास का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचे सही मायने में वही विकास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुनौरा धाम, हलेश्वर स्थान और पंथ पाकड़ के सौंदर्यीकरण और सीतामढ़ी को विकसित करने का काम पर्यटन विभाग ने 2 साल में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है लेकिन हम चाहेंगे कि जितनी जल्दी हो सके उतना ही अच्छा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के 350वें जन्मोत्सव के मौके पर प्रकाश पर्व का भव्य आयोजन किया गया क्योंकि सभी धर्मों के प्रति हम श्रद्धा और सम्मान का भाव रखते हैं, इसके लिए जो भी करना पड़े हम करेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार ज्ञान की भूमि रही है और इसका इतिहास काफी गौरवशाली है। हमें उस पुराने गौरव को फिर से प्राप्त करना है। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री को मधुबनी पेंटिंग भेंट की गई।

सीतामढ़ी महोत्सव-2018 के  मौके पर आयोजित जनसभा को पदम् विभूषण जगत गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज, उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, पथ निर्माण मंत्री श्री नन्द किशोर यादव, पर्यटन मंत्री श्री प्रमोद कुमार, सांसद श्री प्रभात झा, सांसद श्री रामकुमार शर्मा, विधायक श्री सुनील कुमार कुशवाहा एवं पर्यटन सचिव श्री पंकज कुमार ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर नगर विकास एवं आवास सह सीतामढ़ी जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुरेश शर्मा, सांसद श्री आर0के0 सिन्हा, सांसद श्री अजय निषाद, विधानपार्षद श्री देवेश चन्द्र ठाकुर, विधान पार्षद श्री राजकिशोर कुशवाहा, विधान पार्षद श्री रामेश्वर महतो, विधायक श्रीमती रंजू गीता, विधायक श्रीमती सुनीता सिंह चैहान, विधायक श्री दिनकर राम, पूर्व मंत्री श्री सुनील कुमार पिंटू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा, तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त श्री एच0आर0 श्रीनिवासन, आई0जी0 श्री सुनील कुमार, डी0आई0जी0 श्री अनिल कुमार सिंह, जिलाधिकारी श्री राजीव रौशन, पुलिस अधीक्षक श्री हरिनारायण एस0जी0 सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, वरीय अधिकारीगण एवं
बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे।

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने साथ ही आज सीतामढ़ी धाम स्थित जानकी प्राकट्य स्थली शक्तिपीठ में पूजा अर्चना करने के बाद जानकी बाल उद्यान का उद्घाटन किया। शक्तिपीठ प्रबंधन द्वारा मुख्यमंत्री को शॉल, माला एवं सीतामढ़ी धाम से संबंधित तस्वीर भेंटकर उन्हें सम्मानित किया गया। इसके बाद माँ जानकी जन्मस्थली सीतामढ़ी धाम में मंत्रोच्चार के बीच मुख्यमंत्री ने श्री उर्विजा कुंड के समक्ष माँ जानकी की आरती की।

इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने सीतामढ़ी के डुमरा में नवनिर्मित जानकी बाल उद्यान का उद्घाटन शिलापट्ट का अनावरण और रिबन काटकर किया। सीतामढ़ी के डुमरा में वार्ड संख्या 3 में नवनिर्मित जानकी बाल उद्यान का निर्माण 1 करोड़ 28 लाख 1,300 रुपये की लागत से हुआ है।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, पथ निर्माण मंत्री श्री नंद किशोर यादव, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, वरीय अधिकारीगण एवं स्थानीय लोग उपस्थित थे।
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शनिवार, 14 अप्रैल 2018

13.4% growth in Foreign Tourist Arrivals in March, 2018 over March, 2017: Govt

68.8% growth in Foreign Tourist Arrivals on e-Tourist Visa in March, 2018 over March, 2017

Ministry of Tourism compiles monthly Foreign Tourist Arrivals (FTAs) & FTAs on e-Tourist Visa on the basis of information received from Bureau of Immigration (BOI). The following are the important highlights regarding FTAs and FTAs on e-Tourist Visa during the month of March, 2018:
                                                                                                   
Foreign Tourist Arrivals (FTAs):
  • FTAs in March 2018 were 10.26 lakh as compared to 9.05 lakh in March 2017 registering a growth of 13.4%.
  • FTAs during the period January-March 2018 were 31.27 lakh as compared to 28.45 lakh in January-March 2017 registering a growth of 9.9%.
  • The percentage share of Foreign Tourist Arrivals in India during March 2018 among the top 15 source countries was highest from Bangladesh (19.59%) followed by UK (11.56%), USA (10.79%), Russian Federation (3.89%), Sri Lanka (3.72%), Malaysia (3.36%), Canada (3.35%), Germany (3.19%), China (2.67%), Australia (2.62%), France (2.58%), Japan (2.11%), Thailand (2.00%), Singapore (1.64%) and Afghanistan (1.60%).
  • The percentage share of Foreign Tourist Arrivals in India during March 2018 among the top 15 ports was highest at Delhi Airport (30.68%) followed by Mumbai Airport (14.31%), Haridaspur Land Check Post (9.12%), Chennai Airport (6.53%), Goa Airport (4.87%), Bengaluru Airport (4.73%), Kolkata Airport (4.66%), Cochin Airport (3.29%), Sonauli Airport (2.45%),  Hyderabad Airport (2.39%), Gede Rail Land Check Post (2.20%), Amritsar Airport (1.65%), Ghojadanga Land Check Post (1.40%) Ahmedabad Airport (1.37%), and Trivandrum Airport (1.21%).

FTAs on e-Tourist Visa:
  • During the month of March, 2018 a total of 2.46 lakh tourist arrived on e-Tourist Visa as compared to 1.46 lakh during the month of March, 2017 registering a growth of 68.8%.
  • During January-March 2018, a total of 7.62 lakh tourists arrived on e-Tourist Visa as compared to 4.67 lakh during January-March 2017, registering a growth of 63.0%
  • The percentage shares of top 15 source countries availing e-Tourist Visa facilities during March, 2018 were highest from UK (19.6%) followed by USA (9.8%), Russian Federation (6.0%), France (5.5%), China (5.3%), Germany (5.3%), Canada (4.8%), Australia (3.3%), Thailand (2.8%), Italy (2.2%), Malaysia (1.9%), Spain (1.9%) Oman (1.9%), Republic of Korea (1.9%) and Singapore (1.9%).
  • The percentage shares of top 15 ports in tourist arrivals on e-Tourist Visa during March 2018 were highest from New Delhi Airport (46.0%), Mumbai Airport (16.8%), Dabolim (Goa) Airport (9.5%), Chennai Airport (5.8%), Bengaluru Airport (5.2%), Kochi Airport (3.1%), Kolkata Airport (2.7%), Hyderabad Airport (2.0%), Amritsar Airport (1.9%), Trivandrum Airport (1.2%), Ahmedabad Airport (1.0%), Jaipur Airport (0.9%), Gaya Airport (0.7%), Mumbai Seaport (0.6%) and Tirchy Airport (0.6%).
(Source:pib.nic.in)

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