सोमवार, 28 दिसंबर 2020

अब फणीक्यूलर ट्रेन से जीवदानी माता का दर्शन कीजिए, रोपवे और सीढ़ी भूल जाइये


मुंबई से सटे विरार में पहाड़ी पर जीवदानी माता का मंदिर है। विरार महाराष्ट्र के पालघर जिले में है। पालघर जिला ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के लिए मशहूर है। उनमें से ही एक है जीवदानी माता का मंदिर। 


माता के दर्शन के लिए यहां हमेशा भक्तों की भीड़ रहती है। माता के दर्शन के लिए आप सीढ़ियों से जा सकते हैं, एक समय रोपवे से भी दर्शन के लिए जाने की सुविधा थी, लेकिन अब फणीक्यूलर ट्रेन से माता के दर्शन कर सकते हैं। श्री जीवदानी मंदिर ट्रस्ट ने फणीक्यूलर ट्रेन सर्विस शुरू कर दी है। फणीक्यूलर ट्रेन सर्विस केबल से खींची जाने वाली ट्रेन सेवा है। 


समुद्रतल से जीवदानी माता मंदिर की ऊंचाई करीब 1500 मीटर है। फणीक्यूलर ट्रेन सर्विस सुविधा पर ट्रस्ट ने करीब 35 करोड़ रुपए खर्च किया है। ये ट्रेन महज 7 मिनट में मंदिर तक पहुंच देती है। ट्रेन में एक साथ करीब 104 लोगों के बैठने की सुविधा है। 



इसके लिए प्रति व्यक्ति 200 रुपए टिकट भाड़ा है। इसमें आना-जाना दोनों शामिल है। ट्रेन के अंदर से आप आसपास का नजारा देख सकते हैं। ट्रेन के दोनों तरफ शीशा लगा है। इसकी वजह से बाहर की खूबसूरती को ठीक से सैलानी देख सकते हैं। 



इंजीनियरिंग कंसल्टेंसी एजेंसी  RITES (रेल इंडिया टेक्नीकल एंड इकोनॉमिक सर्विस) की मंजूरी के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया गया था। फणीक्यूलर ट्रेन एक घंटे में करीब 12 चक्कर लगाती है। ये ट्रेन दिन में करीब 12-14 घंटे  चलाई जाती है। ये ट्रेन दूसरी परिवहन सेवाओं के मुकाबले कम बिजली का खपत करती है। महिलाओं और सीनियर सिटीजन को किराए में छुट है। ट्रेन के डिब्बे के अंदर खड़े रहने और बैठने की उचिच व्यवस्था है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं।  

>जीवदानी यानी जीवन देने वाली माता का मंदिर, क्यों जाएं, कैसे जाएं


अगर आप घूमने के शौकीन हैं या फिर अक्सर दर्शनीय या टूरिस्ट स्पॉट की तलाश में रहते हैं तो अपने आसपास की जगह के बारे में भी पता जरूर करें, क्योंकि इंसान जहां रहता है, उसके आसपास कई ऐसी जगहें मिल जाती हैं। 

मैं मुंबई से सटे उपनगर नालासोपारा में रहता हूं। नालासोपारा में भी सैर-सपाटे के लिए कई जगहें हैं, जहां मैं अक्सर घूमने के लिए जाता है। नालासोपारा से सटा है विरार और विरार पूर्व में है मां जीवदानी माता का मंदिर। वैसे तो मैं मंदिर कई बार जा चुका हूं और हर बार कुछ ना कुछ नया देखने को मिलता है। इस बार मंदिर जाना कुछ खास रहा। 

मंदिर के बारे में:  

-हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थस्थल है जीवदानी मंदिर

-महाराष्ट्र के पालघर जिले में है

-मुंबई उपनगरीय रेलवे स्टेशन विरार में है ये मंदिर

-विरार उतरकर पूर्व की तरफ शेयरिंग ऑटो करके या फिर ऑटो रिजर्व करके मंदिर जा सकते हैं

-वैतरणा नदी के किनारे सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला पर स्थित है ये मंदिर 



-जीवदानी का मतलब होता है जीवन देने वाली। कहते हैं कि एक जमाने में सतपुड़ा पहाड़ी श्रृंखला 

में कई तरह के औषधीय वृक्ष पाए जाते हैं जिनसे लोगों की जान बचती थी। यही वजह है कि मंदिर

को जीवदानी कहा गया। इससे पहले एकविरा मंदिर कहा जाता था। 

-मंदिर को लेकर कई कहानियां प्रचलित है

-पुराण के अनुसार पांडवों ने वनवास के दौरान इस मंदिर का निर्माण करवाया था

-कुछ किंवदती के अनुसार 17 वीं सदी में जीवदानी किले के निर्माण कराया गया था और

उसी किले में जीवदानी मंदिर का भी निर्माण हुआ था

-पहाड़ पर स्थित है ये मंदिर



-करीब 1400 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर जाते हैं लोग

-जो लोग सीढ़ियां नहीं चढ़ सकते हैं, वो रोपबे का इस्तेमाल कर सकते हैं।

-हालांकि रोपबे के एक बार दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह से जब मैं मंदिर 

दर्शन करने गया था तब रोपबे की सेवा बंद थी

-सीढ़ियों के दोनों ओर माता को अर्पण करने के लिए जरूरी सामानों की दुकानें सजी रहती हैं

-सीढ़ियों पर जगह जगह कचरा पेटी रखी रहती है ताकि गंदगी ना फैले और भक्त कचरापेटी

में ही कचरा फेंके। 

-सीढ़ियों पर जगह जगह वॉशरूम भी बना हुआ है। 

-कुछ लोग सीढ़ियों पर मोमबती जलाते हुए नजर आते हैं। कुछ लोग हर सीढ़ियों 

का सजदा करते नजर आते हैं। ऐसी मान्यता है कि मोमबती जलाने से और सजदा 

करने से मन्नत पूरी होती है। 









-मंदिर परिसर में जीवदानी माता कं अलावा कई देवी-देवताओं की भी मुर्ति है। 

-मंदिर के ऊपर से विरार, नालासोपारा का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है।

-छुट्टियों के दिन, रविवार, शनिवार और पर्व-त्योहार पर भक्तों की अच्छी-खासी

भीड़ यहां रहती है। 

-सुबह चार बजे से लेकर रात 8 बजे तक माता के दर्शन किए जा सकते हैं

-विरार में जीवदानी माता के अलावा कई और पर्यटन स्थल हैं-जैसे अर्नाला बिच,

अर्नाला फोर्ट, याजू पार्क बगैरह। विरार में वेब सीरिज, सीरियल, फिल्मों बगैरह

की शूटिंग भी होती है। 


मंदिर चुंकि पहाड़ पर है, इसलिए माता के दर्शन के लिए अच्छी खासी चढ़ाई करनी होती है। करीब 1400 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। हालांकि, चढ़ते समय रास्ते में आराम करने की भी काफी सुविधा है। सीढ़ियों के किनारे माता परचढ़ाने वाले सामानों की दुकान सजी रहती है। सीढ़ियों से ही मंदिर का दीदार होता है। मंदिर के एकतरफ स्वष्तिक का और दूसरे ओम का निशान बना है, जो कि दूर से ही लोगों को दिखाई देता है। 

सीढ़ियों से आसपास के इलाकों का खूबसूरत नजारा भी देखने को मिलता है। सीढ़ियां चढ़ते समय अगर कचरा फेंकना हो, तो कृप्या जहां-तहां मत फेंके। कचरे के डिब्बे में ही फेंके, क्योंकि सीढ़ियों पर जगह जगह कचरे के डिब्बे रखे हैं। साथ ही सीढ़ियों के किनार जगह जगह बॉशरूम भी बने हैं जहां आप पेशाब कर सकते हैं या संडास कर सकते हैं या फिर फ्रेश हो सकते हैं। 

जब इस बार मैं जीवदानी मंदिर गया, तो सीढ़ियां कुछ अलग तरीके से बनी हुई दिखाई दी। इन सीढ़ियों से पहले की सीढ़ियों के मुकाबले मंदिर तक जाना काफी आसान लग रहा था। मंदिर परिसर में जीवदानी माता क अलावा कई दूसरे देवी देवता के भी मंदिर देखने को मिले। जैसे मां महाकाली मंदिर, कालभैरव मंदिर। 

मां महाकाली मंदिर, कालभैरव मंदिर से सटे ही बड़ा सा पत्थर का टुकड़ा रखा हुआ है। वहां पर कुछ सिक्के को चिपकाते हुए नजर आए। कुछ लोगों के सिक्के तो पत्थर में चिपक रहे थे, लेकिन कुछ लोगों के सिक्के पत्थर में चिपक नहीं रहे थे लेकिन पत्थर के नीचे रखे दानपेटी में वे पैसै जरूर जा रहे थे। 

इस बार जीवदानी मंदिर में मैंने एक और चीज देखा। पिंजड़े में बंद खूबसूरत पंक्षी। पंक्षियों के लिए खाने और पानी पीने का भी बेहतर इंतजाम मुझे देखने को मिला। कई लोग उन खूबसूरत पंक्षियों के हरकतों को देखकर आनंदित हो रहे थे। मुख्य मंदिर से ऊपर जाते हैं तब पंक्षियों का पिंजड़ा देखने को मिलता है। मुख्य मंदिर के ऊपर पहुंचकर आसपास के इलाकों की खूबसूरती देखना मत भूलें। बहुत खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। ऊंची-ऊंची बिल्डिंगें, आती-जाती ट्रेनें, स्विमिंग पूल, खेल के मैदान, सड़कें, समुद्र किनारा, खाली खेत सबकुछ मंदिर के ऊपर से देखने को मिल जाता है। 

और हां, पूरा मंदिर परिसर सीसीटीवी के पहरे में है। 

>कैसे पहुंचे जीवदानी मंदिर:

इतना सबकुछ जानने के बाद जरूर जीवदानी मंदिर जाने का मन कर रहा होगा। तो, सवाल है कि वहां पहुंचेंगे कैसे। अगर आप मुंबई में हैं तो किसी पश्चिम उपनगरीय स्टेशन जैसे चर्चगेट, मुंबई सेंट्रल, दादर, बांद्रा, अंधेरी, बोरीवली बगैरह से विरार जाने वाली लोकल ट्रेन पकड़ लें। विरार में उतरकर पूर्व की तरफ स्टेशन से बाहर निकल जाएं। वहां से जीवदानी मंदिर जाने के लिए शेयरिंग ऑटो मिल जाएगी। 

आप ऑटो रिजर्व करके भी जा सकते हैं। 

अगर आप सड़क मार्ग से आना चाहते हैं तो मुंबई-अहमदाबाद हाईवे से आ सकते हैं। मंदिर के सामने पार्किंग की अच्छी व्यवस्था है। 

-चक्रेश्वर महादेव मंदिर, श्री राम मंदिर, श्री मयुरानंद स्वामी जीवंत समाधि, उमराले, नालासोपारा पश्चिम

>सिंहगढ़ किला, पुणे: ट्रैकिंग के साथ साथ इतिहास पर गर्व करने वाली जगह

(जीवदानी मंदिर के ऊपर से आसपास के इलाकों के खूबसूरत नजारे 
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((जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) के पिंजड़े के चहकते परिंदे
((जीवदानी मंदिर परिसर स्थित महाकाली मंदिर, काल भैरव मंदिर
((श्री वारोंडा देवी.  जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) 
((जीवदानी मंदिर, विरार (पूर्व), महाराष्ट्र; Jivadani Mandir, Virar (East), Maharashtra
(शानदार और यादगार ट्रिप: अक्कलकोट- गाणगापुर-सोलापुर- तुलजापुर-सिद्देश्वर-पंढरपुर-मिनी तिरुपति
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर (अंदर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर, सोलापुर, महाराष्ट्र (बाहर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर: Shri Vittal Rukmini Mandir, Pandharpur, Maharashtra
(श्री भैरवनाथ मंदिर, दौंडज, कदमबस्ती, पुणे; Shri BhairavNath Mandir, Daundaj, Pune
(शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर रेप्लिका, सोलापुर; Shivyogi Siddheshwar Temple Replica, Solapur 
(तुलजा भवानी मंदिर, तुलजापुर, उस्मानाबाद, महाराष्ट्र ; Tulja Bhavani Mandir, Tuljapur, Maharashtra
(श्री शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर (सोलापुर) के बारे में क्या कहते हैं श्रद्धालु
(भक्त निवास, अक्कलकोट, महाराष्ट्र; Bhakt Niwas, Akkalkot, Maharashtra
((श्री स्वामी समर्थ मंदिर, अक्कलकोट,  Shri Swami Samarth Temple, Akkalkot
(श्री दत्तात्रेय भगवान का मंदिर, गाणगापुर, Shri Duttatreya Temple, Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
( इच्छापूर्ति औदुंबर वृक्ष, गाणगापुर,  Holy Audumbar Tree, Ganagapur, Kalburgi, Karnatka
((भीमा-अमरजा संगम, गाणगापुर, कर्नाटक Prayagraj of Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
(Nehru Centre, Worli, Mumbai (नेहरू सेंटर, वर्ली, मुंबई); क्या देखें, कैसे पहुंचें 
(कबड्डी खिलाड़ियों को भी भाता है Akloli (अकलोली) का गर्म पानी का कुंड
(सैलानियों को क्यों पसंद है Akloli (अकलोली) 
(Mumba Devi Mandir, Mumbai; मुंबा देवी मंदिर, मुंबई
(Akloli Hot Springs, Vajreshwari, Maharashtra; What Local People says)
(Vajreshwari Mandir, Vasai, Palghar, Maharashtra
(How to save yourself, family, flat from fire
(Rajodi Beach, Nalasopara, Maharashtra
((Chhatrapati Shivaji Maharaj Vastu Sangrahalaya, Mumbai
((Gateway Of India on Sunday Morning
((The Fishing Community of Arnala Bunder, Virar, Maharashtra
((Arnala Fort: Attarctive Tourist Spot: How to reach
((Nasik to Igatpuri; Everywhere Greenary
((Kasara to Karjat, Maharashtra; See Beauty of Nature
((Igatpuri Station, Maharashtra
(Patna Junction, Bihar, India
(Rice Fields of Bihar
(Gaya Railway Junction, Bihar, India
((Bodh stupa, Nalasopara (west), Maharashtra
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 3; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 2; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 1; Amokhar, Bihar
(Girgaon Beach, Mumbai in Evening: गिरगांव चौपाटी, मुंबई शाम का नजारा 
(Antilia, Mumbai: एंटीलिया, मुंबई
((Jaslok Hospital, Mumbai: जसलोक अस्पताल, मुंबई
(Girgaum Chowpatty, Mumbai@7pm, गिरगांव चौपाटी, मुंबई
((Pachu Bandar, Vasai, Maharashtra, पाचू बंदर, वसई, महाराष्ट्र
((Chimaji Appa Memorial, Vasai; चिमाजी अप्पा स्मारक, वसई, महाराष्ट्र
((Vasai Court, Maharashtra; वसई कोर्ट, महाराष्ट्र
((Vasai station to Vasai Court & Vasai Fort by Auto; वसई स्टेशन से वसई फोर्ट और वसई फोर्ट ऑटो से)
((Vasai Fort, Maharashtra; वसई किला, महाराष्ट्र
((Vasai Road Station (BSR);वसई रोड स्टेशन 







Giant Rock Bee Honey, a Unique Variant of Honey Sourced From Malayali Tribes of Tamil Nadu Added to Tribes India Collection

More than 35 new, attractive, immunity-boosting tribal products have found a new home in Tribes India outlets and website in the 8th edition of “From Our Home to your Home”’ campaign. The campaign had been launched 8 weeks back by TRIFED under Ministry of Tribal Affairs in order to source as many effective, natural, and attractive products from diverse indigenous tribes across the country so that these can reach a wide variety of audience. 

TextDescription automatically generated with medium confidence

 

Key among the products this week are the natural, fresh, organic produce from the Malayali tribes of Tamil Nadu, such as Giant Rock Bee Honey, honey, variants of millet rice, tamarind and black pepper. Malayali is a tribal group from the Eastern Ghats in North Tamil Nadu. With a population of around 3,58,000 people they are the largest Scheduled tribes in that region. The tribals are usually hill farmers and they cultivate different types of millet.

 

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Among the other products sourced include vibrant and eye-catching micro-beaded jewelry (mainly neckpieces) from the Patelia tribe from Madhya Pradesh. While agriculture is their mainstay, their handiwork is exceptional too as can be gauged from the beautiful, colourful pieces made by the artisans of Jhabua. Otherproducts include organic varieties of dals and spices locally sourced from the Vasava tribes of Gujarat and an assortment of produce – such as honey, jams and two unique variants of rice from the Kharwar and Oraon tribes of Jharkhand and some interesting wooden products (chakla and belan) and attractive metal jalis from the AdimJanjati tribes and Lohra tribes of Jharkhand.

 

Graphical user interface, websiteDescription automatically generated

 

All new products introduced over the past weeks are available in 125 Tribes India outlets, Tribes India mobile vans and on online platforms such as the Tribes India E-marketplace (tribesindia.com) and e-tailers. The recently launched Tribes India e-marketplace, India’s largest handicraft and organic products marketplace which aims to connect5 lakh tribal enterprises to national and international markets; showcases tribal produce and handicrafts, making them accessible to customers across the country.

With a variety of natural and sustainable produce and products, the Tribes India e-marketplace offers a glimpse into the age-old traditions of our tribal brethren. Do check out market.tribesindia.com.  Buy Local Buy Tribal!

(साभार-PIB)

-चक्रेश्वर महादेव मंदिर, श्री राम मंदिर, श्री मयुरानंद स्वामी जीवंत समाधि, उमराले, नालासोपारा पश्चिम

>सिंहगढ़ किला, पुणे: ट्रैकिंग के साथ साथ इतिहास पर गर्व करने वाली जगह

(जीवदानी मंदिर के ऊपर से आसपास के इलाकों के खूबसूरत नजारे 
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((जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) के पिंजड़े के चहकते परिंदे
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((श्री वारोंडा देवी.  जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) 
((जीवदानी मंदिर, विरार (पूर्व), महाराष्ट्र; Jivadani Mandir, Virar (East), Maharashtra
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(तुलजा भवानी मंदिर, तुलजापुर, उस्मानाबाद, महाराष्ट्र ; Tulja Bhavani Mandir, Tuljapur, Maharashtra
(श्री शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर (सोलापुर) के बारे में क्या कहते हैं श्रद्धालु
(भक्त निवास, अक्कलकोट, महाराष्ट्र; Bhakt Niwas, Akkalkot, Maharashtra
((श्री स्वामी समर्थ मंदिर, अक्कलकोट,  Shri Swami Samarth Temple, Akkalkot
(श्री दत्तात्रेय भगवान का मंदिर, गाणगापुर, Shri Duttatreya Temple, Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
( इच्छापूर्ति औदुंबर वृक्ष, गाणगापुर,  Holy Audumbar Tree, Ganagapur, Kalburgi, Karnatka
((भीमा-अमरजा संगम, गाणगापुर, कर्नाटक Prayagraj of Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
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(कबड्डी खिलाड़ियों को भी भाता है Akloli (अकलोली) का गर्म पानी का कुंड
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(Antilia, Mumbai: एंटीलिया, मुंबई
((Jaslok Hospital, Mumbai: जसलोक अस्पताल, मुंबई
(Girgaum Chowpatty, Mumbai@7pm, गिरगांव चौपाटी, मुंबई
((Pachu Bandar, Vasai, Maharashtra, पाचू बंदर, वसई, महाराष्ट्र
((Chimaji Appa Memorial, Vasai; चिमाजी अप्पा स्मारक, वसई, महाराष्ट्र
((Vasai Court, Maharashtra; वसई कोर्ट, महाराष्ट्र
((Vasai station to Vasai Court & Vasai Fort by Auto; वसई स्टेशन से वसई फोर्ट और वसई फोर्ट ऑटो से)
((Vasai Fort, Maharashtra; वसई किला, महाराष्ट्र
((Vasai Road Station (BSR);वसई रोड स्टेशन 







Review meeting of “Adopt a Heritage: Apni Dharohar, Apni Pehchaan” Project

The Minister of State for Tourism and Culture (I/C), Shri Prahlad Singh Patel took a review meeting of the “Adopt a Heritage: Apni Dharohar, Apni Pehchaan” project in New Delhi today. Secretary Tourism Shri Yogendra Tripathi; DG Tourism Ms. Meenakshi Sharma; JS Culture Ms. Sanjukta Mudgal; ADG Tourism Ms Rupinder Brar and representatives of Archaeological Survey of India were present in the meeting.

A detailed presentation was given about the present status and progress at various monuments .  Shri Prahlad Singh Patel laid emphasis on timely completion of projects and asked the officials to review the amenities proposed under the MoUs in discussion with the nodal departments from time to time.

Shri Prahlad said that ‘Adopt a Heritage’ is a well-conceived initiative and hoped that by leveraging CSR, this project would help in providing the basic amenities such as cleanliness, safe drinking water, light, and sounds in the lesser-known monuments.

The Ministry of Tourism, Government of India runs the “Adopt a Heritage: Apni Dharohar, Apni Pehchaan” project which is a collaborative effort by the Ministry of Tourism, Ministry of Culture, Archaeological Survey of India and State/ UTs Government for developing tourism amenities at heritage/ natural/ tourist sites spread across India for making them tourist friendly, in a planned and phased manner. The project aims to encourage companies from public sector, private sector, trusts, NGOs, individuals and other stakeholders to become ‘Monument Mitras’ and take up the responsibility of developing and upgrading the basic and advanced tourist amenities at these sites as per their interest and viability in terms of a sustainable investment model under CSR. They would also look after the Operation & Maintenance of the same.

Under the project, 27 Memorandum of Understandings (MoUs) have been awarded to 12 Monument Mitras for twenty-five (25) sites and two (2) Technological interventions across India.

Under the MoUs handed over for implementation of amenities includes basic facilities such as Dustbin; Public Conveniences; Clean drinking water facility; Illumination; Ease of Access; Aesthetics and cleanliness of site; Bench Installations, Waste Management; App based Multi lingual Audio Guide; Installation of Digi Kiosk and Ticketing Kiosk; Signage -Descriptive and directional; Wi-Fi.

Advance amenities under implementation include Visitor Facility Centre; Sound and Light Show -3D-Projection Mapping (Interior and Exterior); Snack Counter & Souvenir Shop; Augmented Reality Experience and Virtual Reality (360-degree Experience).  

(साभार-PIB)

-चक्रेश्वर महादेव मंदिर, श्री राम मंदिर, श्री मयुरानंद स्वामी जीवंत समाधि, उमराले, नालासोपारा पश्चिम

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