मैं 4 मार्च 2025 को शाम 8 बजे के करीब एक कार में 5 दोस्तों के साथ 84 घंटे में प्रति दोस्त ₹7500 खर्च करके करीब 1800 किलोमीटर सड़क से सफर का आनंद लेकर वापस मुंबई से सटे नालासोपारा पश्चिम के अपने फ्लैट में पहुंच चुका था। इस सफर में कुल 84 घंटा लगा, लेकिन कार में हमलोगों ने उससे कम 37 घंटे ही बिताए। बाकी समय सोने, भोजन करने, नाश्ता करने और चाय पीने में खर्च हुआ।
1 मार्च 2025 को सुबह सुबह ही हमलोग इस रोड़ ट्रिप के लिए मुंबई से सटे नालासोपारा पश्चिम के अपने घर से निकले थे। कुल ₹37,500 खर्च हुए। इसमें ₹1400 टोल और ₹15,000 पेट्रोल पर खर्च हुआ। एक रात होटल में रुकना पड़ा। मुरुडेश्वर में हमलोगों ने प्रति कमरा ₹1600 के हिसाब से दो कमरा बुक कराया था। खाना, चाय, नाश्ता ज्यादातर बाहर होटल में ही करना पड़ा। हालांकि, चाय, खाना, नाश्ता बनाने के लिए सारा सामान कार में साथ में ही हमलोगों ने रखा था, लेकिन समय की कमी के कारण कहीं मौका नहीं मिला।
इस दौरान हमलोग महाराष्ट्र के नालासोपारा, मुंबई-अहमदाबाद एक्सप्रेसवे, ठाणे, खारघर, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, पुणे, सातारा, कराड़, कोल्हापुर और इसके बाद कर्नाटक के बेलगाम, हुबली, धारवाड़, अंकोला, मुरुडेश्वर से होकर गुजरने वाली सड़कों पर सफर किया। इसमें सर्विस रोड, नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे सब शामिल था।
इस 1800 किलोमीटर में से अगर पनवेल और नालासोपारा के बीच की करीब 78 किलोमीटर के सफर को छोड़ दें, तो हमलोगों को कहीं भी ट्रैफिक जाम, भीड़भाड़, अस्त-व्यस्त परिवहन, बहुत ज्यादा रेड लाइट का सामना नहीं करना पड़ा। पनवेल से नालासोपारा पहुंचने में 3 घंटे गए। अगर ट्रैफिक जाम नहीं मिलता तो इस दूरी को तय करने मे डेढ़ घंटा से ज्यादा नहीं लगता। खैर, सफर में इस तरह की छोटी मोटी दिक्कतें आती रहती हैं, लेकिन कुल मिलाकर मुंबई-बेलगाम-मुरुडेश्वर-मुंबई का हमारा सड़क से सफर यादगार रहा।
खूब आनंद आया। घाट, जंगल, पहाड़, कलकल बहती नदियां, शानदार सड़कें, पहाड़ और जंगल से गुजरती घुमावदार सड़कें, सड़क के किनारे की साफ सफाई, सड़क के दोनों ओर खेतों में लगी हरी भरी फसल, अच्छे और सच्चे लोग, स्थानीय स्वादिष्ट और ताजा भोजन, नाश्ता, खूबसूरत आकर्षक ऊंची ऊंची बिल्डिंग, मार्केट इन सबने मिलकर हमारे सफर के आनंद में चार चांद लगा दिया।
इतना सब जानकर आप भी रोमांचित हो रहे होंगे और आपका मन भी सड़क से ऐसे ही सफर का आनंद लेने के लिए मचल रहा होगा। तो, चलिये लिये चलते हैं आपको हम अपने इस यादगार, कामयाब, शानदार, रोमांचक और खूबसूरत सफरनामे पर।
प्लान कब और कैसे बना:
किसी भी काम में अगर कामयाब होना हो, तो सबसे पहले प्लान बनाना होता है और उसे सही से लागू करना होता है। हम 5 लोगों ने भी मुंबई-बेलगाम-मुरुडेश्वर-मुंबई रोड ट्रिप का प्लान ट्रिप पर निकलने से 15-20 दिन पहले ही बना लिया था। हम सब एक ही जगह रहते हैं और अक्सर कुछ कुछ समय पर बाहर सैर सपाटे पर जाते रहते हैं। अनौपचारिक बातचीत के दौरान इस ट्रिप पर जाने की बातचीत अक्सर होती रहती थी।
हम जो 5 लोग रोड ट्रिप पर निकले, उनके बारे में भी जानना जरूरी है। सबसे पहले मैं अपने बारे में बताता हूं। जो आप लेख पढ़ रहे हैं उसे मैंने ही लिखा है। जिस ब्लॉग पर ये लेख पढ़ रहे हैं, वह ब्लॉग भी मैं ही चलाता हूं। मेरा नाम रजनीश कांत है। मैं 20 साल से अधिक समय से पत्रकारिता के पेशे में हूं। फिलहाल मैं अलग अलग विषयों पर 7 यूट्यूब चैनल और 7 वेबसाइट्स/ब्लॉग संचाालित करता हूं, जबकि मेरी 8 किताबें अमेजन पर प्रकाशित है।
मेरे साथ तीन डॉक्टर डॉ. अभिषेक सिंह, डॉ. सुधार कात्रे और डॉ. नरेंद्र पाटील भी ट्रिप पर थे। ये सभी नालासोपारा के जाने-माने, पुराने और लोकप्रिय डॉक्टर हैं। सभी का खुदका क्लिनिक है। सभी लंबे समय से सफलतापूर्वक प्रैक्टिस कर रहे हैं।
हमारे साथ जो पांचवां शख्स थे, वो है निरंजन अंकल। निरजन अंकल डॉक्टर अभिषेक सिंह के ससुर हैं। सरकारी नौकरी से रिटायर्ड हो चुके हैं। उम्र करीब 70 साल है। लेकिन, अभी भी अपने शौक ट्रैकिंग पर नियमित जाते हैं। दोस्त और परिवार के साथ देशभर में सैर सपाटे पर जाना इनके रुटीन में शामिल है। मराठी साहित्य सम्मेलनों में भी निरंजन अंकल शिरकर करते रहते हैं। खासकर महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा की सड़कें, होटल की इनकी जानकारी ऐसी है कि अगर इन जगहों पर कभी भी सैर-सपाटे पर ये आपके साथ हों, तो आपको गूगल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मैं निरंजन अंकल के साथ करजत, कोकण किनारे किनारे रत्नागिरी तक घूम चुका हूं। इसके अलावा उनके साथ दो बार महाबेश्वर भी घूमा हूं।
1 मार्च 2025:
प्लान के हिसाब से हमलोग 1 मार्च को सुबह साढ़े छह बजे नालासोपारा से कार से एक साथ निकले। सुबह सुबह सड़कें खाली थी, इसलिये फटाफट संतोषभवन, नाला फाटा होते हुए हमलोग सवा सात बजे घोडबंदर पहुंचे। इस दौरान सूर्योदय काफी आकर्षक लग रहा था। सहयाद्रि पर्वत श्रृंखला हमें काफी रोमांचित कर रहा था।
गायमुख चौपाटी पर मैगी ऑमलेट और चाय का आनंद:
घोडबंदर पहुंचते पहुंचते हमलोगों को चाय और नाश्ता की तलब लग रही थी। तब हमलोगों ने घोडबंदर स्थित गायमुख चौपाटी पर कुछ देर रुके और वहीं पर सड़क के किनारे खड़े ठेले पर ऑमलेट मैगी खाया और चाय पी। यहां नाश्ता और चाय काफी महंगा लगा।
गायमुख चौपाटी से हमलोग ठाणे, एरोली, सीबीडी बेलापुर होते हुए हमलोग खारघर पहुंचे। इस समय तक सुबह के करीब साव नौ बज चुके थे। निरंजन अंकल खारघर में रहते हैं। वे खारघर से मुंबई-बेलगाम-मुरुडेश्वर-मुंबई रोड ट्रिप में शामिल हुए। खारघर के अलावा बेलगाम में भी निरंजन अंकल का बंगला है। यह उनका पुश्तैनी बंगला है। हमलोगों को सबसे पहले इनके ही बंगला में ठहरना था। खारघर के जिस थ्री स्टार होटल के पास निरंजन अंकल हमारे साथ ट्रिप में शामिल हुए, वहीं से बेलगाम बगैरह के लिए बसें मिलती हैं।
मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर चाय, नाश्ते का आनंद:
अब हमारी कार यहां से कुछ ही दूरी पर मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर रफ्तार पकड़ चुकी थी। इस एक्सप्रेसवे पर कार अपनी रफ्तार से दनादन चल रही थी। एक्सप्रेसवे पर अब सुबह के 10 बज चुके हैं। सुबह से निकले हुए करीब साढ़े तीन घंटे हो चुके हैं। इसलिए कहीं रुककर थोड़ा रिलैक्स करने और कुछ खाने की इच्छा होने लगी थी। तभी हमलोग एक्सप्रेस वे पर स्थित होटल मुंबई पुणे ग्रैंड सेंट्रल पर रुके। कुछ ने वडापाव, कुछ ने इडली डोसा, कुछ ने मसाला डोसा खाया और फिर चाय पी। यहां काफी भीड़ रहती है। यहां गाड़ी पार्किंग की अच्छी सुविधा है। आप यहां फ्रेश हो सकते हैं। यहां हमोलोगों को काफी अच्छा लगा।
यहां नाश्ता, चाय करते करते सुबह के साढ़े दस बज चुके थे। अब हमें यहां से आगे जाना था। आज शाम शाम तक कर्नाटक के बेलगाम पहुंचना जरूरी था। यहीं पर हमलोगों को रात्रि विश्राम करना था। तो, सुबह साढ़े दस बजे हमलोगों ने होटल मुंबई पुणे ग्रैंड सेंट्रल छोड़ दिया। कार में कभी मधुर संगीत, कभी भजन बज रहे थे। सब लोग पूरे आनंद के मुड में थे। बीच बीच भी अलग अलग टॉपिक पर चर्चा, हंसी मजाक भी चल रहा था। चुंकि हमारे साथ सफर में तीन डॉक्टर भी थे। इसलिए उनके मरीजों के भी फोन बीच बीच में घन घना रहे थे। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे के किनारे पहाड़ पर बने रिसॉर्ट,बंगले देखने का भी अलग मजा आ रहा था।
एक्सप्रेसवे पर सभी गाड़ियां इस तरह सरपट भाग रही थीं, जैसे कि सबसे पहले पहुंचने की आपस में कोई प्रतिस्पर्द्धा हो रही हो। इस एक्सप्रेसवे पर गाड़ी तेज चलाना जरूरी है। तो, आप अगर स्पीड का लुत्फ उठाना चाहते हैं, तो यह एक्सप्रेसवे आपका खुले दिल से स्वागत करता है। एक्सप्रेसवे हमें टोल भी देना पड़ा।
टोल के तौर पर काफी पैसे खर्च करने पड़े। हमलोगों को कर्नाटक में भी टोल देना पड़ा, लेकिन महाराष्ट्र के मुकाबले कर्नाटक में एक तो टोल काफी कम है, और दूसरा, वहां की सड़कें महाराष्ट्र से अच्छी है, साफ सुथरी है, और ट्रैफिक पुलिस की कोई खास दखलअंदाजी नहीं है। यह एक्सप्रेसवे बोर घाट पर है। पहाड़ को काटकर जब सड़क बनाई जाती है, तो उसे घाट कहते हैं। इस घाट पर अभी सड़कों की चौड़ीकरण का काम चल रहा है। जेसीबी मशीन आप काम करते हुए दिख जाएगी। इस एक्सप्रेसवे पर एक सुसाइड प्वाइंट भी है।
पुणे-सातारा रोड पर अनहोनी घटना:
दोपहर के 12 बजते बजते हमलोग मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पीछे छोड़कर पुणे की सड़कों पर चल रहे थे और करीब 20 मिनट के बाद चांदनी चौक, कात्रज घाट होते हुए हमलोग पुणे-सातारा रोड पर आ चुके थे। तभी हमलोगों के साथ एक अनहोनी घटना घट गई। इस घटना में हमलोगों की कोई गलती नहीं थी, लेकिन चुंकि हमलोग बाहर के थे और हमारे पास समय भी ज्यादा नहीं था।
दरअसल, हमलोग अपने में मशगुल होकर पुणे-बंगलुरु हाइवे पर आगे बढ़कर रहे थे, तभी एक बाइक सवार ने हमलोगों के आगे आकर हमारी कार को रोकने का इशारा किया। हमलोगों ने सही जगह देखकर सड़क के किनारे कार रोक दी। कार रोकने के बाद हमारे साथ जो हुआ, वह कल्पना में भी नहीं सोचा था। हमारी कार के पास एक स्थानीय ऑटो वाला आकर जबर्दस्ती हमलोगों को कार से नीचे उतारने लगा। हमलोग सोच रहे थे कि आखिर हुआ क्या है। ऑटो वाले ने हमलोगों पर उसके ऑटो में किनारे से टक्कर मारने का आरोप लगाने लगा। ऑटो वाला के साथ आसपास के कई दूसरे लोग और ऑटो वाले भी इकट्टठा हो गए। ऑटो वाला ने पुलिस को बुलाने की धमकी देने लगा। हमलोगों ने किसी तरह से ऑटो वाला से पीछा छुड़ाया और आगे बढ़ गए।
एक बजते बजते हमलोग खेड शिवपुरी टोल प्लाजा को पार कर चुके थे। दोपहर 2 बजे के करीब पुणे छोड़कर हमलोग सातारा प्रवेश कर चुके थे। इस समय तक सभी के पेट में चुहे भी दौड़ने लगे थे। भूख मिटाने के लिए हमलोग सड़क के किनारे अच्छा सा रेस्टोरेंट देखते हुए चल रहे थे। अब हमलोग सातारा के वई नाका पार कर कराड और फिर कोल्हापुर की तरफ बढ़ रहे थे। वई नाका से आप हिलस्टेशन महाबलेश्वर जा सकते हैं। पुणे से बेलगाम की दूरी 350 किलोमीटर, नालासोपारा से कराड़ की दूरी 360 किलोमीटर, नालासोपारा से बेलगाम की दूरी 540 किलोमीटर है। खेड शिवपुरी टोल प्लाजा के बाद हमलोगों को तसवाडे टोल प्लाजा से भी गुजरना पड़ा।
अंत में कराड में करीब दोपहर तीन बजे प्यासा गार्डेन होटल में भूख प्यास मिटाने के लिए कुछ देर रुके। यहां खाने के लिए बैठने के साथ बगिया वाली फिलिंग आ रही थी। यहां हरे भरे पेड़ पौधे तो थे ही, दीवारों पर पेड़ पौधों की चित्रकारी की गई थी। कहीं भी आप घूमने जाते हैं तो वहां की स्थानीय भोजन का लुत्फ जरूर उठाइये। प्यासा गार्डेन में हमलोगों ने वहां की खास तामड़ा और पानरा का मजा लिया। साथ ही कुछ ने चिकन और भाकरी और कुछ ने अंडाकरी और भाकरी खाया। कुछ ने दाल -रोटी खाई। प्यासा गार्डेन में खाना काफी अच्छा था। यह होटल पुणे-बंगलोर हाइवे से अलग थोड़ा हटकर कराड-पाटण रोड पर है।
महाराष्ट्र से कर्नाटक में प्रवेश-
प्यासा गार्डेन में खाना खाकर हमलोग बेलगाम के लिए आगे निकले। शाम 5 बजे तक हमलोग कोल्हापुर में पहुंच चुके थे। कोल्हापुर में महाराष्ट्र की सीमा समाप्त होती है। इसके बाद कर्नाटक की सीमा लगती है। कर्नाटक के बेलगाम जिले की सीमा यहां से शुरु होती है। कोल्हापुर छोड़ते ही कर्नाटक का कोगनेली (Kogneli)टोल पार करना होता है। शाम 5.45 बजे हमलोग कोगनेली पार कर चुके थे। शाम 7.20 बजे हमलोग हत्तरगी टोल नाका पर थे। निपाणी में हमलोग कुछ देर चाय पीने के लिए रुके। शाम करीब 8 बजे हमलोग बेलगाम में निरंजन अंकल के बंगले में पहुंच चुके थे। यह बंगला अंकल के पिताजी ने 1987 में बनवाया था। बंगला अभी अच्छी हालत में है। बड़ा सा हॉल है। बड़े बड़े कमरे और कीचन भी बड़ा है। हमलोगों ने बंगले में ही रात का खाना बनाया। खाने के बाद जमकर नींद ली। सोने से पहले हमलोगों ने अगले दिन यानी 2 मार्च की योजना बना चुके थे।
मुंबई से बेलगाम जाते समय हमलोगों को लगातार घाट पर चढ़ना पड़ा था। पांच घाट से गुजरकर हमलोग बेलगाम पहुंचे थे। ये पांच घाट हैं- मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर बोर घाट, पुणे का कात्रज, सातारा का खंडाला घाट (मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर भी खंडाला है), कर्नाटक के निपाणी का तबंदी घाट और बेलगाम का बेलगवी चोर्ला घाट।
2 मार्च 2025:
बेलगाम से योगरबावी सत्यभामा कुंड,रेणुका मंदिर, मुरुडेश्वर-
अंकल के बंगला से सुबह का नाश्ता करके और चाय पीकर सुबह 10 बजे रेणुका मंदिर के लिए निकले। हालांकि, सुबह 8 बजे तक हमलोगों को रेणुका मंदिर के लिए निकल जाना चाहिए थे। येल्लम्मा मंदिर को रेनुका मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह देवी रेणुका का मंदिर और तीर्थ स्थल है। कर्नाटक के सौंदत्ती शहर से 5 किलोमीटर (3.1 मील) दूर है। बेलगाम से यह 80 किलोमीटर दूर है। रेणुका मंदिर से जोग जलप्रताप 70 किलोमीटर दूर है। रेणुका मंदिर का दर्शन करके 2 मार्च को जोग जलप्रताप, गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर और मुरुडेश्वर मंदिर भी जाना था, लेकिन काफी देर हो जाने की वजह से जोग जलप्रताप, गोकर्ण मंदिर देखे बिना सीधे मुरुडेश्वर पहुंच गए। फिर तीन मार्च को मुरुडेश्वर से दर्शन करके वापस बेलगाम आते समय हमलोगों ने गोकर्ण का दर्शन किए। हालांकि, जोग जलप्रताप नहीं देख पाए। अगर बेलगाम से बिना रेणुका मंदिर गए मुरुडेश्वर जाते तो दूरी करीब 100 किलोमीटर कम हो जाती। वैसे मुरुडेश्वर से वापस बेलगाम लौटते समय हमलोग ना तो हुबली या धारवाड़ गए और ना ही रेणुका मंदिर।
रेणुका मंदिर जाते समय हमलोगों ने बेलगाम की खूबसूरती को निहारा। बेलगाम के बगल से गुजरती मलप्रभा नदी, इसके अलावा पहाड़ियां, विधान सभा भवन, किला, तालाब. सड़क के किनारे खड़ी फसल, बाजार बगैरह देखते हुए आगे बढ़ते रहे। पहाड़ी पर पवनचक्की भी देखने को मिला।
रेणुका मंदिर में दर्शन के लिए हमलोग दोपहर 12.54 बजे लाइन में लगे। लेकिन उससे पहले मंदिर से कुछ ही दूर पहले योगरबावी सत्यभामा कुंड का दर्शन किए। दोपहर 12 बजे योगरबावी सत्यभामा कुंड हमलोग पहुंच चुके थे। यहां गाड़ी पार्किंग की अच्छी व्यवस्था है। रेणुका
मंदिर से पहले पूजा का एक अन्य स्थान पवित्र "योगरबावी सत्यभामा कुंड" है। यह पहाड़ी के निचले छोर पर स्थित तालाब है, जहाँ भक्त स्नान करते हैं और पूजा के लिए मंदिर में जाने से पहले नए कपड़े पहनते हैं। यहाँ मनाया जाने वाला एक उल्लेखनीय रिवाज़ "निम्माना" कहलाता है, जिसमें मुंह में नीम के पत्ते रखकर "सत्यम्मा मंदिर" की परिक्रमा करना शामिल है। मंदिर की देवी को जगदम्बा के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है "ब्रह्मांड की माँ" और माना जाता है कि वे काली का एक रूप हैं ।
रेणुका मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जिसे पहले सिद्धाचल पर्वत के नाम से जाना जाता था और अब इसे मंदिर के नाम पर "येल्लमन्ना गुड्डा" के नाम से जाना जाता है। मंदिर में देवता देवी येलम्मा या एलामा या रेणुका हैं , जिन्हें उर्वरता देवी के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है।
योगरबावी सत्यभामा कुंड में हमलोगों ने करीब आधा घंटा बिताया। फिर रेणुका मंदिर के लिए निकले। दोपहर 12.30 बजे हमलोग रेणुका मंदिर के पार्किंग स्थल पर थे। पार्किंग की यहां अच्छी व्यवस्था है। पार्किंग के लिए 60 रु. देना पड़ा।
रेणुका मंदिर में 12.54 बजे दर्शन के लिए लाइन में लगे। स्पेशल दर्शन के नाम पर प्रति व्यक्ति 100 रु. देना पड़ा। करीब दो घंटे के बाद तीन बजे मुख्य मंदिर का दर्शन हुआ। जबकि तीन बजे तक हमलोगों को मुरुडेश्वर पहुंच जाना था जो कि रेणुका माता मंदिर से करीब 150 किलोमीटर दूर है। माता का दर्शन करने के बाद हमलोग मंदिर से ही कुछ दूर पर स्थित एक होटल में 3.30 बजे से 4 बजे शाम तक खाना खाया। चार बजे हमलोग खाना खाकर मुरुडेश्वर के लिए निकले।
वैसे हमलोगों को रास्ते में ही जोग जलप्रताप और गोकर्ण जाना था, लेकिन काफी देर हो जाने की वजह से सीधे मुरुडेश्वर जाने का प्लान बन गया। जोग जलप्रताप और गोकर्ण जाते जाते रात हो जाती है। इसलिए हमलोगों ने सोचा कि रात मुरुडेश्वर के ही होटल में ही बितायी जाई और मुरुडेश्वर में विशाल महादेव का दर्शन करके वापस गोकर्ण में दर्शन किया जाए।
इस तरह हमलोग रेणुका मंदिर का दर्शन करके धारवाड़, हुबली और अंकोला होते हुए रात साढ़े 10 बजे मुरुडेश्वर पहुंचे। सड़कें अच्छी थीं। साथ ही जंगल और पहाड़ से गुजरने का अलग ही मजा आ रहा था।
मुरुडेश्वर पहुंचने से पहले एक बार फिर से उसी तरह की अनहोनी घटना हमलोगों के साथ घटी, जैसी घटना पुणे से आगे बढ़ने पर पुणे-सातारा रोड पर घटी थी। रात हो चुकी थी। हमलोग आराम से कार से जा रहे थे, तभी एक बाइक वाला हमारी कार के आगे आकर कार रोकने का इशारा करने लगा। हमलोगों ने सही जगह देखकर कार रोकी। बाइकसवार ने कार से लोगों से कहने लगा कि आप लोग कैसे कार चलाते हो, अगर मेरा एक्सीडेंट हो जाता तो। मैं थोड़ा सा के लिए बच गया। बाइकसवार की मदद के लिए कई लोग वहां पर जमा हो गए। लेकिन, हमारी कोई गलती तो थी नहीं। इसलिए बाइकसवार कुछ देर बहस करकेआगे बढ़ गया। कुछ लोगों को कहना है कि स्थानीयय लोग हाइवे पर इसी तरह अजनबी लोगों को रुकवाते हैं और डर दिखाकर पैसे ऐंठते हैं। इसलिए ऐसे लोगों से सावधान रहें।
तो, मुरुडेश्वर में विशाल महादेव से दो किलीमीटर की दूरी पर हमलोगों ने प्रार्थना रेसीडेंसी में रात के लिए प्रति कमरा 1600 रु. के हिसाब से दो कमरे बुक करवाए। भोजन भी होटल के कमरे में ही मंगवाया।
3 मार्च 2025:
मुरुडेश्वर-मुख्य मंदिर-भूकैलाश गुफा-राज गोपुरम- गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर-बेलगाम-
सुबह 8.45 को चाय पीकर हमलोगों ने प्रार्थना रेसीडेंसी को छोड़ दिया और मुरुडेश्वर मंदिर दर्शन के लिए पहुंच गए। सुबह 9.05 बजे हमलोग मंदिर परिसर में थे। पार्किंग की अच्छी व्यवस्था है यहां पर। पार्किंग के 40 रु. देना पड़ा। यहां पर आप खूबसूरत सी बिच, राज गोपुरम, भूकैलाश गुफा देख सकते हैं। मंदिर तीनों ओर समुद्र से घिरा है।
मुरुदेश्वर (Murudeshwar) भारत के कर्नाटक राज्य के उत्तर कन्नड़ ज़िले की भटकल तालुका में स्थित एक नगर है। यह भटकल नगर से लगभग 13 किमी दूर अरब सागर तट पर स्थित है। यह एक हिन्दू तीर्थस्थल है और यहां विश्व का दूसरी सबसे बड़ी भगवान शिव की मूर्ति है। यहां का मुरुदेश्वर मन्दिर भी प्रसिद्ध है। इस मंदिर का निर्माण 2008 में पूर्ण हुआ था और इस मंदिर की ऊंचाई 249 फ़ीट है।'मुरुदेश्वर' भगवान शिव का एक नाम है।
मंदिर में ही भूकैलाश गुफा है। गुफा में राम-रावण से जुड़ी कहानी मूर्ति के रुप में दिखाई गई है। गुफा में राम-रावण की कहानियां सुनाई जाती है। गुफा में प्रवेश के लिए पैसे देने होते हैं। बच्चे का 10 रु. और बड़ों का 20 रु. टिकट लगता है। हमलोगों ने सुबह 9.40 बजे भूकैलाश गुफा में प्रवेश किया। करीब 15-20 मिनट हमलोग गुफा में ही रहे।
फिर साढ़े 10 बजे मुख्य मंदिर का दर्शन किया। सुबह 10.40 बजे हमलोगों ने मंदिर के सामने स्थित राज गोपुरम के लिफ्ट में प्रवेश किया। 18 फ्लोर का है यह राज गोपुरम। यहां से आप मुरुडेश्वर मंदिर के साथ साथ आसपास के नजारों का आनंद ले सकते हैं। राज गोपुरम में जाने के लिए पैसे देने होते हैं। बच्चे का 10 रु. और बड़ों का 20 रु. टिकट लगता है।
यह राजा गोपुरा या राज गोपुरम विश्व में सब से ऊंचा गोपुरा माना जाता है। यह 249 फीट ऊंचा है। इसे एक स्थानीय व्यवसायी ने बनवाया था। द्वार पर दोनों तरफ सजीव हाथी के बराबर ऊंची हाथी की मूर्तियां देखी जा सकती हैं। अब गोपुरम के बारे में थोड़ा जान लीजिए।
गोपुरम, हिंदू मंदिरों के प्रवेश द्वार पर बना एक स्मारकीय प्रवेश द्वार होता है। यह दक्षिण भारत की द्रविड़ वास्तुकला की एक प्रमुख विशेषता है। गोपुरम को विमानम भी कहते हैं। गोपुरम की कुछ खासियतें होती हैं। जैसे, गोपुरम आमतौर पर ऊंचा और भव्य होता है। यह कई स्तरों वाला होता है। इसे विभिन्न धार्मिक प्रतीकों और मूर्तियों से सजाया जाता है। गोपुरम के ऊपर कलशम, एक बल्बनुमा पत्थर का कलश होता है। गोपुरमों का इतिहास आरम्भिक पल्लव वंश के निर्माणों एवं बारहवीं शताब्दी के पाण्ड्य राजवंशओं द्वारा बनवाए गए प्रधान अंगों में जाता है। गोपुरम तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, श्रीलंका में पाए जाते हैं।
आखिरकार सुबह 11 बजे हमलोगों ने मुरुडेश्वर मंदिर परिसर छोड़ दिया और बगल के एक होटल में नाश्ता किया और चाय पी। यहां 11.00-12.00 बजे तक चाय, नाश्ता का कार्यक्रम चला और उसके बाद वापस बेलगाम के लिए निकल पड़े।
वापस लौटते समय रास्ते में गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर का दर्शन किया। हालांकि यहां हमलोग दोपहर 2 बजे पहुंचे थे। लेकिन, दोपहर 2 से 5 बजे तक मंदिर के द्वारदर्शन के लिए बंद रहते हैं। मंदिर दर्शन के लिए सुबह 6 बजे खुलता है और शाम 7 बजे बंद हो जाता है। गोकर्ण मंदिर में पार्किंग की अच्छी व्यवस्था है। पार्किंग चार्ज के तौर पर हमलोगों को 50 रुपए देना पड़ा।
गोकर्ण मंदिर के बगल से गंगावलि नदी बहती है। यह समुद्र के किनारे स्थित है। इसलिए यहां बिच का आनंद ले सकते हैं। शाम को 3 बजे हमलोग गोकर्ण से बेलगाम के लिए निकले। रास्ते में हमलोगों ने होटल में खाना खाया। वापस बेलगाम जाते समय इस बार हमलोगों को हुबली, धारवाड़ होकर नहीं जाना पड़ा, बल्कि स्टेट हाइवे 93 (एल्लाररपुर-बेलगाम स्टेट हाइवे) से हमलोग जल्दी से बेलगाम पहुंच गए। रात के 9 बजे हमलोग बेलगाम के अपने बंगले में पहुंचे। खाना बाहर होटल से पैक करवा कर लाए थे। इस तरह से हमलोग नालासोपारा-बेलगाम-रेणुका मंदिर-मुरुडेश्वर-गोकर्ण मंदिर और फिर वापस बेलगाम तक 1280 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके थे। चार मार्च को सुबह जल्दी से वापस नालासोपारा जाने का प्लान बनाकर गहरी नींद में सो गए।
4 मार्च 2025:
बेलगाम से वापस नालासोपारा घर:
हमलोगों ने सुबह 7.45 बजे बंगला छोड़ा। निपााणी के तबंडी घाट पर 9 बजे अमर किंग होटल में नाश्ता किया। नाश्ता काफी अच्छा था। सुबह सुबह यहां नाश्ता करने वालों की अच्छी भीड़ थी।
नाश्ता करने के बाद 9.40 बजे हमलोग अपने घर नालासोपारा के लिए निकले।
दोपहर 2 बजे पुणे के जगदंबा होटल में खाना खाया। होटल के साथ साथ होटल का खाना भी काफी अच्छा था। सर्विस काफी अच्छी थी। पार्किंग की अच्छी व्यवस्था है यहां। होटल में काफी भीड़ थी। एक भी कुर्सी खाली नहीं थी। यहां खाना खाकर करीब 3.30 बजे शाम को नालासोपारा अपने घर के लिए निकले। रात 8 बजे हमलोग नालासोपारा के अपने घर पहुंच चुके थे।
कर्नाटक और महाराष्ट्र में जो फर्क महसुस किया...
इस सफर में कर्नाटक और महाराष्ट्र राज्य के शहर शामिल रहे। वैसे तो कुदरत महाराष्ट्र और कर्नाटक दोनों पर मेहरबान है। लेकिन, सिस्टम, स्थानीय लोगों की आदतों के मामले में दोनों राज्यों में कई अंतर हमलोगों ने महसूस किया। जैसे-
1) टोल महाराष्ट्र में ज्यादा कर्नाटक में कम...कर्नाटक में अधिक से अधिक ₹60, जबकि महाराष्ट्र में कम से कम ₹75.. ..महाराष्ट्र में अधिकतम टोल ₹320..।
2) कर्नाटक की सड़क एकदम साफ सुथरी और बेहतर स्थिति में, महाराष्ट्र की सड़क ना तो एकदम साफ सुथरी ना ही एकदम बेहतर।
3) कर्नाटक में ट्रैफिक में पुलिस की दखलअंदाजी नहीं के बराबर, जबकि महाराष्ट्र में पुलिस की काफी दखलअंदाजी।
4) कर्नाटक में सड़क के किनारे ठेला बगैरह नहीं जबकि महाराष्ट्र में सड़क के किनारे ठेले की भरमार।
5) महाराष्ट्र में नेताओं के पोस्टर, कटआउटर की भरमार, लेकिन कर्नाटक में ऐसा देखने को नहीं मिला|
6) कर्नाटक में पेट्रोल महाराष्ट्र से ₹2 प्रति लीटर सस्ता।
7) कर्नाटक में खाना, नास्ता महाराष्ट्र से सस्ता।
तो, यह रहा हम पांच दोस्तों का मुंबई-बेलगाम-मुरुडेश्वर-बेलगाम-मुंबई का सफरनामा।
Mumbai Belgaum Murudeshwar Mumbai Road Trip: एक कार, 5 दोस्त, 1800 किलोमीटर, 84 घंटा, ₹7500 खर्च
-Murudeshwar Beach, Karnataka देखेंगे तो Mumbai, Goa Beach भूल जाएंगे
-Film City, Goregaon East, Mumbai का नजदीकी लोकल और मेट्रो स्टेशन
-Nirmal Kshetra Mela की महिमा अपार, लाखों लोगों का मिलता है प्यार
-ये केला खायेंगे तो अंजीर भूल जायेंगे...
Mamleshwar Jyotirlinga, Omkareshwar, MP I ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग, ओंकारेश्वर, खंडवा मध्य प्रदेश I
-Speed Boat Riding Charge II Rajodi Beach II Nallasopara
-BhimaShankar Jyotirlinga, Pune Unsung Stories II भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, पुणे की अनसुनी कहानियां
-BhimaShankar Road, Pune II भीमाशंकर रोड, पुणे II Pune Nashik Highway To BhimaShankar Temple
-Pune Nashik Highway, Pune II पुणे नासिक हाइवे, पुणे
-Khed Ghat, Pune II खेड़ घाट, पुणे II
-BhimaShankar Temple: Opening Closing Time || भीमाशंकर मंदिर: खुलने बंद होने का समय
-BhimaShankar Bus Stand, Pune II भीमाशंकर बस स्टैण्ड, पुणे
-भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग. पुणे|| BhimaShankar Jyotirlinga, Pune||
-Mahabaleshwar में Go Karting,ZipCycling, Paint Ball का मजा कहां लें
-गया की हैरान करने वाली नैसर्गिक खूबसूरती; Gaya, BodhGaya, Nature, Tourist
-एक मजदूर की जिद ने बना दिया रास्ता; Dashrath Manjhi, Mountain Man
-दशरथ मांझी; एक मजदूर का Mountain Man बनने की कहानी
-चने का असली सत्तू घर में कैसे बनाएं, जानें पूरी प्रक्रिया; Sattu, Chana Sattu, Litti, Sattoo; Gram
-Mitti Ke Diye, Kulhad:मिट्टी का दीया, कुल्हड़, कप, प्याली कैसे बनता है, घर बैठे कैसे मंगवायें
-Mumbai Darshan: मुंबई का दीदार, समुद्र से कर मेरे यार; Tourist Attraction
-भगवान नित्यानंद समाधि मंदिर: भगवान के दर्शन के साथ कुदरत का भी मजा; Ganeshpuri, Tourist Attraction
-मुंबई के गिरगांव चौपाटी कैसे पहुंचे
-शिर्डी, शनि शिंगणापुर के दर्शन के साथ सावन में झूले का आनंद
-रेत और पानी से बनी साई की कलाकृति; Sai, Sand, Water, Shirdi, RangaRangIndia
-सावन में हरियाली के बीच भक्ति के साथ झूले का आनंद ; Tourist Attraction, Shani Shingnapur
-शनि शिंगणापुर, अहमदनगर, महाराष्ट्र, Tourist Place, RangaRang India, Shani Shignapur
-साई प्रसादालय, शिर्डी, अहमदनगर, महाराष्ट्र, Tourist Place, Shree Sai Prasadalay
-यूट्यूब (YouTube) चैनल शुरू करने में कितना खर्च आता है
-भेड़ाधाट की भव्यता ऐसी कि आप भूल नहीं पायेंगे Tourist Attraction, Jabalpur, RangaRang India
-बेवफा चायवाला, बेवफा Maggie Point, Bheda Ghat, Tourist Attraction, RangRang India
-भेड़ाघाट पर क्या क्या सामान मिलता है; Tourist Attraction, Jabalpur, RangaRang India
-भेड़ाघाट के बजरंग बली; Tourist Attraction, Jabalpur, RangaRang India
-Vijan Mahal, Jabalpur, Tourist Attraction, Madhya Pradesh, RangaRang India
-Safe Driving, Save life, Jabalpur, Tourist Attraction, RangaRang India
-मां नर्मदे आरती, ग्वारी घाट, जबलपुर, Tourist Attraction, RangaRang India
-16वीं सदी का मंदिर पचमठा मंदिर, गोपालपुर, जबलपुर, Tourist Attraction, Rangarang India
-चौसठ योगिनी मंदिर, गौरी शंकर मंदिर, भेड़ाघाट, जबलपुर, Tourist Attraction, RangaRang India
-Boating का ऐसा मजा कहीं और नहीं मिलेगा..Panchvati, BhedaGhat, Jabalpur, RangaRang India
-मन्नत पूरी करने वाली मां त्रिपुर सुंदरी के दर्शन, मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर, तेवर, हथियागढ़, जबलपुर
-Balancing rock; चुनौतियों के बीच कैसै खुद को Balance रखें,ये सिखाता है; Jabalpur, RangaRang India
-रानी दुर्गावती से जुड़े इस महल की हैरान करने वाली बात; Madan Mahal, Jabalpur, RangaRang India
-बाबा भोलेनाथ गुफा मंदिर, मदन महल, जबलपुर, Tourist Attraction, RangaRang India, Mahadev
-शंकर भगवान की 76 फीट ऊंची मूर्ति, कचनार सिटी, जबलपुर, Tourist Attraction, RangaRang India
-नर्मदा नदी में क्रूज की सवारी का आनंद, बरगी डैम, जबलपुर, Tourist Attraction, RangaRang India
-वीरांगना रानी दुर्गावती समाधि स्थल, जबलपुर, मध्य प्रदेश, Tourist Attraction, RangaRang India
-जिलहरी घाट पर नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी, Jilhari, Jabalpur, Tourist Attraction, RangaRang India
-किस हाल में है शिमला का वायसरॉय भवन; Viceroy Building, Shimla, RangaRang India
-कुफरी में यहां से देखें चीन का बॉर्डर; Kufri, Shimla, RangaRang India, Tourist Attraction
-कुफरी में Zipline का आनंद लीजिए; Kufri, Shimla, RangaRang India, Tourist Attraction
-शिमला, कुफरी का साथियों के साथ शानदार और सदाबहार सैर सपाटे का आनंद
-कालका-शिमला रूट की खास ट्रेन; ToyTrain, TouristAttraction, RangaRang India
>कुदरत की गोद में एक ही जगह एडवेंचर्स, कैंपिंग, गेम्स, ट्रेकिंग का आनंद, केवल ₹1800/दिन में
-Sports, Trekking का मजा Salvi Farms natural Retreat & Adventures में
-Swimming, Boating का मजा Savli Farms natural Retreat & Adventures में
-Shooting, Archery का मजा Savli Farms natural Retreat & Adventures में
-Zipline का मजा Savli Farms natural Retreat & Adventures में
-कैंपिंग और एडवेंचर्स के साथ एक ही जगह पर ढेर सारा गेम का आनंद ; Salvi Farms
-गायमुख चौपाटी, Floating Mini Resto/Bar, Thane, Tourist Attraction
-मस्त महाबलेश्वर, राष्ट्रगौरव रायगड़ किले के सैर-सपाटे का आनंद
-महाबलेश्वर की पुरानी हवेली, जंगल में मंगल
-महाबलेश्वर मंदिर की अनसुनी कहानी
-पवित्र पंचगंगा मंदिर की हैरान करने वाली बातें
-महाबलेश्वर में नौका विहार का आनंद ; Venna Lake, Boating, Timing, Tourist attarction
-महाबलेश्वर में कुदरत की खूबसूरती को इन जगहों से निहारें; Hill Station, Tourist Attraction
-आर्थरसीट पॉइंट, टाइगर स्प्रिंग पॉइंट, हंटिंग पॉइंट, इको पॉइंट की हैरान करने वाली बातें
-प्रतापगढ़ किले से आसपास का नजारा;Pratapgarh Fort, Tourist Attraction, Mahabaleshwar, Hill Station
-रायगड़ किले पर महज 4 मिनट में कैसे पहुंचें Raigarh Fort, RopeWay,Tourist Attraction
-रायगड़ किले पर कैसे और क्यों जाएं, क्या क्या देखें RaigarhFort, Tourist Attraction
-रायगड़ किले से आसपास का नजारा देखिये; Raigarh Fort, Tourist Attraction
- ममता और वीरता की मूरत हिरकणी धनगर की अनसुनी कहानियां Raigarh Fort, Tourist Attraction
- जीजाबाई की समाधि कहां है Raigarh Fort, Tourist Attraction
- शिवाजी महाराज की समाधि और उनके वफादार वाघ्या की प्रतिमा; Raigarh Fort, Tourist Attraction
-कॉलेज के दोस्तों के संग कुदरत का मजा
-बोरघाट, BorGhat, Mumbai Pune Expressway, Lonawala, Khandala, Sahyadri, Tourist place, Maharashtra
-पहाड़ की क्रेन से खुदाई, Crane Digging Mountain, Mumbai Pune Expressway,...
-खंबातकी घाट, सातारा Khambatki Ghat, Pune - Bangluru Expressway, Satara, ...
-पसारणा घाट, Pasarana Ghat, Wai- Panchgani-Mahabaleshwar, Satara, Maharashtra, Tourist attraction
-महाबलेश्वर का मुख्य बाजार, Mahabaleshwar main market
-बॉम्बे पॉइंट, जहां सूरज डूबने का इंतजार करते हैं सैलानी .. Bombay or Sunset Point, Mahabaleshwar
-आंबेनळी घाट, Ambenali Ghat, Mahabaleshwar- Pratapgarh, Satara, Tourist Attraction
-रायगड किला, Raigad Fort-Pachad-Mahad Road& Ghat, Maharashtra, Tourist Attraction, RangaRang India
-अष्टविनायक दर्शन की अनूठी दास्तान, जब अजनबी ने दिलाया अपनेपन का अहसास
-Valmikinagar, Tourist Attraction, Bihar,बिहार के सैलानियों को एक और सौगात
-गिरिजात्मज मंदिर, लेण्याद्रि, अष्टविनायक, पुणे, Girijatmaj Temple,Lenyadri, Ashtavinayak,Pune
-मयुरेश्वर मंदिर, अष्टविनायक, मोरगांव, पुणे, Mayureshwar, Morgaon, Ashtavinayak, Pune
-जलकुंभी पर जलते तैरते दीये, आलंदी, Jalakumbhee Par Jalte Tairte Deeye, Alandi
-संत ज्ञानेश्वर समाधि मंदिर,आलंदी, Sant Dnyaneshwar Samadhi Mandir, Alandi
-संत तुकाराम समाधि मंदिर, देहू, Sant Tukaram Samadhi Mandir, Dehu
-संत तुकाराम मुख्य मंदिर, देहू, Sant Tukaram Maharaj Mukhya Mandir,Dehu
-अष्टविनायक, वरदविनायक मंदिर,महड, Ashtvinayaka, Varadavinayak Temple, Mahad, Raigad
-अष्टविनायक, बल्लालेश्वर मंदिर,पाली, रायगड, Ashtavinayaka, Ballaleshwar Temple,Pali, Raigad
-अष्टविनायक दर्शन करके मालशेज घाट में भोजन...मतलब, आनंद ही आनंद
-अजुबा अजंता गुफा (मराठी में-अजिंठा लेणी), अद्भुत औरंगाबाद के सफर का आनंद
-बाबा साहब को औरंगाबाद में कॉलेज बनाने के लिए जमीन किसने दी?
-औरंगाबाद की पन चक्की ( Water Mill); इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना
-अजुबा अजंता गुफा (मराठी में-अजिंठा लेणी); Ajanta, Tourist Attraction, RangaRang India
-कुंभेरेश्वर महादेव मंदिर, पडघा, ठाणे, महाराष्ट्र
-ग्रेट अन्नपूर्णा, गेस्ट हाउस, लॉजिंग, बोर्डिंग, खुलताबाद, औरंगाबाद, एलोरा, महाराष्ट्र
-खुलताबाद से दौलताबाद (देवगिरि), औरंगाबाद, महाराष्ट्र
-दौलताबाद (देवगिरि) किला, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया
-श्रीमंत छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया
-बीबी का मकबरा, दक्कन का ताज, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया
-दौलताबाद के दुलारे, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया
-पेड़ एक, जड़ अनेक, खुलताबाद, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया
-अजंता के पास सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया
-घृष्णेश्वर मन्दिर, ज्योतिर्लिंग, एलोरा, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया
-शनि मंदिर, वाघोली, नालासोपारा, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया, टूरिज्म
-निर्मल, शंकराचार्य समाधि मंदिर, हनुमान मंदिर, चर्च, नालासोपारा, पालघर, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया
-शंकराचार्य समाधि मंदिर, निर्मल, नालासोपारा, महाराष्ट्र
सुगन्धित, स्वादिष्ट, स्वस्थ, स्वच्छ, सुरम्य साईनगरी शिर्डी का सफरनामा
-साईनगरी शिर्डी का सौंदर्य देखिये; Shirdi, Maharashtra, Tourist Attraction, RangaRang India
-शिर्डी में ऑस्ट्रेलिया का ऐमू देखना मत भूलें, Tourist Attraction, Maharashtra, RangaRang India
-शुभारंभ शिर्डी, Shirdi Ki Subah, Tourist Attraction, Maharashtra, RangaRang India
-Sai Shayan Aarti@11.00 PM, Shirdi, Tourist Attraction, Maharashtra, RangaRang India
-Sai Temple, Shirdi at Night, Tourist Attraction, Maharashtra
-Santosi Mata Temple, Ashagad, Dahanu
-Shitla Devi Mata Temple, Kelve
-Mahakali Mandir-Vadrai, Kelve
-Khamjai Mata Mandir, Shirgaon
-Tulja Bhawani Temple,Kaner Fata, Virar
-मजा आ गया! 9 अलग अलग मंदिरों के दर्शन,15 घंटे, 365 कि.मी, ₹900,35अजनबी
Beautiful Sahyadri Mountain Range In Palghar, Maharashtra
Navratri, Dahanu Mahalaxmi Mandir, Tourist Attraction, RangaRangIndia
Navratri, Vajreshwari Temple, Tourist Attraction, Bhiwandi, Thane, RangaRangIndia
Mumbai-Ahmedabad Highway, Tourist Attraction, Virar-Dahanu, RangaRangIndia
बिहार का बांका सैलानियों के लिए बना और शानदार, रोपवे से करें खूबसूरत वादियों का दीदार
India gets its 40th World Heritage Site
भारत के 40वें स्थल को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला
भारत को अपना 39वां विश्व धरोहर स्थल प्राप्त हुआ
-नालासोपारा पश्चिम के इस भगवान महादेव की दिलचस्प कहानी
>सिंहगढ़ किला, पुणे: ट्रैकिंग के साथ साथ इतिहास पर गर्व करने वाली जगह
>स्वामी समर्थ मठ (बाहर से), भुईगांव, वसई, पालघर, महाराष्ट्र
>माधव बाग Madhav Baug), सीपी टैंक, मुंबई, क्यों है खास, कैसे पहुंचे
(जीवदानी मंदिर के ऊपर से आसपास के इलाकों के खूबसूरत नजारे
((जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) के पिंजड़े के चहकते परिंदे
((जीवदानी मंदिर परिसर स्थित महाकाली मंदिर, काल भैरव मंदिर
((श्री वारोंडा देवी. जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र)
((जीवदानी मंदिर, विरार (पूर्व), महाराष्ट्र; Jivadani Mandir, Virar (East), Maharashtra
(शानदार और यादगार ट्रिप: अक्कलकोट- गाणगापुर-सोलापुर- तुलजापुर-सिद्देश्वर-पंढरपुर-मिनी तिरुपति
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर (अंदर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर, सोलापुर, महाराष्ट्र (बाहर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर: Shri Vittal Rukmini Mandir, Pandharpur, Maharashtra
(श्री भैरवनाथ मंदिर, दौंडज, कदमबस्ती, पुणे; Shri BhairavNath Mandir, Daundaj, Pune
(शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर रेप्लिका, सोलापुर; Shivyogi Siddheshwar Temple Replica, Solapur
(तुलजा भवानी मंदिर, तुलजापुर, उस्मानाबाद, महाराष्ट्र ; Tulja Bhavani Mandir, Tuljapur, Maharashtra
(श्री शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर (सोलापुर) के बारे में क्या कहते हैं श्रद्धालु
(भक्त निवास, अक्कलकोट, महाराष्ट्र; Bhakt Niwas, Akkalkot, Maharashtra
((श्री स्वामी समर्थ मंदिर, अक्कलकोट, Shri Swami Samarth Temple, Akkalkot
(श्री दत्तात्रेय भगवान का मंदिर, गाणगापुर, Shri Duttatreya Temple, Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
( इच्छापूर्ति औदुंबर वृक्ष, गाणगापुर, Holy Audumbar Tree, Ganagapur, Kalburgi, Karnatka
((भीमा-अमरजा संगम, गाणगापुर, कर्नाटक Prayagraj of Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
(Nehru Centre, Worli, Mumbai (नेहरू सेंटर, वर्ली, मुंबई); क्या देखें, कैसे पहुंचें
(कबड्डी खिलाड़ियों को भी भाता है Akloli (अकलोली) का गर्म पानी का कुंड
(सैलानियों को क्यों पसंद है Akloli (अकलोली)
(Mumba Devi Mandir, Mumbai; मुंबा देवी मंदिर, मुंबई
(Akloli Hot Springs, Vajreshwari, Maharashtra; What Local People says)
(Vajreshwari Mandir, Vasai, Palghar, Maharashtra
(How to save yourself, family, flat from fire
(Rajodi Beach, Nalasopara, Maharashtra
((Chhatrapati Shivaji Maharaj Vastu Sangrahalaya, Mumbai
((Gateway Of India on Sunday Morning
((The Fishing Community of Arnala Bunder, Virar, Maharashtra
((Arnala Fort: Attarctive Tourist Spot: How to reach
((Nasik to Igatpuri; Everywhere Greenary
((Kasara to Karjat, Maharashtra; See Beauty of Nature
((Igatpuri Station, Maharashtra
(Patna Junction, Bihar, India
(Rice Fields of Bihar
(Gaya Railway Junction, Bihar, India
((Bodh stupa, Nalasopara (west), Maharashtra
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 3; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 2; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 1; Amokhar, Bihar
(Girgaon Beach, Mumbai in Evening: गिरगांव चौपाटी, मुंबई शाम का नजारा
(Antilia, Mumbai: एंटीलिया, मुंबई
((Jaslok Hospital, Mumbai: जसलोक अस्पताल, मुंबई
(Girgaum Chowpatty, Mumbai@7pm, गिरगांव चौपाटी, मुंबई
((Pachu Bandar, Vasai, Maharashtra, पाचू बंदर, वसई, महाराष्ट्र
((Chimaji Appa Memorial, Vasai; चिमाजी अप्पा स्मारक, वसई, महाराष्ट्र
((Vasai Court, Maharashtra; वसई कोर्ट, महाराष्ट्र
((Vasai station to Vasai Court & Vasai Fort by Auto; वसई स्टेशन से वसई फोर्ट और वसई फोर्ट ऑटो से)
((Vasai Fort, Maharashtra; वसई किला, महाराष्ट्र
((Vasai Road Station (BSR);वसई रोड स्टेशन
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें