गुरुवार, 23 सितंबर 2021

दो और भारतीय समुद्र तटों को मिला प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय ब्लू फ्लैग प्रमाणन, जानिए इसके मायने

       भारत में अब ब्लू फ्लैग वाले 10 समुद्र तट मौजूद


संसाधनों के समग्र प्रबंधन के जरिये प्राचीन तटीय एवं समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों की रक्षा करने और उसका संरक्षण के लिए भारत की प्रतिबद्धता की एक अन्‍य स्‍वीकृति के तहत इस साल दो नए समुद्र तटों-तमिलनाडु में कोवलम और पुदुचेरी में इडेन-को वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त और प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय इको-लेबल 'ब्लू फ्लैग' प्रमाणन प्रदान किया गया है।

फाउंडेशन फॉर एनवायर्नमेंट एजुकेशन इन डेनमार्क (एफईई) वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त इको-लेबल- ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्रदान करता है। उसने 8 नामांकित समुद्र तटों शिवराजपुर-गुजरातघोघला-दीव, कासरकोड एवं पदुबिद्री-कर्नाटक, कप्पड-केरल, रुशिकोंडा-आंध्र प्रदेशगोल्डन-ओडिशा और राधानगर-अंडमान एवं निकोबार के लिए दोबारा प्रमाणन भी दिया है। इन समुद्र तटों को पिछले साल ब्लू फ्लैग प्रमाण पत्र दिया गया था।

पर्यावरणवन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्‍द्र यादव ने एक ट्विटर संदेश में इसकी घोषणा करते हुए खुशी जताई और सभी को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में क्‍लीन एंड ग्रीन इंडिया की ओर भारत की यात्रा में एक अन्‍य पड़ाव है।

पर्यावरणवन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारत के तटीय क्षेत्रों के 'सतत विकास' के क्रम में एक अत्यधिक प्रशंसित एवं प्रमुख कार्यक्रम बीच एनवायर्नमेंट एंड एस्‍थेटिक्‍स मैनेजमेंट सर्विसेज (बीईएएमएस) शुरू किया है। यह भारत के तटीय क्षेत्रों के सतत विकास के लिए पर्यावरणवन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आईसीजेडएम दृष्टिकोण के तहत शुरू की गई एक पहल है। इसका मुख्‍य उद्देश्य संसाधनों के समग्र प्रबंधन के जरिये प्राचीन तटीय एवं समुद्री पारिस्थितिक तंत्र का संरक्षण करना है।

इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त एवं प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय इको-लेबल 'ब्लू फ्लैग' प्रमाणन हासिल करना था। यह प्रमाणन अंतर्राष्ट्रीय जूरी द्वारा प्रदान किया जाता है जिसमें आईयूसीएन, यूनडब्‍ल्‍यूटीओ, यूएनईपी, यूनेस्‍को आदि सदस्यों को शामिल किया गया था। एफईई डेनमार्क हर समय 33 सख्त अनुपालन मानदंडों की नियमित निगरानी एवं निरीक्षण करता है। लहराता हुआ 'ब्लू फ्लैग' इन 33 सख्‍त मानदंडों और समुद्र तट के अच्छे स्वास्थ्य के लिए 100 प्रतिशत अनुपालन का संकेत है।

बीईएएमएस कार्यक्रम का उद्देश्य तटीय समुद्र में प्रदूषण को कम करनासमुद्र तटीय वस्‍तुओं के सतत विकास को बढ़ावा देना, तटीय पारिस्थितिक तंत्र एवं प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना और स्थानीय अधिकारियों एवं हितधारकों को समुद्र तट पर जाने वालों के लिए साफ-सफाई, स्वच्छताएवं सुरक्षा के उच्च मानकों को तटीय पर्यावरण एवं विनियमों के अनुसार बनाए रखने के लिए सख्‍ती से निर्देशित करना है। पिछले 3 वर्षों के दौरान हमारे मंत्रालय ने इन 10 समुद्र तटों के पर्यावरण प्रबंधन में सराहनीय परिणाम हासिल किए हैं। इनमें से कुछ का विवरण नीचे दिया गया है:

 

  1. देशी वृक्षारोपण के साथ 95,000 वर्ग मीटर (लगभग) में रेत के टीले का पुनर्स्‍थापन एवं पोषण।
  2. पिछले 3 वर्षों में समुद्री कचरे में 85 प्रतिशत और समुद्री प्लास्टिक में 78 प्रतिशत की कमी आई है।
  3. 750 टन समुद्री कूड़े का जिम्मेदारीपूर्वक वैज्ञानिक तरीके से निपटान।
  4. वैज्ञानिक माप प्रणाली के माध्यम से स्वच्छता स्तर में 'सी' (खराब) से 'ए ++' (उमदा) में सुधार।
  5. पुनर्चक्रण के जरिये नगर निगम जल की सालाना 1,100 एमएल की बचत।
  6. नहाने के पानी की गुणवत्ता (भौतिकरासायनिक एवं जैविक प्रदूषण) और स्वास्थ्य जोखिम निगरानी के नियमित परीक्षण पर 3 साल का डेटाबेस।
  7. समुद्र तट पर जाने वाले 1,25,000 लोगों को समुद्र तटों पर जिम्मेदार व्यवहार के लिए शिक्षित किया जाता है।
  8. मनोरंजन गतिविधियों के लिए पर्यटकों की संख्या में लगभग 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई जिससे आर्थिक विकास को बल मिला।
  9. प्रदूषण उपशमन, सुरक्षा एवं सेवाओं के जरिये 500 मछुआरा परिवारों के लिए वैकल्पिक आजीविका के अवसर।

 

मंत्रालय अपने आईसीजेडएम पहल के तहत मंत्रालय के विजन एजेंडे के तहत अगले 5 वर्षों में 100 अन्‍य समुद्र तटों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

(साभार- पीआईबी)

बिहार के बांका स्थित मंदार पर्वत का धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, प्राकृतिक महत्व, यहां सैर-सपाटे का कैसे उठाएं आनंद

बिहार का बांका सैलानियों के लिए बना और शानदार, रोपवे से करें  खूबसूरत वादियों का दीदार 

India gets its 40th World Heritage Site

भारत के 40वें स्थल को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला

भारत को अपना 39वां विश्व धरोहर स्थल प्राप्त हुआ

-नालासोपारा पश्चिम के इस भगवान महादेव की दिलचस्प कहानी 

>सिंहगढ़ किला, पुणे: ट्रैकिंग के साथ साथ इतिहास पर गर्व करने वाली जगह

(जीवदानी मंदिर के ऊपर से आसपास के इलाकों के खूबसूरत नजारे 
(जीवदानी मंदिर के ऊपर से आसपास के इलाकों के खूबसूरत नजारे 
((जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) के पिंजड़े के चहकते परिंदे
((जीवदानी मंदिर परिसर स्थित महाकाली मंदिर, काल भैरव मंदिर
((श्री वारोंडा देवी.  जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) 
((जीवदानी मंदिर, विरार (पूर्व), महाराष्ट्र; Jivadani Mandir, Virar (East), Maharashtra
(शानदार और यादगार ट्रिप: अक्कलकोट- गाणगापुर-सोलापुर- तुलजापुर-सिद्देश्वर-पंढरपुर-मिनी तिरुपति
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर (अंदर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर, सोलापुर, महाराष्ट्र (बाहर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर: Shri Vittal Rukmini Mandir, Pandharpur, Maharashtra
(श्री भैरवनाथ मंदिर, दौंडज, कदमबस्ती, पुणे; Shri BhairavNath Mandir, Daundaj, Pune
(शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर रेप्लिका, सोलापुर; Shivyogi Siddheshwar Temple Replica, Solapur 
(तुलजा भवानी मंदिर, तुलजापुर, उस्मानाबाद, महाराष्ट्र ; Tulja Bhavani Mandir, Tuljapur, Maharashtra
(श्री शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर (सोलापुर) के बारे में क्या कहते हैं श्रद्धालु
(भक्त निवास, अक्कलकोट, महाराष्ट्र; Bhakt Niwas, Akkalkot, Maharashtra
((श्री स्वामी समर्थ मंदिर, अक्कलकोट,  Shri Swami Samarth Temple, Akkalkot
(श्री दत्तात्रेय भगवान का मंदिर, गाणगापुर, Shri Duttatreya Temple, Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
( इच्छापूर्ति औदुंबर वृक्ष, गाणगापुर,  Holy Audumbar Tree, Ganagapur, Kalburgi, Karnatka
((भीमा-अमरजा संगम, गाणगापुर, कर्नाटक Prayagraj of Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
(Nehru Centre, Worli, Mumbai (नेहरू सेंटर, वर्ली, मुंबई); क्या देखें, कैसे पहुंचें 
(कबड्डी खिलाड़ियों को भी भाता है Akloli (अकलोली) का गर्म पानी का कुंड
(सैलानियों को क्यों पसंद है Akloli (अकलोली) 
(Mumba Devi Mandir, Mumbai; मुंबा देवी मंदिर, मुंबई
(Akloli Hot Springs, Vajreshwari, Maharashtra; What Local People says)
(Vajreshwari Mandir, Vasai, Palghar, Maharashtra
(How to save yourself, family, flat from fire
(Rajodi Beach, Nalasopara, Maharashtra
((Chhatrapati Shivaji Maharaj Vastu Sangrahalaya, Mumbai
((Gateway Of India on Sunday Morning
((The Fishing Community of Arnala Bunder, Virar, Maharashtra
((Arnala Fort: Attarctive Tourist Spot: How to reach
((Nasik to Igatpuri; Everywhere Greenary
((Kasara to Karjat, Maharashtra; See Beauty of Nature
((Igatpuri Station, Maharashtra
(Patna Junction, Bihar, India
(Rice Fields of Bihar
(Gaya Railway Junction, Bihar, India
((Bodh stupa, Nalasopara (west), Maharashtra
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 3; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 2; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 1; Amokhar, Bihar
(Girgaon Beach, Mumbai in Evening: गिरगांव चौपाटी, मुंबई शाम का नजारा 
(Antilia, Mumbai: एंटीलिया, मुंबई
((Jaslok Hospital, Mumbai: जसलोक अस्पताल, मुंबई
(Girgaum Chowpatty, Mumbai@7pm, गिरगांव चौपाटी, मुंबई
((Pachu Bandar, Vasai, Maharashtra, पाचू बंदर, वसई, महाराष्ट्र
((Chimaji Appa Memorial, Vasai; चिमाजी अप्पा स्मारक, वसई, महाराष्ट्र
((Vasai Court, Maharashtra; वसई कोर्ट, महाराष्ट्र
((Vasai station to Vasai Court & Vasai Fort by Auto; वसई स्टेशन से वसई फोर्ट और वसई फोर्ट ऑटो से)
((Vasai Fort, Maharashtra; वसई किला, महाराष्ट्र
((Vasai Road Station (BSR);वसई रोड स्टेशन 





बुधवार, 22 सितंबर 2021

बिहार के बांका स्थित मंदार पर्वत का धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, प्राकृतिक महत्व, यहां सैर-सपाटे का कैसे उठाएं आनंद

बिहार का बांका सैलानियों के लिए बना और शानदार, रोपवे से करें खूबसूरत वादियों से दीदार

बिहार का बांका जिला धार्मिक मान्यताओं और आस्था के प्रतीक के साथ साथ कुदरती खूबसूरती के लिए भी मशहूर है। यहां का मंदार पर्वत सैलानियों को खासा लुभाता है। अब मंदार पर्वत पर सैर-सपाटे के लिए पैदल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि अब सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आम लोगों को रोपवे  की सौगात दी है। तराई से शिखर पर पहुंचने में अब महज 4 मिनट का समय लगेगा, पहले करीब एक घंटे का समय लगता था। 
आप भी रोपवे से मंदार पर्वत के सफर का मजा लीजिए। राजगीर के बाद यह बिहार का दूसरा रोपवे है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी 6 और जगहों पर रोपवे का निर्माण किया जाएगा। 

*मंदार के दर्शनीय स्थल*
ऐतिहासिक पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार भी मंदार पर्वत अपने अंचल में 88 कुण्डों को  समेटता था। इनमें से कई कुण्ड आज भी दर्शनीय हैं। इनमें सबसे बड़ा पर्वत के आधार पर अवस्थित पापहरणी कुण्ड है। मकर संक्राति एवं आशाढ़ शुक्ल की द्वितीया  पर दूर दूर से हजारों श्रद्धालु इस कुण्ड में स्नान करने आते है। इस कुण्ड को क्षीरसागर 
का प्रतीक मानते हुए इसके मध्य में शेशषय्या विष्णु का लक्ष्मीनारायण मंदिर बनाया गया है जो इस कुण्ड के आकर्षण और भव्यता को और बढ़ा देता है।

 पापहरणी के अलावा भाख कुण्ड भी एक महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल है, जिसके बारे मे मान्यता है कि इसके मध्य में विष्णु का पाँचजन्य भाख रखा है। इसी भाख से शिव ने सागर मंथन के पश्चात निकले विष का पान किया था जिसके प्रभाव से भाख नीलवर्ण हो गया है।

इनके अलावा सीता कुण्ड भी श्रद्धा का एक केन्द्र है जहाँ लोक प्रचलित मान्यता के अनुसार वनवास अवधि में सीता ने सूर्य की उपासना में छठ व्रत किया था। पर्वत के मध्य में एक गुफा में विष्णु के नरसिंह रूप की एक मूर्ति है 
जिसके नाम पर यह गुफा नरसिंह गुफा के नाम से प्रचलित है। पर्वत के आधार स्थल पर सफा धर्म का सत्संग मंदिर हैं जिसमें इस को मत प्रवर्तक स्वामी  चन्दरदास के चरण चिह्न मौजूद है और इस मत के अनुयायियों के लिए यह 
मंदिर अधिवेशन केन्द्र के रूप में प्रयुक्त होता है। 

मंदार के पूरब की ओर तलहटी में प्राचीन लखदीपा मंदिर का जीर्णावशेष अवस्थित है जहाँ दीपावली की संध्या को एक लाख दीपों का विहंगम प्रज्जवलन किया जाता था। 1505 इस्वी में चैतन्य महाप्रभू का मंदार आगमन हुआ था और जिसकी स्मृति स्वरूप उनके चरण चिह्न एक चबुतरे पर आज भी दर्शनीय है। 

इन स्थलों के अतिरिक्त भी पर्वत पर शिव, सिंहवाहिनी दुर्गा, महाकाली, नरसिंह आदि की सुन्दर मूर्तियां यत्र तत्र अवस्थित है।

*मंदार : सांस्कृतिक पक्ष*
पर्वत के परिसर में वर्ष में दो बार भव्य मेले का आयोजन होता है। मकर संक्रांति पर दूर-दूर सेश्रद्धालु पापहरणी सरोवर में स्नान करने आते है और इस अवसर पर एक पक्ष का मेला आयोजित होता है। पहले यह मेला बौंसी मेला के नाम से लोक प्रसिद्ध था और इसकी भव्यता की चर्चा काफी दूर दूर तक जनप्रसिद्ध थी। वर्तमान में इसे प्रशासन 
के सहयोग से सांस्थानिक रूप दिया गया और अब यह प्रत्येक वर्श मंदार महोत्सव के  नाम से आयोजित होता है। मकर संक्राति के बाद आशाढ़ मास को शुक्ल द्वितीया पर भी यहां एक दिवसीय मेले का आयोजन होता है। इस अवसर पर मंदार से 5 कि०मी० पूर्व की ओर बासी नगर में अवस्थित मधुसूदन मंदिर से रथयात्रा निकलती है जिसमें भगवान मधुसूदन की गजारूद्ध मूर्ति को पापहरणी सरोवर में स्नान कराने के लिए लाया जाता है। यह रथयात्रा जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा की तर्ज पर होती है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस अवसर पर एकत्रित होते है।


*मंदार पर्वत*
"वीरचान्दनयोर्मध्ये मंदारो नामः पर्वत”.... विष्णुपुराण की इस पंक्ति में चीर और चान्दन नदी के मध्य जिस  पर्वत की ओर इंगित किया गया है वही आज दक्षिणी बिहार के गंगा के मैदान और संथाल परगना की उच्च भूमि की संधि पर 445 मीटर की ऊँचाई तक मस्तक उठाए  खड़ा मंदार पर्वत है। भागलपुर से दक्षिण दिशा में झारखंड के दुमका की ओर जाने के रास्ते में बौंसी प्रखंड में प्रवेश करते ही काले ग्रेनाईट की एक ही शिला से निर्मित प्रकृति की यह अनुपम रचना दृष्टिगत होती है और बरबस ही अपनी ओर ध्यान आकृष्ट कर लेती है। इसके साथ ही चरण से शिखर की तरफ जाते वलयकार चिह्न दूर से ही साफ-साफ नजर आते हैं जो पौराणिक आस्थाओं की मानें तो सागर मंथन में इसे मथनी की तरह प्रयोग करने के लिए इसपर रज्जु के तौर पर लपेटे गए नागराज वासुकी की रगड़ से बने है।

*पौराणिकता में मंदार*
प्राचीन धार्मिक साहित्यों में बाल्मिकी रामायण, मार्कण्डेय पुराण, मत्स्य पुराण, वामन पुराण, स्कण्य पुराण वृहत पुराण, विष्णु पुराण, श्री भागवत पुराण गरुड़ पुराण, मात्पथ ब्राहमण कोई भी मंदार के उल्लेख से अछूता नहीं रहा है। और प्रायः सभी आख्यानों में इसका संबंध किसी महत्वपूर्ण घटना से जोड़ा गया है। 

एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने जब असुर द्वय मधु-कैटभ कासंडार किया तो मधु के सिर पर उन्होनें मंदार पर्वत और कैटभ के सिर पर ज्येष्ठगीर पर्वत (वर्तमान में मंदार से 25 कि०मी० उत्तर पश्चिम, रजौन में 
अवस्थित जैठोर) को स्थापित किया, और यहीं से विष्णुका मधुसूदन रूप प्रचलित  हुआ जिसका मंदिर मंदार पर्वत के चरण स्थली में अवस्थित है। मत्स्यपुराण और  वामन पुराण की कथा के अनुसार मंदार पर्वत ही शिव की निवास स्थलीथी यहां  से रावण द्वारा उन्हें उठाकर लंका ले जाने के क्रम में रास्ते में वर्तमान देवघर भूमि पर रख देने के कारण शिव वैद्यनाथ के रूप में वहीं स्थापित हो गए और वैधनाथधाम तीर्थ की स्थापना हुई।

वही मार्कण्डेय पुराण का दावा है कि देवी दुर्गा ने मदिशासुर का संहार की मदार पर्वत देव ये ही किया था। लोकप्रचलित मान्यता के अनुसार वनवास की अवधि में सीता ने मंदार पर्वत के मध्य स्थित एक समें छत का व्रत और उर्य की उपकीय आज भी वह कुण्ड सीता कुण्ड के नाम से अवस्थित है।

*मंदार और जैन धर्म*: 
हिन्दू धर्म के अलावा जैन परम्परा में भी मन्दार पर्वत की तीर्थस्थली के रूप में व्यापक महत्ता है। जैन धर्म के 12वें तीर्थकर वसुपूज्य जो मूलतः चम्पापुरी के राजकुमार थे ने इसी पर्वत को अपनी साधना भूमि के रूप में चुना था और 
अंततः यहीं निर्वाण को प्राप्त हुए थे। जैन तावलंबियों के अनुसार वसुपूज्य के चरण चिन्ह अभी भी मंदार पर्वत के शिखर पर धिष्ठापितहै, हालांकि वैष्णव मतावलंबियों में यह चिह्न विष्णुपाद चिह्न के रूप में मान्य और पूज्य है।

*सफा धर्म और मंदार*: 

सफा धर्म बीसवीं सदी में एक स्थानीय सुधारक एवं धर्मप्रचारक श्री चन्दर दास जी द्वारा प्रवर्तित मता है। इस मत का प्राणतत्व है बाह्य आचरण के साथ-साथ अपने अन्तर्मन की शुद्धता पर जोर। इस मत के सुधारवादी संदेश के कारण आस-पास  के आदिवासी जनसमुदाय में इसे काफी लोकप्रियता प्राप्त हुई और बड़ी संख्या में संथाल और पहड़िया जैसे वनवासी समुदाय के लोग इस मत के सत्संग में हिस्सा लेने लगे। इस धर्म के गतिविधियों का केन्द्र भी मदार पर्वत अंचल ही रहा। 

इस प्रकार मंदार पर्वत तीन धर्मों की त्रिवेणी से सज्जित है। इसके चरणस्थली में सफा धर्म के केंद्र के रूप में सत्संग कुटिया अवस्थित है तो मध्य भाग में नरसिंह गुफा के रूप में वैष्णव प्रभाव स्पष्ट होता है वही मंदार पर्वत का शिखर वसुपज्य के निर्वाण स्थल के रूप में एक जैन तीर्थ के रूप में स्थापित है। किन्तु इन तीनो धर्मों को मंदार ने अपने अंचल में इस सौहार्द के साथ समेटा है कि एक ही चिन्ह को जैन मतावलंबी वसुपूज्य के चरण चिन्ह के रूप में वैष्णव विष्णुपद मानकर के सदियों से पूजते आ रहे हैं।


ओढ़नी जलाशय:   
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बांका जिले के बांका प्रखंड स्थित ओढ़नी जलाशय का भ्रमण कर निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने मोटरवोट से जलाशय का भ्रमण कर इसका जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने ओढ़नी जलाशय के दूसरे 
छोर पर उतरकर वहां की मनोरम वादियों में भी कुछ पल बिताया। 

ओढ़नी जलाशय बांका जिला मुख्यालय से लगभग 16 किलोमीटर दूर मनोरम वादियों के बीच स्थित है। इसका निर्माण वर्ष 2001 में किया गया था। इस जलाशय की प्राकृतिक रुपरेखा को ध्यान में रखते हुए बिना किसी छेड़छाड़ के सारे कार्य किये जा रहे हैं। डैम साइड कैम्पिंग, मेडिटेशन कैम्प, मड हाऊस स्टे, जंगल सफारी, नेचर सफारी, माउंटेन कैम्पिंग, डैम साईड साइक्लिंग, बर्मा ब्रीज, जिप लाइन और डैम विशेष में कई सारे परदेशी पक्षियों के आगमन उपरांत बर्ड वाचिंग का अद्भूत संयोग बनता है। यहां की भौगोलिक संरचना भी काफी अच्छी है।

 भ्रमण के बाद आईलैंड पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पहली बार यहां आए हैं। हमने इस जलाशय का निरीक्षण किया है। पर्यटन के दृष्टिकोण से यह काफी महत्वपूर्ण स्थल है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां सरकार द्वारा योजनाबद्ध ढंग से काम किया जा रहा है।  उन्होंने कहा कि पहाड़ी इलाके में वृक्षारोपण कराया जा रहा है। इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि यहां के पुराने वृक्षों की प्रजातियों को भी सुरक्षित रखा जाय। यहां राज्य के साथ-साथ बाहर से भी पर्यटक घूमने आयेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने आज पुरातात्विक स्थल भदरिया का भी एरियल सर्वे किया है। इस जगह  की खुदाई होने पर दो से ढाई हजार वर्ष पहले के इतिहास की भी जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि खेती के लिए भी इस जलाशय का उपयोग किया जाता है। पर्यटन को बढ़ावा देने की यहां काफी गुंजाइश है। 

पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से भी यह स्थल महत्वपूर्ण है। यहां हरियाली और जल का संरक्षण हो रहा है। इस जलाशय की साफ-सफाई की भी व्यवस्था की गई है। नई पीढ़ी के लोगों के साथ ही आने वाले पर्यटकों को यहां आकर काफी कुछ जानने और समझने को मिलेगा।

बिहार के बांका स्थित मंदार पर्वत का धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, प्राकृतिक महत्व, यहां सैर-सपाटे का कैसे उठाएं आनंद

बिहार का बांका सैलानियों के लिए बना और शानदार, रोपवे से करें  खूबसूरत वादियों का दीदार 

India gets its 40th World Heritage Site

भारत के 40वें स्थल को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला

भारत को अपना 39वां विश्व धरोहर स्थल प्राप्त हुआ

-नालासोपारा पश्चिम के इस भगवान महादेव की दिलचस्प कहानी 

>सिंहगढ़ किला, पुणे: ट्रैकिंग के साथ साथ इतिहास पर गर्व करने वाली जगह

(जीवदानी मंदिर के ऊपर से आसपास के इलाकों के खूबसूरत नजारे 
(जीवदानी मंदिर के ऊपर से आसपास के इलाकों के खूबसूरत नजारे 
((जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) के पिंजड़े के चहकते परिंदे
((जीवदानी मंदिर परिसर स्थित महाकाली मंदिर, काल भैरव मंदिर
((श्री वारोंडा देवी.  जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) 
((जीवदानी मंदिर, विरार (पूर्व), महाराष्ट्र; Jivadani Mandir, Virar (East), Maharashtra
(शानदार और यादगार ट्रिप: अक्कलकोट- गाणगापुर-सोलापुर- तुलजापुर-सिद्देश्वर-पंढरपुर-मिनी तिरुपति
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर (अंदर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर, सोलापुर, महाराष्ट्र (बाहर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर: Shri Vittal Rukmini Mandir, Pandharpur, Maharashtra
(श्री भैरवनाथ मंदिर, दौंडज, कदमबस्ती, पुणे; Shri BhairavNath Mandir, Daundaj, Pune
(शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर रेप्लिका, सोलापुर; Shivyogi Siddheshwar Temple Replica, Solapur 
(तुलजा भवानी मंदिर, तुलजापुर, उस्मानाबाद, महाराष्ट्र ; Tulja Bhavani Mandir, Tuljapur, Maharashtra
(श्री शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर (सोलापुर) के बारे में क्या कहते हैं श्रद्धालु
(भक्त निवास, अक्कलकोट, महाराष्ट्र; Bhakt Niwas, Akkalkot, Maharashtra
((श्री स्वामी समर्थ मंदिर, अक्कलकोट,  Shri Swami Samarth Temple, Akkalkot
(श्री दत्तात्रेय भगवान का मंदिर, गाणगापुर, Shri Duttatreya Temple, Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
( इच्छापूर्ति औदुंबर वृक्ष, गाणगापुर,  Holy Audumbar Tree, Ganagapur, Kalburgi, Karnatka
((भीमा-अमरजा संगम, गाणगापुर, कर्नाटक Prayagraj of Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
(Nehru Centre, Worli, Mumbai (नेहरू सेंटर, वर्ली, मुंबई); क्या देखें, कैसे पहुंचें 
(कबड्डी खिलाड़ियों को भी भाता है Akloli (अकलोली) का गर्म पानी का कुंड
(सैलानियों को क्यों पसंद है Akloli (अकलोली) 
(Mumba Devi Mandir, Mumbai; मुंबा देवी मंदिर, मुंबई
(Akloli Hot Springs, Vajreshwari, Maharashtra; What Local People says)
(Vajreshwari Mandir, Vasai, Palghar, Maharashtra
(How to save yourself, family, flat from fire
(Rajodi Beach, Nalasopara, Maharashtra
((Chhatrapati Shivaji Maharaj Vastu Sangrahalaya, Mumbai
((Gateway Of India on Sunday Morning
((The Fishing Community of Arnala Bunder, Virar, Maharashtra
((Arnala Fort: Attarctive Tourist Spot: How to reach
((Nasik to Igatpuri; Everywhere Greenary
((Kasara to Karjat, Maharashtra; See Beauty of Nature
((Igatpuri Station, Maharashtra
(Patna Junction, Bihar, India
(Rice Fields of Bihar
(Gaya Railway Junction, Bihar, India
((Bodh stupa, Nalasopara (west), Maharashtra
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 3; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 2; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 1; Amokhar, Bihar
(Girgaon Beach, Mumbai in Evening: गिरगांव चौपाटी, मुंबई शाम का नजारा 
(Antilia, Mumbai: एंटीलिया, मुंबई
((Jaslok Hospital, Mumbai: जसलोक अस्पताल, मुंबई
(Girgaum Chowpatty, Mumbai@7pm, गिरगांव चौपाटी, मुंबई
((Pachu Bandar, Vasai, Maharashtra, पाचू बंदर, वसई, महाराष्ट्र
((Chimaji Appa Memorial, Vasai; चिमाजी अप्पा स्मारक, वसई, महाराष्ट्र
((Vasai Court, Maharashtra; वसई कोर्ट, महाराष्ट्र
((Vasai station to Vasai Court & Vasai Fort by Auto; वसई स्टेशन से वसई फोर्ट और वसई फोर्ट ऑटो से)
((Vasai Fort, Maharashtra; वसई किला, महाराष्ट्र
((Vasai Road Station (BSR);वसई रोड स्टेशन 





शनिवार, 11 सितंबर 2021

विशेष व्यवस्था के बीच विदा हुए डेढ़ दिन के बप्पा

आज डेढ़ दिन के बप्पा की विदाई दी गई। कोरोना गाइडलाइंस की वजह से गणपति के विसर्जन के दौरान पहले जैसा उत्साह नहीं  देखा गया। मुंबई से सटे नालासोपारा पश्चिम के चक्रेश्वर तालाब पर सुरक्षा बंदोवस्त के बीच विसर्जन किया गया। 




मंगलवार, 17 अगस्त 2021

महाराष्ट्र में सैर-सपाटा करना अब हुआ और मजेदार





महाराष्ट्र की नैसर्गिक खूबसूरती को निहारना अपने आप में एक अलग अनुभव देता है। .यहां सैर-सपाटे के लिए खूबसूरत समुद्री किनारा है, किले हैं, धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं और सबसे बढ़कर यहां के स्थानीय लोग काफी अच्छे हैं। वैसे तो देश का महत्वपूर्ण टूरिस्ट स्पॉट में महाराष्ट्र का कोई सानी नहीं है लेकिन यहां सैर-सपाटे को और भी मजेदार बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। 


महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में सैर-सपाटे को आसान और सुविधाजनक बनाने के साथ ही यहां के टूरिस्ट सेक्टर को अधिक मजबूती देने के लिए की कई नई शुरुआत की। 





नई शुरुआत :

 -
एमटीडीसी की नई यूजर फ्रेंडली वेबसाइट का उद्घाटन

- बुकिंग के लिए @makemytrip और @goibibo के साथ करार

-स्काई डाइविंग जैसे साहसिक खेलों के लिए स्काई हाई के साथ करार

-रत्नागिरी के गणपतिपुले में एडवेंचर वाटर स्पोर्ट्स के लिए बोट क्लब (Boat Club) और बीच कुटिया (Beach Shacks) शुरू






-सिंहगढ़ पर्यटक आवास में अप-टू-डेट सुविधाएं उपलब्ध

-एमटीडीसी कर्मचारियों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एमएसआईएचएमसीटी पुणे के साथ समझौता ज्ञापन


इस मौके पर ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में विविध पर्यटन क्षमता है और एमटीडीसी की ये पहल पूरे देश और दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करेगी। उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि रोजगार सृजित होंगे और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

बिहार का बांका सैलानियों के लिए बना और शानदार, रोपवे से करें  खूबसूरत वादियों का दीदार 

India gets its 40th World Heritage Site

भारत के 40वें स्थल को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला

भारत को अपना 39वां विश्व धरोहर स्थल प्राप्त हुआ

-नालासोपारा पश्चिम के इस भगवान महादेव की दिलचस्प कहानी 

>सिंहगढ़ किला, पुणे: ट्रैकिंग के साथ साथ इतिहास पर गर्व करने वाली जगह

(जीवदानी मंदिर के ऊपर से आसपास के इलाकों के खूबसूरत नजारे 
(जीवदानी मंदिर के ऊपर से आसपास के इलाकों के खूबसूरत नजारे 
((जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) के पिंजड़े के चहकते परिंदे
((जीवदानी मंदिर परिसर स्थित महाकाली मंदिर, काल भैरव मंदिर
((श्री वारोंडा देवी.  जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) 
((जीवदानी मंदिर, विरार (पूर्व), महाराष्ट्र; Jivadani Mandir, Virar (East), Maharashtra
(शानदार और यादगार ट्रिप: अक्कलकोट- गाणगापुर-सोलापुर- तुलजापुर-सिद्देश्वर-पंढरपुर-मिनी तिरुपति
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर (अंदर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर, सोलापुर, महाराष्ट्र (बाहर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर: Shri Vittal Rukmini Mandir, Pandharpur, Maharashtra
(श्री भैरवनाथ मंदिर, दौंडज, कदमबस्ती, पुणे; Shri BhairavNath Mandir, Daundaj, Pune
(शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर रेप्लिका, सोलापुर; Shivyogi Siddheshwar Temple Replica, Solapur 
(तुलजा भवानी मंदिर, तुलजापुर, उस्मानाबाद, महाराष्ट्र ; Tulja Bhavani Mandir, Tuljapur, Maharashtra
(श्री शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर (सोलापुर) के बारे में क्या कहते हैं श्रद्धालु
(भक्त निवास, अक्कलकोट, महाराष्ट्र; Bhakt Niwas, Akkalkot, Maharashtra
((श्री स्वामी समर्थ मंदिर, अक्कलकोट,  Shri Swami Samarth Temple, Akkalkot
(श्री दत्तात्रेय भगवान का मंदिर, गाणगापुर, Shri Duttatreya Temple, Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
( इच्छापूर्ति औदुंबर वृक्ष, गाणगापुर,  Holy Audumbar Tree, Ganagapur, Kalburgi, Karnatka
((भीमा-अमरजा संगम, गाणगापुर, कर्नाटक Prayagraj of Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
(Nehru Centre, Worli, Mumbai (नेहरू सेंटर, वर्ली, मुंबई); क्या देखें, कैसे पहुंचें 
(कबड्डी खिलाड़ियों को भी भाता है Akloli (अकलोली) का गर्म पानी का कुंड
(सैलानियों को क्यों पसंद है Akloli (अकलोली) 
(Mumba Devi Mandir, Mumbai; मुंबा देवी मंदिर, मुंबई
(Akloli Hot Springs, Vajreshwari, Maharashtra; What Local People says)
(Vajreshwari Mandir, Vasai, Palghar, Maharashtra
(How to save yourself, family, flat from fire
(Rajodi Beach, Nalasopara, Maharashtra
((Chhatrapati Shivaji Maharaj Vastu Sangrahalaya, Mumbai
((Gateway Of India on Sunday Morning
((The Fishing Community of Arnala Bunder, Virar, Maharashtra
((Arnala Fort: Attarctive Tourist Spot: How to reach
((Nasik to Igatpuri; Everywhere Greenary
((Kasara to Karjat, Maharashtra; See Beauty of Nature
((Igatpuri Station, Maharashtra
(Patna Junction, Bihar, India
(Rice Fields of Bihar
(Gaya Railway Junction, Bihar, India
((Bodh stupa, Nalasopara (west), Maharashtra
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 3; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 2; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 1; Amokhar, Bihar
(Girgaon Beach, Mumbai in Evening: गिरगांव चौपाटी, मुंबई शाम का नजारा 
(Antilia, Mumbai: एंटीलिया, मुंबई
((Jaslok Hospital, Mumbai: जसलोक अस्पताल, मुंबई
(Girgaum Chowpatty, Mumbai@7pm, गिरगांव चौपाटी, मुंबई
((Pachu Bandar, Vasai, Maharashtra, पाचू बंदर, वसई, महाराष्ट्र
((Chimaji Appa Memorial, Vasai; चिमाजी अप्पा स्मारक, वसई, महाराष्ट्र
((Vasai Court, Maharashtra; वसई कोर्ट, महाराष्ट्र
((Vasai station to Vasai Court & Vasai Fort by Auto; वसई स्टेशन से वसई फोर्ट और वसई फोर्ट ऑटो से)
((Vasai Fort, Maharashtra; वसई किला, महाराष्ट्र
((Vasai Road Station (BSR);वसई रोड स्टेशन 



Mahabodhi Mandir, Bodh Gaya: कैसे जाएं, कहां ठहरें, कहां कहां घूमें

महाबोधि मंदिर; वह ऐतिहासिक जगह जहां गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था Mahabodhi Temple, Where the Buddha is said to have attained enlighte...