सोमवार, 18 दिसंबर 2017

गणेशपुरी का भगवान नित्यानंद समाधि मंदिर: ध्यान के साथ कुदरत का भी मजा लें

http://datastore.rediff.com/h5000-w5000/thumb/6656605866626D6368666D6D/9v07pk3ugdonza0i.D.0.Photo-0055.jpgगणेशपुरी का भगवान नित्यानंद समाधि मंदिर। मुंबई से करीब 80 किलोमीटर दूर पश्चिमी उपनगरी वसई, नालासोपार और विरार के नजदीक। पहाड़ों के बीच स्थित है ये मंदिर। यहां की सबसे खास बात है गर्म पानी का तीन कुंड। इसमें से एक कुंड में कम गरम, दूसरे में उससे ज्यादा और तीसरे में सबसे ज्यादा गरम पानी। कुंड के पानी के बारे में कहा जाता है कि इसमें स्नान करने से सारे चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। 

यह समाधि मंदिर भीमेश्वर महादेव मंदिर के बगल में है जो कि कफी पहले से वहां पर है। अगर आप धर्म-अध्यात्म में श्रद्धा रखते हैं और साथी ही कुदरत का आनंद उठाना चाहता हैं तो नित्यानंद समाधि मंदिर आपके लिए बिल्कुल सही जगह है। 

कैसे जाएं- वसई, नालासोपारा और विरार से यह नजदीक है। मुंबई-अहमदाबाद हाइवे के करीब है ये मंदिर। वसई, नालासोपारा, विरार से सरकारी बस से आप जा सकते हैं। प्राइवेट गाड़ी से भी जाने में कोई दिक्कत नहीं है। मंदिर तक जाने के लिए अच्छी सड़कें हैं।  मंदिर जाते समय आपको गांवों और खेती के भी दर्शन हो जाएंगे। गणेशपुरी में रहने की उत्तम व्यवस्था है।  बड़ी संख्या में यहां पर लोग भगवान नित्यानंद का दर्शन करने आते हैं। दक्षिण भारत में भी इनकी महिमा अपरंपार है। 

कौन हैं भगवान नित्यानंद- माना जाता है कि नित्यानंद काफी साल पहले दक्षिण कर्नाटक में कान्हनगढ़ के पास गुरुवन नामक स्थल में तरुणावस्था में प्रकट हुए थे। कई साल तक दक्षिण भारत में रहने और फिर देशभर में परिभ्रमण करने के बाद मुंबई से सटे वसई के पास वज्रेश्वरी देवी के मंदिर के पास आए। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि पेशवा श्री चिमणाजी अप्पा ने देवी की कृपा से वसई में पुर्तगालियों के विरुद्ध एक युद्ध में विजय प्राप्त करने के बाद यह मंदिर बनवाया था और आसपास के गांवों में से पांच गांव इसकी उचित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए दे दिए थे।  

बज्रेश्वरी से गणेशपुरी कैसे पहुंचे बाबा- बज्रेश्वरी के समीप अकलोली नामक एक गांव है, जहां  रामकुंड नामक गरम पानी के पवित्र कुंड हैं। महाराष्ट्र में अपने शुरुआती दिनों में बाबा अक्सर बज्रेश्वरी और अकलोली में दिखाई देते थे। बाद में भक्तों के अनुरोध करने पर वे बज्रेश्वरी मंदिर  से डेढ़ मील दूर, गणेशपुरी में भीमेश्वर महादेव मंदिर के निकट स्थित गरम पानी के कुंड के पास हमेशा के लिए बस गए। 



गणेशपुरी नाम कैसे पड़ा- यहां फलों -फूलों से लदे घने जंगल, प्रसिद्ध गरम पानी के कुंड और बज्रेश्वरी में देवी का श्रद्धेय मंदिर है। कहा जाता है कि युगों पूर्व वशिष्ठ मुनि ने यहां पर एक बड़ा यज्ञ किया था। उस समय, परंपरानुसार उन्होंने एक मंदिर में भगवान गणेश की एक प्रतिमा स्थापित की थी-और इस प्रकार इस जगह का नाम गणेशपुरी पड़ा। 

((कभी बारिश में तुंगारेश्वर घूमने का मौका मिले, तो जरूर जाएं


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मंगलवार, 12 दिसंबर 2017

नवंबर में विदेशी पर्यटकों का आगमन 14% बढ़ा

नवंबर, 2017 के दौरान विदेशी पर्यटकों के आगमन में नवंबर 2016 के मुकाबले 14.4 प्रतिशत का इजाफा

नवंबर, 2017 के दौरान ई-पर्यटक वीजा पर विदेशी पर्यटकों के आगमन में नवंबर, 2016 के मुकाबले 56.2 प्रतिशत की वृद्धि
पर्यटन मंत्रालय आप्रवासन ब्यूरो (बीओआई) से प्राप्त राष्ट्रीयता-वार एवं बंदरगाह-वार आंकड़ों के आधार पर विदेशी पर्यटकों के आगमन (एफटीए) के सा‍थ-साथ ई-पर्यटक वीजा पर विदेशी पर्यटकों के आगमन के मासिक अनुमानों का भी संकलन करता है।
नवंबर, 2017 के दौरान एफटीए और ई-पर्यटक वीजा पर एफटीए से जुड़ी खास बातें निम्नलिखित रहीं :
विदेशी पर्यटकों का आगमन (एफटीए) :
नवंबर, 2017 के दौरान एफटीए का आंकड़ा 10.05 लाख का रहा, जबकि नवंबर 2016 में यह 8.78 लाख और नवंबर, 2015 में 8.16 लाख था।
नवंबर, 2016 की तुलना में नवंबर, 2017 के दौरान एफटीए की वृद्धि दर 14.4 प्रतिशत रही, जबकि नवंबर, 2015 की तुलना नवंबर 2016 में वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही थी।
जनवरी-नवंबर, 2017 के दौरान एफटीए का आंकड़ा 90.01 लाख का रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 15.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है। इसी तरह जनवरी-नवंबर, 2015 के मुकाबले जनवरी-नवंबर, 2016 में एफटीए 9.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 77.83 लाख के स्‍तर पर पहुंच गया था।
शीर्ष 15 स्रोत देशों में नवंबर, 2017 के दौरान भारत में एफटीए में सर्वाधिक हिस्सा बांग्लादेश (16.77%) का रहा। इसके बाद हिस्‍सा क्रमश: अमेरिका (14.77%), ब्रिटेन (9.93%), रूसी संघ (4.41%), कनाडा (4.39%), ऑस्ट्रेलिया (3.96%), मलेशि‍या (3.50%), जर्मनी (2.90%), फ्रांस (2.51%), श्रीलंका (2.32%), चीन (2.26%), सिंगापुर (2.04%),जापान (2.03%), थाईलैंड (1.87%) और कोरिया गणराज्‍य (1.31%) का रहा।
शीर्ष 15 हवाई अड्डों में नवंबर, 2017 के दौरान भारत में एफटीए में सर्वाधिक हिस्सा दिल्ली हवाई अड्डा (29.76 %) का रहा। इसके बाद हिस्सा क्रमशः मुंबई हवाई अड्डा (17.20%), हरिदासपुर लैंड चेक पोस्ट (8.40 %), चेन्नई हवाई अड्डा (5.78%), बेंगलुरू हवाई अड्डा (5.44%), डाबोलिम (गोवा) हवाई अड्डा (5.37%), कोलकाता हवाई अड्डा (4.62%), हैदराबाद हवाई अड्डा (3.02 %), कोच्चि हवाई अड्डा (2.88 %), अहमदाबाद हवाई अड्डा (2.46 %), गेडे रेल लैंड चेक पोस्‍ट (1.91%), सोनौली लैंड चेक पोस्‍ट (1.88 %), त्रिची हवाई अड्डा (1.46%), घोजाडंगा लैंड चेक पोस्ट (1.29%) और त्रिवेंद्रम हवाई अड्डा (1.28 %) का रहा।
ई-पर्यटक वीजा पर विदेशी पर्यटकों का आगमन (एफटीए)
नवंबर, 2017 के दौरान ई-पर्यटक वीजा पर कुल मिलाकर 2.14 लाख विदेशी पर्यटक आए, जबकि नवंबर, 2016 में यह संख्‍या 1.37 लाख थी। यह 56.2 प्रतिशत की वृद्ध‍ि‍ दर्शाता है।
जनवरी-नवंबर, 2017 के दौरान ई-पर्यटक वीजा पर कुल मिलाकर 14.57 लाख विदेशी पर्यटक आए, जबकि जनवरी-नवंबर, 2016 में यह संख्‍या 9.17 लाख थी। यह 58.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है।
नवंबर, 2017 के दौरान ई-पर्यटक वीजा सुविधाओं का लाभ उठाने वाले शीर्ष 15 स्रोत देशों की हिस्‍सेदारी कुछ इस तरह रही : ब्रिटेन (17.1%), अमेरिका (11.6%), रूसी संघ (6.6%), फ्रांस (5.7%), जर्मनी (4.8%), चीन (4.8%), ऑस्ट्रेलिया (4.5%), कनाडा (4.3%), कोरिया गणराज्‍य (2.6%), थाईलैंड (2.4%), इटली (2.4%), सिंगापुर (2.1%), ओमान (1.8%), स्‍पेन (1.8%) और नीदरलैंड (1.5%)।
नवंबर, 2017 के दौरान ई-पर्यटक वीजा पर विदेशी पर्यटकों के आगमन में शीर्ष 15 हवाई अड्डों की हिस्‍सेदारी कुछ इस तरह रही : नई दिल्ली हवाई अड्डा (44.5%), मुंबई हवाई अड्डा (18.7%), डाबोलिम (गोवा) हवाई अड्डा (10.1%), चेन्नई हवाई अड्डा (5.8%), कोच्चि हवाई अड्डा (5.4%), कोलकाता हवाई अड्डा (3.6%), हैदराबाद हवाई अड्डा (2.9%), त्रिवेंद्रम हवाई अड्डा (2.5%), अमृतसर हवाई अड्डा (1.3%), अहमदाबाद हवाई अड्डा (1.2%), गया हवाई अड्डा (1.1%), जयपुर हवाई अड्डा (0.8%), त्रिची हवाई अड्डा (0.5%), लखनऊ हवाई अड्डा (0.5%) और कालीकट हवाई अड्डा (0.3%) ।

(Source: pib.nic.in)




2018 में 16 लंबे वीकेंड, चलिये कहीं घूम आते हैं, लेकिन अभी तो फाइनेंशियल प्लान बना लें 
((8 महीने बाद घूमने जाना है,क्यों ना अभी से इसकी तैयारी करें, जानिए कैसे 




2018 में 16 लंबे वीकेंड, चलिये कहीं घूम आते हैं, लेकिन अभी तो फाइनेंशियल प्लान बना लें


तो, 2017 की ही तरह 2018 में भी लंबे वीकेंड की भरमार है। 2018 में आपको सैर-सपाटे और देश-दुनिया घूमने के लिए करीब 16 वीकेंड मिलेंगे। 2017 के लंबे वीकेंड को आप लोगों ने जिस तरह भी Enjoy किया हो,  2018 में भी मजा-मस्ती का मौका मत छोड़िएगा। लंबे वीकेंड की लिस्ट मैं आपको यहां पर दे रहा हूं। तो, आप अभी से ही सैर-सपाटे के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करना शुरू कर दीजिए। आगे बताएंगे कैसे करें फाइनेंशियल प्लानिंग।


> 2018 के वीकेंड:
वीकेंड- 1) January 20, Saturday: Weekend
January 21, Sunday: Weekend
January 22, Monday: Basant Panchami (Restricted Holiday)


वीकेंड-2) January 26, Friday: Republic Day (Compulsory Holiday)
January 27, Saturday: Weekend
January 28, Sunday: Weekend

वीकेंड-3) February 10, Saturday: Weekend
February 11, Sunday: Weekend
February 12, Monday: Take a leave
February 13, Tuesday: Mahashivratri (Restricted Holiday)

वीकेंड-4) February 16, Friday: Losar (Sikkim, Ladakh and Dharamshala only)
February 17, Saturday: Weekend
February 18, Sunday: Weekend

वीकेंड-5) March 1, Thursday: Holika Dahan (Restricted Holiday)
March 2, Friday: Holi (Gazetted Holiday)
March 3, Saturday: Weekend
March 4, Sunday: Weekend

वीकेंड-6) March 29, Thursday: Mahavir Jayanti (Gazetted Holiday)
March 30, Friday: Good Friday (Compulsory Holiday)
March 31, Saturday: Weekend
April 1, Sunday: Weekend

वीकेंड-7) April 27, Friday: Take leave
April 28, Saturday: Weekend
April 29, Sunday: Weekend
April 30, Monday: Buddha Purnima (Compulsory Holiday)
May 1, Tuesday: Maharashtra Day (Maharashtra only)

वीकेंड-8) June 15, Friday: Idul' Fitr (Compulsory Holiday)
June 16, Saturday: Weekend
June 17, Sunday: Weekend

वीकेंड-9) August 15, Wednesday: Independence Day (Compulsory Holiday)
August 16, Thursday: Take leave
August 17, Friday: Parsi New Year (Gujarat and Mumbai only)

वीकेंड-10) August 22, Wednesday: Idul' Zuha (Compulsory Holiday)
August 23, Thursday: Take the day off.
August 24, Friday: First day of Onam (Kerala only)
August 25, Saturday: Weekend
August 26, Sunday: Weekend/ Raksha Bandhan

वीकेंड-11) September 1, Saturday: Weekend
September 2, Sunday: Weekend
September 3, Monday: Janamashtami (Restricted Holiday)

वीकेंड-12) September 13, Thursday: Ganesh Chaturthi (Gazetted Holiday)
September 14, Friday: Take the day off.
September 15, Saturday: Weekend
September 16, Sunday: Weekend

वीकेंड-13) September 29, Saturday: Weekend
September 30, Sunday: Weekend
October 1, Monday: Take the day off.
October 2, Tuesday: Gandhi Jayanti (Compulsory Holiday)

वीकेंड-14) October 18, Thursday: Ram Navami (Gazetted Holiday)
October 19, Friday: Dussera (Compulsory Holiday)
October 20, Saturday: Weekend
October 21, Sunday: Weekend

वीकेंड-15) November 3, Saturday: Weekend
November 4, Sunday: Weekend
November 5, Monday: Dhanteras/ Take the day off.
November 6, Tuesday: Take the day off.
November 7, Wednesday: Diwali (Compulsory Holiday)
November 8, Thursday: Gowardhan Puja/ Take the day off.
November 9, Friday: Bhai Duj (Restricted Holiday)
November 10, Saturday: Weekend
November 11, Sunday: Weekend

वीकेंड-16) December 22, Saturday: Weekend
December 23, Sunday: Weekend
December 24, Monday: Take the day off.
December 25, Tuesday: Christmas Day (Compulsory Holiday)

वीकेंड की पूरी लिस्ट अब आपके सामने है। तो देर किस बात की, कहां घूमने जाना है, उसकी तैयारी अभी से कर लीजिए और हां फाइनेंशियल तैयारी भी इसकी अभी से कर लेंगे तो अच्छा रहेगा। फाइनेंशियल प्लानिंग कर लेने से एक तो आप पर एक बार में ही पैसा जुटाने का बोझ नहीं पड़ेगा और दूसरा पहले से किसी भी काम की प्लानिंग कर लेने से जीवन आसान हो जाता है और मौके पर गड़बड़ी की गुंजाइश कम जाती है।  

> फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए क्या -क्या करें:

-सैर-सपाटे की पूरी लागत पता करें- इसमें आपके घर से लेकर गंतव्य तक आने-जाने का कुल भाड़ा, रहने-ठहरने बगैरह का खर्च शामिल है। लागत का पता करने के लिए आप किसी जान-पहचान वालों से संपर्क कर सकते हैं जो पहले उन जगहों पर सैर कर चुके हैं जहां जाने की आप योना बना रहे हैं या फिर इंटरनेट से भी इसकी जानकारी ले सकते हैं। कई वेबसाइट्स आपको इस काम में मदद कर सकती है। 

-सैर-सपाटा फंड बनाएं...तो आपको लागत का पता चल गया। आप जिस तारीख को सफर के लिए निकलना चाहते हैं आज से उस तारीख तक कितना दिन बचा है,  उसके हिसाब से आप अपने खर्च को बांट लें...इससे अंदाज मिल जाएगा कि आपको हर दिन कितने की बचत करनी है या फिर कितना पैसा निवेश करना है। इसके 
बाद थोड़ा -थोड़ा पैसा बचत करना शुरू कर दीजिए। बचत को सही निवेश साधन में लगाएं। बचत करने में दिक्कत आ रही है तो अनावश्यक खर्चों में कटौती करें या अतिरिक्त काम करके पैसे जुटाने की कोशिश करें। एक बात और जितनी लागत का आपने गणना किया, उससे थोड़ा ज्यादा पैसा ही इकट्ठा कीजिएगा। चुंकि आप 
सैर-सपाटे का आनंद उठाने जा रहे हैं, तो पैसों की बचत करेंगे तो फिर घूमने का पूरा मजा नहीं ले पाएंगे।इसलिए खुलकर खर्च करें। 

-ट्रेवल इंश्योरेंस जरूर करवा लें- सैर-सपाटे के दौरान कुछ जोखिम भी होते हैं, सुरक्षा कवर लेने में समझदारी है। तो, क्यों ना, ट्रेवल इंश्योरेंस पॉलिसी ले लें। कई कंपनियां ट्रेवल इंश्योरेंस पॉलिसी देती है, लेकिन आप किसी एक कंपनी पर भरोसा मत कीजिए। कोई भी पॉलिसी लेने से पहले कई बातों पर ध्यान देना जरूरी है...मसलन, 
सिंगल प्रीमियम की पॉलिसी है या फिर ग्रुप की, प्रीमियम कितनी है, क्लेम सेटलमेंट का रिकॉर्ड कैसा है बगैरह-बगैरह। अगर आप कोई ट्रेवल इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हैं तो उसका ऑफर डॉक्यूमेंट्स पढ़ना ना भूलें। ध्यान रखियेगा कि ऑफर डॉक्यूमेंट्स में हर वो प्रावधान शामिल हो, जिसका आपके एवरेस्ट बेस कैंप ट्रेकिंग सफर से रिस्क जुड़ा हो।वरना, पॉलिसी पर आप पैसे तो खर्च करेंगे लेकिन जरूरत पड़ने पर येआपके किसी काम नहीं आएगी। और हां, अपने कुल ट्रेवलिंग खर्च में इंश्योरेंस प्रीमियम का भी खर्च जोड़ लीजिएगा। 

-इमरजेन्सी, एक्सीडेंटल, हेल्थ कवर- ट्रेवल इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के अलावा आप अपना और अपने ग्रुप का इमरजेन्सी, एक्सीडेंटल, हेल्थ कवर भी ले लें, तो अच्छा रहेगा। कई इंश्योरेंस कंपनियां सस्ते प्रीमियम पर ट्रेवल इंश्योरेंस के साथ इमरजेन्सी, एक्सीडेंटल और हेल्थ कवर भी मुहैया कराती है। 

तो, 2018 में भी लंबे वीकेंड को यूं ही बेकार मत जाने दीजिए। अगर सैर-सपाटे का आनंद लेने के लिए इन फाइनेंशियल टिप्स को याद रखेंगे, तो सफर का आनंद दोगुना बढ़ जाएगा। 


>सिंहगढ़ किला, पुणे: ट्रैकिंग के साथ साथ इतिहास पर गर्व करने वाली जगह

(जीवदानी मंदिर के ऊपर से आसपास के इलाकों के खूबसूरत नजारे 
(जीवदानी मंदिर के ऊपर से आसपास के इलाकों के खूबसूरत नजारे 
((जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) के पिंजड़े के चहकते परिंदे
((जीवदानी मंदिर परिसर स्थित महाकाली मंदिर, काल भैरव मंदिर
((श्री वारोंडा देवी.  जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) 
((जीवदानी मंदिर, विरार (पूर्व), महाराष्ट्र; Jivadani Mandir, Virar (East), Maharashtra
(शानदार और यादगार ट्रिप: अक्कलकोट- गाणगापुर-सोलापुर- तुलजापुर-सिद्देश्वर-पंढरपुर-मिनी तिरुपति
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर (अंदर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर, सोलापुर, महाराष्ट्र (बाहर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर: Shri Vittal Rukmini Mandir, Pandharpur, Maharashtra
(श्री भैरवनाथ मंदिर, दौंडज, कदमबस्ती, पुणे; Shri BhairavNath Mandir, Daundaj, Pune
(शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर रेप्लिका, सोलापुर; Shivyogi Siddheshwar Temple Replica, Solapur 
(तुलजा भवानी मंदिर, तुलजापुर, उस्मानाबाद, महाराष्ट्र ; Tulja Bhavani Mandir, Tuljapur, Maharashtra
(श्री शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर (सोलापुर) के बारे में क्या कहते हैं श्रद्धालु
(भक्त निवास, अक्कलकोट, महाराष्ट्र; Bhakt Niwas, Akkalkot, Maharashtra
((श्री स्वामी समर्थ मंदिर, अक्कलकोट,  Shri Swami Samarth Temple, Akkalkot
(श्री दत्तात्रेय भगवान का मंदिर, गाणगापुर, Shri Duttatreya Temple, Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
( इच्छापूर्ति औदुंबर वृक्ष, गाणगापुर,  Holy Audumbar Tree, Ganagapur, Kalburgi, Karnatka
((भीमा-अमरजा संगम, गाणगापुर, कर्नाटक Prayagraj of Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
(Nehru Centre, Worli, Mumbai (नेहरू सेंटर, वर्ली, मुंबई); क्या देखें, कैसे पहुंचें 
(कबड्डी खिलाड़ियों को भी भाता है Akloli (अकलोली) का गर्म पानी का कुंड
(सैलानियों को क्यों पसंद है Akloli (अकलोली) 
(Mumba Devi Mandir, Mumbai; मुंबा देवी मंदिर, मुंबई
(Akloli Hot Springs, Vajreshwari, Maharashtra; What Local People says)
(Vajreshwari Mandir, Vasai, Palghar, Maharashtra
(How to save yourself, family, flat from fire
(Rajodi Beach, Nalasopara, Maharashtra
((Chhatrapati Shivaji Maharaj Vastu Sangrahalaya, Mumbai
((Gateway Of India on Sunday Morning
((The Fishing Community of Arnala Bunder, Virar, Maharashtra
((Arnala Fort: Attarctive Tourist Spot: How to reach
((Nasik to Igatpuri; Everywhere Greenary
((Kasara to Karjat, Maharashtra; See Beauty of Nature
((Igatpuri Station, Maharashtra
(Patna Junction, Bihar, India
(Rice Fields of Bihar
(Gaya Railway Junction, Bihar, India
((Bodh stupa, Nalasopara (west), Maharashtra
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 3; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 2; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 1; Amokhar, Bihar
(Girgaon Beach, Mumbai in Evening: गिरगांव चौपाटी, मुंबई शाम का नजारा 
(Antilia, Mumbai: एंटीलिया, मुंबई
((Jaslok Hospital, Mumbai: जसलोक अस्पताल, मुंबई
(Girgaum Chowpatty, Mumbai@7pm, गिरगांव चौपाटी, मुंबई
((Pachu Bandar, Vasai, Maharashtra, पाचू बंदर, वसई, महाराष्ट्र
((Chimaji Appa Memorial, Vasai; चिमाजी अप्पा स्मारक, वसई, महाराष्ट्र
((Vasai Court, Maharashtra; वसई कोर्ट, महाराष्ट्र
((Vasai station to Vasai Court & Vasai Fort by Auto; वसई स्टेशन से वसई फोर्ट और वसई फोर्ट ऑटो से)
((Vasai Fort, Maharashtra; वसई किला, महाराष्ट्र
((Vasai Road Station (BSR);वसई रोड स्टेशन 







मंगलवार, 5 दिसंबर 2017

आयुष और तंदुरूस्‍ती पर अंतर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन दिल्ली में, वैकल्‍पिक औषधि में 30 लाख नौकरी सृजित करने की संभावना

आयुष और तंदुरूस्‍ती पर पहले अंतर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन और प्रदर्शनी नई दिल्ली में

आरोग्‍य 2017 में 60 देशों के 1500 प्रतिनिधि और वैकल्‍पिक औषधि के 250 निर्माता शामिल
आयुष और तंदुरूस्‍ती पर पहले अंतर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन ‘आरोग्‍य 2017’ का वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु और आयुष राज्‍य मंत्री श्री श्रीपाद येसो नाइक ने कल  नई दिल्‍ली में उद्घाटन किया। प्रदर्शनी और सम्‍मेलन का आयोजन 4 से 7 दिसम्‍बर, 2017 तक विज्ञान भवन में किया गया है। आरोग्‍य 2017 का आयोजन फार्मेक्‍सिल सहित आयुष मंत्रालय और वाणिज्‍य और उद्योग मंत्रालय ने फिक्‍की के साथ औषधि की परंपरागत प्रणाली की ताकत और वैज्ञानिक मूल्‍यांकन को प्रदर्शित करने के लिए संयुक्‍त रूप से किया है। अरोग्‍य 2017 में भारत और 60 देशों के करीब 1500 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि आरोग्‍य 2017 अपने तरह का पहला अंतर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन है, जिसका आयोजन भारत में किया गया है। उन्‍होंने कहा कि हालांकि भारत ही अकेला ऐसा देश नहीं है, जिसके पास परंपरागत औषधि का ज्ञान है, आरोग्‍य 2017 के जरिए हमने भारत के परंपरागत औषधि ज्ञान को दुनिया के लोगों के बीच बांटने का फैसला किया है। इस सम्‍मेलन से हमें उम्‍मीद है कि दुनिया के अन्‍य देशों से आए प्रतिनिधियों से हमें सीखने को मिलेगा और भारत सरकार को सभी देशों के साथ इस क्षेत्र में कार्य करने पर खुशी होगी।
आयुष राज्‍य मंत्री श्री श्रीपाद येसो नाइक ने कहा कि आयुष मंत्रालय स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं में आयुष को विस्‍तार से समाहित करने का प्रयास कर रहा है। आयुष मंत्रालय के जरिए हम न केवल राष्‍ट्रीय स्‍तर पर परंपरागत औषधि के विकास संबंधी क्रियाकलापों को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्‍कि हमें अधिक अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग और द्विपक्षीय, बहु पक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्‍विक स्‍तरों पर सहयोग के अवसर कायम करने का इंतजार है। इस दिशा में संयुक्‍त राष्‍ट्र द्वारा 21 जून अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस घोषित करने से दुनिया की योग में दिलचस्‍पी पैदा हुई है और साथ ही योग संबंधी जानकारी, विशेषज्ञता प्राप्‍त और काबिल, प्रमाणित और मान्‍यता प्राप्‍त योग प्रशिक्षकों के आदान-प्रदान के लिए सहयोग के अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से डब्‍ल्‍यूएचओ के साथ सहयोगपूर्ण समझौते के जरिए हम सदस्‍य देशों के लाभ के लिए आयुष संबंधित तकनीकी दिशा-निर्देश और दस्‍तावेज तैयार कर रहे हैं। श्री नाइक ने कहा कि इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए भारत ने कुछ देशों की सरकारों और अंतर्राष्‍ट्रीय विश्‍वविद्यालयों के साथ सहमति ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए हैं। उन्‍होंने कहा कि हमें सबूतों पर आधारित दृष्‍टिकोण, साझा व्‍यावाहरिक अनुभवों और परंपरागत औषधि प्रणालियों की सर्वश्रेष्‍ठ कार्यप्रणाली के साथ संस्‍थागत तंत्र और स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍थाएं बनानी चाहिए।
आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेजा ने कहा कि भारत शायद दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां परंपरागत औषधि का अलग मंत्रालय है। इससे औषधि प्रणाली के विकास की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता दिखाई देती है। उन्‍होंने कहा कि हमें उम्‍मीद है कि अगले 5 वर्षों में उत्‍पादों और सेवाओं सहित हम आयुष का आकार तीन गुना बढ़ा लेंगे। इसके लिए सरकार अनेक देशों के साथ सहमति ज्ञापनों पर हस्‍ताक्षर करने के साथ, सहयोगपूर्ण अनुसंधान और शैक्षणिक क्रियाकलाप तथा आयुष में अंतर्राष्‍ट्रीय छात्रवृत्‍ति देने सहित बहु आयामी रणनीति अपना रही हैं।
फार्मेक्‍सिल के महानिदेशक श्री उदय भास्‍कर; फिक्‍की के महासचिव डॉ. संजय बारू; फिक्‍की के उप महासचिव श्री विनय माथुर; ज्ञान भारती के महानिदेशक ए.जेकुमार; डब्‍ल्‍यूएचओ में आयुष विशेषज्ञ डॉ. जी.गीता कृष्‍णन; श्री श्रीतत्‍व  के प्रबंध निदेशक श्री अरविन्‍द वर्चस्‍वी ने देश और विदेश में आयुष क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
आरोग्‍य 2017 प्रदर्शनी और सम्‍मेलन आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्‍सा, यूनानी, सिद्ध, सोआ रिगपा, होम्योपैथी और स्‍वास्‍थ्‍य पर आधारित है। इसमें वैकल्‍पिक औषधि के 250 से अधिक निर्माता अपने उत्‍पादों और सेवाओं को प्रदर्शित कर रहे हैं। इस प्रदर्शनी के माध्‍यम से आयुष क्षेत्र के प्रमुख साझेदारों को भारत की वैकल्‍पिक औषधि प्रणाली के क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान और विकास को दिखाने तथा आयुष उत्‍पादों का निर्यात बढ़ाने का अवसर मिला है।
आसियान और बिम्सटेक देशों में आयुष नियमों और पंजीकरण के लिए एक रोड मैप रखने के लिए फ्रॉस्‍ट और सूलीवन ने एक श्‍वेत पत्र ‘’आयुष फॉर द वर्ल्‍ड‘’ रखा। इसमें कहा गया है कि भारत आयुर्वेदिक और वैकल्‍पिक औषधि का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है और इसमें 3 मिलियन नौकरियां सृजित करने की संभावना है। भारत का जड़ी-बूटी बाजार करीब 5 हजार करोड़ रूपये का है, जिसकी वार्षिक वृद्धि दर 14 प्रतिशत है। 
( Source: pib.nic.in)

>सिंहगढ़ किला, पुणे: ट्रैकिंग के साथ साथ इतिहास पर गर्व करने वाली जगह

(जीवदानी मंदिर के ऊपर से आसपास के इलाकों के खूबसूरत नजारे 
(जीवदानी मंदिर के ऊपर से आसपास के इलाकों के खूबसूरत नजारे 
((जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) के पिंजड़े के चहकते परिंदे
((जीवदानी मंदिर परिसर स्थित महाकाली मंदिर, काल भैरव मंदिर
((श्री वारोंडा देवी.  जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) 
((जीवदानी मंदिर, विरार (पूर्व), महाराष्ट्र; Jivadani Mandir, Virar (East), Maharashtra
(शानदार और यादगार ट्रिप: अक्कलकोट- गाणगापुर-सोलापुर- तुलजापुर-सिद्देश्वर-पंढरपुर-मिनी तिरुपति
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर (अंदर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर, सोलापुर, महाराष्ट्र (बाहर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर: Shri Vittal Rukmini Mandir, Pandharpur, Maharashtra
(श्री भैरवनाथ मंदिर, दौंडज, कदमबस्ती, पुणे; Shri BhairavNath Mandir, Daundaj, Pune
(शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर रेप्लिका, सोलापुर; Shivyogi Siddheshwar Temple Replica, Solapur 
(तुलजा भवानी मंदिर, तुलजापुर, उस्मानाबाद, महाराष्ट्र ; Tulja Bhavani Mandir, Tuljapur, Maharashtra
(श्री शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर (सोलापुर) के बारे में क्या कहते हैं श्रद्धालु
(भक्त निवास, अक्कलकोट, महाराष्ट्र; Bhakt Niwas, Akkalkot, Maharashtra
((श्री स्वामी समर्थ मंदिर, अक्कलकोट,  Shri Swami Samarth Temple, Akkalkot
(श्री दत्तात्रेय भगवान का मंदिर, गाणगापुर, Shri Duttatreya Temple, Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
( इच्छापूर्ति औदुंबर वृक्ष, गाणगापुर,  Holy Audumbar Tree, Ganagapur, Kalburgi, Karnatka
((भीमा-अमरजा संगम, गाणगापुर, कर्नाटक Prayagraj of Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
(Nehru Centre, Worli, Mumbai (नेहरू सेंटर, वर्ली, मुंबई); क्या देखें, कैसे पहुंचें 
(कबड्डी खिलाड़ियों को भी भाता है Akloli (अकलोली) का गर्म पानी का कुंड
(सैलानियों को क्यों पसंद है Akloli (अकलोली) 
(Mumba Devi Mandir, Mumbai; मुंबा देवी मंदिर, मुंबई
(Akloli Hot Springs, Vajreshwari, Maharashtra; What Local People says)
(Vajreshwari Mandir, Vasai, Palghar, Maharashtra
(How to save yourself, family, flat from fire
(Rajodi Beach, Nalasopara, Maharashtra
((Chhatrapati Shivaji Maharaj Vastu Sangrahalaya, Mumbai
((Gateway Of India on Sunday Morning
((The Fishing Community of Arnala Bunder, Virar, Maharashtra
((Arnala Fort: Attarctive Tourist Spot: How to reach
((Nasik to Igatpuri; Everywhere Greenary
((Kasara to Karjat, Maharashtra; See Beauty of Nature
((Igatpuri Station, Maharashtra
(Patna Junction, Bihar, India
(Rice Fields of Bihar
(Gaya Railway Junction, Bihar, India
((Bodh stupa, Nalasopara (west), Maharashtra
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 3; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 2; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 1; Amokhar, Bihar
(Girgaon Beach, Mumbai in Evening: गिरगांव चौपाटी, मुंबई शाम का नजारा 
(Antilia, Mumbai: एंटीलिया, मुंबई
((Jaslok Hospital, Mumbai: जसलोक अस्पताल, मुंबई
(Girgaum Chowpatty, Mumbai@7pm, गिरगांव चौपाटी, मुंबई
((Pachu Bandar, Vasai, Maharashtra, पाचू बंदर, वसई, महाराष्ट्र
((Chimaji Appa Memorial, Vasai; चिमाजी अप्पा स्मारक, वसई, महाराष्ट्र
((Vasai Court, Maharashtra; वसई कोर्ट, महाराष्ट्र
((Vasai station to Vasai Court & Vasai Fort by Auto; वसई स्टेशन से वसई फोर्ट और वसई फोर्ट ऑटो से)
((Vasai Fort, Maharashtra; वसई किला, महाराष्ट्र
((Vasai Road Station (BSR);वसई रोड स्टेशन 







महाराष्ट्र का मनोरम कोंकण किनारा देखेंगे, तो गोवा भूल जाएंगे, कोंकण की हर खूबसूरती तस्वीरों में देखिये

 http://datastore.rediff.com/h5000-w5000/thumb/6656605866626D6368666D6D/o0vr2h9248ujbcot.D.0.kokan_kinara.jpg
                                                         जरा कल्पना कीजिए, आप समुद्र किनारे बैठे हैं और आपके पीछे नारियल, सुपारी के अलावा कई दूसरे हरे-भरे पेड़ों के बगान हैं और साथ में हैं समुद्र का किनारा और उसके किनारे मनोरंजन और रोमांच से भर देने की तमाम सुविधाएं, मसलन वाटर बाइक, बनाना वोट, पैरा ग्लाइडिंग, ऊंट राइडिंग, घोड़ागाड़ी राइडिंग,  इत्यादि। कैसा लगा सुनकर। जरूर आप रोमांच से भर उठे होंगे और अगर आपके पास छुट्टी होगी तो जरूर वैसी जगहों पर जाने की आपने योजना भी बना ली होगी। जब मेरे एक दोस्त ने मुंबई से करीब पांच घंटे की दूरी पर स्थित रायगड़ जिले के दिवेआगर, जो कि कोंकण किनारा का ही हिस्सा है, के बारे में जानकारी दी, तो मैं वहां जाने के लिए फौरन तैयार हो गया और अगली सुबह ही महाराष्ट्र स्टेट ट्रांसपोर्ट की बस से दिवेआगर के लिए प्रस्थान कर गया।






कोंकण किनारा पर दिवेआगर के अलावा भी कई ऐसी जगह आपको मिल जाएगी, जहां जाने के बाद आपको लगेगा कि काश, वहां पहले जा पाता। ये ऐसी जगह हैं जहां जाकर आप गोवा को भूल जाएंगे। महाराष्ट्र का कोस्टल इलाका कोकण के नाम से जाना जाता है। इसमें रायगड के साथ-साथ रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले भी शामिल हैं। आप यहां नेचर को निहार सकते हैं। कुदरत का ऐसा करिश्मा हैं यहां कि आप यहां से जाने के नाम नहीं लेंगे। इन किनारों पर समुद्र की लहरें आपको बार-बार रुकने के लिए मजबूर करेगी, तो वहीं सुपारी, नारियल, आम, काजू के हरे-भरे बगीचे आपको जन्नत का अहसास कराएंगे। कुदरत के करिश्मा से कम नहीं है कोंकण किनारा। 
कुदरत का लुत्फ उठाने के साथ ही अगर आप भगवान की भक्ति का भी शौक रखते हैं तो इन किनारों पर कई ऐसे मंदिर मिलेंगे, जहां आप दर्शन करके अपने-आपको भाग्यशाली समझेंगे। अगर आपकी रुचि इतिहास या भूगोल में है, तो यहां आपको जानकारी बढ़ाने के लिए बहुत सारी चीजें मिल जाएंगी।   

कोंकण किनारा की मशहूर जगहें: अलिबाग, मुरुड, जंजीरा, दिघी, दिवे आगर, श्रीवर्धन, हरिहरेश्वर, बाणकोट, हर्णे, दाभोल, गुहागर, वेळणेश्वर, हेदवी, जयगड, मालगुंड, गणपतिपुळे, पावस, पुर्णगड, कशेळी, जैतापुर, विजयदुर्ग, देवगड़ इत्यादी। 

सफर के साधन: बस, ऑटो, कार, फेरीबोट, पैदल 

कहां रुकें: होटल, गेस्ट हाउस, रेस्ट हाउस, रिसोर्ट, स्थानीय लोगों के घरों में (कुछ लोगों ने अपने घरों में पर्यटकों को ठहरने की व्यवस्था कर रखी है।)

कितने दिनों की छुट्टी लें: कोंकण किनारा की मुख्य-मुख्य जगहों को देखने के लिए कम से कम सात दिनों की छुट्टी तो ले हीं।

कैसे जाएं : खुद की गाड़ी से जाएं या फिर मुंबई से बस के जरिए भी कोंकण किनारा जाया जा सकता है। स्टेट ट्रांसपोर्ट की बस के अलावा निजी बस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 

अंदरुनी इलाकों में जाने के लिए आपको पैदल चलना पड़ सकता है या फिर ऑटो का इस्तेमाल करना बेहतर होगा। अगर आप अपनी गाड़ी से जाना चाह रहे हों तो फिर कोई बात ही नहीं। 

गाइड कितना जरूरी: धूमने के दौरान गाइड आपको कई तरह से मदद कर सकता है। गाइड से आपका पैसा और समय तो बचेगा ही, साथ ही कोई भी मशहूर जगह को देखने से आप वंचित नहीं रह पाएंगे। लेकिन, गाइड भरोसेमंद होना चाहिए। मैं खुशनसीब हूं कि मुझे ऐसे गाइड का मार्गदर्शन मिला। गाइड के सान्निध्य का ही कमाल था कि मैं चार दिनों में महज दो हजार रुपए खर्च कर कोंकण किनारा की ज्यादातर मशहूर जगहों का लुत्फ उठा पाया। 

कोंकण किनारे का लुत्फ उठाने की अब मैं अपनी बात करता हूं। मैं काफी दिनों से कोंकण किनारा धूमना चाह रहा था। ऑफिस से मैंने 15 दिनों की छुट्टी ली और अपने पड़ोसी डॉक्टर डॉ.अभिषेक सिंह से अपने मन की बात कही। उन्होंने मुझे अपने ससूर के बताया जो कि घूमने-फिरने के काफी शौकीन हैं और वो टूर भी अरेंज करते रहते हैं। महाराष्ट्र के मशहूर जगहों की उनकी जानकारी के बारे में पुछिए मत। स्टेट ट्रांसपोर्ट में सालों तक सेवा देने के बाद हाल ही में वो रिटायर हुए हैं। सो, बस रुट के बारे में भला उनकी जानकारी के क्या कहने। डॉक्टर साहब के ससूर से बात हुई और अगले दिन ही हम निकल पड़े कोंकण किनारा टूर पर। 

नालासोपार से बोर्ली पंचायत:  मुंबई से कुछ ही दूरी पर ठाणे जिले के नालासोपारा में मेरा घर है। यहां से स्टेट ट्रांसपोर्ट की बस सूबे के कई शहरों में जाती है। सुबह साढ़े पांच बजे नालासोपारा-श्रीवर्धन बस पकड़कर मैं पहुंच गया बोर्ली, जहां दिवेआगर है। दिवेआगर सी बिच से पहले मैं गोवा और मुंबई का सी-बिच देख चुका था। लेकिन, जब नारियल, सुपारी के बगीचे के बीच से होकर दिवेआगर सी बिच पहुंचा, तो मैं इसे देखकर हैरान रह गया। मुझे लगा कि अभी तक इतनी खूबसूरत और रोमांचित करने वाली जगह से अन्जान कैसे था। मुझे तो दिवेआगर के सामने गोवा और मुंबई के सी बिच फीका लगने लगे। 




दिवेआगर में अगर समुद्र के किनारों पर लुत्फ उठाने के लिए पैरा ग्लाइडिंग, वाटर बाइक, बनाना वोटिंग, ऊंट राइडिंग, घोड़ागाड़ी राइडिंग, जैसी तमाम सुविधाएं हैं तो वहीं रहने, खाने-पीने के लिए उत्तम इंतजाम। यहां नारियल और सुपारी के बगीचे में आप रहने का लुत्फ उठा सकते हैं। कई रिसोर्ट में आपको झूला, स्विमिंग पूल भी मिलेंगे। दिवेआगर में गणपति का मशहूर मंदिर भी है। दिवेआगर के ठीक बगल में दिघी पोर्ट है और उसके बगल में जंजीरा और अलीबाग। 

दिवेआगर से श्रीवर्धन: दिवेआगर से श्रीवर्धन का सफर बहुत ही रोमांचकारी रहा। दिवेआगर से श्रीवर्धन के लिए दो सड़कमार्ग हैं। एक सड़क तो समुद्र के ठीक किनारे है, लेकिन इस मार्ग से बस नहीं जाती है, केवल ऑटो या फिर आप अपनी गाड़ी से जा सकते हैं। हमलोग ऑटो पकड़कर समुद्र किनारे वाले सड़क मार्ग के जरिए श्रीवर्धन के लिए रवाना हुए। इस मार्ग पर पहाड़, सड़क और समुद्र का अनूठा संगम, आपके रोम-रोम में नई ऊर्जा और उत्साह भरने के लिए काफी है। श्रीवर्धन में समुद्र के किनारे हरिहरेश्वर मंदिर है, जिसकी कहानी महाभारत काल से जुड़ी है। कहा जाता है कि पांडवों ने महाभारत के युद्ध में मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार यहीं किया था। अभी तक हम रायगड जिले में हैं। लेकिन, अब रत्नागिरी जिले की ओर रुख करने वाले हैं। 





















श्रीवर्धन से रत्नागिरी: श्रीवर्धन से फेरीबोट के जरिए हम महज 15 मिनट में रत्नागिरी जिले में प्रवेश कर गए लेकिन अगर बस से हम सफर करते हैं तो वहां प्रवेश करने के लिए हमें करीब 200 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। हरिहरेश्वर मंदिर से कुछ ही दूरी पर बागमांडले है जहां से फेरीबोट पकड़ कर समुद्र पार कर हमलोग पहुंचे रत्नागिरी जिले के बाणकोट में, जहां शिवाजी का किला बना हुआ है। किले के पास ही आम का शानदार बगीचा है। इस किले से रायगड और रत्नागिरी  जिले के समुद्र के किनारों में नजर रखी जा सकती है। बाणकोट किला से हमलोग ऑटो के सहारे आंजर्ले के मशहूर गणपति मंदिर पहुंचे। ये मंदिर पहाड़ के आगे निकले हुए भाग में बना है।




















इस गणपति मंदिर के दर्शन के बाद हम पहुंचे हर्णे बंदरगाह। रत्नागिरी के इस बंदरगाह पर मछलियों की नीलामी होती है। हर्णे में एक लाइटहाउस भी है और समुद्र में एक फोर्ट भी है। हर्णे में अब शाम हो चुकी है। यहां ठहरने की उत्तम व्यवस्था है। हमलोग यहां ठहर सकते हैं लेकिन मछलियों की बदबू की वजह से यहां ठहरने की योजना रद्द कर हमलोग दापोली जाना बेहतर समझे। तो हर्णे में हमलोगों ने मैक्सी पकड़ी और पहुंच गए दापोली। रात्रिविश्राम हमलोगों ने यहां किया। 














दापोली से दाभोल, गुहानगर: कोंकण दौरे का दो दिन हम पूरे कर चुके हैं और अब तीसरे दिन में प्रवेश करने वाले हैं। अब भी हम रत्नागिरी जिले में ही हैं और समुद्र किनारों और पहाड़ों का ही लुत्फ उठा रहे हैं। हरियाली तो खैर पूछिए मत। ऐसा लगता है मानो कुदरत का इन इलाकों पर विशेष कृपादृष्टि है। तीसरे दिन दापोली में हम फिर से फेरीबोट का सहारा लेते हैं और पहुंच जाते हैं दाभोल। समुद्र में से ही विवादित दाभोल बिजली परियोजना नजर आ जाती है। विवादित परियोजना से 6-8 किलोमीटर के दायरे में है तालकेश्वर लाइटहाउस, शिवाजी का गोपालगढ़ का किला और पुराना मंदिर। शिवाजी का गोपालगढ़ किला आम और काजू के बगीचे में बदल दिया गया है। करीब साढ़े सात एकड़ में फैले इस किले में अब दीवारें ही शेष बचीं हैं। खाने का कार्यक्रम बीच-बीच में चलता रहता है। दाभोल से शेयरिंग ऑटो के जरिए हरे-भरे पहाड़ी रास्तों से होते हुए अब पहुंचे गुहागर। गुहागर के हेदवे में श्रीलक्ष्मी दशभूज गणपति मंदिर के दर्शन किए।  अब तक करीब शाम के चार बज चुके हैं और अभी रत्नागिरी के ही गणपतिपुळे मंदिर और उसके आगे पावस के स्वामी स्वरूपानंद समाधि मंदिर का दर्शन करना अभी बाकी है। 














गुहागर में एक बार फिर से हमे फेरीबोट का सहारा लेना पड़ा। फेरीबोट से सफर कर हम पहुंचे शिवाजी के जयगड फोर्ट, जहां अब जयगड पोर्ट बन चुका है। यहां से स्टेट ट्रांसपोर्ट की बस से हम गणपतिपुळे मंदिर पहुंचे। इस समय करीब शाम के सात-आठ बज चुके हैं। मंगलवार होने की वजह से वहां पहुंचते हीं हमलोग भगवान के दर्शन करना जरूरी समझते हैं। भगवान के दर्शन के बाद हम रात्रि विश्राम के लिए ठिकाना ढूंढते हैं। हम सस्ता ठिकाना ढूंढने में कामयाब होते हैं। अगले दिन फिर हम गणपतिपुळे मंदिर के दर्शन करते है। मंदिर के दर्शन के बाद हम वहां से कुछ मालगुंडी जाते हैं जहां मराठी के मशहूर कवि कवि केशवसुत यानी कृष्णाजी केशव दामले का स्मारक है। 

















केशवसुत के स्मारक को देखने के बाद अब रत्नागिरी शहर जाने की बारी है। गणपतिपुळे मंदिर से कुछ ही दूरी पर है स्टेट ट्रांसपोर्ट का स्टैंड, जहां से हम पकड़ते हैं रत्नागिरी के लिए बस। 





दोपहर के करीब दो बजे हम रत्नागिरी पहुंचते हैं। रत्नागिरी में सबसे पहले हम बस से पावस जाते हैं जहां पर संत स्वामी स्वरुपानंद का समाधि मंदिर है। स्वामी के मंदिर के दर्शन के बाद हम रत्नागिरी बस से वापस लौटते हैं। रत्नागिरी बस स्टैंड से ही हम थिबा पैलेस घूमने के लिए निकल जाते हैं। थिबा बर्मा आज के म्यांमार के शासक थे जिसे अंग्रेजों ने 19 वीं शताब्दी में  यहीं पर नजरबंद कर दिया था। कोंकण का चार दिनों का हमलोगों के दौरे का ये आखिरी स्थल था लेकिन कोंकण यहीं खत्म नहीं होता है। आपकी यादों में कोंकण की यह खूबसूरती हमेशा बसी रहेगी।

>सिंहगढ़ किला, पुणे: ट्रैकिंग के साथ साथ इतिहास पर गर्व करने वाली जगह

(जीवदानी मंदिर के ऊपर से आसपास के इलाकों के खूबसूरत नजारे 
(जीवदानी मंदिर के ऊपर से आसपास के इलाकों के खूबसूरत नजारे 
((जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) के पिंजड़े के चहकते परिंदे
((जीवदानी मंदिर परिसर स्थित महाकाली मंदिर, काल भैरव मंदिर
((श्री वारोंडा देवी.  जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) 
((जीवदानी मंदिर, विरार (पूर्व), महाराष्ट्र; Jivadani Mandir, Virar (East), Maharashtra
(शानदार और यादगार ट्रिप: अक्कलकोट- गाणगापुर-सोलापुर- तुलजापुर-सिद्देश्वर-पंढरपुर-मिनी तिरुपति
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर (अंदर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर, सोलापुर, महाराष्ट्र (बाहर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर: Shri Vittal Rukmini Mandir, Pandharpur, Maharashtra
(श्री भैरवनाथ मंदिर, दौंडज, कदमबस्ती, पुणे; Shri BhairavNath Mandir, Daundaj, Pune
(शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर रेप्लिका, सोलापुर; Shivyogi Siddheshwar Temple Replica, Solapur 
(तुलजा भवानी मंदिर, तुलजापुर, उस्मानाबाद, महाराष्ट्र ; Tulja Bhavani Mandir, Tuljapur, Maharashtra
(श्री शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर (सोलापुर) के बारे में क्या कहते हैं श्रद्धालु
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(श्री दत्तात्रेय भगवान का मंदिर, गाणगापुर, Shri Duttatreya Temple, Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
( इच्छापूर्ति औदुंबर वृक्ष, गाणगापुर,  Holy Audumbar Tree, Ganagapur, Kalburgi, Karnatka
((भीमा-अमरजा संगम, गाणगापुर, कर्नाटक Prayagraj of Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
(Nehru Centre, Worli, Mumbai (नेहरू सेंटर, वर्ली, मुंबई); क्या देखें, कैसे पहुंचें 
(कबड्डी खिलाड़ियों को भी भाता है Akloli (अकलोली) का गर्म पानी का कुंड
(सैलानियों को क्यों पसंद है Akloli (अकलोली) 
(Mumba Devi Mandir, Mumbai; मुंबा देवी मंदिर, मुंबई
(Akloli Hot Springs, Vajreshwari, Maharashtra; What Local People says)
(Vajreshwari Mandir, Vasai, Palghar, Maharashtra
(How to save yourself, family, flat from fire
(Rajodi Beach, Nalasopara, Maharashtra
((Chhatrapati Shivaji Maharaj Vastu Sangrahalaya, Mumbai
((Gateway Of India on Sunday Morning
((The Fishing Community of Arnala Bunder, Virar, Maharashtra
((Arnala Fort: Attarctive Tourist Spot: How to reach
((Nasik to Igatpuri; Everywhere Greenary
((Kasara to Karjat, Maharashtra; See Beauty of Nature
((Igatpuri Station, Maharashtra
(Patna Junction, Bihar, India
(Rice Fields of Bihar
(Gaya Railway Junction, Bihar, India
((Bodh stupa, Nalasopara (west), Maharashtra
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 3; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 2; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 1; Amokhar, Bihar
(Girgaon Beach, Mumbai in Evening: गिरगांव चौपाटी, मुंबई शाम का नजारा 
(Antilia, Mumbai: एंटीलिया, मुंबई
((Jaslok Hospital, Mumbai: जसलोक अस्पताल, मुंबई
(Girgaum Chowpatty, Mumbai@7pm, गिरगांव चौपाटी, मुंबई
((Pachu Bandar, Vasai, Maharashtra, पाचू बंदर, वसई, महाराष्ट्र
((Chimaji Appa Memorial, Vasai; चिमाजी अप्पा स्मारक, वसई, महाराष्ट्र
((Vasai Court, Maharashtra; वसई कोर्ट, महाराष्ट्र
((Vasai station to Vasai Court & Vasai Fort by Auto; वसई स्टेशन से वसई फोर्ट और वसई फोर्ट ऑटो से)
((Vasai Fort, Maharashtra; वसई किला, महाराष्ट्र
((Vasai Road Station (BSR);वसई रोड स्टेशन 







Mahabodhi Mandir, Bodh Gaya: कैसे जाएं, कहां ठहरें, कहां कहां घूमें

महाबोधि मंदिर; वह ऐतिहासिक जगह जहां गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था Mahabodhi Temple, Where the Buddha is said to have attained enlighte...