मंगलवार, 26 मई 2020

चारधाम परियोजना के तहत चंबा सुरंग से वाहन रवानगी आयोजन का उद्घाटन


श्री नितिन गडकरी ने चारधाम परियोजना के तहत चंबा सुरंग से वाहन रवानगी आयोजन का उद्घाटन किया

परियोजना निर्धारित समय से तीन माह पहले ही अक्टूबर 2020 तक पूरी हो जाएगी


केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चारधाम परियोजना के तहत चंबा सुरंग से वाहन रवानगी आयोजन का उद्घाटन किया। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने ऋषिकेश-धरासू राजमार्ग (एनएच 94) पर व्यस्त चंबा शहर के नीचे 440 मीटर लंबी सुरंग खोदकर यह प्रमुख उपलब्धि हासिल की है। कोविड-19 के खतरे और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच सुरंग खोदने का काम सफलतापूर्वक पूरा किया गया। सुरंग का निर्माण कार्य दरअसल कमजोर मिट्टी, पानी के निरंतर रिसने, शीर्ष पर भारी निर्मित क्षेत्र रहने के कारण मकानों के ढहने की आशंका, भूमि अधिग्रहण के मुद्दों, कोविड लॉकडाउन के दौरान लगाए गए विभिन्‍न तरह के प्रतिबंधों, इत्‍यादि को देखते हुए एक चुनौतीपूर्ण कार्य था।

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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चारधाम परियोजना के तहत चंबा सुरंग से वाहन रवानगी आयोजन का उद्घाटन किया

इस अवसर पर मंत्री महोदय ने कहा कि उत्तराखंड में इस ऋषिकेश-धरासू-गंगोत्री मार्ग की सामाजिकआर्थिक और धार्मिक दृष्टि से अत्‍यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि इस सुरंग के खुलने से चंबा शहर के रास्‍ते में भीड़-भाड़ कम हो जाएगी एवं दूरी एक किलोमीटर कम हो जाएगी और इस शहर से होकर गुजरने में पहले के तीस मिनट की तुलना में अब केवल दस मिनट ही लगेंगे। श्री गडकरी ने कुछ दुर्गम इलाकों में काम करने और महत्वपूर्ण परियोजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए बीआरओ की सराहना की। श्री गडकरी ने कहा कि उन्हें इस परियोजना के निर्धारित समय से तीन महीने पहले ही यानी अक्टूबर 2020 तक पूरा हो जाने के बारे में सूचित किया गया है।

सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने कहा कि बीआरओ ने इस सुरंग के उत्तर पोर्टल पर काम जनवरी 2019 में ही शुरू कर दिया था, लेकिन सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं और मुआवजे के मुद्दे के कारण स्थानीय लोगों की ओर से किए गए व्‍यापक प्रतिरोध की वजह से दक्षिण पोर्टल पर काम अक्टूबर 2019 के बाद ही शुरू करना संभव हो पाया था। समय के इस नुकसान की भरपाई करने के लिए दिन एवं रात की पालियों में काम करने के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का उपयोग करने से ही यह सफलता संभव हो पाई है। बीआरओ प्रतिष्ठित चारधाम परियोजना में एक महत्वपूर्ण हितधारक है और इस सुरंग को खोदने में सफलता टीम शिवालिक ने हासिल की है। इसके निर्माण में नवीनतम ऑस्ट्रियाई प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है। यह सुरंग पूर्ण होने की निर्धारित तिथि से लगभग तीन महीने पहले ही इस साल अक्टूबर तक यातायात के लिए खोल दी जाएगी।  

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सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंहपीवीएसएमएवीएसएमवीएसएम सुरंग से होकर प्रथम अनेक वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए। इनसेट में श्री गडकरी नजर आ रहे हैं।

1)ऋषिकेश – धरासू ( एनएच-94) , 99 किलोमीटर लंबाई (पांच परियोजनाएं)।

2)धरासू-गंगोत्री राजमार्ग (एनएच-108), 22 किलोमीटर लंबाई (दो परियोजनाएं)। बीईएसजेड की पांच परियोजनाओं को मंजूरी मिलना अभी बाकी है।

3)जोशीमठ से माना राजमार्ग (एनएच-58) 32 किलोमीटर लंबाई (तीन परियोजनाएं)। दो परियोजनाओं को मंजूरी मिलना अभी बाकी है।


 बीआरओ अभी जारी 10 परियोजनाओं में से 53 किलोमीटर की लंबाई वाली इन चार परियोजनाओं को पूर्ण होने की निर्धारित तिथि से पहले ही पूरा कर लेगा-

 

  1. धरासू- गंगोत्री राजमार्ग (एनएच-108), 110-123 किलोमीटर, जून 2020 तक।
  2. ऋषिकेश- धरासू राजमार्ग (एनएच-94), 28-59 किलोमीटर, जुलाई 2020 तक।
  3. ऋषिकेश- धरासू राजमार्ग (एनएच-94), चंबा सुरंग सहित 59-65 किलोमीटर, अक्‍टूबर 2020 तक।
  4. ऋषिकेश- धरासू राजमार्ग (एनएच-94) पर चिन्यालीसौड़ बाईपासअक्टूबर 2020 तक।

 

इन 10 परियोजनाओं में से 440 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण व्यस्त चंबा शहर में भीड़-भाड़ को कम करने के लिए किया जा रहा है। यह घोड़े की नाल जैसी सुरंग है जिसमें 10 मीटर चौड़ा कैरेजवे (गाड़ी का रास्‍ता) और 5.5 मीटर की ऊर्ध्वाधर निकासी (क्‍लीयरेंस) है। इस सुरंग की स्वीकृत लागत 107.07 करोड़ रुपये है। ठेके पर दी गई लागत 86 करोड़ रुपये है जिसमें सुरंग के लिए 43 करोड़ रुपये और सुरंग तक जाने वाले 4.2 किलोमीटर लंबे पहुंच-मार्गों (एप्रोच रोड) के लिए 43 करोड़ रुपये शामिल हैं।


(साभार- पीआईबी)

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