RoadTrip लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
RoadTrip लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, 7 जून 2025

केदारनाथ-बद्रीनाथ का परिवार के साथ दिव्य, आध्यात्मिक, शांतिमय और यादगार Road Trip II Kedarnath II Badrinath II RoadTrip II Nature II RangaRangIndia Ii

अगर आपकी और बच्चों की छुट्टियों चल रही है, आप दिल्ली में रहते हैं, पास में कार है, कुदरत का खुली आंखों से दीदार करना चाहते हैं, सैर-सपाटा और तीर्थाटन के शौकीन हैं, तो क्यों ना परिवार के साथ अपनी कार से केदारनाथ और बद्रीनाथ घूम आएं। इस रोड ट्रिप की तैयारी कैसे करनी है और इसमें कितना आनंद आता है, ये सब जानने के लिए दिल्ली के पश्चिमी पंजाबी बाग के एन सी जिंदल पब्लिक स्कूल के Mathematics & Applied Mathematics के PGT &HOD/ Co-ordinator कुमार कांत झा जी के साथ दिल्ली-केदारनाथ-बद्रीनाथ रोड ट्रिप पर निकल चलते हैं।   







केदारनाथ-बद्रीनाथ का दिव्य, आध्यात्मिक, शांतिमय और यादगार सफर: 9 दिन, 1300 किलोमीटर दूरी, प्रति दिन प्रति व्यक्ति खर्च करीब ₹2500 ... 

केदारनाथ-बद्रीनाथ यात्रा विवरण (परिवार के साथनिजी कार द्वारा,18 - 26 मई, 2025)

जब जीवन की भागदौड़ में मन थकने लगता हैऔर हृदय को एक शांतपवित्र और ऊर्जा देने वाले स्थान की तलाश होती है तब सबसे पहले मन में हिमालय की गोद में बसे भगवान शिव और विष्णु के दिव्य धामों की याद आती है। केदारनाथ और बद्रीनाथ ,ये दो नाम बचपन से सुनते आए थेकिताबों में पढ़ा थाटीवी पर देखा थाऔर कई बार दिल ने वहाँ जाने की कल्पना की थी। हर साल चारधाम यात्रा शुरू होने पर मन में एक अदृश्य आकर्षण महसूस होता था जैसे वहाँ कोई शक्ति हमें बुला रही हो।


कैसे बना प्लान?

एक दिन यूँ ही घर में बैठे-बैठे जब हम सब लोग बात कर रहे थे कि इस बार गर्मियों की छुट्टियों में कहाँ घूमा जाएतो मैंने कहा "क्यों न इस बार पहाड़ों की ओर चला जाएएक ऐसी जगह जहाँ मन को शांति मिले और आत्मा को भी ऊर्जा।" तभी परिवार के सभी सदस्य बोले "चलो इस बार केदारनाथ और बद्रीनाथ चलते हैं।" उनके मुँह से ये सुनकर ऐसा लगा जैसे मन की बात जुबां पर आ गई हो।

यात्रा शुरू करने से पहले की तैयारियां:

उसके बाद हमने यात्रा की योजना बनाई। कुछ टूर ऑपरेटरों से बात की और यात्रा का अनुमानित खर्च पता लगाया। उनके माध्यम से यात्रा करना हमारे बजट से अधिक महंगा पड़ रहा था। अब हमारे सामने खर्च कम करने के दो विकल्प थे या तो यात्रा व्यय में कटौती करेंया यात्रा का तरीका बदलें क्योंकि खाना व रुकना तो यात्रा मे सबसे जरूरी भाग है इससे समझौता नहीं किया जा सकता। अब यात्रा का खर्च घटाने के लिए हमने तय किया कि या तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जाएँ या फिर अपनी कार से। आरक्षित टैक्सी इतने लंबी अवधि  मे काफी  महगा बैठता है और पब्लिक ट्रांसपोर्ट मे बहुत बदलाव था जो परिवार के साथ चुनौतीपूर्ण लगा  अंततः मैंने इसी भाग को व्यवस्थित किया और अपनी कार से यात्रा करने का निर्णय लिया जिसपर परिवार के सभी सदस्यों की सहमति भी बन गयी और यात्रा का अनुमानित खर्च भी अपने बजट मे आ गया। हमने कुछ लोगों से राय-मशविरा कियातो उन्होंने भी समर्थन दिया और सलाह दी कि दिन में आराम से मध्यम गति से ड्राइव करें। इसके बाद हमने अपनी कार तैयार कीऑनलाइन होटल बुकिंग की और दोनों स्थानों के लिए यात्रा पंजीकरण भी करा लिया। मौसम की जानकारी लीऔर फिर एक दिन निकल पड़े उस ओर जहाँ केवल रास्ते ही नहींहर मोड़ पर भक्तिरोमांच और प्रकृति का सौंदर्य हमारा इंतज़ार कर रहा था।















केदारनाथ-बद्रीनाथ यात्रा का विचार हमारे मन में परिवार के साथ एक पवित्र और आनंदमय अनुभव का हिस्सा बनने की इच्छा से आया। दिल्ली से हरिद्वार होते हुए हिमालय की इन पवित्र स्थलों की यात्रा करने का ख्याल हमें तब आयाजब हमने सोचा कि साथ में कठिन रास्तोंप्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक आस्था का अनुभव करना चाहिए। सच कहूँ तो, ये ख़्याल मेरे मन में नहीं आया थाये तो शायद स्वयं भोलेनाथ और बद्रीविशाल की कृपा थीजिन्होंने हमें बुलाया।







गर्मी की छुट्टियों में उत्तराखंड यात्रा – एक पावन और अविस्मरणीय अनुभव: गर्मियों की छुट्टियों को खास और सार्थक बनाने के उद्देश्य से हमने परिवार के साथ उत्तराखंड के दो पवित्र तीर्थस्थलों केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा की। यह अनुभव ना केवल आध्यात्मिक रूप से गहन रहाबल्कि इसमें प्रकृति की भव्यतासाहसिक रोमांच,कठिन व घुमावदार  कार ड्राइविंग और पारिवारिक जुड़ाव भी गहराई से जुड़ा रहा। यात्रा की शुरुआत दिल्ली से हुई। हमने यह पूरा सफर अपनी निजी कार से तय कियाजिससे यात्रा में स्वतंत्रता और लचीलापन बना रहा। रास्ते में आते गए घाटियाँपहाड़ों से लिपटी सड़कोंनदियों की कलकलऔर देवदार के वृक्षों से सजे प्राकृतिक दृश्यबार-बार रुकने और निहारने को विवश करते थे। पत्नी जी और दोनों बेटों के साथ यह यात्रा विशेष इसलिए भी रही क्योंकि हर पड़ाव पर हमने साथ मिलकर न सिर्फ प्रकृति का आनंद लियाबल्कि एक-दूसरे के साथ समयभावनाएँ और अनुभव बाँटेजो आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में बहुत कम हो पाता है।









केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शनवहाँ का दिव्य वातावरणशांत पहाड़ों में गूंजते मंत्रों की ध्वनिऔर हजारों श्रद्धालुओं की भक्ति भाव, यह सब मिलकर एक ऐसा माहौल बना रहे थेजो मन को छूने वाला और आत्मा को शुद्ध करने वाला था। यह यात्रा निश्चित रूप से हमारे जीवन की सबसे यादगार यात्राओं में से एक बन गई । एक ऐसी यात्रा जो केवल एक गंतव्य तक नहींबल्कि आत्मा और अपनों से गहरे जुड़ने का माध्यम बन गई।



पहला दिन (18 मई, 2025): दिल्ली से हरिद्वार करीब 235 km का सफर: गंगा तट की ओर एक पावन आरंभ। हमारी उत्तराखंड यात्रा की शुरुआत तड़के सुबह 5 बजे दिल्ली से हुई। मेरठ बाईपास होते हुए लगभग 11 बजे तक हम हरिद्वार पहुँच गए। इस यात्रा की एक विशेष बात यह रही कि मैंने हरिद्वार में ‘भीम गौड़ा’ क्षेत्र में ठहरने की अग्रिम व्यवस्था पहले से ही कर ली थीजिससे पहुँचते ही आराम और सुविधा मिल सकी। रास्ते में हमने हाइवे पर एक ढाबे पर विश्राम कियाजहाँ स्वादिष्ट पेय और नाश्ते ने ऊर्जा दी और साथ ही कार को भी थोड़ी राहत मिली। हरिद्वार पहुँचते ही सबसे पहला काम था, गंगा स्नान। शुद्ध और ठंडी जलधारा में डुबकी लगाते ही शरीर और मन दोनों तरोताजा हो गए। लेकिन दिन का सबसे भावविभोर कर देने वाला अनुभव रहा, हर की पौड़ी पर संध्या गंगा आरती में शामिल होना।

मंत्रोच्चारदीपों की रौशनीघंटियों की ध्वनि और श्रद्धालुओं की आस्था का वह दृश्य आत्मा को भीतर तक स्पर्श करता है। हरिद्वार में हमने रात्रि विश्राम किया। चूंकि हम हर साल यहाँ आते हैंइसलिए शहर की गलियोंमंदिरों और बाजारों से हम भली-भांति परिचित हैं। फिर भी हर बार कुछ नया अनुभवनई ऊर्जा और नया सुकून मिल ही जाता है। हरिद्वार एक ऐसा स्थान हैजहाँ हर बजट के अनुसार ठहरने और खाने की सुविधाएँ मिल जाती हैं। साथ हीयदि आप गर्म कपड़ों की खरीदारी करना चाहेंतो यहाँ का बाजार आपको बजट-फ्रेंडली और विविध विकल्पों से भरपूर मिलेगा। मैं तो हर बार कुछ-न-कुछ ख़रीद ही लेता हूँक्योंकि यहाँ की खरीददारी व्यावहारिक और किफायती होती है।  






दूसरा  दिन (19 मई, 2025): हरिद्वार से सोनप्रयाग करीब 200  km का सफर: एक सुंदर लेकिन व्यावहारिक यात्रा अनुभव। हरिद्वार से सुबह 6 बजे हमने अपनी यात्रा आरंभ की। यात्रा का लक्ष्य था, सोनप्रयागजो केदारनाथ यात्रा का प्रमुख पड़ाव है। रास्ते में हम रुद्रप्रयाग होते हुए निकलेजहाँ हमने जलपान  किया और थोड़ी देर आराम भी किया। पूरा सफर बेहद सुंदर था। पहाड़ी घुमावदार रास्तेगहरी घाटियाँऔर हर थोड़ी दूरी पर बहते झरने। यह सब कुछ ऐसा था कि मन हर मोड़ पर रुककर उस दृश्य को आत्मा में बसा लेना चाहता था। प्रकृति की यह सहज सुंदरताउसकी नीरवता और ताजगी मन को शांति देती है। करीब दोपहर 3 बजे हम सोनप्रयाग पहुँचे। यहाँ हमारा होटल पहले से अग्रिम बुकिंग में थालेकिन यह निर्णय मेरे लिए थोड़ा घाटे का सौदा साबित हुआ। होटल की कीमत और सुविधाओं के बीच संतुलन नहीं थाजिससे संतोष नहीं मिला। इस अनुभव से मैं यही सुझाव देना चाहूँगा कि यदि आप परिवार के साथ यात्रा कर रहे हैंतो On-the-spot होटल बुकिंग करना कहीं अधिक सस्ता और सुविधाजनक हो सकता है। यहाँ  1,200  से  2,000 रुपए में फैमिली कमरे आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और आप अपने बजट व पसंद के अनुसार चयन कर सकते हैं।

खाने-पीने की बात करेंतो पहाड़ों में स्वाद की सादगी ही अलग होती है। चावलरोटीसब्जीमैगीचिप्सजूस स्थानीय फल आदि आपको हर जगह मिल जाएंगे। आप चाहें तो खाना अपनी पसंद से किसी ढाबे या होमस्टे पर बनवाकर भी खा सकते हैंजो कि स्थानीय स्वाद के साथ एक अनुभव बन जाता है। एक और जरूरी बात, पूरे पहाड़ी क्षेत्र में प्राकृतिक जलस्रोत अत्यंत स्वच्छ और मीठे होते हैं। मैं स्वयं मिनरल वाटर की बजाय इन प्राकृतिक स्रोतों से जल पीना अधिक पसंद करता हूँजिससे शुद्धता के साथ-साथ प्रकृति से जुड़ाव भी बना रहता है। यह यात्रा अनुभव हमें यह सिखाता है कि आध्यात्मिक यात्राएँ न केवल आत्मा को जोड़ती हैंबल्कि योजनाबद्ध और व्यावहारिक दृष्टिकोण से भी करना आवश्यक होता है ताकि यात्रा में आध्यात्मिकतासुविधाऔर आनंद का संतुलन बना रहे ।











तीसरा दिन (20 मई, 2025 ): हेलिकॉप्टर यात्रा की योजना और मौसम की अनिश्चितता– सोनप्रयाग में एक अप्रत्याशित ठहरावकरीब 20  km का सफर: सुबह उठते ही हमने केदारनाथ यात्रा की तैयारी शुरू कर दी थी। हमारे पास हेलिकॉप्टर से केदारनाथ पहुँचने का स्लॉट 12 से 3 बजे तक का था और रिपोर्टिंग समय 11 बजे का निर्धारित था। इसलिए हम सुबह 9 बजे ही होटल से निकलकर सिरसी हेलीपैड की ओर रवाना हुए। सिरसी हेलीपैड, सोनप्रयाग से लगभग 4 किलोमीटर ऊपर, त्रियुगीनारायण मंदिर वाले रास्ते में है।

लगभग 12 km ऊपर और जाने के बाद यह उल्लेखनीय मंदिर भी आता है– त्रियुगीनारायण मंदिर, रुद्रप्रयाग ज़िले के एक छोटे से गाँव में स्थित एक प्राचीन विष्णु मंदिर है, जहाँ भगवान नारायण अपनी दोनों पत्नियों भूदेवी और लक्ष्मी के साथ विराजमान हैं। इस स्थान का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत गहरा है। मैं सुबह 10:45 बजे सिरसी हेलीपैड पहुँच गया था, हेलीपैड के साथ कार पार्क कार दिया। लेकिन दुर्भाग्यवश, दोपहर 1 बजे के बाद मौसम खराब हो गया और हेलिकॉप्टर सेवाएँ बंद कर दी गईं। मेरी दोनों ओर की बुकिंग रद्द हो गई, जिससे हम अचानक एक दुविधा और असमंजस की स्थिति में फँस गए। अब समय शाम के 5 बजे हो चला था, और इस समय के बाद केदारनाथ की चढ़ाई बंद हो जाती है, क्योंकि सुरक्षा कारणों से देर शाम या रात में ट्रेकिंग की अनुमति नहीं होती। ऐसे में हमारे पास विकल्प बहुत सीमित थे। फिर स्थानीय लोगों से बातचीत कर समाधान निकाला।  





मैंने अपनी कार को सोनप्रयाग पार्किंग में लगाया और वहीं सामने एक होटल लेकर रात्रि विश्राम किया। यह मेरे लिए एक वैकल्पिक ठहराव बन गयाक्योंकि मेरी योजना अनुसार मुझे उस रात केदारनाथ में होना चाहिए थालेकिन मौसम की अनिश्चितता ने सारी योजना बदल दी। इस अनुभव ने मुझे और भी समझदार बनाया। मैं सभी तीर्थयात्रियों को एक महत्वपूर्ण सुझाव देना चाहूँगा: यदि आप हेलिकॉप्टर सेवा से केदारनाथ जा रहे हैंतो हमेशा एक व्ययकल्पिक योजना रखें। मौसम का अचानक बदलना यहाँ आम बात हैऔर उड़ानें रद्द होना बहुत सामान्य। अपने साथ कम से कम एक अतिरिक्त दिन की लचीलापन रखें और यह भी ध्यान रखें कि यदि हेलिकॉप्टर सेवा बाधित हो जाएतो पैदल चढ़ाई या स्थानीय आवास का विकल्प आपके पास होना चाहिए। यह अनुभव न केवल आध्यात्मिक यात्रा का भाग हैबल्कि यह हमें सिखाता है कि प्रकृति के सामने योजना से अधिक धैर्यसमझदारी और लचीलापन जरूरी है। इस तरह की छोटी असुविधाएँ भी एक बड़ी सीख और सुंदर स्मृति बन जाती हैं।









चौथा दिन (21 मई, 2025): करीब 23 km का ट्रैकिंग: हमारी केदारनाथ यात्रा की शुरुआत सुबह 3 बजे हुई। हम सभी ने जल्दी उठकर स्नान आदि कर लिया और फिर सोनप्रयाग से गौरीकुंड के लिए टैक्सी सेवा ली, जो इस पावन यात्रा का आरंभिक बिंदु है। चूंकि मेरी पत्नी को पैदल चलने में कठिनाई हो रही थी और मैंने पहले ही केदारनाथ के लिए टेंट बुकिंग व पंजीकरण करवा रखा था, इसलिए समय पर पहुँचना आवश्यक था। इस कारण हमने 23 किमी की कठिन और ऊबड़-खाबड़ चढ़ाई पोनी (खच्चर) के माध्यम से शुरू की। पूरे रास्ते “जय भोलेनाथ” के जयकारे गूंजते रहे, जिससे वातावरण भक्तिमय बना रहा और हमारे मनोबल को बल मिला। लगभग सुबह 10:30 बजे हम केदारनाथ पहुँचे। वहाँ पहुँचकर सबसे पहले फ्री दर्शन की स्लिप बनवाई, जिसमें शाम 4 से 5 बजे का स्लॉट मिला। वहाँ पेड और वीआईपी दर्शन की भी सुविधा थी, परंतु मेरा सुझाव यही है कि श्रद्धा से लाइन में लगकर दर्शन करना अधिक आध्यात्मिक अनुभव देता है, जो आपको भीतर से जोड़ता है और बहुत कुछ सिखाता है।





इसके बाद हम अपने टेंट में गए और थोड़ा विश्राम किया। निर्धारित समय पर दर्शन के लिए निकलेलेकिन उसी समय बारिश शुरू हो गई। बारिश के बीच भगवान शिव के दर्शन करना एक दिव्य और अविस्मरणीय अनुभव था — यह क्षण हर श्रद्धालु के लिए बेहद खास होता है। हालांकि पोनी यात्रा हमारे लिए शारीरिक रूप से थकाने वाली और असहज रही। रास्ता बेहद कठिन था और गिरने का खतरा भी बना रहता है। यदि आपकी सेहत और हिम्मत साथ देतो पैदल यात्रा सबसे उत्तम है। अन्य साधनों में हेलीकॉप्टरपिट्ठूपालकी और पोनी शामिल हैं। इन सबमें सबसे सरल और किफायती सेवा हेलीकॉप्टर की होती हैलेकिन इसकी सीटें सीमित होती हैं और मौसम इसकी बाधा बन सकता है।

यदि टिकट मिल जाए तो यह सबसे श्रेष्ठ विकल्प है। वहीं पिट्ठू हल्के व्यक्तियों के लिए और पालकी अधिक वजन वालों के लिए बेहतर विकल्प हैं। पोनी को अंतिम विकल्प के रूप में ही चुनना चाहिए। ऊँचाई और थकावट के कारण हमने थोड़ी अस्वस्थता महसूस कीजो सामान्य था। रात्रि विश्राम GMVN के हिमलोक टेंट में किया गयाजहाँ डिनर और विश्राम के साथ यह पावन यात्रा का दिन पूर्ण हुआ। कुल मिलाकरकेदारनाथ यात्रा केवल एक तीर्थ नहीं रहीबल्कि यह एक आध्यात्मिकभावनात्मक और शारीरिक धैर्य की परीक्षा थी। कठिनाइयाँ अवश्य आईंलेकिन हमने उन्हें आस्थासंयम और अच्छी योजना से पार किया। यह यात्रा न केवल स्मरणीय रहीबल्कि हमें भीतर से सशक्त और श्रद्धा से परिपूर्ण भी कर गई।

पाँचवाँ दिन (22  मई, 2025): करीब 200 km का सफर हेलिकाप्टर व कार के साथ केदारनाथ से सोनप्रयाग और पिपलकोटी- सुबह 5 बजे हम हिमलोक टेंट (केदारनाथ) से सिरसी हेलीपैड की ओर रवाना हुए। मौसम साफ होते ही हमने हेली सेवा ली, जो केदारनाथ से सिरसी हेलीपैड तक जाती है। हेलिकॉप्टर यात्रा के दौरान बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियाँ, हरी-भरी घाटियाँ और तीर्थ मार्ग के ऊँचाई से दिखते दृश्य अत्यंत रोमांचकारी रहे।  यह एक दुर्लभ और मनमोहक अनुभव था। लगभग 10:30 बजे हम सिरसी हेलीपैड पहुँच गए। वहाँ से पैदल चलकर सोनप्रयाग पार्किंग पहुँचे जहा हमारी कार पार्क थी।

पैदल चलना एक छोटा  ट्रैकिंग का भाग रहा जिसे हमलोगों ने मजे मजे मे पूरा कर  किया। यह मार्ग छोटा होने के बावजूद रोमांचकारी व अद्भुत था, रास्ते की प्राकृतिक सुंदरता ने यात्रा को सुखद बना दिया। सोनप्रयाग पहुँचने के बाद हम अपने कार से पूर्व आरक्षित होटल में गए, जहाँ स्नान, भोजन और कुछ समय विश्राम किया। यह विश्राम अत्यंत आवश्यक था क्योंकि लगातार यात्रा और ऊँचाई की थकान स्पष्ट महसूस हो रही थी। दोपहर लगभग 3 बजे हमने अपनी कार से पिपलकोटी के लिए प्रस्थान किया। रास्ते में मंदाकिनी और अलकनंदा नदियों के संगम जैसे पवित्र स्थलों विशेषकर रुद्रप्रयाग ने हमारा ध्यान आकर्षित किया। इन धार्मिक स्थलों ने यात्रा को और अधिक पावन व आध्यात्मिक बना दिया। लगभग शाम 8 बजे हम पिपलकोटी पहुँचे। वहाँ एक होटल में ठहराव किया, रात्रिभोजन और विश्राम किया ताकि अगली सुबह बद्रीनाथ यात्रा के लिए तरोताजा रह सकें। कुल मिलाकर, हेली सेवा का प्रयोग समय और थकान बचाने के लिए अत्यंत उपयोगी रहा, लेकिन इससे भी अधिक खास अनुभव रहा ऊँचाई से हिमालय के दर्शन करना। सोनप्रयाग में विश्राम और फिर पिपलकोटी की ओर प्रस्थान । इस पूरी यात्रा ने न केवल शारीरिक विश्राम दिया बल्कि मानसिक रूप से भी ऊर्जा प्रदान की। बद्रीनाथ जाने वाले यात्रियों के लिए पिपलकोटी एक आदर्श रात्रि पड़ाव है।

छठा दिन (23 मई, 2025):  पिपलकोटी से बद्रीनाथ करीब 100 km का सफर– एक दिव्य यात्रा। सुबह लगभग 9 बजे, हम अपनी कार से पिपलकोटी से बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना हुए। पहाड़ों के बीच से गुजरती संकरी सड़क पर कार चलाना एक रोमांचक अनुभव था, जो हर मोड़ पर नई ऊर्जा और उत्साह से भर देता था। यात्रा के दौरान हम जोशीमठ होते हुए आगे बढ़े। यह मार्ग अपने प्राकृतिक सौंदर्य, हरियाली, और हिमालयी दृश्यों के कारण अत्यंत आकर्षक और मनोहारी था। सड़क के दोनों ओर फैले हरे-भरे पहाड़, गहरी खाइयाँ, और दूर क्षितिज पर चमकती हिमाच्छादित पर्वत-श्रृंखलाएँ मन को मंत्रमुग्ध कर रही थीं।

यह यात्रा न सिर्फ शरीर की, बल्कि आत्मा की भी यात्रा बन गई। जैसे-जैसे हम बद्रीनाथ के करीब पहुँचे, श्रद्धा और भक्ति की भावना और भी अधिक गहराती गई। मंदिर परिसर  करीब 1 बजे पहुँचते ही वहाँ पहले से ही भक्तों की भारी भीड़ दिखी। हमें दर्शन के लिए काफी  समय करीब 3 घंटे इंतजार करना पड़ा, लेकिन जब भगवान बद्रीविशाल के दर्शन हुए, तो वह क्षण अत्यंत दिव्य, आध्यात्मिक और शांतिदायक अनुभव बन गया। दर्शन के पश्चात हमने भारत का प्रथम गाँव 'माणा' भी देखा। यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। वहाँ की ठंडी हवाएँ, हिमालय की ऊँची चोटियाँ, और मंदिर की पवित्र आभा ने मन को परम शांति और आत्मिक संतोष से भर दिया। माणा की कहानी भी काफी दिलचस्प है।



थोड़ा माणा के बारे में भी जान लेते हैं। माणा भारत के उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जिले में स्थित एक गाँव है माणा। यह तिब्बत की सीमा पर स्थित माना दर्रा से पहले भारत का प्रथम ग्राम है। राष्ट्रीय राजमार्ग 7 यहाँ से गुजरता है। तिब्बत की सीमा यहां से 26 किमी दूर है। अलकनंदा नदी और सरस्वति नदी का संगम यहां स्थित है।

बद्रीनाथ से 3 क‌िलोमीटर की दूरी पर उत्तराखंड के माणा गांव में व्यास पोथी नामक स्थान स्थित है। यहां महाभारत के रचनाकार महर्षि वेद व्यासजी की गुफा है। इसके समीप ही गणेश गुफा है, मान्यता है कि इसी गुफा में व्यासजी ने महाभारत को मौखिक रूप दिया था और गणेशजी ने उसे लिखा था।

माना जाता है की उत्तराखंड में अवस्थित पांडुकेश्वर तीर्थ में अपनी इच्छा से राज्य त्याग करने के बाद महाराज पांडु अपनी रानियों कुंती और मादरी संग निवास करते थे। इसी स्थान पर पांचों पांडवों का जन्म हुआ था।

चलिये फिर से सफर पर आगे बढ़ते हैं। दिन भर की यात्रा और भावनाओं से भरे इन पलों के बाद, हमने रात्रि विश्राम बद्रीनाथ में ही किया। क्योंकि इतना घूमने फोटो क्लिक करते शाम के सात हो गए तो आगे की यात्रा करना सुविधाजनक नहीं लगा। रात का वातावरण अत्यंत शांत, शीतल और भक्ति से परिपूर्ण था, जिसने पूरे दिन के अनुभवों को एक सुंदर समापन प्रदान किया।

सातवाँ दिन (24 मई, 2025): बद्रीनाथ से हरिद्वार करीब 335 km का सफर– एक रोमांचकारी और आध्यात्मिक वापसी यात्रा सुबह करीब 8 बजे, हम बद्रीनाथ से हरिद्वार के लिए प्रस्थान किए। हिमालय की वादियों को पीछे छोड़ते हुए यह यात्रा कई पवित्र संगम स्थलों और आध्यात्मिक पड़ावों से होकर गुज़री। मार्ग में हमने विष्णुप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग और अंत में ऋषिकेश पार किया। पूरे रास्ते पर लगातार ड्राइविंग करते हुए, हमने शाम लगभग 8 बजे हरिद्वार पहुँचने का लक्ष्य पूरा किया। हालांकि यह सफर लंबा और थकान भरा था, लेकिन बीच-बीच में पड़ने वाले आध्यात्मिक और दर्शनीय स्थलों पर रुकने से यह यात्रा और भी समृद्ध हो गई।रास्ते में हमने कई महत्वपूर्ण स्थलों के दर्शन भी किए, जैसे गोविंद घाट, जो हेमकुंड साहिब के रास्ते में स्थित एक पवित्र स्थान है। धारी देवी मंदिर, जिसे उत्तराखंड की रक्षक देवी माना जाता है। पांडुकेश्वर, जो पांडवों की तपस्थली के रूप में प्रसिद्ध है। हनुमान चट्टी भगवान हनुमान को समर्पित एक पवित्र स्थल, जहाँ रुककर आत्मिक बल की अनुभूति हुई। इन स्थलों की शांति, आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य ने यात्रा को और भी खास बना दिया। गंगा के तट पर स्थित इन स्थानों की धार्मिकता और ऊर्जा ने मन को भाव-विभोर कर दिया। रात्रि विश्राम हरिद्वार में किया गया, जहाँ गंगा तट की पवित्रता और  दिव्यता ने पूरे दिन की यात्रा को एक शांतिपूर्ण समापन दिया।




आठवां दिन (25  मई, 2025 ): हरिद्वार में विश्राम – थकान से राहत और भक्ति का पुनः अनुभव। लगातार यात्रा के चलते थकान काफी बढ़ गई थीऔर बच्चे भी कुछ अस्वस्थ महसूस कर रहे थे। ऐसे में हमने इस दिन हरिद्वार में ही रुकने और आराम करने का निर्णय लियाताकि शरीर को विश्राम मिल सके और सभी पुनः तरोताजा हो सकें। सुबह होते ही हमने एक बार फिर पवित्र गंगा-स्नान किया। ठंडीनिर्मल गंगा जल की धारा में डुबकी लगाते ही मन की सारी थकावट जैसे बह गई। इसके बाद हम प्रातःकालीन गंगा आरती में सम्मिलित हुएजहाँ मंत्रोच्चारघंटियों की मधुर ध्वनि और गंगा तट की दिव्यता ने आत्मा को शांति से भर दिया।

दिन में हमने हरिद्वार के प्रसिद्ध बाज़ारों का आनंद लिया। स्थानीय दुकानों से धार्मिक सामग्रीस्मृति-चिह्नरुद्राक्षचूड़ियाँपूजा की वस्तुएँ और अन्य कई वस्तुएँ खरीदीं। शॉपिंग के इस अनुभव ने बच्चों और बड़ों सभी को उत्साहित किया। शाम को हम पुनः हर की पौड़ी पहुँचे और संध्या गंगा आरती में भाग लिया। दीपों की रौशनीगंगा के किनारे की श्रद्धाऔर चारों ओर गूंजते भजन-संगीत ने मन को एक बार फिर भक्ति और शांति से भर दिया।दिनभर के हल्के-फुल्के कार्यक्रम और आध्यात्मिक अनुभव के बादहमने रात्रि विश्राम हरिद्वार में ही किया। यह दिन हमारे लिए एक विश्राम और आत्मिक पुनर्नविकरण का अवसर बन गया।

नवा दिन (26  मई, 2025) हरिद्वार से दिल्ली वापसी करीब 235 km का सफर– सुखद समापन।  यात्रा के अंतिम दिनहम सुबह 7 बजे हरिद्वार से दिल्ली के लिए प्रस्थान किए। गंगा की पवित्र भूमि को छोड़ते समय मन में एक हल्की सी उदासी थीलेकिन साथ ही इतने दिव्य अनुभवों और यादों के साथ लौटने की संतुष्टि भी थी। रास्ते में हमने खतौली बाइपास पर स्थित 'पारस रेस्टोरेंटमें रुककर नाश्ता किया। वहाँ का भोजन स्वादिष्ट और ताज़ा थाजिससे यात्रा की थकान कुछ कम हुई। वहीं से हमने आम का प्रसिद्ध आचार (पैक) भी खरीदाजो इस यात्रा की एक स्वादिष्ट स्मृति बन गया। लगभग दोपहर 12 बजे तकहम सुरक्षित अपने घर लौट आए। पूरा परिवार स्वस्थ और संतुष्ट था। यह यात्रा न केवल तीर्थ दर्शन की थीबल्कि एक ऐसा अनुभव रही जिसमें आध्यात्मिकताप्रकृतिपरिवार और आंतरिक शांति सभी का समावेश था। यह सम्पूर्ण यात्रा एक सुखदशांतिपूर्ण और आत्मिक अनुभव के रूप में हमेशा स्मरणीय रहेगी।

यात्रा का व्यय विवरण– एक संतुलित और सुसंगठित अनुभव: इस संपूर्ण यात्रा के दौरान हमने लगभग 1300 किलोमीटर की दूरी तय की। यात्रा निजी वाहन से की गईजिसमें कार की औसत माइलेज लगभग 20 किमी प्रति लीटर रहीजिससे ईंधन खर्च संतुलित बना रहा। टोल टैक्स के रूप में लगभग ₹900 का व्यय हुआजबकि पार्किंग शुल्क विभिन्न स्थानों पर मिलाकर लगभग ₹600 रहा। यह शुल्क मंदिरोंहोटल्स और दर्शन स्थलों के आस-पास की पार्किंग के लिए था। काफी जगह होटल के साथ पार्किंग फ्री मिल जाता है। जब आप अपनी कार से जाए तो फ्री पार्किंग की डील होटल वाले से कर ले, अन्यथा आपको इसके चार्ज देने पर जाएंगे जो ₹200 से 300 प्रति दिन का हो सकता है।





चार लोगों के परिवार के लिए होटल में ठहरने का औसत खर्च प्रति रात्रि लगभग ₹2500 से ₹3000 के बीच रहा। यह दर स्थान, सुविधा, मात्रा, गुणवत्ता  और सीजन पर निर्भर रही, परंतु कुल मिलाकर यह एक मध्यम बजट यात्रा थी। खाने-पीने का खर्च संपूर्ण यात्रा में लगभग ₹2000 से ₹3000  प्रति दिन चार लोगों का रहा, जिसमें नाश्ता, दोपहर का भोजन, रात का खाना व अन्य पेय समान  आदि शामिल थे। भोजन व्यय भी आपके  भोजन  पसंद व इसके प्रकार व स्थान के हिसाब से कमी  बेसी हो सकती हैइसके अतिरिक्त कुछ सहूलियत सुविधा, पर्सनल और वैकल्पिक खर्चे (जैसे: शॉपिंग, प्रसाद, पूजा सामग्री, फल-फ्रूट, स्मृति चिह्न आदि) भी हुए, जो व्यक्ति-व्यक्ति पर निर्भर करते हैं और अलग-अलग हो सकते हैं। इस प्रकार यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक और प्राकृतिक रूप से समृद्ध रही, बल्कि आर्थिक रूप से भी संतुलित रही। समुचित योजना और साधनों के समन्वय से यह एक अत्यंत सुखद, व्यवस्थित और यादगार यात्रा अनुभव बना।








एक अविस्मरणीय यात्रा– आध्यात्मिकताप्रकृति और भारतीयता का संगम: इस संपूर्ण यात्रा में केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन एक अत्यंत दिव्य और आत्मिक अनुभव रहे। इन पवित्र स्थलों की महिमा को स्वयं अनुभव करनावहाँ की शांत ऊर्जा में डूब जानाऔर दर्शन की उस क्षणिक अनुभूति में आत्मा तक को स्पर्श करता है।यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर की रोमांचक सवारी ने एक नया अनुभव जोड़ा। ऊपर से दिखते हिमालय के दृश्यनीचे बहती मंदाकिनीऔर चारों ओर फैली बर्फ से ढकी चोटियाँ यह सब ऐसा लगा जैसे प्रकृति स्वयं स्वागत कर रही हो।पूरे रास्ते में पहाड़ी मार्ग का सौंदर्यट्रैफिक रहित और अनुशासित ड्राइविंगने न केवल सफर को सुगम बनाया बल्कि सुरक्षित भी रखा।

स्थानीय लोगों का व्यवहार अत्यंत विनम्रसहयोगी और सहज था। चाहे रुकने की व्यवस्था होभोजन की बात हो या दिशा-निर्देशहर स्थान पर हमें सुरक्षा और समर्थन का अनुभव हुआ। यह यात्रा केवल दर्शनों तक सीमित नहीं थी। इसमें स्थानीय संस्कृति की समृद्धतालोगों की सरलताउनके रीति-रिवाज़ और रहन-सहन को निकट से देखने का भी अवसर मिला। यह समझना कि हमारे देश के दूर-दराज क्षेत्रों में कितनी विविधता और आत्मीयता हैअपने आप में एक सीख है। सबसे खास बात यह रही कि यह यात्रा परिवार के साथ बिताए गए समय के कारण और भी खास बन गई। हर पलहर दृश्यहर अनुभूतिजब अपनों के साथ बाँटी जाती हैतो वो स्मृति नहींधरोहर बन जाती है जो जीवनभर मन में बस जाती है। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक रूप से उन्नत थीबल्कि प्राकृतिकसांस्कृतिक और भावनात्मक दृष्टि से भी पूर्ण रही।







अंत में यही कहा जा सकता है कि यदि आप चाहें, तो उचित योजना और बजट में इस तरह की यात्रा की जा सकती है। हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है, और ऐसे अनुभव हमें न केवल सुकून, बल्कि अपने देश को जानने और समझने का भी अवसर प्रदान करते हैं।



कुमार कांत झा, PGT &HOD/ Co-ordinator, Mathematics & Applied Mathematics, एनसी जिंदल पब्लिक स्कूल, पंजाबी बाग (पश्चिम), दिल्ली का यात्रा वृतांत उन्हीं के शब्दों में....

-महाकालेश्वर (उज्जैन) और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शननामा: बारिश ने दी शानदार विदाई

-केदारनाथ-बद्रीनाथ का परिवार के साथ दिव्य, आध्यात्मिक, शांतिमय और यादगार Road Trip II Kedarnath II Badrinath II RoadTrip II Nature II RangaRangIndia Ii




>Nathula Trip: नाथूला का ना भूलने वाला सफरनामा; मुंबई के सुशांत द्विवेदी का रोमांचक ट्रिप

>पेड़ को पानी चढ़ाते देखा है आपने! यहां देखिये LIVE 




-Murudeshwar Beach, Karnataka देखेंगे तो Mumbai, Goa Beach भूल जाएंगे

-Film City, Goregaon East, Mumbai का नजदीकी लोकल और मेट्रो स्टेशन

-Nirmal Kshetra Mela की महिमा अपार, लाखों लोगों का मिलता है प्यार

-ये केला खायेंगे तो अंजीर भूल जायेंगे...

Mamleshwar Jyotirlinga, Omkareshwar, MP I ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग, ओंकारेश्वर, खंडवा मध्य प्रदेश I 

ओंकारेश्वर और महाकाल ज्योतिर्लिंग के दर्शन का आनंद, मुंबई के सुशांत का सफरनामा  I Mahakal I Omkareshwar I Ujjain I Jyotirling I

-Speed Boat Riding Charge II Rajodi Beach II Nallasopara

-Amazing Mumbai Pune BhimaShankar Jyotirling Trip II मुंबई-पुणे-भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग-मुंबई का अद्भूत ट्रिप 

-BhimaShankar Jyotirlinga, Pune Unsung Stories II भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, पुणे की अनसुनी कहानियां 

-BhimaShankar Road, Pune II भीमाशंकर रोड, पुणे II Pune Nashik Highway To BhimaShankar Temple 

-Pune Nashik Highway, Pune II पुणे नासिक हाइवे, पुणे

-Khed Ghat, Pune II खेड़ घाट, पुणे II

-BhimaShankar Temple: Opening Closing Time || भीमाशंकर मंदिर: खुलने बंद होने का समय

-BhimaShankar Bus Stand, Pune II भीमाशंकर बस स्टैण्ड, पुणे 

-भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग. पुणे|| BhimaShankar Jyotirlinga, Pune||

-Mahabaleshwar में Go Karting,ZipCycling, Paint Ball का मजा कहां लें

-गया की हैरान करने वाली नैसर्गिक खूबसूरती; Gaya, BodhGaya, Nature, Tourist  

-एक मजदूर की जिद ने बना दिया रास्ता; Dashrath Manjhi, Mountain Man 

-दशरथ मांझी; एक मजदूर का Mountain Man बनने की कहानी     

-चने का असली सत्तू घर में कैसे बनाएं, जानें पूरी प्रक्रिया; Sattu, Chana Sattu, Litti, Sattoo; Gram  

-Mitti Ke Diye, Kulhad:मिट्टी का दीया, कुल्हड़, कप, प्याली कैसे बनता है, घर बैठे कैसे मंगवायें 

-Mumbai Darshan: मुंबई का दीदार, समुद्र से कर मेरे यार; Tourist Attraction 

-भगवान नित्यानंद समाधि मंदिर: भगवान के दर्शन के साथ कुदरत का भी मजा; Ganeshpuri, Tourist Attraction

-मुंबई के गिरगांव चौपाटी कैसे पहुंचे 

-शिर्डी, शनि शिंगणापुर के दर्शन के साथ सावन में झूले का आनंद 

-रेत और पानी से बनी साई की कलाकृति; Sai, Sand, Water, Shirdi, RangaRangIndia 

-सावन में हरियाली के बीच भक्ति के साथ झूले का आनंद ; Tourist Attraction, Shani Shingnapur

-शनि शिंगणापुर, अहमदनगर, महाराष्ट्र, Tourist Place, RangaRang India, Shani Shignapur

-साई प्रसादालय, शिर्डी, अहमदनगर, महाराष्ट्र, Tourist Place, Shree Sai Prasadalay

-खूबसूरत कसारा, महाराष्ट्र

-जानदार, शानदार जबलपुर का सैर-सपाटा, क्या क्या देखें यहां; Tourist Attraction, Jabalpur, RangaRang India

-Instagram से पैसे कैसे कमाएं

-यूट्यूब (YouTube) चैनल शुरू करने में कितना खर्च आता है

-भेड़ाधाट की भव्यता ऐसी कि आप भूल नहीं पायेंगे Tourist Attraction, Jabalpur, RangaRang India

-न्यू भेड़ाघाट पर संगमरमरी नर्मदा की नैसर्गिक खूबसूरती का आनंद  Tourist Attraction, Jabalpur, RangaRang India

- रोपवे से भेड़ाघाट की भव्यता, संगमरमरी नर्मदा की शानदार खूबसूरती निहारिये Tourist Attraction, Jabalpur, RangaRang India

-बेवफा चायवाला, बेवफा Maggie Point, Bheda Ghat, Tourist Attraction, RangRang India

-भेड़ाघाट पर क्या क्या सामान मिलता है; Tourist Attraction, Jabalpur, RangaRang India

-भेड़ाघाट के बजरंग बली; Tourist Attraction, Jabalpur, RangaRang India

-Vijan Mahal, Jabalpur, Tourist Attraction, Madhya Pradesh, RangaRang India

-Safe Driving, Save life, Jabalpur, Tourist Attraction, RangaRang India

-मां नर्मदे आरती, ग्वारी घाट, जबलपुर, Tourist Attraction, RangaRang India

-16वीं सदी का मंदिर पचमठा मंदिर, गोपालपुर, जबलपुर, Tourist Attraction, Rangarang India

-चौसठ योगिनी मंदिर, गौरी शंकर मंदिर, भेड़ाघाट, जबलपुर, Tourist Attraction, RangaRang India

-Boating का ऐसा मजा कहीं और नहीं मिलेगा..Panchvati, BhedaGhat, Jabalpur, RangaRang India

-मन्नत पूरी करने वाली मां त्रिपुर सुंदरी के दर्शन, मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर, तेवर, हथियागढ़, जबलपुर

-Balancing rock; चुनौतियों के बीच कैसै खुद को Balance रखें,ये सिखाता है; Jabalpur, RangaRang India

-रानी दुर्गावती से जुड़े इस महल की हैरान करने वाली बात; Madan Mahal, Jabalpur, RangaRang India

-जबलपुर के मदन महल से देखिये शहर का नजारा, Madan Mahal, Jabalpur, RangaRang India, Tourist Attraction

-बाबा भोलेनाथ गुफा मंदिर, मदन महल, जबलपुर, Tourist Attraction, RangaRang India, Mahadev

-शंकर भगवान की 76 फीट ऊंची मूर्ति, कचनार सिटी, जबलपुर, Tourist Attraction, RangaRang India

-नर्मदा नदी में क्रूज की सवारी का आनंद, बरगी डैम, जबलपुर, Tourist Attraction, RangaRang India

-वीरांगना रानी दुर्गावती समाधि स्थल, जबलपुर, मध्य प्रदेश, Tourist Attraction, RangaRang India

-जिलहरी घाट पर नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी, Jilhari, Jabalpur, Tourist Attraction, RangaRang India

-पायली टापू, जो कभी जंगल हुआ करता था, कैसे और क्यों जायें; Payli, Tourist Attraction, RangaRang India

-किस हाल में है शिमला का वायसरॉय भवन; Viceroy Building, Shimla, RangaRang India  

-अजनबी की जान बचाने वाले गुमनाम प्लेटलेट डोनर्स की अनसुनी कहानियां; Platelet, TMH, Save A Life, Tata Memorial Hospital

-शिमला के जाखू हनुमान मंदिर की अद्भुत कहानी;  Jakhu, Jakhoo Temple, Shimla, Lord Hanuman, RangaRang India  

-कुफरी में यहां से देखें चीन का बॉर्डर; Kufri, Shimla, RangaRang India, Tourist Attraction

-कुफरी में Zipline का आनंद लीजिए; Kufri, Shimla, RangaRang India, Tourist Attraction  

-शिमला, कुफरी का साथियों के साथ शानदार और सदाबहार सैर सपाटे का आनंद 

-कालका-शिमला रूट की खास ट्रेन; ToyTrain, TouristAttraction, RangaRang India 

>कुदरत की गोद में एक ही जगह एडवेंचर्स, कैंपिंग, गेम्स, ट्रेकिंग का आनंद, केवल ₹1800/दिन में 

 -Sports, Trekking का मजा Salvi Farms natural Retreat & Adventures में 

-Swimming, Boating का मजा Savli Farms natural Retreat & Adventures में 

-Shooting, Archery का मजा Savli Farms natural Retreat & Adventures में 

-Zipline का मजा Savli Farms natural Retreat & Adventures में 

-कैंपिंग और एडवेंचर्स के साथ एक ही जगह पर ढेर सारा गेम का आनंद ; Salvi Farms 

-गायमुख चौपाटी, Floating Mini Resto/Bar, Thane, Tourist Attraction

-मस्त महाबलेश्वर, राष्ट्रगौरव रायगड़ किले के सैर-सपाटे का आनंद

-महाबलेश्वर की पुरानी हवेली, जंगल में मंगल

-महाबलेश्वर मंदिर की अनसुनी कहानी 

-पवित्र पंचगंगा मंदिर की हैरान करने वाली बातें  

-महाबलेश्वर में नौका विहार का आनंद ; Venna Lake, Boating, Timing, Tourist attarction

-महाबलेश्वर में कुदरत की खूबसूरती को इन जगहों से निहारें; Hill Station, Tourist Attraction   

-आर्थरसीट पॉइंट, टाइगर स्प्रिंग पॉइंट, हंटिंग पॉइंट, इको पॉइंट की हैरान करने वाली बातें 

-प्रतापी प्रतापगढ़ किला क्यों है खास, यहां पर क्या क्या देखें, कैसे पहुंचें ; Pratapgarh Fort, Tourist Attraction, Mahabaleshwar, Hill Station 

-प्रतापगढ़ किले से आसपास का नजारा;Pratapgarh Fort, Tourist Attraction, Mahabaleshwar, Hill Station 

-किताबों का अनोखा गांव भिलार, जहां दिल गार्डेन गार्डेन हो जाएगा; Village Of Books, Tourist Attraction

-रायगड़ किले पर महज 4 मिनट में कैसे पहुंचें Raigarh Fort, RopeWay,Tourist Attraction

-रायगड़ किले पर कैसे और क्यों जाएं, क्या क्या देखें RaigarhFort, Tourist Attraction

-रायगड़ किले से आसपास का नजारा देखिये; Raigarh Fort, Tourist Attraction

- ममता और वीरता की मूरत हिरकणी धनगर की अनसुनी कहानियां Raigarh Fort, Tourist Attraction

- जीजाबाई की समाधि कहां है Raigarh Fort, Tourist Attraction

- शिवाजी महाराज की समाधि और उनके वफादार वाघ्या की प्रतिमा; Raigarh Fort, Tourist Attraction 

-कॉलेज के दोस्तों के संग कुदरत का मजा 

-बोरघाट, BorGhat, Mumbai Pune Expressway, Lonawala, Khandala, Sahyadri, Tourist place, Maharashtra

-पहाड़ की क्रेन से खुदाई, Crane Digging Mountain, Mumbai Pune Expressway,...

-खंबातकी घाट, सातारा Khambatki Ghat, Pune - Bangluru Expressway, Satara, ...

-पसारणा घाट, Pasarana Ghat, Wai- Panchgani-Mahabaleshwar, Satara, Maharashtra, Tourist attraction

-महाबलेश्वर का मुख्य बाजार, Mahabaleshwar main market

-बॉम्बे पॉइंट, जहां सूरज डूबने का इंतजार करते हैं सैलानी .. Bombay or Sunset Point, Mahabaleshwar

-आंबेनळी घाट, Ambenali Ghat, Mahabaleshwar- Pratapgarh, Satara, Tourist Attraction

-रायगड किला, Raigad Fort-Pachad-Mahad Road& Ghat, Maharashtra, Tourist Attraction, RangaRang India

-अष्टविनायक दर्शन की अनूठी दास्तान, जब अजनबी ने दिलाया अपनेपन का अहसास   

-Valmikinagar, Tourist Attraction, Bihar,बिहार के सैलानियों को एक और सौगात

-गिरिजात्मज मंदिर, लेण्याद्रि, अष्टविनायक, पुणे, Girijatmaj Temple,Lenyadri, Ashtavinayak,Pune 

-सिद्धिविनायक मंदिर, सिद्धटेक, अष्टविनायक, अहमदनगर, Siddhivinayak Temple,Siddhatek, Ashtavinayak Ahmednagar

-मयुरेश्वर मंदिर, अष्टविनायक, मोरगांव, पुणे, Mayureshwar, Morgaon, Ashtavinayak, Pune

-जलकुंभी पर जलते  तैरते दीये, आलंदी, Jalakumbhee Par Jalte Tairte Deeye, Alandi    

-संत ज्ञानेश्वर समाधि मंदिर,आलंदी, Sant Dnyaneshwar Samadhi Mandir, Alandi

-संत तुकाराम समाधि मंदिर, देहू, Sant Tukaram Samadhi Mandir, Dehu

-संत तुकाराम मुख्य मंदिर,  देहू, Sant Tukaram Maharaj Mukhya Mandir,Dehu  

-अष्टविनायक, वरदविनायक मंदिर,महड, Ashtvinayaka, Varadavinayak Temple, Mahad, Raigad

-मालशेज घाट, महाराष्ट्र, टूरिस्ट, रंगारंग इंडिया, Malshej Ghat, Maharashtra, Tourist Attraction, RangaRang India

-अष्टविनायक, बल्लालेश्वर मंदिर,पाली, रायगड, Ashtavinayaka, Ballaleshwar Temple,Pali, Raigad

-अष्टविनायक दर्शन करके मालशेज घाट में भोजन...मतलब, आनंद ही आनंद 

-अजुबा अजंता गुफा (मराठी में-अजिंठा लेणी), अद्भुत औरंगाबाद के सफर का आनंद

-बाबा साहब को औरंगाबाद में कॉलेज बनाने के लिए जमीन किसने दी? 

-औरंगाबाद की पन चक्की ( Water Mill); इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना

-अजुबा अजंता गुफा (मराठी में-अजिंठा लेणी); Ajanta, Tourist Attraction, RangaRang India 

-कुंभेरेश्वर महादेव मंदिर, पडघा, ठाणे, महाराष्ट्र

-ग्रेट अन्नपूर्णा, गेस्ट हाउस, लॉजिंग, बोर्डिंग, खुलताबाद, औरंगाबाद, एलोरा, महाराष्ट्र

-खुलताबाद से दौलताबाद (देवगिरि), औरंगाबाद, महाराष्ट्र

-दौलताबाद (देवगिरि) किला, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया

-श्रीमंत छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया

-बीबी का मकबरा, दक्कन का ताज, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया

-दौलताबाद के दुलारे, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया

-पेड़ एक, जड़ अनेक, खुलताबाद, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया

-अजंता के 'आतंक'!

-अजंता के पास सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया

-घृष्णेश्वर मन्दिर, ज्योतिर्लिंग, एलोरा, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया

-शनि मंदिर, वाघोली, नालासोपारा, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया, टूरिज्म

-निर्मल, शंकराचार्य समाधि मंदिर, हनुमान मंदिर, चर्च, नालासोपारा, पालघर, महाराष्ट्र, रंगारंग इंडिया 

-शंकराचार्य समाधि मंदिर, निर्मल, नालासोपारा, महाराष्ट्र

सुगन्धित, स्वादिष्ट, स्वस्थ, स्वच्छ, सुरम्य साईनगरी शिर्डी का सफरनामा

-साईनगरी शिर्डी का सौंदर्य देखिये;  Shirdi, Maharashtra, Tourist Attraction, RangaRang India

-शिर्डी में ऑस्ट्रेलिया का ऐमू देखना मत भूलें, Tourist Attraction, Maharashtra, RangaRang India

-शुभारंभ शिर्डी, Shirdi Ki Subah, Tourist Attraction, Maharashtra, RangaRang India

-Sai Shayan Aarti@11.00 PM, Shirdi, Tourist Attraction, Maharashtra, RangaRang India

-Sai Temple, Shirdi at Night, Tourist Attraction, Maharashtra

-Santosi Mata Temple, Ashagad, Dahanu

-Chamunda devi Temple, Safale

-Shitla Devi Mata Temple, Kelve

-Mahakali Mandir-Vadrai, Kelve

-Mahikavti Mandir, Kelve 

-Khamjai Mata Mandir, Shirgaon

-Tulja Bhawani Temple,Kaner Fata, Virar

-मजा आ गया! 9 अलग अलग मंदिरों के दर्शन,15 घंटे, 365 कि.मी, ₹900,35अजनबी 

Beautiful Sahyadri Mountain Range In Palghar, Maharashtra

Navratri, Dahanu Mahalaxmi Mandir, Tourist Attraction, RangaRangIndia

Navratri, Vajreshwari Temple, Tourist Attraction, Bhiwandi, Thane, RangaRangIndia

Mumbai-Ahmedabad Highway, Tourist Attraction, Virar-Dahanu, RangaRangIndia

बिहार के बांका स्थित मंदार पर्वत का धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, प्राकृतिक महत्व, यहां सैर-सपाटे का कैसे उठाएं आनंद

बिहार का बांका सैलानियों के लिए बना और शानदार, रोपवे से करें  खूबसूरत वादियों का दीदार 

India gets its 40th World Heritage Site

भारत के 40वें स्थल को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला

भारत को अपना 39वां विश्व धरोहर स्थल प्राप्त हुआ

-नालासोपारा पश्चिम के इस भगवान महादेव की दिलचस्प कहानी 

>सिंहगढ़ किला, पुणे: ट्रैकिंग के साथ साथ इतिहास पर गर्व करने वाली जगह

(जीवदानी मंदिर के ऊपर से आसपास के इलाकों के खूबसूरत नजारे 
(जीवदानी मंदिर के ऊपर से आसपास के इलाकों के खूबसूरत नजारे 
((जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) के पिंजड़े के चहकते परिंदे
((जीवदानी मंदिर परिसर स्थित महाकाली मंदिर, काल भैरव मंदिर
((श्री वारोंडा देवी.  जीवदानी मंदिर (विरार, महाराष्ट्र) 
((जीवदानी मंदिर, विरार (पूर्व), महाराष्ट्र; Jivadani Mandir, Virar (East), Maharashtra
(शानदार और यादगार ट्रिप: अक्कलकोट- गाणगापुर-सोलापुर- तुलजापुर-सिद्देश्वर-पंढरपुर-मिनी तिरुपति
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर (अंदर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(शिवयोगी सिद्धेश्वर मंदिर, सोलापुर, महाराष्ट्र (बाहर से); Shivyogi Siddheshwar Mandir, Solapur, Maharashtra
(श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर: Shri Vittal Rukmini Mandir, Pandharpur, Maharashtra
(श्री भैरवनाथ मंदिर, दौंडज, कदमबस्ती, पुणे; Shri BhairavNath Mandir, Daundaj, Pune
(शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर रेप्लिका, सोलापुर; Shivyogi Siddheshwar Temple Replica, Solapur 
(तुलजा भवानी मंदिर, तुलजापुर, उस्मानाबाद, महाराष्ट्र ; Tulja Bhavani Mandir, Tuljapur, Maharashtra
(श्री शिवयोगी सिद्देश्वर मंदिर (सोलापुर) के बारे में क्या कहते हैं श्रद्धालु
(भक्त निवास, अक्कलकोट, महाराष्ट्र; Bhakt Niwas, Akkalkot, Maharashtra
((श्री स्वामी समर्थ मंदिर, अक्कलकोट,  Shri Swami Samarth Temple, Akkalkot
(श्री दत्तात्रेय भगवान का मंदिर, गाणगापुर, Shri Duttatreya Temple, Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
( इच्छापूर्ति औदुंबर वृक्ष, गाणगापुर,  Holy Audumbar Tree, Ganagapur, Kalburgi, Karnatka
((भीमा-अमरजा संगम, गाणगापुर, कर्नाटक Prayagraj of Ganagapur, Kalburgi, Karnataka
(Nehru Centre, Worli, Mumbai (नेहरू सेंटर, वर्ली, मुंबई); क्या देखें, कैसे पहुंचें 
(कबड्डी खिलाड़ियों को भी भाता है Akloli (अकलोली) का गर्म पानी का कुंड
(सैलानियों को क्यों पसंद है Akloli (अकलोली) 
(Mumba Devi Mandir, Mumbai; मुंबा देवी मंदिर, मुंबई
(Akloli Hot Springs, Vajreshwari, Maharashtra; What Local People says)
(Vajreshwari Mandir, Vasai, Palghar, Maharashtra
(How to save yourself, family, flat from fire
(Rajodi Beach, Nalasopara, Maharashtra
((Chhatrapati Shivaji Maharaj Vastu Sangrahalaya, Mumbai
((Gateway Of India on Sunday Morning
((The Fishing Community of Arnala Bunder, Virar, Maharashtra
((Arnala Fort: Attarctive Tourist Spot: How to reach
((Nasik to Igatpuri; Everywhere Greenary
((Kasara to Karjat, Maharashtra; See Beauty of Nature
((Igatpuri Station, Maharashtra
(Patna Junction, Bihar, India
(Rice Fields of Bihar
(Gaya Railway Junction, Bihar, India
((Bodh stupa, Nalasopara (west), Maharashtra
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 3; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 2; Amokhar, Bihar
(Village of Freedom Fighters, ignored by Govt Part 1; Amokhar, Bihar
(Girgaon Beach, Mumbai in Evening: गिरगांव चौपाटी, मुंबई शाम का नजारा 
(Antilia, Mumbai: एंटीलिया, मुंबई
((Jaslok Hospital, Mumbai: जसलोक अस्पताल, मुंबई
(Girgaum Chowpatty, Mumbai@7pm, गिरगांव चौपाटी, मुंबई
((Pachu Bandar, Vasai, Maharashtra, पाचू बंदर, वसई, महाराष्ट्र
((Chimaji Appa Memorial, Vasai; चिमाजी अप्पा स्मारक, वसई, महाराष्ट्र
((Vasai Court, Maharashtra; वसई कोर्ट, महाराष्ट्र
((Vasai station to Vasai Court & Vasai Fort by Auto; वसई स्टेशन से वसई फोर्ट और वसई फोर्ट ऑटो से)
((Vasai Fort, Maharashtra; वसई किला, महाराष्ट्र
((Vasai Road Station (BSR);वसई रोड स्टेशन 



A- My Youtube Channels: 

B: My Blogs & Website: 
 
C-My published books on Amazon:      

1-कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले हर लोगों के लिए जरूरी किताब।
2-अचानक की गई बंदी इंसान को संभलने का मौका नहीं देती। ऐसे में आनंद के साथ जीने के उपाय क्या हैं। मेरी इस किताब में पढ़िये...बंदी में कैसे रहें बिंदास" 
3-अमीर बनने के लिए पैसों से खेलना आना चाहिए। पैसों से खेलने की कला सीखने के लिए पढ़िये...
4-बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी में किताब- 'बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा' - 
5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
6-इंसान के पास संसाधन या मार्गदर्शन हो या ना हो, सपने जरूर होने चाहिए। सिर्फ सपने के सहारे भी कामयाब होने वालों की दुनिया में कमी नहीं है। - 'जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक' -
7-बेटियों को बहादुर बनने दीजिए और बनाइये, ये समय की मांग है,  "बेटी तुम बहादुर ही बनना " -
8 -अपनी हाउसिंग सोसायटी को जर्जर से जन्नत बनाने के लिए पढ़ें,  डेढ़ साल बेमिसाल -

D-My Social Media Handle:  
1) Twitter,Now X :    
2) Facebook
3) Facebook Page;   
4) Linkedin:  
5) Instagram


महाकाल ज्योतिर्लिंग (उज्जैन) के आसपास घूमने की 12 महत्वपूर्ण जगहें I Mah...

12 Important Places to visit near Mahakaleshwar Jyotirlinga, Ujjain देश के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में मध्यप्रदेश के उज्जैन के महाकालेश्वर औ...